दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

टेक्निकल एनालिसिस क्या है?

टेक्निकल एनालिसिस क्या है?
🔸5 मिनट या अधिक सिस्टम सामान्य नहीं तो टेक्निकल ग्लिच
🔸टेक्निकल ग्लिच पता होने के 1 घंटे में एक्सचेंज को रिपोर्टिंग
🔸ग्लिच के 1 दिन के बाद एक्सचेंज को शुरुआती जांच रिपोर्ट दें@SEBI_India pic.twitter.com/oTOjqGoKQs — Zee Business (@ZeeBusiness) November 25, 2022

Technical Analysis Of Stocks Kya Hai In Hindi

Technical Analysis Of Stocks,नमस्कार दोस्तो आज के आर्टिकल मेे हम बात करेंगे स्टॉक मार्केट के Technical Analysis In Hindi के बारे में.और जानेंगे Technical Analysis kya hai in hindi?,टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है? ऐसे कई टेक्निकल एनालिसिस क्या है? सारे सवालों के जवाब आपको आज के इस आर्टिकल मेे मिलने वाले है.

Table of Contents

Technical Analysis Of Stock.

स्टॉक मार्केट में Technical Analysis Of Stock को आसान भाषा में समझाने से पहिले आपको कुछ क्रिकेट को बाते बताना चाहता हु.

अपने क्रिक्रेट मेे देखा होगा की,जब भी इंडिया का कोई मैच होता है उस से पहिले भारत के लोग मैच के बारे मेे Predict करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं,जैसे कि आज कोहली सेंचुरी मारेगा,रोहित 200 बनायेगा, बुमराह 5 विकेट लेगा,लेकिन ये बस एक अनुमान होता है, याहा लोगो को मैच देखने से ज्यादा Predict करने का ज्यादा शोक होता है.

उसी तरह स्टॉक मार्केट में भी शेयर का अनुमान लगाया जाता है,और यह अनुमान Technical Analysis और Fundamental Analysis मेथड से लगाया जाता है.

Technical Analysis के बारे में आगे बहुत कुछ बाते जान ने से पहिले कुछ बातों को समझ लो, स्टॉक मार्केट में दो तरह के इन्वेस्टर होते हैं.

  • Long Term Investor
  • Short Term Investor

Short Term Investor

अब ये जो Short Term Investor होते है,इन्हे Trader कहा जाता है.उनका मकसद स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस क्या है? मार्केट से कम वक्त(टाइम) में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना होता है.

Trader कंपनी और उसके Performance के बारे में इतना सोचते नहीं है.ये बस कंपनियों का Technical Analysis करते है,अनुमान लगाते है,और उसी मेे खुश रहते है.

Long Term Investor

जो लोग अपने पैसे को Long Term के लिए Invest करते है,उन्हें Investor कहा जाता है.लेकिन ये जो Long Term Investor होते है.उन्हें अपने पैसे को Invest करना होता है.इसलिए वो कंपनियों का Detail Analysis करते है.और उस प्रोसेस को Fundamental Analysis कहते हैं.

स्टॉक मार्केट में जो Trader होते है,उन्हें Technical Analysis of Stock की स्टडी करनी होती है. वहीं जो Investors होते हैं उन्हें Fundamental Analysis of Stock टेक्निकल एनालिसिस क्या है? की स्टडी करनी होती.

What Is Technical Analysis In Hindi

Technical Analysis Of Stock Course

टेक्निकल एनालिसिस मतलब किसी शेयर के पास्ट परफॉर्मेंस को देख कर Short Future का अंदाज़ा/अनुमान लगाना.लेकिन दोस्तो एक बात को याद रखो इस मेे काफी Risk होता है.ये तरीका उन्हीं लोगों के लिए बेस्ट है जिनका मकसद सिर्फ प्रॉफिट कमाना और अगर लॉस होता है,तो उसे झेलने की तकाद भी उस के अंदर हो,वहीं लोग इसे फॉलो करते है.

Technical Analysis का उपयोग कब करना चाहिए ?

टेक्निकल एनालिसिस का यूज Intraday Trading,Short Term Trading और Swing Trading के लिए किया जाता है,क्युकी टेक्निकल एनालिसिस बना ही उन चीजों के लिए है.आप टेक्निकल एनालिसिस की हेल्प से Long Term Trading नहीं कर सकते उस के लिए फंडामेंटल एनालिसिस है.

इसलिए हमेशा याद रखें जब भी आप Intraday Trading,Short Term Trading या Swing Trading कर रहे हो तो उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस जरूर करे.

Technical Analysis Fail Kyu Ho Jata Hai ?

कई बार आप किसी स्टॉक की अच्छी रिसर्च करते हो और उसका टेक्निकल एनालिसिस करके उस के शेयर खरीद लेते हो,लेकिन उस टाइम चीज़े आपके मुताबिक नहीं चलती और शेयर के प्राइस डाउन हो जाते है.ऐसा ज्यादा तर तब होता है,जब उस शेयर के बारे में झूठी अफवाह मार्केट में फैलाई जाए.

दोस्तो याद रखे ये जरूरी नहीं कि टेक्निकल एनालिसिस करके अपको हर बार सही रिजल्ट ही मिले.अगर दस मेे से सात बार अपने टेक्निकल एनालिसिस करके प्रॉफिट कमाया है,तो तीन बार लॉस को भी झेल ने के लिए तैयार रहो.

इन पोस्ट को भी जरूर पढ़े –

आखरी शब्द

होप दोस्तो आपको आज की पोस्ट पढ़के Technical Analysis of Stock ये कंसेप्ट समझ आ गया होगा. यहां हमारा फोकस अपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस ऑफ स्टॉक को समझना था.इस टॉपिक के उपर और भी कई सारी चीजें हैं जो हम अगले आने वाले आर्टिकल में समझेंगे.

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करे.हमारा आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कमेंट टेक्निकल एनालिसिस क्या है? करके या फिर ईमेल करके बताए.

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11 Best Stock Market Books in Hindi For Fundamental & Technical Analysis

List Of Best Books For Learn Stock Market in Hindi : क्या आप स्टॉक मार्केट मे नए है ? क्या आप शेयर बाज़ार के बेसिक से एडवांस टर्म्स को सीखना चाहते है? क्या आप फंडामैंटल और टेक्निकल एनालिसिस हिन्दी मे सीखना चाहते है? अगर हाँ तो आपको स्टॉक मार्केट पर लिखी गयी किताबें जरूर पढ़नी चाहिए।

इस पोस्ट मे दी गयी शेअर बाज़ार की किताबें आपको बेसिक से एडवांस लेवेल तक स्टॉक मार्केट को समजने में मदद करेंगी।

Best Basic Stock Market Knowledge Books For Beginners

1. भारतीय शेयर बाज़ार की पेहचान ( लेखक : जितेंद्र गाला )

अगर आप स्टॉक मार्केट में एक दम नए है तो भारतीय शेयर बाज़ार की पेहचान इस किताब को जरूर पढ़ना चाहिए।

इस किताब मे आपको शेयर बाजार के बेसिक - Investments Basic, Securities, Primary Market, IPO Related Information, Secondary Market, Depository, How to Enter Stock Market, Benefits of Investments in Stock Market, How to Make Money in Stock Market, Factors Influencing the Market, Stock Market Terminologies, Debt Investment, Derivatives, Mutual Funds, Commodities, Technical Analysis, Fundamental Analysis, टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Golden Rules for Traders, Why Investors Loose Money, Investors Grievance & Redressal, Rights given to Shareholder और Taxation जैसे सारे टॉपिक के बारे मे बहेतरीन जानकारी दी गयी है।

2. शेयर बाजार मे चंदू ने कैसे कमाया ( लेखक : महेश चंद्र कौशिक )

शेयर बाजार मे चंदू ने कैसे कमाया इस किताब मे लेखक महेश चंद कौशिक ने हिंदी में आपको एक कहानी के माध्यम से शेयर बाजार को क ख ग से शुरू करके ऑप्शन ट्रेडिंग तक हर ऐंगल से समझाने का प्रयास किया है।

इस पुस्तक में उनके बारह वर्ष के शेयर बाजार के अनुभव का निचोड़ है।

यदि आप इसको मन लगाकर एक-एक पृष्ठ ध्यान से पढ़ेंगे तो आप कितने भी अनाड़ी क्यों न हों, शेयर बाजार आपको बच्चों के खेल जैसा लगने लगेगा।

यह पूरी कहानी आपस में जुड़ी हुई है, इसलिए इसको पहले पृष्ठ से लेकर आखिरी पृष्ठ तक पूरा पढ़ना होगा, बीच में जल्दबाजी करने से या सीधे आगे के अध्यायों पर जाकर पढ़ने से हो सकता है, आप उस ज्ञान के लाभ को उठाने से वंचित रह जाएँ, जो यह आपको इस पुस्तक से मिल सकता है।

3. कैसे स्टॉक मार्केट मेँ निवेश करे ( लेखक : Tv18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड )

कैसे स्टॉक मार्केट मेँ निवेश करे किताब CNBC Awaz ( Tv18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड ) चैनल के द्वारा स्टॉक मार्केट मे नए लोगो को शेयर बाजार का सामान्य ज्ञान देने के लिए लिखी गयी है।

ये किताब आपको आपकी महेनत की कमाई को सही जगह कैसे निवेश करे उसके बारे मे जानकारी देती है।

यह पुस्तक आपको निवेश करने के विभिन्न पहलुओं और इसके साथ जुड़े पेशेवरों और विपक्षों को समझने में मदद करेगी।

Best Fundamental Analysis Books in Hindi

4. शेयर मार्किट से कैसे बनाये मेने 10 करोड़ ( लेखक : निकोलस दरवास )

यह पुस्तक निकोलस डर्वास द्वारा लिखित मूल पुस्तक "How I made $2,000,000 in the Stock Market" का हिंदी अनुवाद है।

पुस्तक निकोलस दरवास द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डालती है और पाठकों को उल्लेखित घटना से जुड़े अनुभवों से परिचित कराती है।

5. द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर ( लेखक : बेंजामिन ग्राहम )

बीसवीं सदी के सबसे बड़े निवेश सलाहकार, बेंजामिन ग्राहम ने दुनिया भर में लोगों को सिखाया और प्रेरित किया। ग्राहम के "मूल्य निवेश" के दर्शन, जो निवेशकों को पर्याप्त त्रुटि से बचाते हैं और उन्हें दीर्घकालिक रणनीतियों को विकसित करने के लिए सिखाते हैं, ने 1949 में अपने मूल प्रकाशन के बाद से द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को स्टॉक मार्केट बाइबिल बना दिया है।

इसके अलावा, सात भारतीय कंपनियों को मौलिक विश्लेषण के लिए लिया जाता है जो निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा और इस प्रकार निवेश ज्ञान को बनाए रखेगा।

पुस्तक की सामग्री की बेहतर समझ के लिए, शेयर बाजार की बुनियादी बातों पर चर्चा की जाती है।.

6. बफेट और ग्राहम से सीखें शेयर बाजार में ( लेखक : आर्यमन डालमिया )

वॉरेन बफे न केवल दीर्घकालिक निवेशक (लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर) रहे हैं, बल्कि व्यवसाय-प्रबंधक (बिजनेस मैनेजर) के रूप में भी अद्वितीय हैं।

इन दोनों ही रूपों में बफे की सफलता का मूलमंत्र रहा है सही व्यवसाय का चयन।

जी हाँ, वॉरेन बफे निवेशक के रूप में पेशेवर जीवन शुरू करने से भी बहुत पहले इस रहस्य की खोज कर चुके थे कि सभी व्यवसायों का अर्थशास्त्र एक समान नहीं होता।

इस ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए उनके बिजनेस और मैनेजमेंट सूत्रों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है, जो नए उद्यमियों और बिजनेसमैन की सफलता का द्वार खोलने में सहायक होंगे।

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7. ट्रैडेनिटी: कैस बैन सफ़ल प्रोफेशनल ट्रेडर ( लेखक : युवराज एस. कलशेती )

तक़रीबन 70% आम निवेशक शेअर मार्केट में अपना सारा निवेश पहले 6 महीने में ही गँवा देते है, जिसकी वजह होती है अलग अलग जरियों से मिल रही अधूरी जानकारी |

कहीं आप भी तो ऐसी अधूरी जानकारी तो नहीं ले रहे ? यहाँ हर विषय पर एक अलग किताब है, तो क्या आपको सभी किताबें पढनी चाहिए ?

क्यूँ ना एक ही ऐसी किताब पढ़ी जाए जिसमें शेअर मार्केट से जुडी सारी जानकारी "सिर्फ एक ही किताब" में सामान्य भाषा में और विस्तृतरूप से मिले, और उस जानकारी से लाइव मार्केट में ट्रेडिंग भी कर सकें |

तो पेश है "भारत की सर्वप्रथम शेअर मार्केट पर लिखी सम्पूर्ण हिंदी किताब, ट्रेडनीती कैसे बने सफल प्रोफेशनल ट्रेडर" |

8. इंट्राडे ट्रेडिंग की पेहचान ( लेखक : अंकित गाला और जितेंद्र गाला )

इंट्राडे ट्रेडिंग की पेहचान उन लोगो के लिए लिखी गयी है जो इंट्रा डे ट्रेडिंग सीखना चाहते है।

इस किताब मे इंट्राडे ट्रेडिंग मे - Risk Control and Risk Management, Strategies for Stock Selection, Global Markets Correlation, Technical Analysis, Entry & Exit और Day Trading in Derivatives के बारे मे विस्तार से समजाया गया है।

9. टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान ( लेखक : रवि पटेल )

टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान सभी प्रकार के बाजारों के लिए हिंदी में तकनीकी विश्लेषण पर आदर्श पुस्तक है।

इस पुस्तक को पढ़ने के बाद किसी भी तकनीकी विश्लेषण पाठ्यक्रम या संगोष्ठी में शामिल होने की आवश्यकता नहीं है।

10. फ्यूचर और ऑप्शन की पहचान ( लेखक : अंकित गाला और जितेंद्र गाला )

फ्यूचर और ऑप्शन की पहचान उन सभी के लिए हिंदी में एक आदर्श पुस्तक है जो फ्यूचर और ऑप्शन बाजार (डेरिवेटिव बाजार) में व्यापार करते हैं।

अगर आप फ्यूचर और ऑप्शन मे ट्रेडिंग सीखना चाहते है तो आपको ये किताब अवशय पढ़नी चाहिए।

11. ऑप्शन स्ट्रेटेजी की पहचान ( लेखक : अंकित गाला और जितेंद्र गाला )

ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान कुछ प्रीमियम चुकाकर नुकसान का बीमा कवर भी लिया जा सकता है। ये बीमा कवर किसी निश्चित प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से आपकी सुरक्षा करते हैं।

अगर शेयर बाज़ार मे ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना चाहते है तो आपको ये किताब जरूर पढ़नी चाहिए।

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गोल्ड में फ्लैश क्रैश: टेक्निकल एनालिसिस पर बनी स्ट्रैटेजी ने डुबाई थी नैया, चार्ट पर बना था मंदी के संकेतों वाला 'डेथ क्रॉस' का पैटर्न

पिछले महीने एक दिन अचानक एशिया के सर्राफा बाजार में सोने का भाव धराशायी हो गया था। 9 अगस्त को वह 15 मिनट के भीतर 4% टूटकर 1,700 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गया था। कुछ जानकारों ने उसे 'फ्लैश क्रैश' बताया, यानी सारा किया धरा कंप्यूटर ट्रेडिंग प्रोग्राम का था।

अगले एक साल में 2,100-2,200 डॉलर तक जा सकता है

इन सबके बीच केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सोने के फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं। इसका भाव अगले एक साल में 2,100-2,200 डॉलर प्रति औंस और इंडिया में 53,000-54,000 रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकता है। बशर्ते यह 1,650-1,660 डॉलर प्रति औंस से नीचे न आ जाए।

राहत पैकेज वापस लिए जाने की अटकलें लगने लगी थीं

'फ्लैश क्रैश' की वजहें क्या हो सकती हैं, उसके बारे में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 6 अगस्त शुक्रवार को सोना 2.3% की कमजोरी के साथ बंद हुआ था। अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों के चलते राहत पैकेज जल्द वापस लिए जाने की अटकलें लगने लगी थीं।

डॉलर में मजबूती आई थी, बॉन्ड की यील्ड बढ़ी थी

उस दिन दूसरे अहम देशों की करेंसी के मुकाबले डॉलर में मजबूती आई थी। इसके साथ ही बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड में बढ़ोतरी हुई यानी उसकी कीमत में गिरावट आई। इन सबके असर से सोने के दाम पर दबाव बना। बॉन्ड की यील्ड और सोने की कीमत में उलटा संबंध होता है।

15 मिनट में 4 अरब डॉलर से ज्यादा का सोना बिका

फिर नए हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार 9 अगस्त को एशियाई बाजारों में सोना टूट गया। कुछ ही मिनटों में 4 अरब डॉलर से ज्यादा का सोना बिक गया। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब दुनिया में हर तरह टेक्निकल एनालिसिस क्या है? के बाजारों में बहुत कम नकदी रहती है।

चार्ट पर 'डेथ क्रॉस' नाम का मंदी वाला पैटर्न बना था

WGC के मुताबिक सोने के अचानक टूटने की वजह टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित रणनीति हो सकती है। टेक्निशियनों ने सोने के चार्ट पर 'डेथ क्रॉस' नाम का पैटर्न बनने की बात कही थी। इस पैटर्न में प्राइस से जुड़ा 50 डे मूविंग एवरेज (DMA) 200 DMA से नीचे चला जाता है। यह पैटर्न एसेट में मंदी का संकेत माना जाता है।

1,700 डॉलर के पास लगाए स्टॉप लॉस ट्रिगर हुए होंगे

दूसरी वजह यह हो टेक्निकल एनालिसिस क्या है? सकती है कि 1,700 डॉलर के आस-पास लगाए स्टॉप लॉस ऑर्डर ट्रिगर हुए होंगे। बड़े नुकसान से बचने के लिए ऑर्डर में तय किए गए प्राइस के ट्रिगर होने यानी नीचे के रेट पर बिक्री होने से सोने पर दबाव बढ़ा और बिकवाली होती चली गई। उस दिन अमेरिकी बाजार में भी सोने का भाव लगभग दो पर्सेट गिरा था।

अगले एक साल सोने में तेजी जारी रह सकती है

अजय केडिया के मुताबिक, अगले एक साल के लिहाज से सोने में तेजी रह सकती है। उन्होंने इसकी कई वजहें बताईं। अमेरिकी जॉब मार्केट में अस्थिरता है। डॉलेक्स और बॉन्ड यील्ड में कमजोरी है। दुनिया भर में लिक्विडिटी ज्यादा है, जिससे महंगाई बढ़ी हुई है। जियो पॉलिटिकल टेंशन बना हुआ है और ट्रेड वॉर का टेंशन कम नहीं हुआ है।

घरेलू बाजार में शादी-ब्याह के सीजन का सपोर्ट

शादी-ब्याह का सीजन आ रहा है। ऐसे में कोविड के चलते दबी डिमांड सामने आ रही है। इसके अलावा रियल्टी मार्केट ठंडा पड़ा है। कोरोना को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। इक्विटी मार्केट में वैल्यूएशन हाई बना हुआ है। गोल्ड में निवेश के ऑप्शन बढ़े हैं। ऐसे में निवेशकों का रुझान फिजिकल गोल्ड से ज्यादा डिजिटल गोल्ड में बन सकता है।

बड़ी खबर! ब्रोकर्स के सिस्टम में टेक्निकल ग्लिच पर सेबी ने जारी की नई गाइडलाइन, 1 अप्रैल 2023 से होगा लागू

मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने ब्रोकर्स सिस्टम में ग्लिच को लेकर गाइडलाइंस जारी की है जिसमें ब्रोकर्स को तकनाकी खामी की सारी जानकारी एक्सचेंज को देनी होगी. साथ ही ये भी तय होगा कि किसे तकनीकी खामी माना जाएगा और किसे नहीं माना जाएगा.

ब्रोकर्स के सिस्टम में टेक्निकल ग्लिच की परिभाषा तय की गई. (File Photo)टेक्निकल एनालिसिस क्या है?

Stock टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Market: बीते कई बरसों से अक्सर ब्रोकर्स के ट्रेडिंग टर्मिनल में या सिस्टम में तकनीकी खराबी आने पर निवेशकों को खामियाजा भुगतना पड़ता है. क्योंकि वो चालू शेयर बाजार में सौदे नहीं कर पाते. इसे लेकर ज़ी बिजनेस ने भी कई बार निवेशकों को भरपाई करने की आवाज उठाई थी. अब मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने इसे लेकर गाइडलाइंस जारी की है जिसमें ब्रोकर्स को तकनाकी खामी की सारी जानकारी एक्सचेंज को देनी होगी. साथ ही ये भी तय होगा कि किसे तकनीकी खामी माना जाएगा और किसे नहीं माना जाएगा.

1 अप्रैल 2023 से लागू होगा नियम

एक्सचेंजेज की तरह ब्रोकर्स को भी डिसास्टर रिकवरी साइट जैसी व्यवस्था बनानी होगी. ताकि आपदा की स्थिति में डिसास्टर रिकवरी साइट से कामकाज चालू रखा जा सके.

इससे पहले सेबी ने एक्सचेंजेज और दूसरे मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस में तकनीकी खामी पर पूरा व्यापक नियम बनाया था. ब्रोकर्स के लिए आज जारी नियम 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होंगे.

नई गाइडलाइन

ब्रोकर्स के सिस्टम में टेक्निकल ग्लिच पर सेबी की गाइडलाइन जारी हुई है. ब्रोकर्स के सिस्टम में टेक्निकल ग्लिच की परिभाषा तय की गई है. 5 मिनट या अधिक सिस्टम सामान्य नहीं तो टेक्निकल ग्लिच माना जाएगा.

टेक्निकल ग्लिच पता होने के 1 घंटे में एक्सचेंज को रिपोर्टिंग देनी होगी. ग्लिच के 1 दिन के बाद एक्सचेंज को शुरुआती जांच रिपोर्ट देने होंगे. टेक्निकल ग्लिच के 14 दिन बाद रूट कॉज एनालिसिस सौंपें जाएंगे जिसमें कब, कैसे, क्या उपाय, क्या आगे की योजना ये देना होगा. ब्रोकर्स को अपने लिए डिसास्टर रिकवरी साइट बनाना होगा. नई गाइडलाइन 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी मानी जाएगी.

#BreakingNews | ब्रोकर्स के सिस्टम में टेक्निकल ग्लिच की परिभाषा तय टेक्निकल एनालिसिस क्या है? की गई

🔸5 मिनट या अधिक सिस्टम सामान्य नहीं तो टेक्निकल ग्लिच
🔸टेक्निकल ग्लिच पता होने के 1 घंटे में एक्सचेंज को रिपोर्टिंग
🔸ग्लिच के 1 दिन के बाद एक्सचेंज को शुरुआती जांच रिपोर्ट दें@SEBI_India pic.twitter.com/oTOjqGoKQs

— Zee Business (@ZeeBusiness) November 25, 2022

प्राइमरी डेटा सेंटर से डिसास्टर साइट कम से कम 250 किमी दूर रखना होगा. ब्रोकर क्लाइंट की संख्या, कारोबार के हिसाब से क्षमता बढ़ाएंगे. पीक लोड देखें, पीक लोड की कम से कम 1.5 गुना क्षमता होगी. 70% से अधिक लोड होने पर सिस्टम में अलर्ट आना चाहिए. नए सॉफ्टवेयर को लोड करने से पहले भरपूर टेस्टिंग की जाए.

एक्सचेंज को ग्लिच होने पर दंड वसूलने का अधिकार

ब्रोकर्स के ट्रेडिंग सिस्टम पर एक्सचेंज को भी नजर रखना होगा. एक्सचेंज, ब्रोकर के सिस्टम में दिक्कत दूर करने के लिए सेल बनाएं. टेक्निकल ग्लिच से जुड़ा डेटा कम से कम 2 साल तक रखना होगा. बड़े ब्रोकर्स को 1 ट्रेडिंग डे पूरा DR साइट से काम करना होगा. स्टॉक एक्सचेंजेज को अधिकार कि वो ग्लिच होने पर दंड वसूलें. एक्सचेंज वेबसाइट पर भी टेक्वनिकल ग्लिच की पूरी जांच रिपोर्ट देंगे.

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