क्रिप्टो ब्रोकर

बिटकॉइन निवेश

बिटकॉइन निवेश
प्रतीकात्मक तस्वीर

Bitcoin में टेस्ला का निवेश किसी आर्थिक जलजले की शुरुआत तो नहीं?

Bitcoin में टेस्ला, ट्विटर और एपल जैसी कंपनियां अगर आती हैं तो जिस दिन तेजी की लहर ऊपर से नीचे आएगी, उस दिन शायद 2008 की आर्थिक सुनामी से भी बड़ी तबाही आ सकती है

भुवन भास्कर

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में पिछले दिनों ऑटो कंपनी टेस्ला ने 1.5 अरब डॉलर निवेश की बिटकॉइन निवेश घोषणा की। इतना ही नहीं कंपनी ने यह भी कहा कि वह आने वाले कुछ समय में अपनी कारों की कीमत के तौर पर बिटकॉइन स्वीकार करने की योजना बना रही है। इस घोषणा के कई पहलू हैं। इनमें सबसे बड़ा है बिटकॉइन को मिलने वाली मान्यता। अभी साल भर पहले तक दुनिया भर में बिटकॉइन को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी और भारत में तो अब भी ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार इसे प्रतिबंधित करने के लिए कानून लाने जा रही है। ऐसे वक्त टेस्ला का बिटकॉइन में भरोसा जताना ऐसी खबर है, जिसने इस क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को उत्साह से भर दिया है।

इस उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टेस्ला की घोषणा के 24 घंटे के भीतर बिटकॉइन की कीमत 39,400 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 48,000 अमेरिकी डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई। यद्यपि यह साफ नहीं है कि टेस्ला ने किस भाव पर बिटकॉइन खरीदा है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक उसे अपने इस निवेश पर महज़ कुछ दिनों में 50 करोड़ डॉलर का मुनाफ़ा हो चुका है। इस रकम का महत्व इस तथ्य से समझा जा सकता है 2020 में जब पहली बार टेस्ला को सालाना मुनाफा हुआ, तब वह 70 करोड़ डॉलर था। लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। दूसरा पहलू क्या है, इसकी चर्चा हम लेख में आगे करेंगे।

उससे पहले यह समझना ज़रूरी है कि टेस्ला के इस फैसले का कारण क्या है और क्या यह कोई अलग-थलग घटना है या किसी घटनाक्रम की कड़ी भर है? दरअसल कंपनियों का बॉन्ड में या शेयर में या अन्य परिसंपत्तियों (एसेट क्लास) में निवेश करना सामान्य घटना है। जब भी किसी कंपनी के पास कैश कंपोनेंट बहुत ज़्यादा हो जाता है, तो वह उसे कहीं न कहीं निवेश करती है।

ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया पिछले कई वर्षों से आर्थिक सुस्ती की शिकार है, जो कि 2020 में अपने चरम पर पहुंच चुकी है, कंपनियां निवेश से परहेज कर रही हैं। इसके कारण उनके पास नकदी की मात्रा काफी बढ़ गई है, जिसे यदि वे निवेश न करें, तो उनकी आमदनी घटेगी और इसके कारण उनकी आय प्रति शेयर और फिर शेयर का बाजार भाव गिरेगा।

लेकिन समस्या यह है कि पूरी दुनिया में ब्याज दरें अपने न्यूनतम स्तर पर चल रही हैं। अमेरिका और जापान में तो यह शून्य के करीब है। दूसरे देशों में भी यह कई वर्षों के निचले स्तर पर है, और इसमें आने वाले 3-4 वर्षों तक सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही। ऐसे में कंपनियां निवेश के लिए नए ठिकाने खोजने लगी हैं। टेस्ला ने अपने कुल कैश रिजर्व का 8% बिटकॉइन में निवेश किया है। लेकिन कई दूसरी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी लाइन में हैं।

ट्विटर के फाइनेंस डायरेक्टर नेड सेगल ने भी संकेत दिए हैं कि उनकी कंपनी बिटकॉइन में निवेश पर विचार कर रही है, वहीं रॉयल बैंक ऑफ कनाडा के एक रिसर्च नोट में बताया गया है कि ऐसा करना किस तरह एपल के लिए फायदेमंद हो सकता है।

यह कहानी नई नहीं है। आधुनिक अर्थव्यवस्था ने किसी एक एसेट क्लास के लिए निवेशकों का पागलपन कई बार देखा है और इतिहास गवाह है कि ऐसे हर पागलपन का अंत विनाश से ही हुआ है, चाहे वह शेयर बाजार में 2000 का डॉट कॉम बूम हो, अमेरिका में 2008 का सब-प्राइम संकट या फिर भारत में रियल एस्टेट बाजार। बिटकॉइन पर चल रही मौजूदा चर्चा में यदि किसी को इसमें कोई संदेह हो, तो उसे बिटकॉइन के भाव का इतिहास देखना चाहिए।

बिटकॉइन की शुरुआत बिटकॉइन निवेश 2009 में हुई। अप्रैल 2011 में बिटकॉइन की कीमत 1 डॉलर थी। तीन महीने बाद जून 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत 32 डॉलर पहुंच गई, यानी 3 महीने में 3100% का उछाल। नवंबर 2011 में यह एक बार फिर 2 डॉलर पर था। वर्ष 2013 के एक ही साल में बिटकॉइन में दो-दो बूम-बर्स्ट साइकल दिख गया। जहां साल की शुरुआत 13.40 डॉलर से हुई, लेकिन अप्रैल आते-आते यह वैल्यू बढ़कर 220 डॉलर पहुंच गई। फिर महीने भर बाद ही अप्रैल के मध्य तक यह 70 डॉलर पर था।

इसी साल अक्टूबर की शुरुआत में यह 123 डॉलर पर था और दिसंबर तक इसकी कीमत 1150 डॉलर तक पहुंच गई थी। महज़ तीन दिनों में यह 1156 डॉलर के उच्चतम स्तर से फिसल कर 760 डॉलर आया और 2015 की शुरुआत तक एक बार फिर यह 315 डॉलर पर था। यह कहानी 2020 होते हुए 2021 तक इसी तरह चल रही है, जब मार्च 2020 में एक बिटॉइन के बदले 4000 डॉलर मिल रहे थे और आज यह 48000 डॉलर तक पहुंच चुका है।

किसी भी एसेट क्लास की क्लासिकल बूम स्टोरी की ही तरह बिटकॉइन के विशेषज्ञ भी अब 2021 के आखिर तक इसके 1 लाख और 2 लाख डॉलर तक पहुंचने की भविष्यवाणी करने लगे हैं। लेकिन निवेश की दुनिया का एक अटल नियम है – जो चढ़ता है, वह गिरता है। और यही उस कहानी का दूसरा पहलू है, जिसकी चर्चा लेख की शुरुआत में की गई है। जब तक बूम और बर्स्ट की लहरों पर व्यक्ति सवार होते हैं, तब तक तो बरबादी सिर्फ बिटकॉइन निवेश परिवारों तक सीमित होती है। लेकिन जब इसमें संस्थाओं, कंपनियों और बैंकों के जहाज सवार होने लगते हैं, तब वो किसी बड़ी तबाही की आहट होती है।

बिटकॉइन में टेस्ला, ट्विटर और बिटकॉइन निवेश एपल जैसी कंपनियां यदि आती हैं तो जिस दिन यह लहर ऊपर से नीचे आएगी, उस दिन शायद 2008 की आर्थिक सुनामी से भी बड़ी तबाही आ सकती है। इसलिए आवश्यक है कि दुनिया भर की सरकारें और रेगुलेटर जल्दी से जल्दी बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर एक साथ आकर एक वैश्विक नीति तैयार करें और इससे पहले कि चीजें हाथ से निकल जाएं, दुनिया को एक और भीषण आर्थिक संकट के चपेट में आने से बचाएं।

बिटकॉइन की कीमत में 21% उछाल, अभी निवेश करना सही होगा?

 बिटकॉइन की कीमत में 21% उछाल, अभी निवेश करना सही होगा?

सोमवार को बिटकॉइन की कीमत में रिकॉर्डतोड़ 21 फीसदी की उछाल आया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 18,000 डॉलर के पार चली गई है. तो क्या इसमें निवेश करना सही रहेगा? क्या हमारे जैसे देसी इसमें निवेश कर सकते हैं? खबरों के मुताबिक 15,000 भारतीयों ने इसमें निवेश भी किया है. खबर है कि अगले साल इसकी ट्रेडिंड प्रतिष्ठित नैस्डैक में शुरू हो सकती है. इन खबरों की वजह से बिटकॉइन में दिलचस्पी काफी तेजी से बढ़ रही है. इससे साथ-साथ एक्सपर्ट इस बात की भी चेतावनी दे रहे हैं कि इसमें नासमझी में निवेश कर लोग अपना हाथ ना जला लें.

क्या है बिटकॉइन?

ये एक वर्चुअल करेंसी है. मतलब वर्चुअल दुनिया की वर्चुअल करेंसी जिसका कोई फंडामेंटल आधार नहीं है. साफ है कि भारत में कोई भी सरकारी एजेंसी इसे रेगुलेट नहीं करती है. गोल्ड एक धातु है जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है.

रुपए का वैल्यू हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. पाउंड की सेहत यूके की अर्थव्यवस्था पर निर्भर जबकि येन का जापान की अर्थव्यवस्था पर. इसके अलग बिटकॉइन की कोई अपनी वैल्यू नहीं होती है. इसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ सट्टेबाजी के लिए होता है, इसी आधार पर ही इसके दाम बढ़ते-घटते रहते हैं. ज्यादा सट्टेबाजी को ज्यादा उतार-चढ़ाव.

इसकी वैल्यू क्यों बढ़ रही है?

बिटकॉइन की सप्लाई सीमित है. इसकी वजह से थोड़ी भी मांग आने से इसकी कीमत में भारी उछाल आता है. जैसे-जैसे इसके बारे में खबरें फैल रही है, निवेशकों का रुझान इसकी तरफ आ रहा है और कीमत बढ़ रही है. खबरों के मुताबिक इसकी कीमत में इसी साल 1,400 फीसदी का इजाफा हुआ है. दुनिया के बड़े-बड़े एस्कचेंजों में भी इस पर ट्रेडिंग की बात से भी वैल्यू में बढ़ोतरी हो रही है. जिसकी बिटकॉइन बिटकॉइन निवेश निवेश वैल्यू में उतार-चढ़ाव सिर्फ खबरों के फैलने से हो रहा है उसमें निवेश करना काफी रिस्की हो सकता है.

क्या बिटकॉइन से खरीद बिक्री हो सकती है?

फिलहाल नहीं. हां, उम्मीद की जा रही है कि अगर दुनिया की बड़ी कंपनियों में एक दो भी अगर ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल करने लगे तो इसका ट्रांजेक्शन में चलन बढ़ सकता है. उम्मीद है कि कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों के खरीद-बिक्री का माध्यम बिटकॉइन बन सकता है. लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ हुआ नहीं है. सब उम्मीद पर टिकी है.

क्या इसमें निवेश करना सही है?

अगर आप रिस्क उठाने वाले सूरमा हैं तो जरूर. जिसकी वैल्यू एक साल में 1,400 फीसदी बढ़ सकती है उसमें काफी बड़ा क्रैश भी आ सकता है. और अगर बहुत बड़े उतार-चढ़ाव के लिए आप तैयार हैं तो इसमें निवेश किया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि कीमतों में रोजना 10 फीसदी से उससे ज्यादा का भी बदलाव आ सकता है. तो बड़े दिलवाले ही इसमें निवेश करें.

इसपर देश में रेगुलेशन नहीं

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, बिटकॉइन की कीमत में अगस्त 2011 से हर दिन औसतन 3 फीसदी का बदलाव आया है. मतलब हर दिन कम से कम 3 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी. इतनी तेजी का सुकून से फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि देश में इस पर रेगुलेशन हो. फिलहाल ऐसा नहीं है. इसीलिए देश बिटकॉइन निवेश में इसमें पैसा लगाने वाले गिने चुने लोग ही है. तो क्या अब यह बदलेगा?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

$40,000 तक जाएगा बिटकॉइन, कहां हो रहा सबसे ज्यादा निवेश

बिटकॉइन की कीमतें आसमान पर पहुंचने से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में हलचल बढ़ गई है. लोग मोटी कमाई की चाहत में वर्चुअल करेंसी पर दांव लगा रहे हैं.

$40,000 तक जाएगा बिटकॉइन, कहां हो रहा सबसे ज्यादा निवेश

यह सर्च (अंग्रेजी में 'बाय बिटकॉइन विद क्रेडिट कार्ड') गूगल पर अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. इसमें कोई शक नहीं कि इस बाजार से मिलने वाले शानदार रिटर्न ने इस क्रिप्टोकरेंसी के बाजार को अधिक व्यापक और आकर्षक बनाया है.

इस कैलेंडर वर्ष में असाधारण रिटर्न देने वाली यह क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर के बाजारों में चर्चा का केंद्र बन गई है. लोग लगातार बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त करने के लिए अलग-अलग एक्सचेंजों पर खाते खुलवाने में व्यस्त हो गए हैं.

इस बात का सबूत है कि सैन फ्रांसिस्को को मशहूर क्रिप्टोकरेंसी प्लैटफॉर्म, कॉइनबेस, के साथ पंजीकृत यूजर्स की संख्या 26 नवंबर 2017 तक 1.33 करोड़ तक पहुंच गई. इससे दो महीने पहले तक यह संख्या 1.06 करोड़ के आसपास ही थी.

गूगल किसी भी सर्च के नतीजों को 0 से 100 के दायरे के बीच मापता है, जिसमें 100 का अर्थ है उस जगह और उस समय पर वह सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाला विषय है.'बाय बिटकॉइन विद क्रेडिट कार्ड' की मौजूदा रेटिंग लगातार 100 के ईर्द-गिर्द बनी हुई है.

bit data

1 जनवरी 2017 को $1,000 की कीमत वाले बिटकॉइन ने बुधवार को $10,000 का स्तर पार कर लिया. 11 महीनों में इसकी कीमत 10 गुना हो गई. बिटकॉइन के समर्थकों का मानना है कि वैश्विक बाजार में भारी मांग के चलते ऐसा हुआ है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में संस्थागत मांग भी बढ़ी है.

अरबपति निवेशक और हेज फंज विशेषज्ञ माइक नोवोग्रेत्ज का मानना है कि साल 2018 के अंत तक बिटकॉइन 40,000 का स्तर भी पार कर जाएगा. जेबपे के सह-संस्थापक संदीप गोयंका ने भारतीय निवेशकों को सतर्क होकर सलीकाबद्ध तरीके से बिटकॉइन में निवेश की सलाद दी.

नोवोग्रेत्ज ने सीएनबीसी के एक कार्यक्रम में कहा, "बिटकॉइन अगले साल के अंत तक $40,000 का स्तर भी पार कर लेगा." उन्होंने छोटे निवेशकों को सलाह दी कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में अपनी संपत्ति का 1 से 3 फीसदी हिस्सा ही लगाएं. एचएनआई भी 5 से 10 फीसदी से अधिक का जोखिम न लें.

बिटोक्सो के सीईओ और सह-संस्थापक हेशम रहमान ने चेतावनी देते हुए कहा कि बिटकॉइन बाजार में काफी लालच है. नए निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि आने वाले समय में रिटर्न इतने बेहतर नहीं होंगे. उन्होंने बताया, "भारत में क्रेडिट कार्ड के जरिए बिटकॉइन नहीं खरीदे जा सकते."

वहीं दूसरी तरफ, इस क्रिप्टोकरेंसी के आलोचकों का मानना है कि बिटकॉइन में आई तेजी एक बुलबुले के समान है. ऐसा ही बुलबुला, डॉटकॉम, 1990 के दशक के अंत में देखने को मिला था और उसका हश्र हम सब जानते ही हैं.

डोयचे बैंक ने हाल ही में वर्चुअल करेंसी में निवेश करने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की है. जर्मनी के सबसे बड़े ऋणदाता के मुख्य रणनीतिकार, अलरिच स्टीफन ने कहा, "स्पष्ट शब्दों में कहें, तो हम सामान्य निवेशकों को इसमें निवेश की सलाह नहीं देंगे."

Explainer: क्या है बिटकॉइन सिटी, क्या होगी इसकी खासियत, इन्वेस्टर्स को कैसे होगा फायदा?

सितम्बर में अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपनाया था, जिसके बाद यह दुनिया का पहला देश बन गया था जिसने क्रिप्टो को क़ानूनी मान्यता दी. 7 सितम्बर को अल सल्वाडोर में कानूनी मान्यता दी गयी थी. अल सल्वाडोर ने जब बिटकॉइन को अपनाया उसके बाद कई दूसरे देश भी डिजिटल करेंसी की तरफ सकारात्मक रुख अपनाने लगे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2021,
  • (Updated 23 नवंबर 2021, 8:34 PM IST)

सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता

निवासियों को नहीं देना होगा कोई टैक्स

क्रिप्टो-करेंसी को कहा जाता है ‘डिजिटल गोल्ड’

जरा सोचिये 13 साल पहले एक आइडिया जो केवल एक इंसान के दिमाग में था आज लाखों लोगों द्वारा ट्रेडिंग का एक जरिया बन गया है. ये है अल्टरनेट फाइनेंशियल सिस्टम, बिटकॉइन. अब इसका एक शहर बिटकॉइन निवेश बनने जा रहा है. जी हां, मध्य अमेरिका का देश अल सल्वाडोर दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने वाला है. ये एक अलग शहर होगा जहां लोग इन्वेस्ट कर सकेंगे.

इस शहर को बिटक्वाइन पर आधारित बॉन्ड्स के जरिए फंड किया जाएगा. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने इसकी घोषणा की है. उन्होंने अपने देश की इकोनॉमी में निवेश बढ़ाने के लिए क्रिप्टो करेंसी पर ये बड़ा दांव लगाने का ऐलान किया है. दुनिया का पहला बिटकॉइन शहर ला यूनियन के ईस्टर्न रीजन में बनाया जाएगा वैट (Value Added Tax) के अलावा दूसरा किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. बुकेले ने इस शहर में निवेश करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि “यहां निवेश करिए और भरपूर रिटर्न हासिल करिए.”

सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता

आपको बता दें, सितम्बर में अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपनाया था, जिसके बाद यह दुनिया का पहला देश बन गया था जिसने क्रिप्टो को क़ानूनी मान्यता दी. 7 सितम्बर को अल सल्वाडोर में कानूनी मान्यता दी गयी थी. अल सल्वाडोर ने जब बिटकॉइन को अपनाया उसके बाद कई दूसरे देश भी डिजिटल करेंसी की तरफ सकारात्मक रुख अपनाने लगे हैं. पराग्वे, अर्जेंटीना, ब्राजील और पनामा में भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने पर विचार किया जा रहा है.

कैसा होगा बिटकॉइन शहर?

न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार, बिटकॉइन शहर बिटकॉइन के रूप में ही बनाया जायेगा, इसके केंद्र में एक प्लाजा होगा जो एक विशाल बिटकॉइन की तरह दिखेगा. इस शहर को कोंचागुआ ज्वालामुखी (Conchagua volcano) के पास बनाया जाएगा. आपको बता दें, अल सल्वाडोर पहले से ही टेकापा ज्वालामुखी के बगल में एक अन्य जियोथर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है.

आपको बता दें, बुकेले के अनुसार, बिटकॉइन शहर के निवासियों को किसी प्रकार की कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल टैक्स नहीं देना होगा. इस शहर का निर्माण विदेशी निवेश को ध्यान में रखकर किया जाएगा.

उन्होंने आगे बताया कि बिटकॉइन शहर में आवासीय क्षेत्र, मॉल, रेस्तरां और एक बंदरगाह होगा. देश के पास डिजिटल शिक्षा, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच होगी.
.
निवासियों को नहीं देना होगा कोई टैक्स

इसके अलावा, वहां केवल एक ही टैक्स लिया जायेगा, वैल्यू एडेड टैक्स (Value added tax), जिसमें से आधा मुन्सिपल बांड का भुगतान करने के लिए और शेष नगरपालिका के बुनियादी ढांचे और रखरखाव के लिए उपयोग किया जाएगा. बुकेले ने बताया कि "कोई संपत्ति, आय या नगरपालिका टैक्स नहीं होगा और शहर में शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (Zero zero carbon dioxide emissions) होगा. हालांकि ये शहर कबतक तैयार होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है.

क्या है क्रिप्टो-करेंसी?

आसान शब्दों में समझें, तो क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) एक डिजिटल एसेट है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकोर्रेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीटूशन कण्ट्रोल नहीं करता है.

कैसे करती है काम?

सभी बिटकॉइन ट्रांजेक्शन का एक पब्लिक खाता होता है, जिसे हम लेजर फॉर्म कहते हैं. इस खाते की कॉपी सभी बिटकॉइन सिस्टम पर होती है. मान लीजिये किसी ‘A’ नाम के शख्स को दूसरे, ‘B’ नाम के शख्स के खाते में 4 बिटकॉइन भेजने हैं, ऐसे में माइनर्स (Miners) यह कन्फर्म करते हैं कि वह ट्रांसफर ठीक हुआ है या नहीं. हर एक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन का एक यूनिक बिटकॉइन वेरिएबल होता है. इस वेरिएबल या इकुएशन को सोल्व करके ये ट्रांजेक्शन पूरा किया जाता है.

‘डिजिटल गोल्ड’ के फायदे?

कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. इसे हम भविष्य के लिए भी रख सकते हैं और इसीलिए इसे ‘डिजिटल गोल्ड’ (Digital Gold) भी कहा जाता है. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

इस खास मुद्रा में 1 हज़ार रुपये का निवेश आपको बना सकता था करोड़ों का मालिक, इसमें बड़े-बड़े सितारों ने भी लगाया है पैसा

इस खास मुद्रा में 1 हज़ार रुपये का निवेश आपको बना सकता था करोड़ों का मालिक, इसमें बड़े-बड़े सितारों ने भी लगाया है पैसा

बिटकॉइन ने सामने आते ही अपनी कीमत के चलते सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। जब बिटकॉइन की कीमतों में बड़ी तेजी के साथ उछाल देखा गया, तो हर कोई इसमें निवेश करना चाहता था। बिटकॉइन में निवेश करने वालों में उद्योगपतियों से लेकर फिल्मों से जुड़ी हस्तियों के नाम भी शामिल हैं।

हालांकि ऐसे आरोप भी लगते रहे हैं कि बिटकॉइन का उपयोग बड़े पैमाने पर गैर-कानूनी कामों में भी किया जाता है, लेकिन बावजूद इसके अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने बिटकॉइन की तारीफ करते हुए भविष्य को लेकर काफी संभावनाएं जताई हैं।

बिटकॉइन क्या है?

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल करेंसी) है, जिसे उपयोगकर्ता बिचौलिये के बिना एक पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर भेज सकता है। साल 2008 में सातोषी नाकामोतो नाम के एक व्यक्ति/समूह ने बिटकॉइन ईजाद की। बिटकॉइन को कंप्यूटर आधारित तकनीक द्वारा जनरेट किया जाता है। बिटकॉइन सबके सामने पहली बार साल 2009 में आई। इसे शुरुआत में ‘माइनिंग’ के रिवार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। बिटकॉइन की सप्लाई लिमिट को 21 मिलियन यानी 2 करोड़ 10 लाख रखा गया है, यानी इसके बाद और अधिक बिटकॉइन का उत्पादन नहीं किया जाएगा।

बिटकॉइन की कीमत

साल 2009 में जब बिटकॉइन को लोगों के सामने लाया गया तो एक बिटकॉइन की कीमत महज 0.0009 डॉलर यानी लगभग 6 पैसे थी, हालांकि यह कीमत आधिकारिक नहीं थी। बिटकॉइन की कीमत में बदलाव ट्रैंज़ैक्शन पर निर्भर करती है। अब तक बिटकॉइन की सर्वाधिक कीमत 19 हज़ार 783 डॉलर (करीब14 लाख 82 हज़ार रुपये) तक जा चुकी है। वर्तमान में इसकी कीमत करीब 6,230 डॉलर (करीब 4 लाख 66 हज़ार) रुपये है। अगर आपने अक्टूबर 2010 में बिटकॉइन में 937 रुपये का निवेश किया होता, तो आज के रेट के हिसाब से आपका वह निवेश करीब 4 करोड़ 68 लाख रुपये का हो गया होता, हालांकि यह रेट सर्वाधिक नहीं है। बीते साल बिटकॉइन के रेट में बड़ी गिरावट दर्ज़ की गई है।

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 349
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *