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एक सफल विकल्प व्यापारी

एक सफल विकल्प व्यापारी
एसडीएम श्री जैन ने बताया कि जप्त की गई खाद को जिला आपूर्ति अधिकारी को सौंप दिया गया है और संबंधित व्यापारी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम में कार्यवाही करने के साथ ही जांच के आदेश दिए गए हैं।

Demonetisation: नोटबंदी के छह साल बाद लोगों के पास कैश बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर, जानकर चौंक जाएंगे

By: ABP Live | Updated at : 07 Nov 2022 08:10 AM (IST)

देश में कैश (फाइल फोटो)

Demonetisation: कल 8 नवंबर को देश में नोटबंदी के छह साल पूरे हो जाएंगे और आज भी इस बात को लेकर चर्चा होती है कि नोटबंदी सफल थी या नहीं. कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि नोटबंदी काले धन को कम करने के अपने उद्देश्य में सफल रही जबकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये पूरी तरह फेल हो गई थी. अब एक ऐसा आंकड़ा आया है जो दिखाता है कि देश में कैश का उपयोग अभी भी भरपूर हो रहा है और आरबीआई के इस डेटा के बाद नोटबंदी को लेकर एक बार फिर चर्चा गरम हो सकती है, ऐसा सभंव है.

देश में जनता के पास कितना है कैश
21 अक्टूबर 2022 तक जनता के बीच मौजूद नकदी 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई जो यह दिखाता है कि नोटबंदी के छह साल बाद भी देश में नकदी का भरपूर उपयोग जारी है. यह आंकड़ा चार नवंबर, 2016 को खत्म पखवाड़े में चलन में मौजूद मुद्रा के स्तर से 71.84 फीसदी ज्यादा है.

गुजरात में कल पहले चरण की वोटिंग, जानें कांग्रेस की ताकत-कमजोरी-अवसर और चुनौतियां

गुजरात में कांग्रेस का SWOT ANALYSIS (पीटीआई)

सुधांशु माहेश्वरी

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 30 नवंबर 2022, 5:04 PM IST)

गुजरात चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर आ गया है. कल पहले चरण की वोटिंग होने एक सफल विकल्प व्यापारी जा रही है और फिर पांच को दूसरे चरण के भी वोट डाले जाएंगे. इस एक सफल विकल्प व्यापारी चुनाव में बीजेपी के सामने तो अपना किला बचाने की चुनौती है, लेकिन कांग्रेस को इंतजार है अपना 27 साल का सियासी वनवास खत्म करने का. पिछले कुछ विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता गया है. 2017 में तो कांग्रेस ने बीजेपी को ऐसी टक्कर दी थी कि पार्टी 99 सीटों के फेर में फंस गई. ऐसे में इस बार कांग्रेस के पास एक सुनहरा मौका है. वो जनता के सामने एक सफल विकल्प व्यापारी बीजेपी का विकल्प बन सकती है. इसमें कितना सफल होती है, इसे जानने के लिए कांग्रेस का SWOT ANALYSIS किया जा सकता है.

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कांग्रेस की एक मजबूत ताकत एक सफल विकल्प व्यापारी ये भी रही है कि पिछले 27 साल से वो सत्ता में तो नहीं आई, लेकिन 38 फीसदी के करीब उसका वोट शेयर लगातार बरकरार रहा. बड़ी बात ये भी है कि एक दर्जन के करीब ऐसी सीटें हैं जो कांग्रेस किसी भी चुनाव में नहीं हारी हैं. इस लिस्ट में खेड़ब्रह्मा, दरियापुर, जमालपुर-खड़िया, जसदान, बोरसाद, महुधा जैसी कई सीटें शामिल हैं. इसके अलवा पार्टी का अभी भी आदिवासी और गैर आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों में अच्छा प्रभाव है, ऐसा संगठन भी जमीन पर मौजूद है जो उसे इन सीटों पर जीतने में मदद करता है.

Weakness: गुजरात में कांग्रेस के पास नरेंद्र मोदी जैसा नेता नहीं है. कई स्थानीय नेता तो पार्टी में मौजूद हैं, लेकिन उनका प्रभाव भी सिर्फ सीमित क्षेत्रों तक रहता है. ऐसे एक सफल विकल्प व्यापारी में कोई एक चेहरा जिसके दम पर पार्टी वोट मांग सके या कहें जीत सके, वो कड़ी मिसिंग है. इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस एक सफल विकल्प व्यापारी चुनावी प्रचार में ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. उनकी तरफ से भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है, वे मध्य प्रदेश में भ्रमण कर रहे हैं. लेकिन गुजरात में उनकी ज्यादा संभाए नहीं हुई हैं. बड़ी बात ये है कि 2017 के चुनाव में राहुल गांधी के धुंआधार प्रचार ने पार्टी में नई जान फूंक दी थी और करीब तीस साल बाद पार्टी ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था. लेकिन इस चुनाव में वो धुंआधार प्रचार कही नहीं दिख रहा है.

बैरसिया में एसडीएम ने 1000 बोरी खाद जप्त की

30 नवम्बर 2022, भोपाल: बैरसिया में एसडीएम ने 1000 बोरी खाद जप्त की – भोपाल के बैरसिया विकास खंड में एक व्यापारी द्वारा एक हजार बोरी से अधिक यूरिया एकत्रित की गई थी और इसके द्वारा यह ऊंचे दामों पर बिक्री की जा रही थी। एसडीएम श्री आदित्य जैन ने इस पर संज्ञान लेते हुए छापामार कार्रवाई की। गोडाउन में 1,000 से अधिक बोरी खाद को जप्त कर लिया है इसके साथ ही संबंधित व्यापारी के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए है। एसडीएम श्री जैन ने बताया कि बैरसिया में किसानों द्वारा लगातार यूरिया की मांग की जा रही थी जिस पर व्यापारी आम किसान को सामान्य रूप से खाद बिक्री नहीं करके खाद को ऊंचे दामों पर बेच रहा था।

एसडीएम ने बताया कि लगातार निगाह रखने पर व्यापारी द्वारा खाद का अवैध भंडारण कराया गया था। जबकि सामान्य रूप से खाद सभी लोगों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत खाद को भी रखा गया है जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति उसका भंडारण नही किया जा सकता है। मांग होने पर उसकी बिक्री भी नहीं रोकी जा सकती है। व्यापारी द्वारा खाद का विक्रय ना किया जाकर एक सफल विकल्प व्यापारी ब्लैक मार्केटिंग के द्वारा चोरी छिपे खाद को बेचा जा रहा था।

बैरसिया में एसडीएम ने 1000 बोरी खाद जप्त की

30 नवम्बर 2022, भोपाल: बैरसिया में एसडीएम ने 1000 बोरी खाद जप्त की – भोपाल के बैरसिया विकास खंड में एक व्यापारी द्वारा एक हजार बोरी से अधिक यूरिया एकत्रित की गई थी और इसके द्वारा यह ऊंचे दामों पर बिक्री की जा रही थी। एसडीएम श्री आदित्य जैन ने इस पर संज्ञान लेते हुए छापामार कार्रवाई की। गोडाउन में 1,000 से अधिक बोरी खाद को जप्त कर लिया है इसके साथ ही संबंधित व्यापारी के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए है। एसडीएम श्री जैन ने बताया कि बैरसिया में किसानों द्वारा लगातार यूरिया की मांग की जा रही थी जिस पर व्यापारी आम किसान को सामान्य रूप से खाद बिक्री नहीं करके खाद को ऊंचे दामों पर बेच रहा था।

एसडीएम ने बताया कि लगातार निगाह एक सफल विकल्प व्यापारी रखने पर व्यापारी द्वारा खाद का अवैध भंडारण कराया गया था। जबकि सामान्य रूप से खाद सभी लोगों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत खाद को भी रखा गया है जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति उसका भंडारण नही किया जा सकता है। मांग होने पर उसकी बिक्री भी नहीं रोकी जा सकती है। व्यापारी द्वारा खाद का विक्रय ना किया जाकर ब्लैक मार्केटिंग के द्वारा चोरी छिपे खाद को बेचा जा रहा था।

Gujarat Election 2022: बीजेपी के साथ हार्दिक पटेल, कहां हैं पाटीदार आंदोलन के अन्य नेता ?

By: ABP Live | Updated at : 29 Nov 2022 08:14 AM (IST)

पाटीदार आंदोलन छोड़ राजनीति में आए आंदोलन के प्रमुख चेहरे (फाइल फोटो) ( Image Source : PTI )

Many Important Faces of Patidar Movement came to politics: गुजरात विधानसभा के 2017 के चुनावों में पाटीदार आंदोलन प्रमुख मुद्दा था लेकिन 5 साल बाद मानों यह आंदोलन ठंडे बस्ते में चला गया हो. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रमुख चेहरे आंदोलन छोड़ राजनीति में शामिल हो गए हैं. चुनाव पर आंदोलन के प्रभाव को समझते हुए सभी राजनितिक दलों ने पाटीदार आंदोलन के नेताओं को अपने खेमे में लाने की कोशिशें की जो सफल भी रहीं.

हार्दिक पटेल बने बीजेपी का हिस्सा

पाटीदार आंदोलन के सबसे बड़ा चेहरा हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं इनके अलावा भी कई प्रमुख चेहरे जैसे अल्पेश कथीरिया, धार्मिक मालवीय, रेशमा पटेल, चिराग पटेल और वरूण पटेल एक सफल विकल्प व्यापारी ने विभिन्न राजनितिक दलों का दामन थाम लिया है. राज्य में आनंदीबेन सरकार के एक सफल विकल्प व्यापारी खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले आंदोलन के पोस्टर बॉय हार्दिक पटेल ने 2020 में पहले कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा था जिसमें वह राज्य इकाई के प्रमुख बने. पार्टी में एक शीर्ष पद पर रहने के बावजूद उन्होंने गुजरात विधानसभा के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इस बार बीजेपी की ओर से वीरमगाम विधानसभा क्षेत्र से वो चुनाव लड़ रहे हैं.

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