लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए?

Paradeep Phosphates का आईपीओ खुला, क्या आपको इसमें पैसा लगाना चाहिए?
कंपनी ने प्राइस बैंड 39-42 रुपये तय किया है। एक शेयर की फैस वैल्यू 10 रुपये है। इश्यू का करीब 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है
Paradeep Phosphates प्राइवेट सेक्टर की देश की दूसरी सबसे बड़ी नॉन-यूरिया और DAP बनाने वाली कंपनी है। इसकी शुरुआत 1981 में हुई थी।
Paradeep Phosphates का आईपीओ 17 मई (मंगलवार) को खुल गया है। आप इस इश्यू में 19 मई तक बोली लगा सकते हैं। यह प्राइवेट सेक्टर की देश की दूसरी सबसे बड़ी नॉन-यूरिया और DAP बनाने वाली कंपनी है। इसकी शुरुआत 1981 में हुई थी। यह कई तरह की फर्टिलाइजर्स की मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग करती है।
यह कंपनी आईपीओ से 1,501 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। इसमें 499.73 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) भी शामिल है। पारादीप फास्फेट्स में जुआरी मैरोक फॉस्फेट्स प्राइवेट लिमिटेड (ZMPPL) में 80.45 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी 19.55 फीसदी हिस्सेदारी सरकार की है।
कंपनी ने प्राइस बैंड 39-42 रुपये तय किया है। एक शेयर लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? की फैस वैल्यू 10 रुपये है। इश्यू का करीब 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है। 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है। बाकी 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है।
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मनीकंट्रोल ने इस आईपीओ के बारे में पांच ब्रोकरेज फर्मों से बात की। इनमें तीन की राय इस इश्यू के बारे में पॉजिटिव है। उनका मानना है कि कंपनी की ग्रोथ की अच्छी संभावना है। प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले इसके शेयर का प्राइस सही है। उन्होंने इस इश्यू में पैसे लगाने की सलाह दी है।
फाइनेंशियल ईयर 2019-21 के दौरान कंपनी के बिजनेस की ग्रोथ अच्छी रही है। हालांकि, इस दौरान मुनाफा कमाने की क्षमता स्थिर रही। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 और 2020-21 में एवरेज ऑपरेटिंग कैश फ्लो 1,385 करोड़ रुपये रहा। डेट टू इक्विटी रेशियो फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में 2.2 गुना था, जो फाइनेंशियल ईयर 2020-21में सुधरकर 0.7 गुना रह गया।
बीपी इक्विटीज ने कहा है, "कंपनी फॉस्फेटिक एसिड प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाकर 1500 टीपीडी करने और स्ट्रॉन्ग फॉस्फोरिक एसिट का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए इवेपोरेटर लगा रही है। इससे बैकवॉर्ड इंटिग्रेशन में सुधार आएगा, जिससे मारिजन में भी सुधार दिखेगा।"
प्राइस बैंड के ऊपरी लेवल पर फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की सालाना कमाई के आधार पर इसका पीई 7 गुना है। इसका मतलब यह है कि इसका प्राइस सही रखा गया है। इस वजह से बीपी इक्विटास ने इस शेयर को लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है।
ब्रोकरेज फर्म चॉइस ब्रोकिंग ने कहा है कि कंपनी का बिजनेस सीजन में होने वाले बदलाव और जलवायु की स्थितियों पर निर्भर करता है। यह कंपनी के लिए रिस्क है। सरकार की पॉलिसी और रेगुलेशन अनुकूल नहीं होने पर कंपनी के बिजनेस पर असर पड़ सकता है। सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलने में देरी से भी कंपनी के बिजनेस पर दबाव बढ़ जाएगा।
उसने कहा है कि 42 रुपये के हायर प्राइस बैंड पर कंपनी वित्त वर्ष 2020-21 के EV/Sales के 0.7 गुना की डिमांड कर रही है, जो प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के 1.1 गुना के मुकाबले डिस्काउंट पर है। उसने इनवेस्टर्स को इस आईपीओ में इनवेस्ट करने की सलाह दी है।
ब्रोकरेज फर्म एंजेल ने इस आईपीओ पर 'न्यूट्रल' रेटिंग दी है। उसने कहा है कि कंपनी की वैल्यूएशन प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की वैल्यूएशन जैसी है। हाल में रॉ मेटेरियल की कीमतें बढ़ने से इसकी कॉस्ट पर दबाव बढ़ने की आशंका है।
उधार लेकर पैसे न लौटाए सहकर्मी तो क्या करें?
-केवल अतिरिक्त पैसे होने पर ही आर्थिक मदद करें. इन्हें बट्टे-खाते में डालने के लिए तैयार रहें. कारण है कि इस तरह का पैसा वापस मिलने की गुंजाइश बहुत कम रहती है.
-पैसा तभी दें अगर लगता है कि सहकर्मी वाकई आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उस स्थिति में पैसा नहीं देना चाहिए अगर वह किसी शाहखर्ची में पैसे लगाने वाला हो.
-पता कर लें कि सहकर्मी की उधार लेने की आदत न हो. उसने अन्य लोगों से भी पैसे न मांगे हों. उस स्थिति में पैसे नहीं देने चाहिए.
-बॉस के मामले में सिर्फ उन्हें खुश करने के लिए पैसे का बंदोबस्त करने का दबाव न ले लें. उन्हें निजी स्थितियों का हवाला देकर आप मना कर सकते हैं.
अगर आप पहले ही उधार दे चुके हैं और पैसे वापस नहीं मिले हैं तो संभावना है कि उसके बारे में कर्ज लेने वाला भूल चुका है. इस तरह के मामलों में याद दिलाना मकसद पूरा कर देता है. अगर ऐसा न हो, तो यह रणनीति अपनाएं:
1. बहुत लंबा इंतजार नहीं करें
अगर सहकर्मी ने अगली सैलरी मिलते ही उधार लौटाने का वादा किया लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? है तो इंतजार करें. अगर कोई समयसीमा तय नहीं की गई है तो बहुत इंतजार नहीं करें. कुछ समय गुजरते ही पैसे की याद दिलाएं. आप जितना लंबा इंतजार करेंगे, पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी कम हो जाएगी. इसका एक और असर हो सकता है. आपके उस सहकर्मी के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं. यह आपके काम को प्रभावित कर सकता है.
2. कम शब्दों लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? में लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? सीधे-सीधे कहें
उधार वापसी की बात कहने के लिए आपको लंबी-चौड़ी स्पीच सोचने की जरूरत नहीं है. न ही आपको भावुक ईमेल या व्हाट्सऐप करने की आवश्यकता है. इसके लिए बस आप अपने सहकर्मी से मिलें और मसले पर बात कर लें. उन्हें विनम्रता के साथ याद दिलाएं. लड़ाई-झगड़े से बात बनने की जगह बिगड़ती है. सीधे पूछें, "मैं जानना चाहता हूं कि आप कब मेरा पैसा लौटा रहे हैं." इस तरह की बातों में न आएं जिसमें कहा जाए, "बस दो से तीन महीनों में." उनसे एक तय तारीख बताने के लिए कहें. अगर इस तारीख को पैसे न लौटाए जाएं तो दोबारा कहें.
3. सहूलियत दें
मुमकिन है कि सहकर्मी सच में मुश्किल दौर से गुजर रहा हो. उसे एकमुश्त पैसे लौटाने में दिक्कत पेश आ रही हो. उस स्थिति में लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? उन्हें सहूलियत दें. उनसे कुछ महीनों में थोड़ा-थोड़ा कर पैसे लौटाने के लिए कहें.
4. अर्जेंसी के बारे में बताएं
अगर आपको पैसे की सख्त जरूरत है तो सहकर्मी को अर्जेंसी के बारे में बताएं. यह काम सीधे किया जा सकता है. उन्हें कारण बताएं कि क्यों आपको तुरंत पैसों की जरूरत है. अतिरिक्त दबाव बनाने के लिए लोगों के सामने कहें कि कैसे सहकर्मी चकमा दे रहा है.
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पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें; जानें क्या करें, क्या ना करें
Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने भविष्य को संवारने के लिए जरूरी होता है कि आप सही समय पर निवेश की शुरुआत करें । वहीं किसी भी निवेश से पहले जरूरी होती है उसकी सोच समझ कर की गई प्लानिंग। हर निवेशक पैसा लगाने के बदले में कुछ उम्मीद या कोई लक्ष्य रख कर आगे बढ़ता है। अगर आप प्लानिंग के साथ निवेश की शुरुआत करते हैं तो यकीन मानिये कि आप अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। निवेश करने से पहले आपको इस बात की योजना बनानी होगी कि आपके पास फंड कहां से आएगा और आपको कितना निवेश करना है। वहीं आपको ये भी समझना होगा कि आप इस रकम के साथ कितना जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इसी आधार पर निवेश की नींव तैयार की जा सकती है। बढ़ती महंगाई ने निवेशकों की जेब पर डाका डाला है, लोगों की सेविंग्स खत्म हो रही है, ऐसे में महंगाई को मात देने के लिए निवेशकों के लिए अब जरूरी हो गया है कि वो अपना रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान दें। ऐसे में शेयर बाजार में सोच समझ कर किया गया निवेश निवेशकों के लिए काफी मददगार हो सकता है।
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महंगाई लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? का लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? मुकाबला करने के लिए शेयर बाजार की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। ये सच है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन ये भी सच है कि नए निवेशक आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और इनवेस्ट कर पैसा कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप कुछ नियमों का पालन करते हैं और बाजार को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होता रहती है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि स्टॉक्स में निवेश पर आपको फायदा और नुकसान दोनों ही हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय धैर्य रखना बेहद जरूरी है।
कैसे करें स्टॉक्स का चयन
शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। आप थोड़ी-थोड़ी रकम से बाजार में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। नए investor को शुरुआत में ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचना चाहिए। इसलिए, उन्हें तेज उतार-चढ़ाव वाले stock पर फोकस करने के बजाए फंडामेंटली मजबूत शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। कई बार ऐसा पढ़ने-सुनने को मिलता है कि इन्वेस्टर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश कर देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होती हैं और निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इसलिए निवेश की शुरुआत लार्जकैप शेयरों से करना बेहतर होगा।
शुरुआत में नए निवेशक को penny stocks में पैसा लगाने से बचना चाहिए। कई निवेशकों को लगता है कि ऐसे शेयर में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये दांव अक्सर उलटा पड़ जाता है। जब आप शेयर बाजार अच्छी तरह समझने लगें तो आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। शेयर का चुनाव हमेशा कंपनी की ग्रोथ देखकर ही करना चाहिए। उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसका कारोबार अच्छा हो और उसको चलाने वाला मैनेजमेंट बेहतर हो। तभी आप अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पा सकेंगे।
क्या करें, क्या ना करें
सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट ना करें। एक निवेशक को बाय एंड होल्ड की रणनीति अपनानी चाहिए। स्टॉक मार्केट में गिरावट आने पर कभी भी घबराकर पूरा निवेश नहीं निकालें। आप उन कंपनियों के शेयर पर फोकस रहें जिसमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ इनवेस्ट किया है। अगर आपने सिर्फ stock के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं इनवेस्ट किया है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश बंद नहीं करें। बाजार के जानकारों से सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें।
शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी बातें
Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं। निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में खुद रिसर्च करें या भरोसे वाले बाजार के जानकारों से मदद लें। 5paisa ऐसा ही एक एक्सपर्ट है जो आपको बाजार में आगे बढ़ने के लिए कारगर सलाहें देता है, जिससे बाजार में आप अपना पहला कदम मजबूती के साथ रख सकते हैं।
वहीं share चुनते समय रिटर्न को ही आधार बनाना सबसे आम गलतियों में से एक है। इसलिए निवेशक को कभी ऊंचे रिटर्न देखकर ही पैसा लगाने का फैसला नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि शेयर की चाल हमेशा एक समान नहीं होती है, इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।
किसी कंपनी पर आंख बंद कर भरोसा करने की गलती कभी नहीं करें। अगर आपने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जिसका फंडामेंटल मजबूत था, लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव हुआ है तो शेयर बेचकर निकलने में ही भलाई है। याद रखें, आपने पैसा कमाने के लिए शेयर में निवेश किया है, नुकसान उठाने के लिए नहीं।
Investment Strategy: क्या मिडकैप और स्मॉलकैप में पैसे लगाने का सही है समय, मौजूदा बाजार में निवेश के लिए चुनें बेस्ट स्ट्रैटेजी
Equity Investment: एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को अच्छी क्वालिटी वाले बिजनेस पर फोकस करना चाहिए, जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और मजबूत कैश फ्लो है. घाटे में चल रहीं न्यू एज बिजनेस वाली कंपनियों से लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? दूर रहें.
Investment Strategy: हालिया रिकवरी के बाद भी महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे जैसी चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं. (File)
Equity Investment Strategy in Current Market: हाल के दिनों में बाजार में निचले स्तरों से कुछ रिकवरी देखने को मिली है. लेकिन महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे जैसी चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं, जिसकी वजह से उतार चढ़ाव बना हुआ है. कमोडिटी की कीमतों में नरमी एक बेहतर संकेत है, लेकिन अभी भी मंदी की आशंका के चलते जोखिम बना हुआ है. ऐसे में निवेशकों के सामने कई सवाल हैं. जैसे बाजार इस साल के अंत तक कहां होगा. मौजूदा रिकवरी के बाद निवेशकों को किस सेक्टर में निवेश करना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप में हालिया करेक्शन के बाद क्या निवेश के अवसर बने हैं. इन सारी बातों का जवाब देने के लिए हमने यहां PGIM India Mutual Fund के हेड-इक्विटी, अनिरुद्ध नाहा से बात की है.
1. हाल के दिनों में बाजार निचले स्तरों से उबरा है. 2022 के अंत लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? तक आप बाजार को किस लेवल पर देख रहे हैं? क्या हमें एक बॉटम मिल गया है या निवेशकों को अभी सतर्क रहने में ही समझदारी है?
विकसित देशों और भारत के आउटलुक में कुछ अंतर दिख रहे हैं. महंगाई अब एक कॉमन थीम बन गया है. वहीं मंदी की आशंका भारत के लिए बहुत ज्यादा परेशान करने वाली नहीं लगती, जितनी कि अमेरिका और यूरोप के मामले में हो सकती है. भले ही महंगाई, ब्याज दरें, फिस्कल डेफिसिट की चुनौतियां हैं, कॉरपोरेट इंडिया को अपने डिमांड आउटलुक, ऑर्डर बुक और मार्जिन की स्थिरता में मजबूती दिख रही है. कमोडिटी की कीमतों में गिरावट मार्जिन के मोर्चे पर राहत देने वाली है. मार्केट कैप के मामले में कंफर्टेबल वैल्युएशन पर होने के चलते भारतीय बाजार आगे अच्छा प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. हालांकि कोई बड़ी ग्लोबल मैक्रो चुनौती बाजार के लिए रिस्क बन सगकती है.
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2. भारत में महंगाई में नरमी के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, लेकिन अमेरिका में अभी तक यह पीक पर नहीं पहुंचा है. इस डाइवर्जेंस का घरेलू शेयर बाजार के लिए क्या मायने है?
भारत की बात करें तो महंगाई में नरमी है. कमोडिटी की कीमतों के घटने से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलनी चाहिए. कमोडिटी की कम कीमतों का असर अमेरिका में भी दिखना शुरू हो जाना चाहिए. उनकी बॉन्ड यील्ड आने वाले समय में महंगाई में नरमी को दिखाती है. अगर अमेरिकी इनफ्लेशन रेट में बढ़ोतरी जारी रहती है, तो ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसके चलते एफआईआई भारतीय इक्विटी की बिक्री जारी रख सकते हैं.
3. मौजूदा उतार-चढ़ाव के दौर में बाजार से सबसे ज्यादा मुनाफा पाने के लिए स्ट्रैटेजी क्या होनी चाहिए?
हमारी सलाह है कि निवेशकों को अच्छी क्वालिटी वाले बिजनेस पर फोकस करना चाहिए, जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और मजबूत कैश लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? फ्लो है. रेट हाइक साइकिल और टाइट लिक्विडिटी के दौर में बाजारों को वैल्युएशन का सपोर्ट करने के लिए कैया फ्लो के महत्व का एहसास होगा. बाजार में अपसाइड आने पर इन क्वालिटी बिजनेस में भी उछाल आना चाहिए. घाटे में चल रहीं न्यू एज तकनीकी / प्लेटफॉर्म-आधारित कंपनियों से दूर रहना चाहिए. वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रहें और बेहतर वैल्यू वाली कंपनियों में निवेश करें.
4. ब्रॉडर मार्केट में तेज करेक्शन के बाद क्या निवेशकों को मिड और स्मॉल-कैप पर ध्यान देना चाहिए?
मिडकैप और स्मॉलकैप में बाजार के अनुमान के मुताबिक करेक्शन हुआ है. कई मिड और स्मॉल कैप के लिए ग्रोथ का अनुमान अगले 3 से 5 सालों में मजबूत बना हुआ है, क्योंकि वैल्यूएशन काफी वाजिब स्तर पर है. ये अगले 3 से 5 सालों में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्च्युनिटीज फंड का 7 साल का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा है.
5. आप किन सेक्टर पर अंडरवेट और किन पर ओवरवेट हैं?
हम अगले 3 लेकिन क्या आपको पैसे लगाने चाहिए? से 5 सालों में भारत पर बेहद पॉजिटिव हैं. खासतौर से डोमेस्टिक थीम पर बेहद पॉजिटिव नजरिया है. लेकिन उन थ्थीम पर सतर्क रुख है, जिनका ग्लोबल लिंक है. कॉरपोरेट, एसएमई और एमएसएमई इंडिया में साफ सुथरी बैलेंस शीट और मजबूत कैपेसिटी यूटिलाइजेशन को देखते हुए, इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स और सीमेंट सेक्टर पर पॉजिटिव हैं. ऑटो और ऑटो एंसिलरी भी बेहतर दिख रहे हैं. इनमें अगले 3 से 5 सालों में इसमें मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगा, वह भी बिना बहुत अधिक बाधाओं के. महंगाई के चलते कमोडिटी पर अंडरवेट बने हुए हैं; वैल्यूएशन के नजरिए से कंज्यूमर सेक्टर पर भी हम अंडरवेट हैं.
6. जून तिमाही के नतीजों और अब तक कॉरपोरेट कमेंट्री से आप आगे के लिए क्या देख रहे हैं?
अब तक कंपनियों के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं. डिमांड और लोन ग्रोथ मजबूत बनी हुई है. कुछ इंडस्ट्री में मार्जिन का दबाव मौजूद है, लेकिन यह भी धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाना चाहिए. इंजीनियरिंग कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई है. कॉरपोरेट कमेंट्री भी सकारात्मक बनी हुई है. आईटी सहित अधिकांश सेक्टर में अभी कोई बड़ा जोखिम नहीं दिख रहा है. कच्चे माल की महंगाई के चलते मार्जिन पर कुछ दबाव को छोड़कर, कॉर्पोरेट इंडिया पर आम तौर पर किसी भी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का प्रभाव नहीं पड़ा है.
ATM से नहीं निकला कैश लेकिन अकाउंट से कट गए पैसे तो जानें आपको तुरंत क्या करना चाहिए
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