खरीदें और रखें

निवेश के लिए सही शेयर कैसे खरीदें, इन 6 बातों का रखें ध्यान
सही शेयर का चुनाव आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST)
आप अगर निवेश के लिए शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो जान लें कि यह कोई आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है. बिना छानबीन और सुनी सुनाई बातों के आधार पर शेयर नहीं खरीदना चाहिए. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर आप सही शेयर खरीदें और रखें चुन सकते हैं.
मजबूत शेयर के साथ जुड़ें
मजबूत शेयर (जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा हो) के साथ जुड़ा रहना फायदे का सौदा है. कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है. बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश अधिक नहीं होती है.
कंपन की ये तीन चीजें देखें
शेयर चुनते वक्त कभी भी इधर-उधर की सलाह जैसे फोन और एसएमएस पर मिलने वाली हॉट टिप्स पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए. इसी तरह टीवी पर कोई बढ़िया चर्चा देखकर पैसा लगाने का फैसला नहीं करें. शेयर खरीदने से पहले कंपनी की अर्निंग ग्रोथ, मैनेजमेंट क्वालिटी और बैलेंसशीट पर ध्यान देना चाहिए. इन तीन बिंदुओं पर मजबूत कंपनी में नुकसान के आसार कम होंगे.
शेयर की तेजी नहीं उसके पीछे का कारण देखें
केवल यह देखकर कि शेयर ऊपर जा रहे हैं अंधाधुंध पैसा नहीं लगना चाहिए. बल्कि तेजी के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करनी चाहिए. अगर यह तेजी कंपनी की बुनियादी बातों से मेल नहीं खा रही है तो उससे दूर रहने में ही भलाई है.
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ब्रोकरों की के दावों को क्रॉसचेक करें
ब्रोकरों की सलाह आंख मूंदकर न मानें. इसमें उसका निजी हित जुड़ा हो सकता है. तमाम उपलब्ध संसाधनों से क्रॉस चेक जरूर करें नहीं नुकसान उठाना पड़ सकता है.
अगर गिरने लगे शेयर खरीदें और रखें के दाम
एक स्टॉप लॉस जरुर रखें जैसे ही कोई शेयर इसे पार करे तो तुरंत फैसला लें. जैसे कि अगर कोई शेयर अपने खरीद मूल्य से 20 फीसदी नीचे चला जाए तो उसे बेचने में ही समझदारी है. नुकसान वाले शेयर को यह सोचकर लंबे वक्त तक रखना और यह इंतजार करना कि यह एक दिन बढ़ेगा गलत रणनीति है.
कंपनी के दावों की सच्चाई जानने की कोशिश करें
कंपनी के दावों की असलियत का पता करने के लिए खुद रिसर्च करें. यह पता करें कि कंपनी को वास्तव में प्रॉफिट हुआ है या नहीं. या फिर उसने नए ऑर्डर पाने का जो दावा किया है, वह कितना सही है.
यह भी पढ़ें:
Published at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST) Tags: Money Investment Stock Market shares company broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Electric Scooter खरीदने से पहले ध्यान रखें ये 5 बातें, नहीं होगा धोखा
सबसे पहले आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के उद्देश्य को तय करें. आप इसे व्यवसायिक कामों के लिए खरीद रहे या खुद के उपयोग के लिए. व्यवसायिक कामों लिए उपयोग में आने वाली ई-स्कूटर में स्टोरेज स्पेस और उसके भार वहन करने की क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 28 नवंबर 2022, 6:57 PM IST)
पेट्रोल और डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा किफायती माना जा रहा है, जिसके चलते EV व्हीकल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसी देखते हुए कंपनियां भी इस सेगमेंट में लगातार नए-नए खरीदें और रखें वाहन लॉन्च कर रहे हैं. हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर अभी भी कुछ लोगों के बीच कन्फ्यूजन देखने को मिल जाता है. ऐसे में अगर आप भी कोई इलेक्ट्रिक-स्कूटर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपके सामने दुविधा की स्थिति उत्पन्न ना हो तो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
क्यों खरीदना चाहते हैं इलेक्ट्रिक स्कूटर:
सबसे पहले आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के उद्देश्य को तय खरीदें और रखें करें. आप इसे व्यवसायिक कामों के लिए खरीद रहे या खुद के उपयोग के लिए. व्यवसायिक कामों लिए उपयोग में आने वाली ई-स्कूटर में स्टोरेज स्पेस और उसके भार वहन करने की क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है. इससे जुड़े मॉडल्स वस्तुओं के डिलीवरी के लिए उपयोग किए जाते हैं. व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर बेहद कम फीचर्स के साथ आते हैं. इनकी गति भी बेहद कम होती है. हीरो इलेक्ट्रिक, जितेंद्र ईवी और ओकिनावा कुछ ऐसे ब्रांड हैं जो व्यवसायिक उपयोगों के सिए ई-स्कूटर लॉन्च करते हैं.
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खुद के लिए उपयोग किए जाने ई-स्कूटर और मोटरसाइकिल दोनों हाई और लो स्पीड फॉर्मेट में उपलब्ध है. लो स्पीड के साथ आने वाले ई-स्कूटर सस्ते होते हैं. ये शहर के भीतर कम दूरी के लिए उपयोग करने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माने जाते हैं. इस वाहन को चलाने के लिए लाइसेंस की भी जरूरत नहीं होती. वहीं, हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन प्रीमियम श्रेणी में आते हैं. इसमें एथर 450X, बजाज चेतक, रिवोल्ट आरवी400, टीवीएस आईक्यूब और ओला एस1 प्रो जैसे नाम शामिल हैं. ये अच्छे फीचर्स, स्टोरेज कैपेसिटी और बेहतर फिनिश के साथ आते हैं.
वाहन की रेंज और स्पीड:
इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने से पहले तय कर लें कि कितनी स्पीड और रेंज वाली गाड़ी आप खरीदना चाहते हैं. अगर आपकी रेंज कम खरीदें और रखें है तो आप 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले स्कूटर का चयन कर सकते हैं. हालांकि, जिन शहरों में फ्लाईओवर ज्यादा हैं, वह इस रेंज की स्कूटर लेना अच्छा विकल्प नहीं होगा. अगर आप डेली 80 किलोमीटर तक की दूरी तय करते हैं तो आप हाई स्पीड वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद सकते हैं.
बैटरी और चार्जिंग:
इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनियां अपने वाहन में स्वैपेबल, रिमूवेबल और फिक्सड बैटरी के विकल्प देने लगी हैं. स्वैपेबल बैटरी देने वाले ब्रांड्स शुरुआती दौर में चुनिंदा शहरों में बैटरी स्वैपिंग सुविधा भी दे रहे हैं. जहां पर आप राइडर सब्सक्रिप्शन के आधार पर अपने डिस्चार्ज बैटरी के बदले चार्ज की हुई बैटरी प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए आपको मामूली धनराशि खर्च करनी होगी. रिमूवेबल बैटरी को स्कूटर से निकालकर घर, ऑफिस, या यहां तक कि एक पार्किंग में भी चार्ज कर सकते हैं. लेकिन एक अच्छी पार्किंग स्पेस या चार्जिंग स्टेशन इसके रिचार्ज करने के लिए बढ़िया जगह साबित होती है.
कीमत और सब्सिडी:
आज के समय में राज्य सरकारें अपने स्टेट में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की सब्सिडी योजनाएं दे रही हैं, इसके अलावा इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद पर FAME II सब्सिडी का भी लाभ दिया जा रहा है. जिससे महंगे स्कूटरों की कीमत में भी भारी कटौती देखने को मिल रही है. यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि, FAME II सब्सिडी केवल 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए मार्च 2024 तक उपलब्ध होगी. FAME II की समाप्ति के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में इजाफा हो सकता है.
ऑफ्टर सेल सर्विस:
पेट्रोल और डीजल से चलने वाली वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल की सर्विसिंग कराने की प्रकिया उतनी आसान नहीं है. इस सेगमेंट की ज्यादातर कंपनियां ऑनलाइन अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर बेच रहे हैं. वहीं, सर्विसिंग के लिए वे मोबाइल नेटवर्क जैसी तकनीक पर निर्भर हैं. ऐसे में स्कूटर खरीदते समय सर्विसिंग को लेकर पहले ही कस्टमर पूरी जानकारी ले लें.
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले 5 बातों का रखें ध्यान, खरीदें और रखें रीसेल के समय मिलेगा जबरदस्त रिटर्न
बेहतर रिटर्न के लिए घर खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान.
अगर आप रिटर्न की उम्मीद के साथ प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो 5 बेहद जरूरी चीजें जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा. इन 5 बातो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 10, 2022, 10:12 IST
हाइलाइट्स
अगर आपकी प्रॉपर्टी किसी कमर्शियल हब के नजदीक है तो आप उसे रेंट या लीज पर दे सकते हैं.
स्कूल, हॉस्पिटल या मार्केट से नजदीकी आपकी प्रॉपर्टी के रेट में काफी इजाफा करवा सकती है.
आपकी प्रॉपर्टी की लोकेशन उसकी मार्केट वैल्यू तय करने में बड़ा किरदार अदा करती है.
नई दिल्ली. देश में लोगों की आमदनी बढ़ने के साथ प्रॉपर्टी मार्केट में भी उछाल देखने को मिल रहा है. हाल ही में आए कई सर्वे इस बात की पुष्टि भी करते हैं कि घर या जमीन की कीमतों में तेजी देखने को मिली है और आगे भी कुछ साल तक यह बढ़त जारी रह सकती है. ऐसे में ये अच्छा समय जब आप प्रॉपर्टी खरीद कर उसे रीसेल करें और अच्छा मुनाफा कमाएं
प्रॉपर्टी डील से मन-मुताबिक मुनाफा लेने के लिए आपको कुछ बेहद जरूरी बातों को ध्यान में रखना होगा. जब आप किसी प्रॉपर्टी को रीसेल के उद्देश्य से खरीदने जाएं तो 5 बातों पर खरीदें और रखें जरूर गौर करें और तभी उस डील को लेकर आगे बढ़ें. आज एक-एक करके आपको हम इन पाचों बिंदुओं के बारे में बताएंगे.
प्रॉपर्टी कहां स्थित है?
जब भी जमीन, घर या किसी अन्य तरह की रीयल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदें तो ये देखें की वह कहां मौजूद है. यानी उसकी लोकेशन क्या है. लोकेशन किसी भी प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने या घटाने में बड़ा किरदार अदा करती है. अगर आप रिटर्न के उद्देश्य से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो ऐसे इलाके में ही खरीदें जो आगे बढ़ रहा हो और उसमें ग्रोथ की संभावनाएं दिख रही हों. इससे आपको भविष्य में बेहतर रिटर्न मिलने में मदद होगी ही, साथ ही पहले से प्राइम एरिया में मौजूद प्रॉपर्टी के मुकाबले आपको यहां शुरुआती निवेश कम करना होगा.
सुविधाएं
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले देखें कि अस्पताल, स्कूल, पार्क्स, शॉपिंग कॉम्पलेक्स वहां से कितना दूर है. ये सब आपको हाई रिटर्न दिलाने में मदद करेंगे. अगर ये सुविधाएं अभी वहां मौजूद नहीं है तो कम-से-कम वहां भविष्य में इनके बनने की संभावना तो होनी ही चाहिए.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट
निवेश करते वक्त यह भी ध्यान में रखें कि आपकी प्रॉपर्टी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट कितनी दूरी पर उपलब्ध होगा. अगर कनेक्टिविटी बेहतर है तो प्रॉपर्टी के रेट ऊपर भागेंगे. इसलिए ऐसी जगह निवेश करें जहां से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर हो.
रेंटल प्रॉपर्टीज
ऐसी जगह पर प्रॉपर्टी खरीदें जहां से आपको रेंटल इनकम मिल सके. अगर आप लोन पर प्रॉपर्टी ले रहे हैं तो संभव है कि लंबे समय की ईएमआई आपके गेन्स को खत्म कर देगी. लेकिन रेंटल प्रॉपर्टी में आपको इनकम मिलती रहती है जिससे ये परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी.
कर्मशियल हब से नजदीकी
कॉर्पोरेट ऑफिसेज व कमर्शियल हब खरीदें और रखें से प्रॉपर्टी की नजदीकी भी आपको अच्छा रिटर्न दिला सकती है. केवल इतना ही नहीं आप इसे लीज पर देकर भी बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं, रेजिडेंशिल प्रॉपर्टी को आप कॉर्पोरेट ऑफिसेज में काम करने वाले कर्मचारियों को रेंट पर देकर मुनाफा कमा सकते हैं.
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निवेश के लिए सही शेयर कैसे खरीदें, इन 6 बातों का रखें ध्यान
सही शेयर का चुनाव आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST)
आप अगर निवेश के लिए शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो जान लें कि यह कोई आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है. बिना छानबीन और सुनी सुनाई बातों के आधार पर शेयर नहीं खरीदना चाहिए. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर आप सही शेयर चुन सकते हैं.
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मजबूत शेयर (जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा हो) के साथ जुड़ा रहना फायदे का सौदा है. कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है. बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश अधिक नहीं होती है.
कंपन की ये तीन चीजें देखें
शेयर चुनते वक्त कभी भी इधर-उधर की सलाह जैसे फोन और एसएमएस पर मिलने वाली हॉट टिप्स पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए. इसी तरह टीवी पर कोई बढ़िया चर्चा देखकर पैसा लगाने का फैसला नहीं करें. शेयर खरीदने से पहले कंपनी की अर्निंग ग्रोथ, खरीदें और रखें मैनेजमेंट क्वालिटी और बैलेंसशीट पर ध्यान देना चाहिए. इन तीन बिंदुओं पर मजबूत कंपनी में नुकसान के आसार कम होंगे.
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केवल यह देखकर कि शेयर ऊपर जा रहे हैं अंधाधुंध पैसा नहीं लगना चाहिए. बल्कि तेजी के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करनी चाहिए. अगर यह तेजी कंपनी की बुनियादी बातों से मेल नहीं खा रही है तो उससे दूर रहने में ही भलाई है.
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एक स्टॉप लॉस जरुर रखें जैसे ही कोई शेयर इसे पार करे तो तुरंत फैसला लें. जैसे कि अगर कोई शेयर अपने खरीद मूल्य से 20 फीसदी नीचे चला जाए तो उसे बेचने में ही समझदारी है. नुकसान वाले शेयर को यह सोचकर लंबे वक्त तक रखना खरीदें और रखें और यह इंतजार करना कि यह एक दिन बढ़ेगा गलत रणनीति है.
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कंपनी के दावों की असलियत का पता करने के लिए खुद रिसर्च करें. यह पता करें कि कंपनी को वास्तव में प्रॉफिट हुआ है या नहीं. या फिर उसने नए ऑर्डर पाने का जो दावा किया है, वह कितना सही है.
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Published at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST) Tags: Money Investment Stock Market shares company broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi