वोलाटिलिटी

Stock Market: लगातार दूसरे दिन गिरा बाजार, सेंसेक्स 566 अंक टूटा, यहां जानें वजह
सेंसेक्स में भारी भरकम हिस्सेदारी रखने वाले HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के शेयरों में रही कमजोरी से इंडेक्स टूटा.
Stock Market News Update Today: बुधवार 6 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई. बाजार लगातार दूसरे दिन गिरा. BSE सेंसेक्स (Sensex) 0.94% यानी 566 अंकों की कमजोरी के साथ 59,610 पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी 50 (Nifty) 0.83% या करीब 150 पॉइंट्स नीचे 17,807 पर क्लोज हुआ.
ब्रोडर मार्केट ने बेंचमार्क इंडेक्स को आउटपरफॉर्म किया. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में करीब 0.6% और निफ्टी स्मालकैप 100 इंडेक्स में 0.12% की तेजी रही.
बाजार में गिरावट की क्या रही वजह?
चीन में कोरोना के बढ़ते मामले-
चीन में कोरोनावायरस के केस फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे निपटने के लिए चीन ने अपने कई शहरों में लॉकडाउन लगाने का एलान किया. इससे इन्वेस्टर्स का सेंटीमेंट बिगड़ा.
फेड द्वारा ब्याज दरों में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी-
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दरों में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी कर सकता है. इसके कारण कल अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई. विदेशी बाजारों की कमजोर स्थिति से घरेलू बाजार भी गिरा.
सेंसेक्स में भारी भरकम हिस्सेदारी रखने वाले HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के शेयरों में रही कमजोरी से इंडेक्स टूटा. बाजार में वोलाटिलिटी को मापने वाला वोलाटिलिटी इंडेक्स (VIX) 2.87% चढ़कर 19.02 पर आ गया.
Stock Market:सेंसेक्स 435 अंक टूटा, निफ्टी 18,000 के नीचे बंद, HDFC बैंक 3% गिरा
Stock Market News: बाजार में वोलाटिलिटी को मापने वाला वोलाटिलिटी इंडेक्स (VIX) 3.18% चढ़कर 18.48 पर आ गया है.
Stock Market News Update Today: मंगलवार 5 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी रही. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 0.72% यानी 435 अंकों की गिरावट के साथ 60,176 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी 50 (Nifty) 0.53% या 96 पॉइंट्स गिरकर 17,957 पर आ गया.
हालांकि ब्रोडर मार्केट में अच्छी खरीदारी देखने को मिली. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.38 फीसदी और निफ्टी स्मालकैप 100 इंडेक्स 0.85% उछला.
क्यों गिरा बाजार?
कल की शानदार रैली के बाद आज HDFC और HDFC बैंक के शेयर में हल्की प्रॉफिटबुकिंग देखी गई. HDFC बैंक का शेयर करीब 3% और HDFC लिमिटेड का शेयर 2.1% टूटा. सेंसेक्स में इन दोनों शेयरों की भारी भड़कम हिस्सेदारी होने की वजह से इंडेक्स गिरा. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के कारण क्रूड ऑइल के प्राइस में उछाल दर्ज की गई. इससे निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ा.
Investment Tips: स्मॉलकैप फंड्स ने दिया 32% का बंपर रिटर्न, एक्सपर्ट ने आपके लिए इन 3 फंड्स को चुना
Zee Business हिंदी 03-11-2022 शशांक शेखर आजाद
Investment Tips: स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स इक्विटी फंड की सब-कैटिगरी है. इसमें निवेशकों का पैसा स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश किया जाता है. इन कंपनियों का मार्केट कैप 5000 करोड़ से कम होता है. फंड मैनेजर कम से कम 65 फीसदी राशि ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनके बारे में रिटेल इन्वेस्टर्स को पता भी नहीं होता है. इसमें कोई शक नहीं है कि स्मॉलकैप फंड्स शानदार रिटर्न देते हैं, लेकिन यहां वोलाटिलिटी भी बहुत ज्यादा होती है. शॉर्ट और मीडियम टर्म के निवेशकों को घाटा की संभावना ज्यादा रहती है. हालांकि, लंबी अवधि में रिस्क बहुत हद तक घट जाता है.
स्मॉलकैप फंड्स ने औसतन 32 फीसदी का रिटर्न दिया है
Credence Wealth Advisors के फाउंडर और सीईओ कीर्तन ए शाह ने कहा कि तीन साल के लिए स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स का रिटर्न औसतन 32 फीसदी रहा है. बेस्ट परफॉर्मिंग फंड ने तो 52 फीसदी का तक सालाना रिटर्न दिया है. ऐसे में निवेशकों को किसी हाई रिटर्न वाली पोंजी स्कीम से बचना चाहिए. अगर उन्हें ज्यादा रिटर्न चाहिए तो स्मॉलकैप फंड्स शानदार विकल्प है. जी बिजनेस के पूछे सवालों पर उन्होंने कहा कि अगर कोई निवेशक स्मॉलकैप में निवेश करना चाहता है तो मेरा टॉप-3 पसंदीदा फंड Axis Small cap, SBI Small cap और Nippon Small cap है.
Axis Small cap का प्रदर्शन
Axis Small cap ने तीन साल के आधार पर औसतन 28.43 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. अगर कोई निवेशक 5000 रुपए की SIP आज से तीन साल पहले शुरू किया होता तो उसे नेट आधार पर 2.78 लाख रुपए मिलते. तीन सालों में उसका कुल निवेश 1.8 लाख रुपए होता. रिटर्न की राशि करीब 1 लाख रुपए होती. नेट रिटर्न करीब 55 फीसदी ज्यादा है. 5 साल का औसतन रिटर्न 20 फीसदी रहा है. इस फंड का NAV इस समय 72 रुपए के करीब है. फंड का आकार 10700 करोड़ से ज्यादा है. कम से कम 100 रुपए की एसआईपी की जा सकती है.
SBI Small cap का प्रदर्शन
SBI Small cap ने तीन साल में सालाना आधार पर 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. तीन साल पहले 5000 रुपए की एसआईपी पर आज का नेट रिटर्न 2.87 लाख रुपए होता. 1.8 लाख के निवेश पर उसे कुल 60 फीसदी का रिटर्न मिलता. इसका NAV इस समय 129 रुपए के करीब है. फंड का आकार 14500 करोड़ के करीब है. कम से कम 500 रुपए की एसआईपी की जा सकती है.
Nippon Small cap का प्रदर्शन
Nippon Small cap फंड ने तीन साल के आधार पर सालाना 35 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका NAV 101 रुपए का है और फंड का आकार 22 हजार करोड़ से ज्यादा है. कम से कम 100 रुपए की एसआईपी की जा सकती है. अगर किसी निवेशक ने तीन साल पहले 5000 रुपए की एसआईपी शुरू किया होता तो उसे आज 3.11 लाख रुपए मिलते. 1.8 लाख के निवेश पर उसका नेट रिटर्न 73 फीसदी के करीब होता.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)
क्या कम उतार-चढ़ाव वाले शेयर लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देते हैं?
आमतौर पर यह माना जाता है कि पोर्टफोलियो में कम अस्थिरता वाले शेयर होने से उसका रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में घट जाता है.वोलाटिलिटी
निफ्टी लो वोलाटिलिटी इंडेक्स पर निफ्टी 100 इंडेक्स के ऐसे 30 शेयर शामिल हैं, जिनमें कम अस्थिरता रहती है. इस इंडेक्स पर उन शेयरों की हिस्सेदारी ज्यादा है, जिनमें अस्थिरता कम है.
टोटल रिटर्न की बात करें, तो निफ्टी लो वोलेटिलिटी 30 इंडेक्स ने 14.9 फीसदी रिटर्न दिया वोलाटिलिटी है, जबकि निफ्टी 50 ने 12 फीसदी की तेजी दिखाई है. टोटल रिटर्न में कैपिटल एप्रिसिएशन और डिविडेंड को भी शामिल किया जाता है.
अधिक अस्थिरता के दौरान लो वोलेटिलिटी इंडेक्स कम गिरता है. मसलन, कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च 2020 में निफ्टी लो वोलेटिलिटी इंडेक्स 31 फीसदी लुढ़का था, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स ने 38 फीसदी तक की कमजोरी दिखाई वोलाटिलिटी है.
निफ्टी लो वोलाटिलिटी इंडेक्स पर निफ्टी 100 इंडेक्स के ऐसे 30 शेयर शामिल हैं, जिनमें कम अस्थिरता रहती है. इस इंडेक्स पर उन शेयरों की हिस्सेदारी ज्यादा है, जिनमें अस्थिरता कम है.
निफ्टी लो वोलेटिलिटी इंडेक्स पर सबसे अधिक हिस्सेदारी (26 फीसदी) कंज्यूमर गुड्स की है. इसके बाद आईटी (16 फीसदी), ऑटो (10 फीसदी), वित्त सेवा (9 फीसदी), पावर (7.8 फीसदी) और सीमेंट (7.6 फीसदी) का नंबर आता है. शेयरों में पावर ग्रिड, डाबर इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट और इंडियन ऑयल शामिल हैं.
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