दलाल कैसे बने

स्टॉक ब्रोकर नौकरी| सैलरी| 2022| Stock Broker Kya Hota Hai
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है – stock broker kya hota hai, शेयर मार्केट में ब्रोकर का क्या काम होता है?
दोस्तों, इस लेख में हम शेयर मार्किट में उपयोग होने बाले ब्रोकर (broker) के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे. क्योकि बिना ब्रोकर के शेयर को खरीद या बेच नहीं सकते है. इस समय सभी लोग share market की तरफ आना चाहते है और काफी लोग निवेश भी कर चुके है. जब से इन्टरनेट का दौर आया है तब से ज्यादातर कार्य ऑनलाइन होने लगे है.
पहले के लोग सिटी में ही निवेश करते थे लेकिन अब गाँव के लोग भी निवेश करने लगे है यह सिर्फ इन्टरनेट के करण संभव हुआ है. इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए बेसिक जानकारी पता होना चाहिए जिससे आगे आपको कोई समस्या ना हो.
Stock broker kya hota hai के बारे मे अच्छे से समझाने की कोशिश करेंगे ताकि आपको एक बेसिक ज्ञान मिलते रहे। तो चलिए मे आपको step by step जानकारी इस पोस्ट के जरिये बता रहे है.
जैसा की आपको पता है की डायरेक्ट शेयर मार्किट में जाकर किसी कंपनी के शेयर नहीं खरीद सकते है उसके लिए एक कंपनी या ऐसा रास्ता चाहिए जो मार्केट में जाकर आपके आर्डर को पहुचाएं, उसको हम stock broker कहते है. ब्रोकर हमारे आर्डर को stock exchange NSE या BSE में पहुचाते है और ये ब्रोकर कंपनिया कुछ फीस लेती है जिनको हम ब्रोकरेज या दलाली कहते है. ब्रोकर अपनी फीस को लेकर हमारे आर्डर को मार्किट में प्लेस करते है जिसको stock broker कहते है.
स्टॉक ब्रोकर किस तरह से काम करता है (Stock Broker Kya Hota Hai)
शेयर मार्किट में शेयर को sell और buy के लिए stock broker में ट्रेडिंग account बनाना होता है. इसके जरिये ही हम मार्किट मे आप आर्डर लगाते है की हमें किस शेयर को किस समय ख़रीदे और कब बेचे, कितनी क्वांटिटी ख़रीदे. ये कुछ ही सेकंड में अपने आर्डर को मार्किट दलाल कैसे बने में पंहुचा देते है.Stock broker kya hota hai
इसका प्रोसेस कुछ इस तरह है –
मान लीजिये की आपने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से TCS कंपनी के 20 शेयर खरीदने का आर्डर दिया अब आर्डर को प्लेस करते ही stock ब्रोकर आपके आर्डर को शेयर मार्किट में ले जायगा. और जो व्यक्ति TCS कंपनी के शेयर को बेचने के लिए खोज रहा होगा. इस प्रोसेस में आप शेयर को खरीद रह है और वो व्यक्ति शेयर को बेच रहा है. ये मैचिंग आर्डर हुआ जिसमे वह आपके आर्डर को आप तक पंहुचा देगा ये काम stock broker करते है.
Stock broker कितने प्रकार के होते है?
स्टॉक ब्रोकर 2 प्रकार के होते है-
1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)
2.डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker)
1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)-
ये ब्रोकर फुल सर्विस प्रोवाइड करते है लेकिन इसमें sell और buy की सुविधा नहीं मिलती है. इसमें कई अन्य सर्विस प्रोवाइड होती है जैसे कौनसा शेयर खरीदना है, कितने शेयर खरीदना है, और उसे कब बेचना है ये सभी जानकारी Full-Service Broker में मिलती है.
यदि जब भी आप कोई stock खरीद रह है और पैसे कम है तो ऐसे में आपको margin money की सुविधा मिलती है. यदि आप “इनिशियल पब्लिक ओफ्फेरिंग” के जरिये शेयर को खरीद रह है तो आप फ़ोन से कॉल करके या इन्टरनेट एप्लीकेशन की मदद से अपने दिय गय आर्डर को प्लेस कर सकते है. इस ब्रोकर में आपको पोर्टफोलियो मैनेज की सुविधा मिलती है.
2. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker)-
ट्रेडर इस ब्रोकर के नाम से ही पता चल रहा है की ये Discount Stock Broker है. यहाँ पर ब्रोकर की फीस कम होती है कम पैसो में आपको आर्डर को मार्किट में प्लेस किया जाता है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की तरफ से कोई भी सर्विस नहीं मिलेगी, आपको खुद ही खोज कर प्लेस करना होता है. इस ब्रोकर में आपको पोर्टफोलियो मैनेज की सुविधा नहीं मिलती है.
Top 10 Stock Brokers in India 2022
2 Angel Broking
3 India Infoline
4 Motilal Oswal
9 HDFC Security
लोगों दोवारा पूछे गय सवाल –
स्टॉक ब्रोकर की सैलरी कितनी होती है?
यदि आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी है तो आप अपने लिए खुद का ऑफिस खोल कर व्यापार शुरू कर सकते है. वही दूसरी तरफ आप किसी कंपनी में जॉब करते है तो आपको प्रतेक महीने सुरुआती में ₹25000 से लेकर ₹40000 तक सैलरी मिलेगी.
जिस तरह से आपको अनुभव होगा ठीक उसी तरह से सैलरी भी बढेगी. अच्छी योग्यता होने पर आपको महीने में 1 लाख सैलरी भी मिलने लगेगी. आप चाहे तो इसे side income के तौर पर कर सकते है.
स्टॉक मार्केट में नौकरी – Job in Stock Market
हम आपको ज्ञात कराते है की स्टॉक मार्किट में जॉब करने पर आपको क्या-क्या कार्य करने को मिलेंगे. स्टॉक मार्किट में सिक्योरिटी एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकर्स, सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव एवं कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव आदि. स्टॉक मार्किट में सभी लेखा-जोखा तथा रिसर्च सम्बंधित हिसाब करना होता है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के क्या फायदे है?
- ब्रोकर्स अपने अधिक मात्रा में ग्राहक होने पर ब्रोकरेज फीस ले सकता है.
- ग्राहक मैनेजमेंट और रिसर्च आदि की जिम्मेदारी sub broker को दे सकता है.
- जैसा की आपको पता है की स्टॉक मार्किट में अधिक पैसा है जिसमे आप स्टॉक ब्रोकर बने और सर्विस देकर अच्छी कमाई कर सकते है.
- जब आप स्टॉक ब्रोकर बन जायेंगे तो आपको शेयर मार्किट के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो जायगी. इसके माध्यम से आप शेयर मार्किट में पैसा इन्वेस्ट करके अच्छा पैसा कमा सकते है.
- इसके आलावा जो भी शेयर मार्किट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहता है उसे आप राये, सलाह और अच्छा मार्गदर्शन देकर उनसे फीस भी ले सकते है.
- इसके आलावा youtube पर अपना channel बना सकते है और शेयर मार्किट से सम्बंधित जो भी जानकरी आपको है वह youtube पर विडियो के माध्यम से अपलोड कर सकते है.
इन्हें भी पढ़े –
शेयर मार्केट में ब्रोकर बनने के लिए क्या करना होगा?
यदि आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो उसके लिए आपको financial market course करना होगा. इसके साथ में आपको economics, statistics, commerce, accountancy या Business Administrator इन सब्जेक्ट की ग्रेजुएशन या दलाल कैसे बने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ले सकते है यदि इसकी knowledge होगी तो काफी मदद मिलेगी.
यदि आपको course करना है तो National Stock Exchange का NCFM Course कर सकते है यह एक online certification program है. इस course को करने बाले को math या english होना बहुत जरुरी है. इसके तरह ही BSE institute भी online program प्रोवाइड करता है. स्टॉक ब्रोकिंग छेत्र रिस्क से भरा हुआ है. इसमें कम काम और अधिक समय का होता है बहुत अधिक प्रेशर भी होता है. Stock Broker Kya Hota Hai, स्टॉक ब्रोकर कैसे बने?
दलाल कितने प्रकार के होते हैं?
दलाल कई प्रकार के होते है-
ब्रोकर-डीलर
सीमा शुल्क दलाल
व्यापार दलाल
कार्गो ब्रोकर
ब्रोकरेज फ़र्म
ऑटो परिवहन दलाल
कमोडिटी ब्रोकर
सूचना दलाल
दलाल को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
दलाल किसे कहते है – दलाल (broker) वो होता है जो खरीदने बाले और बेचने बाले के बिच में सौदा कराने में मदद करता है जिसे हम english में broker कहते है.
स्टॉक ब्रोकर का मतलब क्या है?
काफी सारे लोगो को पता नहीं होगा की स्टॉक ब्रोकर का मतलब क्या है? दलाल (broker) दूसरे लोगों के बिच में ख़रीद-बिक्री का काम करता है जिसमे उसे कुछ मुनाफा मिलता है.
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर बन सकता हूं?
स्टोक ब्रोकर बनने के लिए 21 वर्ष की आयु होना जरुरी है. स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए 10th या 12th पास होना चाहिए. इसके लिए आपको Partner or Authorized Assistant or Authorized Clerk or Remisier or Handyman 2 बर्ष का अनुभव होना चाहिए.
इस शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर, जानिए उन्होनें कैसे तैयार किया था अपना पोर्टफोलियो?
शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न पाने की चाहत रखने वालों के लिए राकेश झुनझुनवाला हमेशा प्रेरणास्रोत रहे हैं। आइए जानते हैं कि उनके जैसा कमाई करने के लिए अपना पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें। उन्होनें कहां निवेश किया था?
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 14, 2022 16:20 IST
Photo:INDIA TV टाटा ग्रुप के शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर
भारतीय शेयर बाजार के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला हमेशा अपने पोर्टफोलियो के लिए जाने जाते थे। उनकी समझ और चालाकी ने उन्हें शून्य से शिखर तक लाकर पहुंचा दिया था। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल ने ₹5,000 के साथ शेयरों में निवेश करना शुरू किया था। फोर्ब्स के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति आज 5.8 बिलियन थी।
1985 में शुरू हुई थी बफेट की यात्रा
भारत के वॉरेन बफेट ने 1985 में शुरू की अपनी स्टॉक निवेश यात्रा में 5,000 रुपये से 5.8 बिलियन डॉलर तक का सफर तय किया था। हालांकि, जो लोग वैल्यू पिक्स के लिए बिग बुल की प्रोफाइल को स्कैन करते हैं, उनके लिए बता दें कि राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर हमेशा पसंदीदा शेयरों में से एक रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा मुनाफा टाटा समूह के स्टॉक से आया था और इसलिए 1985 में टाटा समूह के लिए उनका विश्वास समय बीतने के साथ और मजबूत होता गया।
बिग बुल का पहला बड़ा मुनाफा
राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा लाभ 1986 में टाटा टी के शेयरों से आया था। उस समय उन्होंने ने टाटा टी के 5000 शेयर ₹43 प्रति शेयर के भुगतान पर खरीदे। टाटा टी खरीदने के केवल तीन महीनों में शेयर की कीमत 43 रुपये से बढ़कर लगभग 143 रुपये प्रति शेयर हो गई। अगले तीन वर्षों में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा टी के शेयरों से लगभग 25 लाख रुपये कमाए, जो शेयर बाजार से उनका पहला सबसे बड़ा लाभ था।
राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर
इस पहली बड़ी सफलता के बाद, बिग बुल का टाटा समूह के शेयरों के प्रति लगाव अगले 37 वर्षों तक बना रहा। टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस और टाइटन कंपनी के शेयर टाटा समूह के शेयर हैं जो जून 2022 तिमाही के अंत के बाद तक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में थे।
एक ट्रेडिंग कंपनी के भी थे मालिक
राकेश झुनझुनवाला एक निजी ट्रेडिंग कंपनी रारे (Rare) एंटरप्राइजेज के मालिक थे, जो उनके नाम (Ra) राकेश झुनझुनवाला से पहले दो अक्षर और उनकी पत्नी (Re) रेखा झुनझुनवाला के पहले दो अक्षर को मिलाकर रखा गया था है। अप्रैल से जून 2022 तिमाही के अंत के बाद आज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में 47 कंपनियां हैं। स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड्स, केनरा बैंक, फोर्टिस हेल्थकेयर, रैलिस इंडिया, फेडरल बैंक के शेयर कुछ ऐसे प्रमुख शेयर हैं।
Image Source : INDIA TV
जानिए दलाल और भूमाफिया के जाल में कैसे फंसे लोग? पटना के राजीव नगर में ऑपरेशन बुलडोजर की इनसाइड स्टोरी
खरीद-बिक्री के इस खेल में कई दलाल शामिल हैं। जमीन माफियाओं ने उन्हें कमीशन पर रखा है। दलालों का काम पटना से बाहर रहने वाले लोगों को जाल में फांसना है और उनसे लाखों रुपए की उगाही करनी है।
राजधानी पटना के राजीवनगर में सरकारी जमीन की दलाली करने वालों और भू-माफियाओं के बुने जाल में आम लोग फंस गये और लाखों-करोड़ों रुपये गंवा दिये। पिछले दस सालों में राजीव नगर इलाके में तेजी से जमीन की खरीद-फरोख्त की गयी। यह पता होने के बावजूद कि यहां की जमीन सरकारी है, भू माफियाओं ने लोगों को ‘पट्टी पढ़ा दी’।
पुलिस और आवास बोर्ड के कुछ कर्मियों ने भी दलालों और भू माफियाओं का साथ दिया। सस्ते दर पर पटना के पॉश इलाके में जमीन देने की बात कहकर भू-माफियाओं ने आठ से लेकर 25 लाख रुपये कट्ठा तक जमीन की बिक्री की। कुछ पैसे नकद व कुछ खाते में ट्रांसफर करवाये।
जमीन माफियाओं ने एक महीने पहले ही इलाका छोड़ा
हाल के दिनों में जब प्रशासन ने मकानों पर बुलडोजर चलाने की बात कही तो लोगों ने उन्हीं दलालों को कॉल किया जिनके कहने पर उन्होंने राजीव नगर में जमीन खरीदी थी। लेकिन दलालों का नंबर स्विच ऑफ मिला। यहां तक कि कोई अपने घरों में भी नहीं था। जमीन माफियाओं ने एक महीने पहले ही इलाका छोड़ दिया था। इस इलाके के जमीन माफिया आपराधिक प्रवृति के हैं। उन पर कई केस दर्ज हैं। लिहाजा आम लोग उनसे रुपये वापस करने की बात भी खुलकर नहीं कह पाये। एक पीड़ित ने बताया कि जब उसने एक जमीन दलाल से रुपये वापस दिलवाने की बात की तो उसने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि इसमें प्रशासन की गलती है और वे कुछ नहीं कर सकते।
पटना में जमीन और कोलकाता में पावर ऑफ अटार्नी
राजीव नगर की जमीन की रजिस्ट्री पटना से नहीं होती है। ऐसे में भू माफिया जमीन मालिकों से मिलकर कोलकाता से पावर ऑफ अटार्नी करवा लेते हैं। कई लोगों ने इस जमीन की रजिस्ट्री कोलकाता से करवायी है। जमीन माफियाओं के कहने पर लोग उनकी बातों में आकर ठगी के शिकार हो गये।
जमीन के खेल में कमीशन पर हैं कई दलाल
खरीद-बिक्री के इस खेल में कई दलाल शामिल हैं। जमीन माफियाओं ने उन्हें कमीशन पर रखा है। दलालों का काम पटना से बाहर रहने वाले लोगों को जाल में फांसना है और उनसे लाखों रुपए की उगाही करनी है।
जमीन माफियाओं के खेल में बदल चुका है पूरा थाना
राजीव नगर में जमीन माफियाओं के बाबत हुई जांच की आंच कई बार खाकी तक भी पहुंची है। दर्जन भर थानेदार जमीन माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोप में निलंबित हो चुके हैं। ऐसे मौके भी आये हैं जब जमीन के चक्कर में राजीवनगर थाने के मुंशी से लेकर दारोगा और थानेदार को बदल दिया गया था। वहीं पूर्व में आवास बोर्ड के कई एसडीओ पर भी संगीन आरोप लग चुके हैं।
250 से अधिक मकानों पर खतरा रहा मंडरा
बिहार राज्य आवास बोर्ड की 424 एकड़ जमीन पर बसे नेपाली नगर के ढाई सौ से अधिक मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। इस इलाके के 140 एकड़ भूमि को अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है। नेपाली नगर की 20 एकड़ भूमि को अधिग्रहित करने के लिए प्रशासन ने 95 घर और बाउंड्री को चिह्नित किया था। इनमें से 70 को तोड़ दिया गया है। 25 मकान और चहारदीवारी को सोमवार को तोड़ा जाएगा।
रविवार को राजीव नगर थाने के पीछे नब्बे फीट रास्ते पर डेढ़ किमी बाद बाईं ओर बुलडोजर चलाया गया। उसके विपरीत हिस्से की जमीन जो घुड़दौड़ रोड़ तक है उसे भी कब्जे में लेने की तैयारी है। इसके बाद कपूरी सदन के पीछे वाले इलाके को अधिग्रहित करने की योजना है। हालांकि, इसका नोटिस जारी नहीं किया गया है लेकिन इस अभियान से जुड़े वरीय अधिकारियों का कहना है कि 140 एकड़ भूमि को खाली कराया जाना है। कर्पूरी सदन से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन रोड और घुडदौड़ रोड तक के इलाके में ढाई सौ से अधिक मकान हैं। अलग-अलग फेज में इन मकानों पर बुलडोजर चलाने की योजना है।
48 साल पहले अधिग्रहण की जारी हुई थी अधिसूचना
राजीव नगर में भूमि अधिग्रहण मामला 48 साल पुराना है। आवास बोर्ड ने 1974 में दीघा-राजीव नगर इलाके में 1024 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। उस समय किसानों को प्रति कट्ठा 2200 रुपए मुआवजा राशि दी जानी थी। लोगों द्वारा इसका विरोध किया गया और मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा। 1982 में विभाग ने मुआवजा देने के लिए समाहरणालय में करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए जमा कराए, लेकिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया और जमीन को बेचना शुरू कर दिया। न्यायालय ने 1984 में आवास बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया तब बोर्ड ने सीआरपीएफ को जमीन अलॉट किया। दीघा के किसान आवास बोर्ड के खिलाफ फिर से न्यायालय में चले गए लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली।
इस शेयर में दलाल कैसे बने निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर, जानिए उन्होनें कैसे तैयार किया था अपना पोर्टफोलियो?
शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न पाने की चाहत रखने वालों के लिए राकेश झुनझुनवाला हमेशा प्रेरणास्रोत रहे हैं। आइए जानते हैं कि उनके जैसा कमाई करने के लिए अपना पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें। उन्होनें कहां निवेश किया था?
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 14, 2022 16:20 IST
Photo:INDIA TV टाटा ग्रुप के शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर
भारतीय शेयर बाजार के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला हमेशा अपने पोर्टफोलियो के लिए जाने जाते थे। उनकी समझ और चालाकी ने उन्हें शून्य से शिखर तक लाकर पहुंचा दिया था। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल ने ₹5,000 के साथ शेयरों में निवेश करना शुरू किया था। फोर्ब्स के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति आज 5.8 बिलियन थी।
1985 में शुरू हुई थी बफेट की यात्रा
भारत के वॉरेन बफेट ने 1985 में शुरू की अपनी स्टॉक निवेश यात्रा में 5,000 रुपये से 5.8 बिलियन डॉलर तक का सफर तय किया था। हालांकि, जो लोग वैल्यू पिक्स के लिए बिग बुल की प्रोफाइल को स्कैन करते हैं, उनके लिए बता दें कि राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर हमेशा पसंदीदा शेयरों में से एक रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा मुनाफा टाटा समूह के स्टॉक से आया था और इसलिए 1985 में टाटा समूह के लिए उनका विश्वास समय बीतने के साथ और मजबूत होता गया।
बिग बुल का पहला बड़ा मुनाफा
राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा लाभ 1986 में टाटा टी के शेयरों से आया था। उस समय उन्होंने ने टाटा टी के 5000 शेयर ₹43 प्रति शेयर के भुगतान पर खरीदे। टाटा टी खरीदने के केवल तीन महीनों में शेयर की कीमत 43 रुपये से बढ़कर लगभग 143 रुपये प्रति शेयर हो गई। अगले तीन वर्षों में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा टी के शेयरों से लगभग 25 लाख रुपये कमाए, जो शेयर बाजार से उनका पहला सबसे बड़ा लाभ था।
राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर
इस पहली बड़ी सफलता के बाद, बिग बुल का टाटा समूह के शेयरों के प्रति लगाव अगले 37 वर्षों तक बना रहा। टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस और टाइटन कंपनी के शेयर टाटा समूह के शेयर हैं जो जून 2022 तिमाही के अंत के बाद तक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में थे।
एक ट्रेडिंग कंपनी के भी थे मालिक
राकेश झुनझुनवाला एक निजी ट्रेडिंग कंपनी रारे (Rare) एंटरप्राइजेज के मालिक थे, जो उनके नाम (Ra) राकेश झुनझुनवाला से पहले दो अक्षर और उनकी पत्नी (Re) रेखा झुनझुनवाला के पहले दो अक्षर को मिलाकर रखा गया था है। अप्रैल से जून 2022 तिमाही के अंत के बाद आज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में 47 कंपनियां हैं। स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड्स, केनरा बैंक, फोर्टिस हेल्थकेयर, रैलिस इंडिया, फेडरल बैंक के शेयर कुछ ऐसे प्रमुख शेयर हैं।
Image Source : INDIA TV
काफी आसान है लाइसेंस बनवाना
कई प्रॉपर्टी डीलर इस आशंका में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराते की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी लंबी होती है, बिना वजह की कागजी कार्रवाई होगी। लेकिन.
डीसी पी. सी. मीणा का कहना है कि गुड़गांव मंे अभी तक कुल 986 प्रॉपर्टी डीलरांे व बिल्डरों ने दलाल कैसे बने अपना पंजीकरण कराया है। उनका कहना है कि प्रशासन की कोशिश है कि जिले में सभी प्रॉपर्टी डीलरों के पास लाइसेंस हो। इससे लोगों को ठगी जैसी घटनाओं से बचाने में मदद मिलेगी।