एक प्रतिभूति खाता क्या है?

एक प्रतिभूति खाता क्या है?
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ई-फाइलिंग वॉल्ट उच्च सुरक्षा - पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट क्या है?
ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के लिए दूसरे कारक प्रमाणीकरण के साथ अपने ई-फ़ाइलिंग खातों पर उच्चतर प्रतिभूति को सक्षम करने के लिए उपलब्ध है। ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट का उपयोग आपके ई-फ़ाइलिंग खाते में लॉग इन करने और/या पासवर्ड रीसेट करने के लिए किया जा सकता है। हालाँकि ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा का उपयोग करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे अपने ई-फ़ाइलिंग खाते को सुरक्षित करने के लिए उपयोग करने की सिफारिश की जाती है।
2. द्वितीय-कारक एक प्रतिभूति खाता क्या है? प्रमाणीकरण क्या है?
द्वितीय-कारक प्रमाणीकरण आपके ई-फ़ाइलिंग खाते में उच्च स्तर की सुरक्षा को सक्षम करने के लिए एक कार्यविधि है। यह ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर पंजीकृत उपयोगकर्ता आई.डी. और पासवर्ड को मान्य करने के अलावा प्रतिभूति का एक और स्तर सुनिश्चित करता है। जब भी आप लॉग इन करने का प्रयास एक प्रतिभूति खाता क्या है? करेंगे तो ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा का उपयोग करते हुए, आप डिफ़ॉल्ट रूप से दिखाई देने वाले लॉग इन विकल्प को चुन सकते हैं।
3. मैं अपने ई-फ़ाइलिंग खाते के लिए उच्चतर प्रतिभूति कैसे सक्षम कर सकता हूँ?
आप द्वितीय-कारक प्रमाणीकरण के रूप में उच्च सुरक्षा को निम्न तरीकों में से एक के द्वारा सक्षम कर सकते हैं:
- नेट बैंकिंग
- डिजिटल सुरक्षा प्रमाणपत्र (डी.एस.सी.)
- आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी.
- बैंक खाता ई.वी.सी.
- डीमैट खाता ई.वी.सी.
4. क्या मैं अपने ई-फ़ाइलिंग खाते पर उच्च स्तरीय सुरक्षा सक्षम कर सकता हूँ?
यदि आप एक प्रतिभूति खाता क्या है? ई-फ़ाइलिंग पोर्टल के पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, तो आप ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सुविधा का उपयोग करके अपने ई-फ़ाइलिंग खाते पर उच्च स्तरीय सुरक्षा को सक्षम कर सकते हैं।
5. यदि मैं उच्चतर प्रतिभूति विकल्पों में से कोई भी विकल्प नहीं चुनता तो मैं कैसे लॉग इन कर सकता हूँ?
यदि आप उच्चतर प्रतिभूति के लिए एक प्रतिभूति खाता क्या है? कोई विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो आप व्यतिक्रम उपयोगकर्ता आई.डी. और पासवर्ड तथा विभिन्न लॉग इन विधियों में से एक का उपयोग करके लॉग इन कर सकते हैं। अधिक जानने के लिए लॉगइन हेतु उपयोगकर्ता निर्देश पुस्तिका देखें।
6. यदि मैं ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट पासवर्ड रीसेट विकल्प में से किसी भी विकल्प का चयन नहीं करता हूँ, तो मैं अपना पासवर्ड कैसे रीसेट करूँ?
यदि आप ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट पासवर्ड रीसेट विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो आप ई-फ़ाइलिंग ओ.टी.पी. का उपयोग करके व्यतिक्रम विकल्प का उपयोग करके पासवर्ड रीसेट कर सकते हैं।अधिक जानने के लिए पासवर्ड भूल गए हेतु उपयोगकर्ता निर्देश पुस्तिका देखें।
7. क्या मैं ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट के लिए सुरक्षा के एक से अधिक तरीकों का उपयोग कर सकता हूँ?
जबकि लॉग इन और पासवर्ड रीसेट के लिए आपके द्वारा कई उच्चतर गुणक प्रतिभूति विधियों को चुना जा सकता है, आपको ई-फ़ाइलिंग पोर्टल में वास्तव में लॉग इन करते समय या अपना पासवर्ड रीसेट करते समय चुने गए विकल्पों में से एक को चुनना होगा।
8. नए ई-फ़ाइलिंग पोर्टल में, क्या मुझे अपने उच्चतर प्रतिभूति विकल्पों को फिर से चुनना होगा या यह वही है जो पुराने पोर्टल में मौजूद था?
आपको नए पोर्टल में फिर से उच्चतर प्रतिभूति विकल्प चुनना होगा क्योंकि तकनीकी कारणों से वही सूचना माइग्रेट नहीं की जाती है। यदि आप उच्चतर प्रतिभूति विकल्प के रूप में डी.एस.सी. को चुनना चाहते हैं, तो आपको पहले नए ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर डी.एस.सी. को पंजीकृत करना होगा।
आरबीआई: सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा निवेशकों को निवेश की सुविधा, अच्छे रिटर्न के लिए इस स्कीम में खुलें खाता
फरवरी में रिजर्व बैंक के गवर्ननर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की घोषणा करते समय जानकारी दी थी कि अब खुदरा निवेशक 'रिटेल डायरेक्ट' के जरिए सीधे सरकारी बॉन्ड खरीद पाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 'आरबीआई रिटेल डायरेक्ट' योजना की घोषणा की। इसके जरिए व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में एक स्थान से निवेश की सुविधा मिलेगी। रिजर्व बैंक के साथ 'रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता' खोलने और उसके प्रबंधन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, भुगतान गेटवे के लिए पंजीकृत निवेशकों को शुल्क देना होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी बढ़ाने के प्रयास के तहत फरवरी 2021 को 'द आरबीआई रिटेल डायरेक्ट सुविधा' की घोषणा की थी। इसका मकसद खुदरा निवेशकों की ऑनलाइन पहुंच के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों तक पहुंच में सुधार करना है। इसमें प्राथमिक और द्वितीयक बाजार दोनों शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें रिजर्व बैंक के पास गिल्ट प्रतिभूति खाता (रिटेल डायरेक्ट) खोलने की भी सुविधा दी जाएगी।
रिजर्व बैंक के पास आरडीजी खाता खोल सकते हैं खुदरा निवेशक
केंद्रीय बैंक ने कहा कि खुदरा निवेशक रिजर्व बैंक के पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता (आरडीजी खाता) खोल सकते हैं। यह खाता इस योजना के लिए उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए खोला जा सकता है।
एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा ऑनलाइल पोर्टल
यह ऑनलाइल पोर्टल पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं को सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के अलावा एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा। एनडीएस-ओएम से आशय द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर के मिलान की प्रणाली से है।
इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि, भारतीय रिजर्व बैंक रिटेल डायरेक्ट की योजना को व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में तैयार किया गया है।
गवर्ननर शक्तिकांत दास ने की थी घोषणा
फरवरी में रिजर्व बैंक के गवर्ननर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की घोषणा करते समय इसकी जानकारी दी थी कि अब खुदरा निवेशक 'रिटेल डायरेक्ट' के जरिए सीधे सरकारी बॉन्ड खरीद पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए निवेशक अपना अकाउंट खुलवा पाएंगे एवं प्राइमरी और सेकेंडरी जी-सिक्युरिटीज मार्केट में हिस्सा ले पाएंगे।
पहले क्या था नियम?
मालूम हो कि देश में राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की सिक्योरिटीज होती है। यह एक तरह का बॉन्ड होता है, जिसमें एक निश्चित ब्याज मिलता है। अभी तक रिटेल निवेशक सीधे इसमें निवेश नहीं कर सकते थे। बल्कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड के गिल्ट फंड में पैसा लगाना होता था और म्यूचुअल फंड की वह स्कीम सरकार की सिक्योरिटीज में निवेश करती थी। लेकिन अब खुदरा निवेशक सीधे इसमें निवेश कर सकते हैं।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 'आरबीआई रिटेल डायरेक्ट' योजना की घोषणा की। इसके जरिए व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में एक स्थान से निवेश की सुविधा मिलेगी। रिजर्व बैंक के साथ 'रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता' खोलने और उसके प्रबंधन के लिए कोई शुल्क नहीं एक प्रतिभूति खाता क्या है? लिया जाएगा। हालांकि, भुगतान गेटवे के लिए पंजीकृत निवेशकों को शुल्क देना होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी बढ़ाने के प्रयास के तहत फरवरी 2021 को 'द आरबीआई एक प्रतिभूति खाता क्या है? रिटेल डायरेक्ट सुविधा' की घोषणा की थी। इसका मकसद खुदरा निवेशकों की ऑनलाइन पहुंच के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों तक पहुंच में सुधार करना है। इसमें प्राथमिक और द्वितीयक बाजार दोनों शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें रिजर्व बैंक के पास गिल्ट प्रतिभूति खाता (रिटेल डायरेक्ट) खोलने की भी सुविधा दी जाएगी।
रिजर्व बैंक के पास आरडीजी खाता खोल सकते हैं खुदरा निवेशक
केंद्रीय बैंक ने कहा कि खुदरा निवेशक रिजर्व बैंक के पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता (आरडीजी खाता) खोल सकते हैं। यह खाता इस योजना के लिए उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए खोला जा सकता है।
एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा ऑनलाइल पोर्टल
यह ऑनलाइल पोर्टल पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं को सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के अलावा एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा। एनडीएस-ओएम से आशय द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर के मिलान की प्रणाली से है।
इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि, भारतीय रिजर्व बैंक रिटेल डायरेक्ट की योजना को व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में तैयार किया गया है।
गवर्ननर शक्तिकांत दास ने की थी घोषणा
फरवरी में रिजर्व बैंक के गवर्ननर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की घोषणा करते समय इसकी जानकारी दी थी कि अब खुदरा निवेशक 'रिटेल डायरेक्ट' के जरिए सीधे सरकारी बॉन्ड खरीद पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए निवेशक अपना अकाउंट खुलवा पाएंगे एवं प्राइमरी और सेकेंडरी जी-सिक्युरिटीज मार्केट में हिस्सा ले पाएंगे।
पहले क्या था नियम?
मालूम हो कि देश में राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की सिक्योरिटीज होती है। यह एक तरह का बॉन्ड होता है, जिसमें एक निश्चित ब्याज मिलता है। अभी तक रिटेल निवेशक सीधे इसमें निवेश नहीं कर सकते थे। बल्कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड के गिल्ट फंड में पैसा लगाना होता था और म्यूचुअल फंड की वह स्कीम सरकार की सिक्योरिटीज में निवेश करती थी। लेकिन अब खुदरा निवेशक सीधे इसमें निवेश कर सकते हैं।
Stock Trading Settlement Rule : आज से लागू हो रहा है नया खाता निपटान नियम, यहां जानिए क्या किया गया है बदलाव?
Stock Trading Settlement Rule : आज से नया खाता निपटान नियम लागू हो रहा है. सेबी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाजारों के विकास को बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए परिपत्र जारी किया गया है.
Published: October 7, 2022 2:53 PM IST
Stock Trading Settlement : आज से, महीने के प्रत्येक पहले शुक्रवार से, सभी ब्रोकरेज हाउसेज को नई खाता निपटान प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अप्रयुक्त धन को ग्राहक के बैंक खाते में वापस स्थानांतरित करना होगा. नए मानदंडों के तहत, ग्राहक की पसंद के अनुसार प्रत्येक एक प्रतिभूति खाता क्या है? महीने या तिमाही के पहले शुक्रवार को खाता निपटान किया जाना है.
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इसका मतलब है कि दलालों के पास पड़े अप्रयुक्त धन को दिन के अंत दायित्वों पर विचार करने के बाद ग्राहक के खाते में वापस स्थानांतरित करना होगा. इस प्रकार, सभी ग्राहकों के लिए फंड के चालू खाते का निपटान अक्टूबर 2022 के पहले शुक्रवार, जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023, और इसी तरह किया जाएगा. यदि पहले शुक्रवार को व्यापारिक अवकाश है, तो ऐसा निपटान पिछले कारोबारी दिन पर होगा.
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट किया गया है कि धन और प्रतिभूतियों का वास्तविक निपटान ग्राहक के आदेश के आधार पर सदस्य द्वारा किया जाएगा और अधिकतम 90/30 दिनों का अंतराल होना चाहिए (के अनुसार) चालू खाते के दो बंदोबस्तों के बीच ग्राहक की पसंद अर्थात तिमाही/मासिक).
सेबी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाजारों के विकास को बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए परिपत्र जारी किया गया है.
अधिकांश देशों में, ब्रोकर्स, बैंकों की तरह, अप्रयुक्त धन को हमेशा के लिए रख सकते हैं और उनका उपयोग कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं के लिए भी कर सकते हैं. भारत में, सभी नियामक परिवर्तनों के बाद क्लाइंट फंड का उपयोग केवल उस ग्राहक के ट्रेडों के लिए किया जा सकता है.
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सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने के लिए RBI में ऐसे खोलें RDG अकाउंट, यहां पढ़ें पूरी डीटेल्स
RBI की इस योजना के तहत एक निवेशक, एक सिक्योरिटी के लिए सिर्फ एक बोली ही लगा सकता है. बोली की पेमेंट आपके बचत खाते या यूपीआई से काटी जाएगी. खाते से जुड़ा किसी भी तरह का रीफंड भी उसी खाते में भेजा जाएगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया
Updated on: Nov 13, 2021 | 10:11 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों को भागीदारी एक प्रतिभूति खाता क्या है? का अवसर देने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक की दो उपभोक्ता-केंद्रित योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला एक प्रतिभूति खाता क्या है? सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘खुदरा प्रत्यक्ष योजना से छोटे निवेशकों की पहुंच बढ़ेगी और वे प्रतिभूतियों में निवेश कर निश्चित प्रतिफल प्राप्त कर सकेंगे. इससे सरकार को भी राष्ट्र निर्माण के लिए कोष उपलब्ध होगा. देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है.’’
आम आदमी के लिए भी खुलेंगे निवेश के रास्ते
मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल के दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पहचान पारदर्शी तरीके से हो रही है और समाधान और वसूली (रिकवरी) पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने उपभोक्ता केंद्रित इन योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे लोगों के लिए निवेश के रास्ते खुलेंगे और पूंजी बाजार तक उनकी पहुंच आसान और सुरक्षित हो सकेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है. इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल जायेगा.
इस योजना के तहत निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रखरखाव कर सकते हैं. यह सेवा नि:शुल्क होगी. इस योजना की शुरुआत के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में आ गया है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध है.
RBI में कैसे खुलेगा खाता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत रीटेल निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने का मौका रहेगा. इसके लिए निवेशकों को RDG (Retail Direct Gilt) खाता खुलवाना होगा. आरडीजी खाता खुलवाने के लिए निवेशक के पास कुछ महत्वपूर्ण चीजों की जरूरत होगी, जिसका विवरण इस प्रकार है.
1. किसी भी बैंक में बचत खाता 2. पैन कार्ड 3. KYC के लिए आधार कार्ड, मतदाता कार्ड आदि में से कुछ एक 4. ईमेल आईडी 5. मोबाइल नंबर
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
RBI के पास आरडीजी खाता खोलने के लिए निवेशक को https://rbiretaildirect.org.in पर जाना होगा. वेबसाइट पर आने के बाद ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. रजिस्ट्रेशन होने के बाद दर्ज किए गए ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे फीड करने के बाद आपका RDG अकाउंट खुल जाएगा. अकाउंट एक्सेस से जुड़ी सभी जानकारी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर SMS के जरिए भेज दी जाएगी.
RDG अकाउंट के लिए नॉमिनी की भी सुविधा
RBI में RDG अकाउंट खोलने वाले निवेशक इसे निजी या संयुक्त रूप में खोल सकते हैं. इस खाते के लिए अधिकतम दो नॉमिनी बनाए जा सकते हैं. खाता धारक की मृत्यु होने पर अकाउंट में मौजूद सिक्योरिटी को दूसरे RDG खाते में ट्रांसफर किया जा सकेगा. इसके अलावा खाते एक प्रतिभूति खाता क्या है? में मौजूद सिक्योरिटी को गिफ्त के तौर पर भी ट्रांसफर किया जा सकता है.
RDG अकाउंट खोलने पर कितनी लगेगी फीस
आरबीआई के मुताबिक आरडीजी खाता खोलना और प्राइमरी मार्केट में बोली लगाना पूरी तरह से निशुल्क होगा. हालांकि, निवेशकों को पेमेंट गेटवे चार्ज का भुगतान करना होगा.
क्या होंगे नियम
RBI की इस योजना के तहत एक निवेशक, एक सिक्योरिटी के लिए सिर्फ एक बोली ही लगा सकता है. बोली की पेमेंट आपके बचत खाते या यूपीआई से काटी जाएगी. खाते से जुड़ा किसी भी तरह का रीफंड भी उसी खाते में भेजा जाएगा. सेटलमेंट होने के बाद अलॉट की गई सिक्योरिटी आपके RDG खाते में आ जाएगी. इस योजना के तहत सेकंडरी मार्केट लेनदेन के लिए RBI के पोर्टल पर सिक्योरिटी खरीदी या बेची जा सकेगी.
निवेशक को कौन-से विकल्प मिलेंगे
खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत कोई भी निवेशक केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की सिक्योरिटी जैसे- ट्रेजरी बिल और डेट सिक्योरिटी में निवेश कर सकेंगे. आरबीआई के मुताबिक एक प्रतिभूति खाता क्या है? ट्रेजरी बिल 91, 182 या 364 दिनों के लिए जारी होंगे जबकि डेट सिक्योरिटी न्यूनतम 5 साल से अधिकतम 40 साल तक के लिए जारी किए जाएंगे.