अब क्या करें निवेशक?

क्या शेयर बाजार में निवेश बेहतर: क्या करें निवेशक
बढ़ती मंहगाई, बेरोज़गारी और कमजोर विकास अब क्या करें निवेशक? की दर के बीच बढ़ता शेयर बाजार सोचने पर मजबूर करता है कि क्या शेयर निवेश अभी भी बेहतर है. खासकर ऐसे वक्त जब वैश्विक स्थिति डांवाडोल है, बाजार मंदी का संकेत दे रहे हैं और विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. भारी उथल पुथल चारों तरफ व्याप्त है.
दूसरी तरफ भारतीय शेयर बाजार में देशी निवेशक भरपूर पैसा लगाते जा रहें हैं जिससे शेयर बाजार मजबूत दिख रहा है. जहां विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं और सुरक्षित जगह अमेरिका में पैसा लगा रहे हैं क्योंकि अमेरिका ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है.
बढ़ती ब्याज दरों के कारण अमेरिका में ज्यादा निवेश होना न केवल डालर को मजबूत कर रहा है अपितु पूरे विश्व में ब्याज दरों को बढ़ाने के संकेत दे रहा है.
दीर्घ काल में अमेरिका को ही इसका नुकसान भुगतना पड़ेगा तब डालर कमजोर भी होगा और अमेरिकन कंपनियों का प्राफिट भी कम होगा, लेकिन फिलहाल भारतीय शेयर बाजार की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती.
तो सरकार को क्या कदम उठाने होंगे और क्या निवेशक को शेयर बाजार में बने रहना चाहिए कि बाहर हो जाना चाहिए? इसके लिए सबसे पहले इन तथ्यात्मक बिन्दुओं पर ध्यान देना होगा:
१. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने इस महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से करीब 6,000 करोड़ रुपए की निकासी की है.
२. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आ रही गिरावट से इस निकासी को बल मिला है.
३. इसके साथ ही FPI ने वर्ष 2022 में अब तक कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर ली है.
४. एफपीआई की गतिविधियों के उतार-चढ़ाव से भरपूर रहने की ही स्थिति दिख रही है.
५. डिपॉजिटरी अब क्या करें निवेशक? आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक 5,992 करोड़ रुपये की निकासी भारतीय बाजार से कर ली है. इस हिसाब से पिछले कुछ दिनों में उनकी निकासी की मात्रा में थोड़ी गिरावट आई है.
६. जियो-पॉलिटिकल रिस्क बने रहने, मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि की उम्मीद से एफपीआई की निकासी का सिलसिला जारी रह सकता है.
७. एफपीआई के निकट अवधि में ज्यादा बिक्री करने की संभावना नहीं है लेकिन डॉलर में कमजोरी आने के बाद ही वे खरीदार की स्थिति में लौटेंगे.
८. इस तरह एफपीआई का रुख अमेरिकी मुद्रास्फीति के रुझान और फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नजरिये पर निर्भर करेगा.
९. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है.
१०. अगर एफपीआई पहले बेचे गए शेयर को ही आज के समय में खरीदना चाहेंगे तो उन्हें उसकी बढ़ी हुई कीमत चुकानी होगी.
यह अहसास नकारात्मक माहौल में भी एफपीआई की बिकवाली को रोकने का काम कर रहा है.
११. सितंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से करीब 7,600 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
१२. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख से एफपीआई के बीच बिकवाली का जोर रहा था.
१३. भारत से संबंधित किसी जोखिम के बजाय डॉलर को मिल रही मजबूती विदेशी निवेशकों की इस निकासी की मुख्य वजह रही है.
१४. बीते सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपया 83 रुपये से भी नीचे पहुंच गया जो कि इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है.
१५. एफपीआई ने खास तौर पर वित्त, एफएमसीजी और आईटी क्षेत्रों में बिकवाली की है.
१६. इक्विटी बाजारों के अलावा विदेशी निवेशकों ने ऋण बाजार से भी अक्बूटर में 1,950 करोड़ रुपये की निकासी की है.
उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि सरकार को शेयर बाजार और रूपए की मजबूती के लिए ये कदम उठाने होंगे:
१. ब्याज दरें बढ़ाने की बजाय औद्योगिक और कृषि उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा.
२. डालर पर निर्भरता को कम करने पर जोर देना होगा और इंतजार करना होगा डालर में कमजोरी आने का.
३. सोने के आयात को कम करना होगा.
४. विदेशी निवेशकों को यह समझाने की कोशिश करनी होगी कि वैश्विक दृष्टिकोण से भारत में निवेश बेहतर और सुरक्षित है और इसके लिए धार्मिक उन्माद पर फोकस न करके मजबूत आर्थिक नीतियों पर ध्यान देना होगा.
५. शेयर बाजार में पैसे उगाही की परमीशन सिर्फ और सिर्फ अच्छी असेट बेस एवं लाभ कमाने वाली कंपनियों को दिया जाना चाहिए.
६. कर ढांचे में तर्कसंगतता और सरलीकरण लाने पर जोर देना होगा.
७. आधारभूत संरचना पर खर्च समय पर पूरे हो, इस तथ्य पर ध्यान देते हुए निवेश आकर्षित करना होगा.
८. जिनपिंग के फिर चुने जाने के बाद जरूरी हो गया है कि हम अपनी विदेश नीति में परिवर्तन लाए ताकि अपने पड़ोसियों से कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों में सुधार आए.
९. नई टेक्नोलॉजी के उपयोग से आयातित वस्तुओं पर निर्भरता कम करते हुए काले धन को अर्थव्यवस्था में नियंत्रित करना होगा.
१०. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगा और सरकारी खर्च पर लगाम कसनी होगी.
इसी तरह निवेशक भी फिलहाल शेयर बाजार में सतर्कता से निवेश करें जबतक वैश्विक हालात में कुछ निर्णायक समझौते नहीं हो जाते, खासकर भविष्य में चीन की ताइवान के प्रति क्या नीति होती है और रूस युक्रेन युद्ध रुकने के आसार पैदा होते है कि नहीं. साथ ही सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों के प्रति कितनी संवेदनशीलता दिखाई जाती है, उस पर भी शेयर बाजार में पैसे की सुरक्षा निर्भर होगी.
दूसरी बात भारत का हाउसिंग मार्केट वर्तमान में अहम स्टेज में खड़ा है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक के भविष्य में रेपो रेट में बढ़ोतरी के चलते ब्याज दरें 2019 के लेवल से भी ऊपर जा सकती हैं. आरबीआई और नेशनल हाउसिंग बैंक के पास उपलब्ध डेटा के अनुसार भारत में प्रॉपर्टी की एवरेज वैल्यू भी 2023 में तेजी से बढ़ने अब क्या करें निवेशक? की संभावना है.
नतीजतन, अगर आप अब तक अपने सपनों का घर खरीदने के प्लान को स्थगित कर रहे हैं अब क्या करें निवेशक? तो यह फेस्टिव सीजन आपके लिए सही समय हो सकता है.
मतलब साफ़ है कि फिलहाल पैसा सुरक्षित हो, भले ही आमदनी कुछ कम हो – इस सिद्धांत पर अगले एक वर्ष तक चलना होगा और साथ ही सरकार को भी अपने खर्चे पर नियंत्रण करना होगा. जरुरत से ज्यादा उधारी और पैसे बांटने से बचना होगा लेकिन आने वाले समय में होने वाले चुनाव के मद्देनजर ऐसा कुछ हो पाना संभव प्रतीत नहीं होता दिखता और इसीलिए निवेशक शेयर बाजार के बजाय सरकार द्वारा रजिस्टर्ड प्रतिभुतियों में निवेश करें और रियल एस्टेट में लगाए तो ही बेहतर है.
Paytm के शेयर में बड़ी गिरावट, 500 के नीचे पहुंचा स्टॉक, निवेशक हुए कंगाल!
Paytm की मूल कंपनी One-97 Communication के शेयरों के बुरे दिन शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद से ही शुरू हो गए थे. शेयर बाजार में लिस्ट होने के पहले दिन कारोबार के अंत तक इसमें 27 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी. इसके बाद से ही गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 22 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 22 नवंबर 2022, 6:18 PM IST)
जोरदार कमाई की आस में डिजिटल पेमेंट सेवा प्रदान करने वाली देश की दिग्गज कंपनी पेटीएम (Paytm) में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स के बुरे दिन खत्म होते नहीं दिख रहे हैं. देश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर उतरने वाली पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के शेयरों में लिस्टिंग के दिन से शुरू हुई गिरावट कब थमेगी कहना मुश्किल है. मंगलवार को एक बार फिर पेटीएम के शेयरों ने गोता लगाया और 8 फीसदी तक गिर गए.
500 के नीचे आया शेयर का भाव
सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजर की सपाट शुरुआत हुई. इस बीच Paytm के शेयरों में शुरू से ही गिरावट दिखने लगी. सुबह 10.30 बजे तक कंपनी के शेयर 7.86 फीसदी या 42.20 रुपये फिसलकर 500 रुपये से लेवल के नीचे आ गए. शुरुआती कारोबार के दौरान पेटीएम के शेयर एक समय 486 रुपये के स्तर पर पहुंच गए थे. दोपहर 12.15 बजे तक पेटीएम के शेयर 9.08 फीसदी तक टूट चुके थे और 488.25 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
बीते हफ्ते भी धराशायी हुआ था शेयर
इससे पिछले हफ्ते ब्लॉक डील (Block Deal) की खबर आने के बाद भी Paytm की मूल कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशन के शेयरों को बेचने की होड़ सी लग गई है. जापानी सॉप्टबैंक ग्रुप द्वारा कंपनी के 2 करोड़ 90 लाख शेयरों की बिक्री करीब 1750 करोड़ रुपये में करने की तैयारी की खबर आते ही शेयर बाजार (Stock Market) में पेटीएम के शेयर भरभराकर अब क्या करें निवेशक? 9.32 फीसदी तक टूट गए थे और 545.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गए थे.
तेजी से क्यों अब क्या करें निवेशक? गिरे Nykaa के शेयर, अब क्या करें निवेशक?
News18 हिंदी 29-10-2022 News18 Hindi
मुंबई. Nykaa के शेयर आज पहली बार 1,000 रुपये से नीचे चले गए है. शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में इस स्टॉक में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. एनएसई पर यह स्टॉक टूटकर 983.55 रुपये के स्तर पर बंद हुआ. पिछले कुछ दिनों से स्टॉक में भारी बिकवाली हुई, जिससे इसका भाव लगातार नीचे जा रहा है.
Nykaa का प्री -आईपीओ इन्वेस्टर का लॉक इन पीरियड 10 नवंबर को खत्म होने वाला है. मनी कंट्रोल की खबर के अनुसार, जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि Nykaa के करीब 67 फीसदी या 31.9 करोड़ शेयर लॉक इन एक्सपायरी के दिन खुलेंगे. कई बड़े निवेशक 10 नवंबर को लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद अपने शेयर बेच सकेंगे.
बड़े निवेशकों की बिकवाली से टूटा स्टॉक
दरअसल Nykaa के 12 फीसदी से ज्यादा शेयर होल्डर्स 100 गुना रिटर्न पर बैठे हैं. इसलिए कुछ मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि ऐसे निवेशक नायका में अपनी पोजिशन कुछ हल्की करने के लिए बिकवाली कर सकते हैं ताकि पोर्टफोलियो को डायवर्सीफाई किया जा सके. वहीं, विदेशी निवेशक शेयर में पहले से इस शेयर को बेच रहे हैं.
हालांकि, ज्यादातर एनालिस्ट का मानना है कि नायका में हुई यह बिकवाली अचानक हुई है लेकिन कंपनी की लॉन्ग टर्म स्टोरी मजबूती है. आगे चलकर यह स्टॉक शानदार रिटर्न देगा. वे लोग जिनके पास पहले से नायका के शेयर हैं वे और स्टॉक को खरीदकर प्राइस एवरेज कर सकते हैं. वहीं, नये निवेशकों को भी इस स्टॉक में खरीदी शुरू कर देनी चाहिए.
ब्रोकरेज हाउस ने दिए बड़े टारगेट
नोमुरा के एनालिस्ट कपिल सिंह का कहना है कि Nykaa में आगे बेहतर ग्रोथ की संभावनाएं दिख रही है. ब्रोकरेज हाउस ने लंबी अवधि के लिए Nykaa के शेयर में 1365 रुपये का लक्ष्य दिया है. मौजूदा भाव से इस शेयर में 40 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है.
वहीं, ब्रोकरेज हाउस जेएम फाइनेंशियल ने Buy रेटिंग के साथ इस स्टॉक पर 1,780 रुपये का लक्ष्य अब क्या करें निवेशक? दिया है. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि यह टारगेट अगले साल सितंबर तक हासिल हो जाएगा. शॉर्ट टर्म में आने वाली किसी भी गिरावट में इस स्टॉक को लंबी अवधि के नजरिए के साथ खरीदा जाना चाहिए.
अब क्या करें निवेशक?
Nippon Life India Share News: Stock में Pressure नजर आ रहा है, ऐसे में निवेशक क्या करें? देखें वीडियो और जानें Expert से।
#nipponlifeindia #nipponindia #nippon #cnbcawaazlive #aajkatajakhabar #businessnewslive #stockmarketlive #sharemarketlive
cnbc awaaz live,cnbc awaaz live streaming,cnbc awaaz live hindi,cnbc awaaz,live cnbc awaaz,cnbc,cnbc live,stock market cnbc awaaz,final trade cnbc awwaz live,final trade cnbc bazaar,cnbc awaaz stock pick,cnbc final trade,cnbc awaaz share market,cnbc awaaz intraday picks,cnbc final trade live,cnbc awaaz budget 2022 live,stock market cnbc awaaz, cnbc awaaz live,cnbc,share bazaar live,n18oc_business
CNBC Awaaz अब क्या करें निवेशक? is one of India’s top business channels and a leader in business news and information for the last ten years. Our channel aims to educate, inform and inspire consumers to go beyond limitations, with practical tips on personal finance, investing, technology, consumer goods and capital markets. Policymakers and business owners alike have grown to trust CNBC Awaaz as the most reliable source with its eye on India’s business climate. Our programming gives consumers a platform to make decisions with confidence.