Option के महत्वपूर्ण लक्षण क्या हैं

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लक्ष्य और उद्देश्य
रणनीतिक योजना प्रक्रिया में पहला कदम एक मजबूत, स्पष्ट लक्ष्य स्थापित करना है जो आपकी दृष्टि को परिभाषित करता है ताकि आप जान सकें कि आप कहाँ जाना चाहते हैं। फिर आप उद्देश्यों को परिभाषित करते हैं - आप वहां कैसे जा रहे हैं, इसके लिए कदम। एक स्पष्ट लक्ष्य और विशिष्ट उद्देश्यों की पहचान करना एक अच्छी रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और आपके बाकी प्रयासों को मार्गदर्शन देगा।
अपने लक्ष्य और उद्देश्यों की स्थापना के बारे में एक छोटी प्रस्तुति देखें:
लक्ष्य
अपने लक्ष्य को स्पष्ट करने में मदद करने के लिए, बड़ी तस्वीर पर विचार करें। वर्णन करें कि जब आप उस तक पहुंचेंगे तो दुनिया कैसी दिखेगी। क्या अलग होगा? हमारे कई संरक्षण लक्ष्य दीर्घकालिक हैं और पहुँचने के लिए 5, 10, 20 वर्ष या अधिक ले सकते हैं। एक प्रभावी और प्रासंगिक संचार रणनीति के लिए, अल्पावधि सोचें - एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें जो 3-5 वर्षों में प्राप्त किया जा सकता है और अगले 12-18 महीनों में प्राप्त किए जा सकने वाले उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
आपका लक्ष्य विशिष्ट होना Option के महत्वपूर्ण लक्षण क्या हैं चाहिए। यह ठीक-ठीक बताना चाहिए कि क्या होना चाहिए, कहाँ और कब, और किसके साथ होना चाहिए। एक अच्छी तरह से तैयार किया गया लक्ष्य नियोजन प्रक्रिया को स्पष्ट दिशा देता है और आपकी परियोजना के फोकस को मापने योग्य तरीकों से बताता है, जैसे कि भूगोल, दर्शक और समयरेखा। दूसरे शब्दों में, यह स्मार्ट: विशिष्ट, औसत दर्जे का, प्राप्त करने योग्य, यथार्थवादी और समयबद्ध है। यह एक स्मार्ट लक्ष्य लिखने के लिए कुछ प्रयास करने की संभावना Option के महत्वपूर्ण लक्षण क्या हैं है।
संचार टीआईपी
नियमित रूप से अपने आप को (और आपकी टीम को) याद दिलाना आपके दैनिक कार्यकलापों को प्राथमिकता देने में मदद कर सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप जो काम कर रहे हैं, वह आपको उसके करीब जाने में मदद कर रहा है।
एक बार जब आप अपने लक्ष्य की पहचान कर लेते हैं, तो आपका अगला कदम इसे "काटने-आकार" उद्देश्यों Option के महत्वपूर्ण लक्षण क्या हैं में विभाजित करना है, आप अपने लक्ष्य तक कैसे पहुँचें, इसके लिए कदम। उद्देश्य भी स्मार्ट होने चाहिए और उन दर्शकों के आधार पर बनाए जा सकते हैं, जिन तक आप पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जो आप करने की कोशिश कर रहे हैं, या आपकी योजना प्रक्रिया के चरण।
उदाहरण: यदि आपका लक्ष्य है "80 द्वारा 2030% द्वारा हवाईयन के निकटवर्ती जल में समुद्री आक्रामक प्रजातियों की घटनाओं को कम करना," एक उदाहरण उद्देश्य हो सकता है: आक्रामक प्रजातियों की सीमा नियंत्रण के लिए अधिक धनराशि बनाने के लिए 2020 द्वारा आक्रामक प्रजातियों की नीति पारित करने के लिए राज्य विधायिका प्राप्त करें।
प्रोस्टेट क्या है और उसमे बढ़त क्यों होती है ?
प्रोस्टेट एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है जो ब्लैडर के निचले हिस्से में होता है और मूत्रमार्ग को चारो ओर से घेरता है | वह सीमेन में जाने वाले रस को बनता है |
“यह ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में पाया जाता है और जीवनभर बढ़ता रहता है | परंतु जब वह बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है तो मूत्रमार्ग पर दबाव डालने लगता है और पेशाब की धरा को रोक सकता है,” डॉ. मयंक ने समझाते हुए कहा |
सचिन को अब समझ में आया कि उसको बार-बार पेशाब करने में कष्ट क्यों होता था | वह इस बीमारी के बारे में और जानना चाहता था |
प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का क्या कारण हो सकता है ?
“रीसर्च यह कहता है कि प्रोस्टेट का आकार उम्र के साथ बदलने वाले होर्मोनेस के कारण होता है | इसमें पुरुषों में पाई जाने वाला हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन (testosterone) का भी कुछ हाथ है |”
सचिन ने प्रोस्टेट कैंसर के बारे में कही पढ़ा हुआ था इसीलिए उसने घबराकर पूछा, “क्या प्रोस्टेट के बढ़ने से कैंसर हो सकता है ?”
“ प्रोस्टेट के बढ़ने से कभी कैंसर नहीं होता | इसीलिए चिंता न करें,” डॉ. मयंक ने कहा |
पूरी तरह इस बीमारी की जानकारी लेने के बाद सचिन अपने इलाज के बारे में डॉक्टर से परामर्श करने लगा |
प्रोस्टेट में सूजन का क्या इलाज है ?
प्रोस्टेट में बढ़त के कई इलाज है पर वह मरीज़ के लक्षण, उसके उम्र और उसके ग्रंथि के आकार पर निर्भर होता है |
इलाज के लिए दवाइयों का इस्तेमाल तब किया जाता है जब मरीज़ को केवल हलके या मध्य लक्षण होते है और कोई परेशानी नहीं होती | परंतु अगर वह कष्टदायी लक्षणों का सामना कर रहा हो तो प्रोस्टेट को छोटा करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है |
सचिन का प्रोस्टेट काफ़ी बढ़ा हो गया था जिसकी वजह से वह बिलकुल ही पेशाब नहीं कर पा रहा था | उसको पहले एक नलिका दी गयी जो उसके मूत्रमार्ग में डाला गया | इससे उसके ब्लैडर से सारा जमा हुआ पेशाब निकाला गया |
डॉक्टर ने उसको 5 – अल्फा ब्लॉकर नाम की दवाई दी और उसको दो हफ़्ते बाद आने को कहा |
दो हफ़्ते बाद जब सचिन के मूत्रमार्ग से वह नलिका निकाली गई तब डॉ. खन्ना ने उसको पेशाब करने की कोशिश करने को कहा |
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प्रोस्टेट में सूजन का क्या इलाज है ?
प्रोस्टेट में बढ़त के कई इलाज है पर वह मरीज़ के लक्षण, उसके उम्र और उसके ग्रंथि के आकार पर निर्भर होता है |
इलाज के लिए दवाइयों का इस्तेमाल तब किया जाता है जब मरीज़ को केवल हलके या मध्य लक्षण होते है और कोई परेशानी नहीं होती | परंतु अगर वह कष्टदायी लक्षणों का सामना कर रहा हो तो प्रोस्टेट को छोटा करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है |
सचिन का प्रोस्टेट काफ़ी बढ़ा हो गया था जिसकी वजह से वह बिलकुल ही पेशाब नहीं कर पा रहा था | उसको पहले एक नलिका दी गयी जो उसके मूत्रमार्ग में डाला गया | इससे उसके ब्लैडर से सारा जमा हुआ पेशाब निकाला गया |
डॉक्टर ने उसको 5 – अल्फा ब्लॉकर नाम की दवाई दी और उसको दो हफ़्ते बाद आने को कहा |
दो हफ़्ते बाद जब सचिन के मूत्रमार्ग से वह नलिका निकाली गई तब डॉ. खन्ना ने उसको पेशाब करने की कोशिश करने को कहा |
प्रोस्टेट में सूजन के इलाज में कितना खर्चा लग सकता है ?
दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में प्रोस्टेट के इलाज के लिए Rs. 80,000 से लेकर Rs. 2,50,000 लग सकते है|
ज़्यादातर पुरुषों को सर्जरी के 3 से लेकर 5 दिनों में डिस्चार्ज कर दिया जाता है | उनको ज़्यादा व्यायाम करने से या फिर भारी सामान उठाने से मना किया जाता है |
“अपको सर्जरी के बाद पब्लिक वाहनों में भी सफ़र नहीं करना चाहिए क्योंकि उनमें धक्का – मुक्कि की संभावना होती है |”
बीवी से इलाज के बारे में चर्चा करने के बाद सचिन ने सर्जरी कराने का फैसला किया |
सौभाग्यवश उसकी सर्जरी कामयाब रही |
अगली बार जब वह डॉ. मयंक के पास जांच के लिए आया तो उसने बढ़ते प्रोस्टेट के लक्षणों को सँभालने की सलाह मांगी ताकि वह अपने दोस्तों को और परिवार वालों को भी सतर्क कर सके |
प्रोस्टेट में सूजन होने पर क्या-क्या करें ?
“मैं अपने पेशेंट्स को ज़्यादातर कोई चीज़ खाने से मना नहीं करता परंतु कोई भी चीज़ अधिक मात्रा में खाना भी ठीक नहीं है |”
बढ़ते प्रोस्टेट के लक्षणों को कम करने के लिए अपने खानपान में निम्नलिखित बदलाव करें –
- शाम के वक़्त ज़्यादा पानी ना पिए – बेहतर यह है कि आप सोने के दो-तीन घंटे पहले कुछ भी न पिए | इससे आपको रात में शौचाल्य कम जाना परेगा |
- रोज़ सेहतमंद भोजन खाएं – ज़्यादा तेल वाले खाने से दूर रहे | वह मोटापा का प्रमुख कारण है | मोटापे से प्रोस्टेट का आकार और भी बढ़ सकता है | रोज़ ताज़ी हरी सब्ज़ियों का सेवन करें | और तो और लाल मांस जैसे की गोश्त और सुअर के गोश्त से परहेज़ करें |
- कैफ़ीन और शराब से दूर रहें – यह चीज़ें ज़्यादा पीने से पेशाब ज़्यादा बनता है | इससे आपके लक्षण बद से बत्तर हो सकते है |
मूली से थर थर कांपती हैं बीपी-शुगर की समस्या, सेवन से हो जाता है खात्मा!
Benefits of eating Radish: सर्दियों के मौसम में लोग मूली (Radish) को बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं. मूली सबसे हेल्दी सब्जियों में से एक है. मूली के अंदर कई औषधीय गुण छिपे हुए हैं. मूली का सेवन कर आप बीपी (Blood Pressure), शुगर और कैंसर (Cancer) जैसी बीमारियों से शरीर की रक्षा कर सकते हैं. इस लेख में मूली से मिलने वाले फायदों के बारे में बताएंगे.
कैंसर के खतरे को करें कम
मूली के अंदर एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं. मूली का सेवन कर आप कैंसर सेल्स को रोक सकते हैं. मूली के अंदर ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो पानी के साथ मिलाने पर आइसोथियोसाइनेट्स में टूट जाते हैं. बता दें कि आइसोथियोसाइनेट्स कैंसर के ट्यूमर और उसके विकास को रोकने में सहायक है.