चरण निर्देश

ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ब्रोकिंग चार्जेज (Broking Brokerage Charges)
अक्सर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स रखते हैं. चार्जेज कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. इसलिए ब्रोकर को चुनने से पहले उसके चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता कर लें.ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान, जरा सी लापरवाही पड़ेगी भारी

ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

अपना Zerodha अकाउंट खोलने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म्स को प्रिंट और सिग्नेचर करके भेजने की जरुरत है -

  1. ऍप्लिकेशन फ़ॉर्म : ट्रेडिंग अकाउंट & डीमैट अकाउंट - इक्विटी सेगमेंट (यदि इसे ऑनलाइन e-sign नहीं किया गया है )
  2. ऍप्लिकेशन फ़ॉर्म : कमॉडिटी सेगमेंट - यदि आप कमॉडिटी सेगमेंट में भी अकाउंट खोलना चाहते हैं (यदि इसे ऑनलाइन e-sign नहीं किया गया है )
  3. नॉमिनेशन फ़ॉर्म - ( यदि आपने ऑनलाइन अकाउंट खोला है और अपने ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट में नॉमिनी जोड़ना चाहते हैं )
  4. पावर ऑफ़ अटॉर्नी (POA) (PDF) .इसे यदि आप चाहें तो भेज सकते हैं, देखिये पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) और डीमैट डेबिट और प्लेज इंस्ट्रक्शन (DDPI) क्या है?

नोट :

  1. आप सिर्फ कमॉडिटी अकाउंट नहीं खोल सकते हैं, आपको ट्रेडिंग और डीमैट ऍप्लिकेशन फॉर्म के साथ कमॉडिटी ऍप्लिकेशन भेजना होगा या आपके पास Zerodha में पहले से ही कमॉडिटी अकाउंट होना चाहिए। देखिये क्या हम इक्विटी अकाउंट खोले बिना सिर्फ़ कमोडिटी अकाउंट खोल सकतें हैं?

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ध्यान दें: हिंदी सपोर्ट पोर्टल आपकी सुविधा के लिए है, लेकिन टिकेट बनाते समय कृपया अंग्रेजी का प्रयोग करें।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग का सीधा अर्थ है फिनांशल प्रोडक्ट की ऑनलाइन लेनदेन करना। अब के ब्रोकर अपने प्लात्फ्रोम के साथ ऑनलाइन हो गए है इनके ये प्लेटफार्म स्टॉक,कोडिएट बांड्स, ETFS और आदि बहुत से फीचर्स प्रदान करते है.

पहले के समय में जब कोई खरीदार शेयर को खरीदना चाहता था तब वह किसी ब्रोकर को कॉल करता था या मिलता था और उससे किसी कंपनी के शेयर की एक फिक्स अमाउंट को खरीदने के लिए कहता था.

इसके बाद ब्रोकर उस शेयर के बाजार मूल्य को आपसे बताएगा और उसको खरीद लेगा। आपके द्वारा ट्रेडिंग खाते की पुस्टि करने के बाद ब्रोकर की फ़ीस देनी पड़ती थी.

इससे आप समझ सकते है की यह स्टेप्स कितना लम्बा है इसी कारण आस्चर्य नहीं होता है ऑनलाइन ट्रेडिंग ने अपने फायदों कारण पुरे ट्रेडिंग बाजार को अपने कब्जे में कर लिया है:

  • आप लेनदेन बहुत ही आसानी से कर सकते है.
  • यूजर अपने घर बैठे-बैठे अपने खाते पर नजर रख, सकते है ,रखरखाव और खोल और बंद कर सकते है.
  • जब हमें एक से ज्यादा फिनांशल प्रोडक्ट की खरीदारी करनी होती थी तब हमारे बिच में कोई होता था जो खरीदारी करता था , लेकिन ऑनलाइन में आप आसानी से खरीद सकते और बेच सकते है.
  • ऑनलइन होने के कारण आपको प्रोडक्ट्स और उपलब्ध स्टॉक्स के बारे में अच्छे से जानकारी मिलती है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

जब भी कोई यूजर स्टॉक को खरीदने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म पर रिक्वेस्ट या आर्डर देता है, इसका आर्डर ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? ट्रेंडिंग मेमबर प्लेटफार्म और एक्सचेंज प्लेटफार्म के डेटाबेस में स्टोर हो जात्ता है.

इस डेटाबेस का उपयोग उन सभी प्लेटफार्म को देखने के लिए किया जाता है तो स्टॉक खरीदने या बेचने का काम करती है, विश्लेषण करे के बाद आपको सबसे अच्छे पैसे वाला स्टॉक दिखाया जाता है.

यह जो आपको स्टॉक का पैसा दिखाया जाता है यह यूजर के द्वारा दिए गए आर्डर से मिलता हैं. इतना सभ कुछ होने के बाद ब्रोकर के पास तीन दिन होते है की वह आपके पैसे का सेटलमेंट कर सकते है और इसके बाद आपके खाते में स्थानांतरण कर दिए जाते है.

बहुत से ऐसे प्लेटफार्म है जो आपको स्टॉक मार्केट में स्थिति स्टेटस का पता ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? लगाने में मदत करते है. इससे एक यूजर को पता लगाने में आसानी होती है की कौन सी स्टॉक ऊपर जा रहा है और कौन सा निचे।

Offline vs Online Trading

जैसे-जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग की मांग बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही ऑफलाइन ट्रेडिंग कही पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

हर किसी व्यक्ति को यही चाहिए की चीज़े ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? उसे आसानी से मिल जाये उसे उन चीज़ो को पाने के लिए ज्यादा मेहनत ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? न करना पड़े, यह नियम ऑनलाइन ट्रेडिंग को ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में और लोकप्रिय कर रहा है.

क्यूंकि लोग घर बैठे-बैठे ही स्टॉक या शेयर मार्केट में पैसे निवेस्ट कर पा रहे है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के लोकप्रिय होने का दूसरा कारण यह है की यह कम कमिशन लेता है और ये तो जानते ही हैं भारत में जहा कम में मिलेंगे लोग वही जाते है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग में ज्यादा झंझट मारी भी नहीं होती है ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में. सब कुछ मिलाकर यही है की ऑनलाइन ट्रेडिंग का आनेवाला कल बहुत ही सुनहरा है.

ट्रेडिंग कैसे सीखेhow to learn trading

आपके लिए ट्रेडिंग सीखने का सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म यूट्यूब है यहां पर आप ट्रेडिंग से संबंधित काफी कुछ सीख सकते हैं उसके बाद आप एक अच्छे गुरु की सहायता से ट्रेडिंग को और ज्यादा अच्छे से सीख सकते हैं

आपको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मैं कई सारे लोग कोर्स भी भेजते हैं लेकिन आपको इनसे बचना है इनके अलावा आपको एक ऐसे गुरु की तलाश करनी है जो आपको अच्छे से ऑनलाइन या ऑफलाइन ट्रेडिंग के बारे में बहुत कुछ सिखा सके लेकिन आप बेसिक लर्निंग यूट्यूब से भी सीख सकते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या हैwhat is trading account

जिस तरह से बैंक में अपने बचत खाते को चालू रखने के लिए उसमें थोड़ा बहुत पैसा रखना अनिवार्य होता है वैसे ही आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए उसमें ट्रेड करना जरूरी होता है ट्रेडिंग अकाउंट आपका डिमैट अकाउंट के साथ में ही खुलता है जहां पर आप ट्रेड करते है जब आप डीमैट खाते के साथ ट्रेडिंग अकाउंट पर खोलते है

तो आपका ब्रोकर आपको मार्जिन की सुविधा देता है जिसका इस्तेमाल करके आप कम पैसों में भी ज्यादा पैसों की ट्रेडिंग कर सकते हो और इसमें जो फायदा होता है उसका कुछ हिस्सा फिर आपका ब्रोकर भी लेता है

शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां

बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.

Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.

अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.

ऑनलाइन ट्रेडिंग करते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिए

– यदि आप ट्रेडिंग की दुनिया में नए है तो पहला कदम खुद को शिक्षित करने का होना चाहिए. ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए निवेश शुरू ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? करने का निर्णय लेने से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है. इसके साथ जुडे लोगों से बात करें और प्लस एवं माइनस पॉइन्ट्स को समजने की कोशिश करे.
– अपने ट्रेडिंग अकाउंट को हैकिंग के खतरे से बचाने के लिए नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहे औऱ आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए दोहरे प्रमाणीकरण पर जोर देना चाहिए.
– सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता एक निर्बाध श्रृंखला में जुड़ा हुआ है. ऐसा करने से बैंक खाते और डीमैट खाते में डेबिट और क्रेडिट सहजता से होता रहेगा.
– अपने डीमैट खाते से ओटोमेटिक डेबिट के लिए पावर ऑफ एटर्नी करवा ले. इस तरह, आपको हर बार अपने डीमैट खाते से शेयर बेचने पर डेबिट निर्देश पर्ची (DIS) जमा करने से छूटकारा मिलेगा.
– जब आपकी ट्रेड बुक अपडेट हो जाती है, तो इसे अपने इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट से दैनिक आधार पर क्रॉस चेक जरूर करें.
– अपने प्रोफिट स्टेटमेंट को ऑफलाइन ट्रेडिंग क्या है और ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? अपने खाता बही से भी जांचें औऱ सुनिश्चित करे कि आपके खाते से जितने भी शुल्क डेबिट किए गए हैं वो किस तरह के चार्जिस के तहत आते है.

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