दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

वित्त की भाषा में, मुद्रा बाज़ार का अभिप्राय अल्पकालिक ऋण लेने और देने के लिए वैश्विक वित्तीय बाज़ार विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा से है। यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए अल्पकालिक अवधि की नकदी/तरलता का वित्त पोषण प्रदान करता है। मुद्रा बाजार वह जगह है जहां अल्पकालिक कार्यकाल दायित्व जैसे ट्रेज़री बिल , वाणिज्यिक पत्र/पेपर और बैंकरों की स्वीकृतियां आदि खरीदे और बेचे जाते हैं।

जमा
ऑप्शन ( कॉल या पुट ) ऋणs
प्रतिभूति
डेरिवेटिव
स्टॉक
सावधि जमा or जमा पत्र (सर्टीफिकेट ऑफ डिपोज़िट)
वायदा अनुबंध

Capital budgeting
वित्तीय जोखिम प्रबंधन
विलय एवं अधिग्रहण
Accountancy
Financial statement
Audit
Credit rating agency
Leveraged buyout

Student financial aid
Employment contract
सेवानिवृत्ति

Transfer payment
( Redistribution )
Government operations
Government final consumption expenditure
Government revenue:
Taxation
Non-tax revenue
Government budget
Government debt
Surplus and deficit
deficit spending

विदेशी मुद्रा भंडार 538.19 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर

मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.62 अरब डॉलर बढ़कर 538.19 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने 07 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने की बड़े पैमाने पर खरीद की। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान स्वर्ण …

मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.62 अरब डॉलर बढ़कर 538.19 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने 07 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने की बड़े पैमाने पर खरीद की।

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 2.16 अरब डॉलर बढ़कर 39.79 अरब डॉलर पर पहुँच गया। विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा इसी अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.46 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 492.29 अरब डॉलर हो गई जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है।

आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 70 लाख डॉलर घटकर 4.63 अरब डॉलर रह गया जबकि विशेष आहरण अधिकार 60 लाख डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 11.94 अरब डॉलर की भारी वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर हो गया था।

वित्तीय सेवाओं विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा का बाजार के विकास व नियमन को बिल राज्यसभा में पेश

राज्यसभा

सरकार ने भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में वित्तीय सेवाओं के बाजार को विकसित करने और उनके नियमन के मकसद से एक प्राधिकरण की स्थापना के प्रावधान वाला एक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने इस प्रावधान वाले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019 को उच्च सदन में पेश विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा किया।

विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) कानून 2015 के तहत ऐसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र गठित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी देने का प्रावधान है। ऐसा पहला केंद्र गुजरात में गांधीनगर के जीआईएफटी सिटी में स्थापित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में बैंकिंग, पूंजी बाजार का नियमन, रिजर्व बैंक, सेबी, इरडा जैसी विभिन्न एजेंसियां कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में वित्तीय उत्पादन एवं सेवाओं के विकास के लिए केंद्रित एवं प्रतिबद्ध नियमन हस्तक्षेप और उच्च स्तरीय अंतरनियमन समन्वय की जरूरत है।

इसलिए यह तय किया गया कि एक एकीकृत वित्तीय नियामक का गठन किया जाए जो कि विश्व स्तरीय नियमन माहौल उपलब्ध करा सके। विधेयक में भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में वित्तीय सेवाओं के विकास एवं नियमन के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्रों में वित्तीय सेवाओं में प्रत्येक लेन-देन उस विदेशी मुद्रा में होगा जो प्राधिकरण केंद्र सरकार के साथ विचार विमर्श करके निर्धारित करेगा। वार्षिक आधार पर प्राधिकरण के कामकाज की समीक्षा के लिए प्राधिकरण के कम से कम दो सदस्यों की सदस्यता वाली प्रदर्शन समीक्षा समिति का गठन किया जाएगा।

सरकार ने भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में वित्तीय सेवाओं के बाजार को विकसित करने और उनके नियमन के मकसद से एक प्राधिकरण की स्थापना के प्रावधान वाला एक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने इस प्रावधान वाले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019 को उच्च सदन में पेश किया।

विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) कानून 2015 के तहत ऐसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र गठित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी देने का प्रावधान है। ऐसा पहला केंद्र गुजरात में गांधीनगर के जीआईएफटी सिटी में स्थापित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में बैंकिंग, पूंजी बाजार का नियमन, रिजर्व बैंक, सेबी, इरडा जैसी विभिन्न एजेंसियां कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में वित्तीय उत्पादन एवं सेवाओं के विकास के लिए केंद्रित एवं प्रतिबद्ध नियमन हस्तक्षेप और उच्च स्तरीय अंतरनियमन समन्वय की जरूरत है।

इसलिए यह तय किया गया कि एक एकीकृत वित्तीय नियामक का गठन किया जाए जो कि विश्व स्तरीय नियमन माहौल उपलब्ध करा सके। विधेयक में भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र में वित्तीय सेवाओं के विकास एवं नियमन के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्र प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है।


अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केंद्रों में वित्तीय सेवाओं में प्रत्येक लेन-देन उस विदेशी मुद्रा में होगा जो प्राधिकरण केंद्र सरकार के साथ विचार विमर्श करके निर्धारित करेगा। वार्षिक आधार पर प्राधिकरण के कामकाज की समीक्षा के लिए प्राधिकरण के कम से कम दो सदस्यों की सदस्यता वाली प्रदर्शन समीक्षा समिति का गठन किया जाएगा।

विदेशी मुद्रा भंडार में 28.05 बिलियन डॉलर की गिरावट आई: आरबीआई रिपोर्ट

देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल मार्च के अंत में 28.05 अरब डॉलर घटकर 607.31 अरब डॉलर रह गया, जो सितंबर 2021 के अंत में 635.36 अरब डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी की गई अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। ये रिपोर्ट हर छह महीने में जारी की जाती है। यह विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा हर साल मार्च और सितंबर के अंत की स्थिति के संदर्भ में तैयार की जाती हैं। यह 38वीं रिपोर्ट है, जिसे मार्च 2022 के अंत की स्थिति के संदर्भ में जारी किया गया है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, “समीक्षा वाली छमाही अवधि के दौरान, सितंबर 2021 के अंत में भंडार 635.36 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो घटकर मार्च 2022 के अंत तक 607.31 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।”

मार्च 2022 के अंत में घरेलू विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई की नेट फॉरवर्ड एसेट (रिसिवेबल) 65.79 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। दिसंबर 2021 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार आयात विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा का कवर (पेमेंट बेसिस के बैंलेंस के आधार पर) सितंबर 2021 के विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा अंत में 14.6 महीने से घटकर 13.1 महीने हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 के अंत तक, आरबीआई के पास 760.42 मीट्रिक टन सोना (11.08 मीट्रिक टन गोल्ड डिपोजिट सहित) था। वहीं, 453.52 मीट्रिक टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास सुरक्षित रखा गया है। 295.82 मीट्रिक टन सोना घरेलू स्तर पर रखा गया है।

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