दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

रिवर्स निवेश

रिवर्स निवेश
शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय हालत पर आरबीआई की नजर है. कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी पूरी टीम लगी हुई है. हमारे 150 अधिकारी और कर्मचारी क्वारनटीन होकर सेवाएं दे रहे हैं. वित्तीय नुकसान को कम करने की कोशिशें जारी हैं. कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, बफर स्टॉक है. इस रिवर्स निवेश साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है.

​निजी इस्तेमाल

छोटी अवधि के डेट फंड में निवेश पर टिकी नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखने की घोषणा करने के साथ ही ऐसे संकेत भी दिए कि आगे चलकर नीतिगत रूप से स्थिति सामान्य हो सकती है। बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कम अवधि वाले फंड एवं मुद्रा बाजार फंड निवेशकों के लिए सबसे मुफीद होंगे। जहां नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लेने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 'उदार' रुख जारी रखने का फैसला किया है वहीं ट्रस्ट परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी संदीप बागला का मानना है कि आरबीआई की यह नीति मार्जिन के लिहाज से काफी आक्रामक है। बागला कहते रिवर्स निवेश हैं 'आरबीआई ने मजूबत वृद्धि एवं मुद्रास्फीति के मोर्चे पर नकारात्मक आश्चर्यों की बात मानी है। एमपीसी के एक सदस्य उदार रुख में बदलाव के पक्षधर थे। इसकी संभावना है कि लंबी अवधि वाले फंडों का प्रतिफल धीरे-धीरे 6.5 फीसदी की ओर जाएगा। ऐसे में निवेशकों को ब्याज दरों का जोखिम कम करने के लिए तीन साल से कम परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड फंडों में निवेश करना चाहिए।'

RBI ने बैंकों को दी बड़ी राहत, रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2020,
  • (अपडेटेड 17 अप्रैल 2020, 10:46 AM IST)
  • रिवर्स रेपो रेट को 3.75 फीसदी किया गया
  • रिवर्स रेपो रेट घटने से बैंकों को होगा फायदा
  • एनपीए नियमों में बैकों को मिलेगी राहत

कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई राहत का ऐलान किया है. रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है. रिवर्स रेपो रेट में कटौती से बैंकों को फायदा होगा. बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी.

महासागर दशक गठबंधन ने सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान में निवेश को अनलॉक करने का आह्वान किया

महासागर दशक गठबंधन सतत विकास का समर्थन करने के लिए महासागर विज्ञान में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए लिस्बन, पुर्तगाल में 2022 संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के अवसर पर कॉल टू एक्शन जारी कर रहा है।

जबकि पिछले दशकों में महासागर विज्ञान में कई उपलब्धियां रही हैं, महासागर प्रणाली की स्थिति की गिरावट को उलटने के लिए धन के वर्तमान स्तर अपर्याप्त हैं।

जलवायु परिवर्तन, समुद्री संसाधनों का अस्थिर दोहन, प्रदूषण, महासागर और तटीय क्षेत्र का असंगठित विकास - तेजी से महत्वपूर्ण खतरों के सामने, कॉल टू एक्शन महासागर के स्वास्थ्य को बहाल करने और सतत विकास प्राप्त करने के लिए समाधान-उन्मुख विज्ञान में निवेश करने की आवश्यकता की पुष्टि करता है।

Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

क्‍या बच्चों के लिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं? जान लें इसके फायदे और नुकसान

फाइनेंशियल प्‍लानिंग का हिस्‍सा

ज्यादातर पैरेंट्स की फाइनेंशियल प्लानिंग में बच्चों की शिक्षा और शादी सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक होते हैं. जिनके पास ज्यादा पैसा है, उनमें बच्चों को विरासत में कुछ और भी छोड़कर जाने की इच्छा रहती है. फिर यह प्रॉपर्टी हो सकती है या सोने-चांदी के जेवरात. यह दूसरा मील का पत्थर होता है. बच्चों के लिए घर खरीदना निजी निर्णय है. यह किसी की आर्थिक स्थिति पर न‍िर्भर करता है. पर, क्या यह वाकई में किसी को विरासत में कुछ छोड़ जाने का व्यावहारिक तरीका है? कहीं घर बच्चे की रिवर्स निवेश समस्या बढ़ा तो नहीं देता है या इससे बाद में उनके वित्तीय जीवन में आसानी होती है? आइए, जानते हैं कि बच्चे के लिए प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे और नुकसान क्‍या हैं.

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