Share Market कैसे काम करते हैं

भारत में शेयर बाजार का विनियमन | Regulation of Share Market in India
Women’s Day 2022: महिला Share Market कैसे काम करते हैं निवेशकों के लिए शेयर मार्केट में निवेश के ये हैं 5 गोल्डन रूल, सही इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी से बन सकते हैं अमीर
आम तौर पर महिलाओं को एक बेहतर निवेशक माना जाता है.
Women’s Day 2022: कहा जाता है कि शेयर बाजारों में निवेश करने वालों में से 5 फीसदी से भी कम निवेशक ही लगातार मुनाफा कमा पाते हैं. शेयर बाजार से मुनाफा कमाने के लिए बहुत तेज बुद्धि की ही जरूरत नहीं है, बल्कि एक अनुशासित और व्यावहारिक तरीके से भी निवेश करके अच्छा खासा रिटर्न जनरेट किया जा सकता है. यही वजह है आम तौर पर महिलाओं को एक बेहतर निवेशक माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि महिलाएं, पुरुषों की तुलना में बचत करने में अच्छी होती हैं और प्राइस व वैल्यू के बीच बेहतर अंतर कर सकती हैं. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश करने के कुछ गोल्डन रूल हैं, जो महिलाओं को पैसा कमाने में मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि य रूल कौन से हैं.
एंट्री रूल्स
जिस तरह हम कोई सामान खरीदते हैं तो उसकी कीमत और क्वालिटी को परखते हैं, Share Market कैसे काम करते हैं Share Market कैसे काम करते हैं उसी तरह स्टॉक चुनते समय भी यही तर्क काम करता है. यह नियम महिलाओं को सही स्टॉक चुनने में मदद कर सकता है.
Post office Whole Life Assurance Plan: पोस्ट ऑफिस के इस प्लान में रोज बचाएं 50 रुपये, मैच्योरिटी पर मिलेगा 34 लाख
क्वालिटी स्टॉक्स खरीदें
क्वालिटी वाले स्टॉक खरीदने का मतलब उन कंपनियों के स्टॉक खरीदना है, जिनके पास एक स्ट्रांग मैनेजमेंट है और जिन्होंने अलग-अलग बिजनेस सायकल का सामना किया है.
ऐसा माना जाता है कि ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए, जिन्हें हम आसानी से समझ सकें और किसी और को भी समझा सकें. ऐसी कंपनियों में निवेश का मतलब यह है कि जब बिजनेस में कुछ गड़बढ़ हो जाता है, तो ऐसे में यह समझना आसान होता है कि यह ठीक होगा या नहीं, और होगा भी तो कब तक होगा. इस आधार पर यह फैसला लेना भी आसान हो जाता है कि कंपनी के शेयरों में गिरावट पर और शेयर खरीदने चाहिए या नहीं.
डायवर्सिफिकेशन है जरूरी
निवेश करते समय डायवर्सिफिकेशन का ध्यान रखना जरूरी है. अलग-अलग सेक्टर में एक से ज्यादा स्टॉक में निवेश किया जाना चाहिए. डायवर्सिफिकेशन से किसी एक सेक्टर में गिरावट पर भी ज्यादा नुकसान से बचा जा सकता है.
अपने निवेश की लगातार निगरानी जरूरी है. किसी भी स्टॉक में कमजोरी के संकेत होने पर फौरन जरूरी कदम उठाया जाना चाहिए. साथ ही कंपनियों की स्थिति को भी लगातार मॉनिटर करना चाहिए.
(By Vikas Singhania, CEO, TradeSmart)
(शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं. कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.)
IPO: Share Market कैसे काम करते हैं क्या होता है आईपीओ, कैसे किया जाता है इसमें निवेश? आसान भाषा में समझें सबकुछ
IPO: ये दौर निवेश का है। आज बड़े पैमाने पर कई लोग अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को अपनाकर करोड़ों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। हाल में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भी अपने आईपीओ के जरिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है। ऐसे में कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आईपीओ होता क्या है और इसमें निवेश कैसे किया जाता है? पिछले साल भी आईपीओ टर्म काफी ट्रेंड में था। पारस डिफेंस, पेटीएम, जोमेटो जैसी कई बड़ी कंपनियां आईपीओ के जरिए अपने स्टॉक मार्केट में लेकर आई थीं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं, जो आईपीओ के विषय में नहीं जानते। वो अक्सर आईपीओ को लेकर कई सवाल करते हैं। अगर आप भी आईपीओ के बारे में नहीं Share Market कैसे काम करते हैं जानते, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज हम जानेंगे कि आईपीओ क्या होता है और इसमें इन्वेस्ट कैसे किया जाता है?
क्या होता है आईपीओ
आईपीओ से तात्पर्य प्रारंभिक पब्लिक पेशकश (Initial Public Offering) से है। आईपीओ एक कंपनी के द्वारा लाया जाता है। आईपीओ के जरिए एक कंपनी स्टॉक मार्केट में शेयर के बदले लोगों से धन उठाती है। कोई भी कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार पब्लिक के लिए लेकर आती है, उसे ही आईपीओ कहा जाता है।
कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ को जारी करती हैं। एक बार जब कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाती है, उसके बाद निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आईपीओ की मदद से कंपनियां कैपिटल इकट्ठा करने का काम करती हैं। कंपनियां आईपीओ को तभी जारी करती हैं, जब उन्हें ज्यादा मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है।
आईपीओ में निवेश कैसे करें?
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास एक वैलिड डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। इसके बाद आप जिस स्टॉक ट्रेडिंग एप्स से अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाया है। उस स्टॉक ट्रेडिंग एप के जरिए आसानी से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं।
देश में इस समय लोग बड़े पैमाने पर एलआईसी के आईपीओ में निवेश कर रहे हैं। एलआईसी आईपीओ की बिडिंग डेट 4 से 9 मई के बीच है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना में है।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही Share Market कैसे काम करते हैं भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
What is Share Market in Hindi: शेयर मार्केट भारत में कैसे काम करता है? यहां विस्तार से समझिए
Share Market in Hindi: शेयर बाजार को लेकर अक्सर आम लोगों के मन में भ्रम की स्थिती रहती है। Share Market के सही नॉलेज से आपको बादशाह बना सकता है। इसलिए इस लेख में जनेंगे कि Share Market kya Hai? (What is Share Market in Hindi) और यह भारत में कैसे काम करता है?
Share Market in Hindi: ज्यादातर लोग यह कहते है कि शेयर मार्केट बरमूडा ट्रायंगल की तरह है जिसमें वह उलझ कर रह जाते है, जबकि ऐसा नहीं है Share Market को अच्छे से समझ लिया जाएं तो आप इस क्षेत्र के बादशाह बन सकते है। शेयर मार्केट को समझने के लिए आपको राकेट साइंस जैसा दिमाग नहीं लगाना है, आप रिस्क और रिटर्न की क्षमता का आंकलन करके Share Market को अच्छी तरह समझ सकते है। शेयर बाजार ठीक उसी बाजार की तरह है जहां आप सब्जियां खरीदने जाते है, बस Share Market में सब्जियों की जगह शेयरों की खरीद और बिक्री होती है।
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास Share Market कैसे काम करते हैं बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.