विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए

एसटीपीआई को चालू वित्त वर्ष में आईटी निर्यात में 10 से 12 फीसदी वृद्धि हासिल होने की उम्मीद
कोलकाता, दो दिसंबर (भाषा) सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए देशभर में उसके 63 केंद्रों से होने वाले सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) निर्यात में 10 से 12 फीसदी की वृद्धि होगी।
एसटीपीआई के केंद्रों से 2021-22 के दौरान हुए आईटी निर्यात का मूल्य 6.28 लाख करोड़ रुपये था।
एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार ने बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस वर्ष एसटीपीआई की इकाइयों से आईटी निर्यात में 10 से 12 विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए फीसदी की वृद्धि हो सकती है।’’
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाला यह संगठन देश की आईटी कंपनियों और स्टार्टअप को समर्थन देता है। इसकी 12 से अधिक नए केंद्र खोलने की तैयारी है जिनमें से ज्यादातर दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में होंगे।
कुमार ने कहा, ‘‘हमारी 63 मौजूदा केंद्रों के अलावा 12 और केंद्र खोलने की तैयारी है। ये सभी इकाइयां अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएंगी।’’ उन्होंने बताया कि एसटीपीआई कस्बों में आईटी एवं आईटी सक्षम सेवाओं के परिवेश को मजबूत करना चाहता है तथा इसके 63 मौजूदा केंद्रों में से 55 दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में हैं। इसके अलावा जो 12 नए केंद्र बनने जा रहे हैं उनमें से 11 छोटे शहरों में होंगे।
Multi-Currency Account: 30 से अधिक करेंसीज में कर सकेंगे लेन-देन, स्टूडेंट्स और इंवेस्टर्स के लिए इस तरह बेहतर हैं ये अकाउंट्स
Multi-Currency Account: मल्टी-करेंसी अकाउंट के जरिए एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए 30 से अधिक मुद्राओं में 180 से अधिक देशों में लेन-देन संभव होगा.
विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा.
Multi-Currency Account: अगर आप दुनिया के कई देशों में निवेश करते हैं तो करेंसी को लेकर एक समस्या खड़ी होती है. सभी देशों की अपनी मुद्राएं होती हैं जिसके चलते अलग-अलग खाते ऑपरेट करने होते हैं जिससे झंझट होती है. ऐसे में मल्टी-करेंसी अकाउंट एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आता है. ब्रिटिश फर्म विनवेस्टा ने भारत का पहला मल्टी-करेंसी अकाउंट लांच किया है जिससे अन्य देशों में निवेश कर रहे भारतीय निवेशकों को बहुत फायदा मिलेगा. इस खाते के जरिए अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और यूरो समेत दुनिया की 30 से अधिक मुद्राओं में लेन-देन किया जा सकेगा. इस खाते को मिनटों में ऑनलाइन खुलवाया जा सकेगा और इससे भारतीय एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर की 30 से अधिक मुद्राओं में पूंजी का लेन-देन कर सकेंगे और निवेश कर सकेंगे. सभी खाताधारकों के हर करेंसी के लिए यूनिक अकाउंट डिटेल्स मिलेगा जैसे कि आईबीएएन, स्विफ्ट कोड इत्यादि. कोई भी शख्स 180 से अधिक देशों को इन खातों के जरिए पैसे भेज सकता है या पा सकता है.
कई कामों में इस्तेमाल हो सकेगा मल्टी-करेंसी अकाउंट का
मल्टी-करेंसी अकाउंट का इस्तेमाल विदेशों में निवेश, विदेशों में पढ़ाई के लिए बचत, विदेशी आय प्राप्त करने या विदेश जाने से पहले कोई खाता खोलने के रूप में किया जा सकता है. स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि भारतीय नागरिक के लिए विदेशी मुद्रा में खाता खोलने के लिए क्या नियम हैं और इसके लिए विशेष अनुमति या प्रक्रिया का पालन करना होगा या नहीं? इसे लेकर विनवेस्टा के फाउंडर और सीईओ स्वास्तिक निगम का कहना है कि कोई भी भारतीय नागरिक हर साल आरबीआई के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत 2.5 लाख डॉलर (18.7 करोड़ रुपये) का निवेश कर सकता है और जब तक इस सीमा के भीतर तक निवेश रहता है, किसी अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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महज 50 डॉलर में मिनटों में खुलवा सकेंगे अकाउंट
लंबे समय तक विदेशी मुद्रा खाता खुलवाना किसी प्रिविलेज से कम नहीं था और कम से कम 50 हजार डॉलर चाहिए होते थे और कई महीनों तक खाता खुलने का इंतजार करना होता था. हालांकि अब विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा. भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
विनवेस्टा के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट प्रतीक जैन का कहना है कि अमेरिकी स्टॉक्स या ब्रिटिश प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास विदेशी मुद्रा खाता होना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर पैसों को बार-बार एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में कंवर्जन करना होता है जिससे एक्सचेंज कॉस्ट के रूप में बड़ी राशि चुकानी होती है. खाते का पैसा यूके (यूनाइटेड किंगडम) के मनी रेगुलेशंस के जरिए सुरक्षित रहेगा और विनवेस्टा व ई-मनी इंस्टीट्यूशन इस पैसे का इस्तेमाल लेंडिंग के लिए नहीं कर सकेगी. कैश बार्सलेज जैसे बड़े बैंकों के पास सुरक्षित रहेगा.
मल्टी-करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
- मल्टी-करेंसी अकाउंट खुलवाने के लिए एक बार में 399 रुपये की सेटअप फीस चुकानी होगी.
- किसी भी पेमेंट के लिए 1 डॉलर का फ्लैट फीस चुकाना होगा और मासिक फीस 2.99 डॉलर है.
- करेंसी कंवर्जन की फीस फिक्स्ड नही है लेकिन आने वाले पेमेंट्स पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस प्रकार कोई शख्स फॉरेक्स से जुड़े खर्चों में 75 विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए फीसदी तक की बचत कर सकता है.
- सभी चार्जेज के बारे में प्राइसिंग प्लान में देख सकते हैं.
- ग्राहक अगर अपने किसी मित्र को इस प्लेटफॉर्म पर इनवाइट करते हैं तो उन्हें एक साल का फ्री मेंबरशिप मिलेगा.
- बेस प्लान के तहत कंपनी ने 5 हजार डॉलर प्रति ट्रांजैक्शन का लिमिट सेट किया है लेकिन हर दिन ट्रांजैक्शन की संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं है.
- विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा.
- भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
- स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.
- मल्टी-करेंसी अकाउंट के जरिए एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए 30 से अधिक मुद्राओं में 180 से अधिक देशों में लेन-देन संभव होगा.
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विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए
जेपीमॉर्गन इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री जहांगीर अजीज का मानना है कि अल्पावधि में रुपया एक सीमित दायरे में बना रहेगा और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में वृद्घि के एक और चरण की उम्मीद है। बातचीत में जहांगीर अजीज ने जीडीपी विकास और निर्यात समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
रुपये के बारे में आपका क्या नजरिया है?
मेरी नजर में रुपया निकट भविष्य में 44-444.5 के आसपास मंडराएगा।
इसमें तेजी का सेवाओं एवं निर्यात पर कितना असर पड़ेगा?
वर्ष 2002 से निवेश भारत के विकास में अहम रहा है। जीडीपी की हिस्सेदारी के रूप में घरेलू खपत 2002 के बाद से अब तक हरेक वर्ष घटी है। निर्यात जीडीपी के 10 फीसदी से तेजी से बढ़ कर 25 फीसदी पर पहुंच गया है। भारत में निर्यात विदेशी देशों की मांग पर आधारित है। रुपये में बदलाव का बड़ा असर बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) पर पड़ेगा, क्योंकि यह समरूप उत्पाद है और कीमत-संवेदी है। विदेशों में मांग में 1 फीसदी की गिरावट भी हमारे निर्यात की मात्रा 5 फीसदी तक घटा सकती है।
क्या आप मानते हैं कि आरबीआई विदेशी पूंजी प्रवाह पर लगाम लगाएगा?
जब तक यह प्रवाह बहुत ज्यादा न बढ़ जाए, तब तक आरबीआई को ऐसा तो नहीं करना चाहिए। अभी रुपये की तरलता कम है और यह हरेक दिन इसमें लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक कम है। आरबीआई 50,000 करोड़ रुपये तक नियंत्रित कर सकता है। अगर इससे ज्यादा राशि बढ़ाता है तो फिर नियंत्रण की दिशा में कदम उठ जाते हैं। हालांकि ऐसा हुआ तो यह बहुत ज्यादा नहीं होगा।
इस दखल पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
वर्ष 2006-07 में आरबीआई ने मार्केट स्टैब्लाइजेशन स्कीम (एमएसएस) बॉन्डों के जरिये 1.8 लाख रुपये के लिए हस्तक्षेप किया था। इस पर 10 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज खर्च लगभग 18,000 करोड़ रुपये है। यह राजकोषीय घाटे का एक बड़ा हिस्सा है। अगर हम इसी आकार के एमएसएस बॉन्ड अब जारी करते हैं तो हमें ब्याज दरों में कम से कम 50-100 आधार अंक की वृद्घि करनी होगी।
क्या आप मानते हैं कि एफआईआई प्रवाह आगे भी बरकरार रहेगा? इसका भारतीय बाजारों पर क्या असर पड़ेगा?
यह एक सट्टïा आधारित प्रवाह नहीं है और संतुलन प्रक्रिया अभी भी चल रही है। छोटे फंड अमेरिकी कोषों से अलग पोर्टफोलियो के एक बेहद छोटे हिस्से को पुनर्संतुलित कर रहे हैं। दुर्भाग्यवश, हमारे वित्तीय बाजारों के आकार को देखते हुए इस स्थिति से अनिश्चितता पैदा होती है। बाजार पूंजी के महज 10 फीसदी का ही वास्तव में कारोबार हुआ है। इनमें से प्रमुख 25 कंपनियों में एफआईआई का पैसा लगा है। हमें निकट भविष्य में इस पुनर्संतुलन के बरकरार रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2011 के लिए ये पूंजी प्रवाह मजबूती के साथ बरकरार रहेंगे।
ब्याज दर परिदृश्य पर आपका क्या नजरिया है?
हमारा मानना है कि भारत, ब्राजील और चिली में एक और दर वृद्घि देखने को मिलेगी जबकि इजरायल में एक से अधिक बार यह बढ़ोतरी हो सकती है। अक्टूबर-नवंबर के बाद हमें दरों में वृद्घि की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। दिसंबर 2010 में अमेरिकी जीडीपी वृद्घि और मार्च 2011 की तिमाही पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी, क्योंकि तब ब्याज दरों में सख्ती आनी शुरू हो जाएगी और फिर ब्रिक देश चक्र को फिर से कठोर बनाना शुरू कर देंगे।
वित्त वर्ष 2011 में भारतीय अर्थव्यवस्था कितना विकास करेगी?
वित्त वर्ष 2011 में वृद्घि दर 8 फीसदी के आसपास देखी जा रही है, क्योंकि निवेश चक्र में अभी बदलाव नहीं आया है। 8 फीसदी की वृद्घि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीय उद्योग जगत को क्षमता विस्तार में 20 फीसदी की वृद्घि करने की
जरूरत है।
Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।