अग्रणी संकेतक

अग्रणी संकेतक
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(i) मानव विकास के अंग कौन-से ह .
(i) मानव विकास के अंग कौन-से हैं ? (ii) श्रीलंका का क्रमांक भारत से अधिक क्यों है? . (iii) भारत की प्रति व्यक्ति आय क्या है? (iv) किस देश की प्रति व्यक्ति आय अधिकतम है ?
Solution : (i) प्रति व्यक्ति आय, दीर्घायु तथा शिक्षा ।
(ii) क्योंकि श्रीलंका सभी पक्षों में अग्रणी है जैसे प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा तथा दीर्घायु ।
(iii) 3,139 डॉलर ।
(iv) श्रीलंका अर्थात् 4,390 डॉलर ।
बांदा में बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को मिलेगा पोषण
बांदा, संवाददाता शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि एवं जल संसाधन सहित पांच क्षेत्रों.
शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि एवं जल संसाधन सहित पांच क्षेत्रों में अन्य ब्लाकों की तुलना में विकास से पिछड़े ब्लाकों को आकांक्षी ब्लाक में शामिल किया है। जनपद के बिसंडा, कमासिन और बबेरू ब्लाक इसमें शामिल हैं। इसलिए यहां विकास कार्यों के लिए विशेष रणनीति बनायी जा रही है।
गुरूवार को बिसंडा ब्लाक में आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डीपीओ केएन तिवारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर विकास अग्रणी संकेतक के लिए साझा रणनीति पर चर्चा की।डीपीओ ने कहा कि आकांक्षी ब्लाक में विभिन्न कार्य कराकर विकास को तेज करने की जरूरत है। इस ब्लाक में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास, आधारभूत संरचना के तहत कुल 75 इंडीकेटर पर पर काम किया जा रहा है। इन्हीं संकेतकों पर चयनित ब्लाक का अनुश्रवण किया गया। स्वास्थ्य एवं पोषण के 23 बिन्दुओं के विकास कार्य पर ज्यादाध्यानदिया गया है। जिसमें बाल विकास पुष्टाहार, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के विभिन्न घटकों के कार्यपर बल दिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि शून्य से 6 साल के आयु वर्ग के बच्चों की पोषण और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करना, किशोरियों को आयरन व कैल्शियम की टेबलेट देना, एनीमिया के प्रति जागरूकता, गर्भवती व धात्री महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें पोषण किट व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम युद्ध स्तर पर किया जाएगा। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में गतिविधियों के जरिए भी जागरुक किया जाएगा। इससे बच्चों में मृत्यु दर, रोग, कुपोषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान अग्रणी बैंक प्रबंधक विनय पांडेय, सीडीपीओ प्रियांशी पटेल, योजना आयोग की सीएम फेलो सुधा सिंह, सुपरवाइजर अंशवती सहित बिसंडा ब्लाक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।
दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमानः एसबीआई रिसर्च
मुंबई, 28 नवंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अग्रणी संकेतक की शोध टीम ने विनिर्माण गतिविधियों में कमजोरी और मार्जिन के बढ़ते दबाव को देखते हुए जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
एसबीआई रिसर्च की तरफ से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रह सकती है जो औसत अनुमान से 0.30 प्रतिशत कम है।
सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए जाने हैं।
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष की अगुवाई वाली टीम के मुताबिक, दूसरी तिमाही में बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर बाकी कंपनियों के परिचालन लाभ में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में 35 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में इन कंपनियों के राजस्व में वृद्धि दर अच्छी रही है लेकिन उनके लाभ में एक साल पहले की तुलना में करीब 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर अन्य सूचीबद्ध कंपनियों के मार्जिन पर दबाव भी देखा गया है। उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों का परिचालन मार्जिन दूसरी तिमाही में घटकर 10.9 प्रतिशत रह गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 17.7 प्रतिशत था।
एसबीआई रिसर्च का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर औसत बाजार अनुमान (6.1 प्रतिशत) से कहीं कम 5.8 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की समूची अवधि में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है जो भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 प्रतिशत कम है।
एसबीआई रिसर्च का यह अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है।
घोष ने कहा कि यह अनुमान दर्शाता है कि जून और सितंबर के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती रही लेकिन अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियों के सुधरने से तीसरी तिमाही में आंकड़े बेहतर होने की उम्मीद बंधती है।
उन्होंने कहा कि कई संकेतक वैश्विक झटकों, मुद्रास्फीति-जनित दबावों और बाहरी मांग में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारू चरित्र को दर्शाते हैं।
GDP : जीडीपी ग्रोथ का अनुमान SBI रिसर्च ने दूसरी तिमाही में घटाया, जानें क्या कहते हैं आंकड़े?
केंद्र सरकार (Central Govt) की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर अवधि के लिए आंकड़े जारी किए जा सकते हैं। हालांकि उससे पहले एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने अपनी रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर तिमाही की जीडीपी को औसत से 0.30 प्रतिशत कम करते हुए उसे 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Govt) की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर अवधि के लिए आंकड़े जारी किए जा सकते हैं। हालांकि उससे पहले एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने अपनी रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर तिमाही की जीडीपी को औसत से 0.30 प्रतिशत कम करते हुए उसे 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
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एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh, Chief Economic Advisor, SBI) की अगुवाई वाली टीम का कहना है कि दूसरी तिमाही में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर बाकी कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 14 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। पिछले वर्ष इसी तिमाही में 35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी।
एसबीआई रिसर्च (SBI Research) अग्रणी संकेतक की रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के राजस्व में वृद्धि दिखी है पर उनके लाभ में पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर अन्य लिस्टेड कंपनियों के मार्जिन पर दबाव दिखा है। रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में कंपनियों का उत्पादन लागत बढ़ने से ऑपरेटिंग मार्जिन (Operating Margin) घटकर 10.9 फीसदी रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 17.7 प्रतिश्त था।
रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में जीडीपी (GDP) अपने औसत अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत रह सकती है। साथ ही, रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में ओवरऑल जीडीपी 6.8 प्रतिशत रह सकती है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 प्रतिशत कम है। बता दें कि एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने ये अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है।