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खरीदें और पकड़ रणनीति

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बीआईएस ने चेतावनी दी है कि केंद्रीय बैंक जल्द ही कैपिटल मार्केट्स को उबारने के लिए मजबूर होंगे

बेसल, स्विट्ज़रलैंड स्थित बैंक यूके में हाल के संकट का हवाला देता है जब 45 अरब पाउंड के अनिधि ऋण के साथ अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए एक गलत सलाह दी गई योजना ने सरकारी ऋण में अरबों को बेचने के लिए डेरिवेटिव के साथ एक गैर-सलाह वाली हेजिंग रणनीति के बाद पेंशन फंड को मजबूर किया। मार्जिन कॉल्स को पूरा खरीदें और पकड़ रणनीति करने के लिए।

बहुत सारी बुरी सलाहें हैं, लेकिन यह बैंक ऑफ इंग्लैंड था जिसे 65 बिलियन पाउंड के बॉन्ड खरीदने के लिए एक आपातकालीन कार्यक्रम करना पड़ा, जब वह वास्तव में अपनी खुद की होल्डिंग्स को बेचना शुरू करना चाहता था। हालांकि, वास्तविक खरीद £20 बिलियन से कम थी। बहुत से देशों में बुरी सलाह का यह सही तूफान नहीं होगा, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसी तरह के जोखिम छिपे हुए हैं।

जैसा कि बीआईएस के दो अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को जारी तिमाही समीक्षा में लिखा है:

“जब ये जोखिम अमल में आते हैं, और परिचर आर्थिक लागतें पर्याप्त होती हैं, तो केंद्रीय बैंकों पर बैकस्टॉप प्रदान करने का दबाव होगा। जबकि उचित है, यह मौद्रिक नीति के रुख के विपरीत हो सकता है और लंबी अवधि में जोखिम लेने को प्रोत्साहित कर सकता है।

पकड़ है; तथाकथित फेड पुट की तरह (उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व बाजारों को टैंकिंग से बचाने के लिए हस्तक्षेप करेगा), एक केंद्रीय बैंक बेलआउट की प्रत्याशा बैंकों और अन्य निवेशकों को बड़ा जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यदि उनका दांव रंग लाता है, तो वे उसे भुना लेते हैं। यदि यह विफल रहता है, तो केंद्रीय बैंक बचाव के लिए आते हैं।

बीआईएस के अर्थशास्त्री समाधान प्रदान करने की तुलना में चिंता करने में बेहतर हैं और अपनी भूमिका की पूर्ति के रूप में पूर्वाभास पर विचार करते हैं। बुरी सलाह का कोई अच्छा समाधान नहीं है, हालांकि उनमें से कुछ केवल पीछे मुड़कर देखने पर खराब हो जाती हैं।

यू.एस. नौकरियां रिपोर्ट , शुक्रवार को जारी की गई, जो गैर-कृषि पेरोल में जोड़े गए 263,000 की भारी संख्या में आई, जो अर्थशास्त्रियों द्वारा अनुमानित 200,000 की तुलना में बहुत बेहतर है। इसने इस बारे में नई चिंताएँ बढ़ा दी हैं कि वेतन वृद्धि का दबाव कैसे मुद्रास्फीति को कम करने के लिए फेड के प्रयासों का प्रतिकार कर सकता है, अमेरिकी केंद्रीय बैंक को दरें बढ़ाना रखने के लिए मजबूर कर सकता है।

सोमवार को अधिक अच्छी-खबर-बुरी-खबरें सामने आईं, क्योंकि डेटा ने सेवा क्षेत्र में अपेक्षा से अधिक मजबूत प्रदर्शन दिखाया, और कारखाने के ऑर्डर भी उम्मीद से अधिक आए। संक्षेप में, यू.एस. अर्थव्यवस्था पूर्वानुमान की तुलना में अधिक लचीला है, मुद्रास्फीति पर मजदूरी का दबाव बनाए रखता है और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज को आगे की फेड कार्रवाई की प्रत्याशा में इसे ठंडा करने के लिए लगभग 500 अंक गिरा देता है।

यूरोप में जॉब मार्केट ने भी लचीलापन बनाए रखा है। <<ईसीएल-299|| के लिए डेटा शुक्रवार को जारी यूरोजोन में बेरोजगारी>> ने पिछले महीने के 6.6% से अक्टूबर में बेरोजगारी की दर 6.5% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरने को दिखाया, भले ही यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर बड़ी यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को इस सर्दी में खरीदें और पकड़ रणनीति ऊर्जा की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

यूरोपीय आयुक्त पाओलो जेंटिलोनी, जो ब्रसेल्स में अर्थव्यवस्था विभाग की देखरेख करते हैं, ने सोमवार को कहा कि यूरोप इस सर्दी में मंदी की चपेट में आ जाएगा, और विकास बहाल होने से पहले यह वसंत हो सकता है।

यू.के. के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले सप्ताह बताया कि तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास में 0.2% की गिरावट आई है, जो व्यापक रूप से अपेक्षित मंदी की शुरुआत को चिह्नित करता है। संकुचन ने सकारात्मक वृद्धि के पांच तिमाहियों को समाप्त कर दिया और संकेत दिया कि शेष यूरोप बहुत पीछे नहीं रह सकता।

हालाँकि, यूरोपीय आयोग ने इस वर्ष की चौथी तिमाही और अगले वर्ष की पहली तिमाही में संकुचन के बाद सभी 2023 के लिए सकारात्मक वृद्धि का अनुमान लगाया है।

यूरोपियन सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में वृद्धि पर सख्ती से चलना जारी रखेगा, साथ ही साथ मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और 50-आधार अंकों की वृद्धि के साथ विकास की अनुमति देने की कोशिश करेगा अगले सप्ताह इसकी गवर्निंग काउंसिल की बैठक। फ़्रांस और आयरलैंड के केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने नीति निर्माताओं के सामने अपनी आवाज उठाई और 75 बीपी की दो वृद्धि के बाद वृद्धि में नरमी की मांग की।

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Online Grocery Business: भारत में ऑनलाइन किराना बिजनेस ऐसे करें शुरू

Online Grocery Business: भारत में ऑनलाइन किराना बिजनेस ऐसे करें शुरू

Online Grocery Business Tips: भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है. खासकर खरीदें और पकड़ रणनीति कोरोना वायरस महामारी के दौर में ऑनलाइन किराने की दुकान का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है. इसका श्रेय मोटे तौर पर उन लोगों की बढ़ती संख्या को दिया जा रहा है जो ऑनलाइन अपना राशन खरीदने की सुविधा का चयन कर रहे हैं. हालांकि भारत में ऑनलाइन किराने का बाजार चलाना आसान काम नहीं है, क्योकि पहले से ही मार्केट में इससे जुड़े कई दिग्गज मौजूद है. हालांकि बेहतर रणनीति से इस उच्च-प्रतिस्पर्धी काम की शुरुआत कर मार्केट में पकड़ बनाई जा सकती है.

ऑनलाइन रिटेलर्स और अत्याधुनिक चेन रिटेल स्टोर्स की चुनौतियों के सामने सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही सही रणनीति होना बेहद जरुरी है. इसी क्रम में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपयोगी टिप्स लाये है, जिसे फॉलो कर आप इस तेजी से बढ़ते उद्योग में कदम रखने के साथ ही कामयाबी भी हासिल कर सकते है.

सही लोकेशन

सुपरमार्केट व्यवसाय शुरू करने के लिए सही लोकेशन का चुनाव करना बहुत जरुरी होता है. यह आपके टारगेट खरीदार निश्चित करता है. फल, सब्जियां, दूध जैसे कई किराने के सामान अत्यधिक खराब होने वाला सामान है, यह अधिक समय तक रखा नहीं जा सकता है. इसलिए आपको अपने डिलीवरी परिधि के अनुसार योजना बनाने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उच्चतम गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए ग्राहकों को आइटम जल्दी से पहुंचाया जा सके. इसके साथ ही लोगों की खाने की आदतों की पहचान करना और उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के खरीदने के पैटर्न को समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसके जरिये अधिक मांग वाली वस्तुओं को स्टॉक कर सकते हैं और नुकसान की संभावना को भी कम कर सकते हैं.

मजबूत डिलीवरी सिस्टम

अब आपके पास सही लोकेशन और संभावित ग्राहक हैं. ऐसे में अब आपको ऑनलाइन उत्पादों को बेचने के लिए उत्पादों को पहले संग्रहीत करना पड़ेगा, जिसके लिए एक गोदाम की आवश्यकता होगी. अपने लोकेशन के निकट में गोदाम तैयार करें और ऐसा डिलीवरी चैनल बनाये, जिससे उत्पादों को ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जा सके. इसके आलावा आप विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं और थोक विक्रेताओं के साथ टाई-अप या साझेदारी कर सकते है. अपने डिलीवरी सिस्टम को तेज बनाने के लिए मानव और तकनीकी संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल करें.

बिजनेस रजिस्ट्रेशन है जरुरी

यह आपके ऑनलाइन किराने की दुकान स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है. रजिस्ट्रेशन और जीएसटी से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए आप किसी भी मान्यता प्राप्त टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद ले सकते हैं. एक बार जब रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता पूरी हो जाती है, तो आप अपनी पसंद के किसी भी बैंक में बिजनेस अकाउंट खोल सकते हैं.

कुशल और कार्यात्मक वेबसाइट

अब जब आपने तेज डिलीवरी सिस्टम तैयार कर लिया है तो ऑनलाइन किराने की वेबसाइट लॉन्च करने का उचित समय आ गया है. एक वेबसाइट विकसित करना और उसे चलाना चुनौती भरा काम हो सकता है. क्योकि यह आपके बिजनेस के चेहरे की तरह होता है. आपको अपने विचारों को डिजिटल प्रारूप में फिट हो कुछ इस तरह से ढालकर ग्राहकों की सारी जरूरतों को पूरी करने वाली सरल वेबसाइट बनवानी होगी. आप अपनी रणनीति के हिसाब से वेबसाइट के कंटेंट को तैयार करवाएं. एक कुशल और कार्यात्मक वेबसाइट होने से आपके ग्राहक तो बढ़ेंगे ही साथ ही कई मोर्चों पर पैसे बचाने में भी मदद मिलेगी. इसलिए अपनी किराने की वेबसाइट को बनाने की ज़िम्मेदारी अनुभवी वेब डिज़ाइनर को ही सौंपे. वेबसाइट डिजाइनिंग का काम शुरू होने से लेकर उसके बनकर तैयार होने तक की पूरी प्रक्रिया का हिस्सा बने रहे. आपकी वेबसाइट ग्राहक सुविधा के दृष्टिकोण से आसानी से उपयोग होने वाली और मोबाइल के अनुकूल होनी चाहिए.

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

सलूजा कहां फिट होंगे भाजपा के गणित में
कभी कमलनाथ के मुंह-कान कहलाने वाले नरेन्द्रसिंह सलूजा आज भाजपा का झंडा थामे घूम रहे हैं। इंदौर के खालसा स्टेडियम में कमलनाथ के विरोध में नारेबाजी और उसके बाद पीसीसी की नाराजगी ने सलूजा को कटघरे में खड़ा कर दिया था। हालांकि उनके साथ कुछ और नेता भी निशाने पर थे, लेकिन सलूजा की मोहरा बने और बात बढें़ उसके पहले सलूजा ने भाजपा का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें भाजपा का दुपट्टा ओढ़ा दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही अब चर्चा चल पड़ी है कि सलूजा भाजपा के समीकरण में कहां फिट होंगे। कोई उन्हें दिवंगत उमेश शर्मा की भरपाई के रूप में देख रहा है तो कोई आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए विभीषण के रूप में। उधर सलूजा खुश है कि कांग्रेस उन्हें बेआबरू करती, उसके पहले ही वे पलटी मार गए। अब सलूजा का भाजपा में क्या स्थान होगा, ये देखना होगा। वैसे कल वे पहली बार वीडी शर्मा के साथ एयरपोर्ट पर नजर आए हैं।
भाजपा को सब माफ
कांगे्रसी मन मसोस रहे हैं कि हमने राहुल गांधी की यात्रा के जो पोस्टर बैनर लगाए उन्हें नगर निगम उतारती रही। यही नहीं कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला की शिव महापुराण के पोस्टर-बैनर को लेकर भी खूब हंगामा हुआ, लेकिन निगम ने अपनी कार्रवाई को ढीली नहीं किया। अब कांग्रेसी दो दिन से शहर में लगे टंट्या मामा के बलिदान दिवस के पोस्टर और बैनरों को देखकर माथा पीट रहे है ंकि भाजपा जो करती है वो सब माफ है और हमने कोई जिंदगी भर के लिए तो पोस्टर बैनर लगा नहीं दिए थे जो निगम ने हमारा इतना नुक़सान कर दिया।

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रफत को राहत
रफत वारसी जिस तरह से अल्पसंख्यक मोर्चा चला रहे हैं, उससे उनके ही लोग खुश नहीं है, लेकिन वे संगठन की आंखों में चढ़े हुए हैं। रफत के कई निर्णयों को चैलेंज करने वाले अल्पसंख्यक नेता अब चुप बैठ गए हैं। वे भी मान चुके हैं कि रफत जब तक पॉवर में हैं, उनका कुछ खरीदें और पकड़ रणनीति नहीं बिगाड़ सकते। इससे रफत को राहत मिली है। बड़ी राहत तो यह है कि रफत की मध्यप्रदेश हज कमेटी के अध्यक्ष पद पर घोषणा होना बाकी है और रफत समर्थक खुश हैं कि इतने विरोध के बाद भी भाईजान को राज्यमंत्री का दर्जा तो मिल रहा है।
चार नंबर ही क्यों बना रहता है चर्चा में
चार नंबर विधानसभा इन दिनों कुछ न कुछ घटनाओं को लेकर चर्चा में रहने ही लगी है। कभी भाजपा की अयोध्या कही जाने वाली इस विधानसभा में धीरे-धीरे फूट पडऩे लगी है। पहले यह फूट सामने नहीं आती थी, लेकिन अब बताने वाले भी बड़े जोर-शोर से बताते हैं। एक तो क्लाथ मार्केट के आयोजन में विधायक परिवार को तवज्जो नहीं देना, सांसद शंकर लालवानी का हस्तक्षेप इस विधानसभा में बढऩा और इसी विधानसभा के एक खास झंडाबरदार का विधायक परिवार से दूर होना। बता रहे हैं कि बाहर से सबकुछ ठीक होने का दिखावा किया जा रहा है, लेकिन अंदर अलग ही अलग गुटबाजी चरम पर पहुंच रही है। पिछले दिनों इसी विधानसभा में एक पूर्व मंडल अध्यक्ष का पिटाई कांड भी सोशल मीडिया पर छाया रहा।

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मंडी की अवैध वसूली पर हावी राजनीति
बार-बार चोइथराम मंडी पर अवैध वसूली के आरोप लगते रहे हैं। छोटे व्यापारियों और यहा ंसे सब्जी तथा फल खरीदने वालों से बिना रसीद के टैक्स की वसूली की जाती है। इसी को लेकर पिछले दिनों विवाद भी हुआ। सूत्रों का कहना है कि यहां की अवैध वसूली पर राजनीति भी हावी है। कुछ स्थानीय नेताओं के नाम पर किसान और व्यापारी मंडी टैक्स नहीं देते और जब बात बढ़ जाती है खरीदें और पकड़ रणनीति तो विवाद करने से भी पीछे नहीं हटते। इसमें कुछ बड़े नेताओं के नाम भी हैं, जिन्ेहें मंडी प्रशासन के अधिकारी भी कुछ नहीं कह पाते।
पकड़ नहीं पा रहे कहां हो रही गड़बड़ी
भाजपा संगठन ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण से ही सभी को भिड़ा रखा है, ताकि सूची की ठीक तरह से जांच हो सके। इसके लिए नगर, मंडल और वार्ड स्तर तक प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं आ रहे हैं। ऐसे में संगठन भी समझ नहीं पा रहाहै कि गड़बड़ कहां हो रही है। बूथ स्तर पर फर्जी बूथ प्रभारियों की सूची थी वो सुधार दी गई, लेकिन उसके बावजूद भी नामों में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। कुछ बूथ वाले तो सरकारी बीएलओ से शाम को आंकड़े लेकर संगठन को भेजने में लगे हुए हैं।

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चावड़ा भी लगा रहे नारे…आंधी नहीं तूफान है
राजनीति में कब क्या होता है, यह कुछ कहा नहीं जा सकता। कभी भाईसाब के रूप में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों को मार्गदर्शन देने का करने वाले संभागीय संगठन मंत्री अब भाजपा का ही हिस्सा है। पहले ये लोग आयोजनों से दूर रहते हैं, जबकि पर्दे के पीछे ही रहकर अपनी भूमिका निभाते थे, लेकिन अब सत्ता और संगठन का हिस्सा बनने के बाद इन्हें भी नेताओं के नारे लगाना पड़ते हैं। ताजा मामला संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा का है। मुख्यमंत्री जब पिछले दिनों ब्रिज की आधारशिला रखने के लिए इंदौर आए तो निर्माण एजेंसी आईडीए के प्रमुख होने के नाते उन्होंने भाषण दिया और मुख्यमंत्री को उद्बोधन देने के लिए बुलाया तो मंच से ही उन्होंने तीन बार नारा लगवाया ‘आंधी नहीं तूफान है शिवराजसिंह चौहान है’

शहर में पांच नंबर विधानसभा सीट सभी को हलवा नजर आ रही है। तीन-तीन मुस्लिम वार्डों वाली इस सीट पर भाजपा के कई नेता तो निगाह गढ़ाए हुए ही हैं, वहीं कांग्रेस में भी दावेदारों की संख्या बढ़ रही है, जिन्होंने छोटे-मोटे आयोजनों में जाना शुरू भी कर दिया है।

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