ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

एलआईसी में 20 फीसदी एफडीआई!

केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने का निर्णय लिया है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तर्ज पर ऐसा करेगी और इस दिशा में आगे बढऩे के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) में संशोधन करेगी। इस संशोधन के बाद मार्च में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (एलआईसी) से पहले इसमें विदेशी विनिवेश को बढ़ावा देने का खाका तैयार हो जाएगा। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन (डीपीआईआईटी) के साथ मशविरा करने के बाद एफडीआई नीति में संशोधन का निर्णय लिया है। अधिकारी ने कहा, 'इस संशोधन में 'बॉडी कॉरपोरेट' में एफडीआई की अनुमति का प्रावधान होगा। मौजूदा एफडीआई नीति के अनुसार केवल कंपनियों में ही विदेशी निवेश की अनुमति है मगर किसी निगम विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति में इसकी इजाजत नहीं है।' अधिकारी ने कहा कि एलआईसी में निवेश की अनुमति देने के लिए एफडीआई नीति में उपयुक्त परिभाषा शामिल की जाएगी।

'बॉडी कॉरपोरेट' ऐसी इकाई होती है, जिसमें इसे तैयार करने वाले व्यक्तियों के अलावा इसका अलग कानूनी अस्तित्व होता है। फेमा नियमों के तहत कंपनियों में निवेश की अनुमति है मगर इनमें बॉडी कॉरपोरेट में विदेशी निवेश की अनुमति का जिक्र नहीं है। अधिकारी ने कहा कि इसी वजह से एफडीआई नीति में संशोधन किया जाएगा।विदेशी निवेश की सीमा में बदलाव से उन विदेशी निवेशकों के लिए रास्ता खुल जाएगा, जो एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेश करना चाह रहे हैं। माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सरकार को उम्मीद है कि एलआईसी का मूल्यांकन 10 लाख करोड़ रुपये तक आंका जा सकता है। सरकार मार्च 2020 में इसका आईपीओ लाना चाहती है। एलआईसी के आईपीओ से सरकार को विनिवेश से मिलने वाले राजस्व में बड़ी रकम जुडऩे की उम्मीद है।

एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि डीएफएस और दीपम ने अपनी तरफ से डीपीआईआईटी को जानकारी सौंप दी है और उद्योग विभाग एफडीआई नीति में तीन बदलाव लाना चाहता है। इसके बाद इन बदलावों पर मुहर के लिए इन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा। 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की अनुमति मिलने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तरह ही एलआईसी में विदेशी निवेश आएगा। हालांकि बैंकों को विदेशी निवेश प्राप्त करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होती है। मौजूदा एफडीआई नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में स्वत: माध्यम से 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है मगर यह नियम एलआईसी पर लागू नहीं होता है। सरकार ने बजट में एलआईसी अधिनियम में बदलाव की अनुमति दी थी। इस अधिनियम के तहत सरकार से इतर शेयरधारक एलआईसी में अधिकतम 5 प्रतिशत हिस्सेदारी रख सकते हैं।

सीआईआई समिट: भारत की एफडीआई नीति पूरी दुनिया में सबसे उदार, कोरोना काल में 1.6 लाख करोड़ का विदेशी निवेश मिला: अमिताभ कांत

इस साल मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स ने 1.5 लाख करोड़ रुपए का विदेशी निवेश जुटाया है। - Dainik Bhaskar

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बार फिर देश की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की सराहना की है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से शनिवार को आयोजित मिशन-2020 समिट में बोलते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की एफडीआई नीति पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा उदार है।

भारी निवेश को आकर्षित किया: कांत

अमिताभ कांत ने कहा कि उदार एफडीआई नीति की बदौलत हमने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति भारी विदेशी निवेश को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान हमें 22 बिलियन डॉलर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का विदेशी निवेश मिला है। इसमें से करीब 98 फीसदी विदेशी निवेश आटोमैटिक रूट के माध्यम से आया है। नीति आयोग के सीईओ का बयान ऐसे समय में आया है जब कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया के साथ भारत भी आर्थिक स्लोडाउन की ओर जा रहा है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में लगाई लंबी छलांग

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लिस्ट में भारत ने करीब 79 स्थानों की छलांग लगाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस लिस्ट में भारत इस साल टॉप-50 में आ जाएगा और अगले साल हमने टॉप-3 में स्थान बना लेंगे। अमिताभ कांत ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद भारत को जीवन और आजीविका पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। खासतौर पर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना होगा।

मुकेश अंबानी ने जुटाए 1.5 लाख करोड़ रुपए

कोरोना काल में अप्रैल से अब तक तक सबसे ज्यादा विदेशी निवेश मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले जियो प्लेटफॉर्म्स ने जुटाया है। मुकेश अंबानी ने वैश्विक कंपनियों को जियो प्लेटफॉर्म्स की 32.94 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली कंपनियों में फेसबुक और गूगल प्रमुख हैं।

भारत की सम्मिलित विदेशी प्रत्यक्ष विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति निवेश नीति, 2012 - Combined Foreign Direct Investment Policy of India, 2012

भारत की सम्मिलित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति, 2012 - Combined Foreign Direct Investment Policy of India, 2012

औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग ने सम्मिलित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति जारी की है। यह नीति 10 अप्रैल 2012 को लागू की गई है। सम्मिलित नीति में सरकार द्वारा पहले से जारी की गई सभी नीतियों / प्रेस नोटो / नियमों / पत्रों को शामिल किया गया है। इस नीति में सरकार द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से संबंधित अप्रैल 9, 2012 तक जारी की गई सभी विज्ञप्तियों को शामिल किया गया है। नई विदेशी प्रत्यक्ष नीति का मुख्य उद्देश्य सरल, स्पष्ट, पारदर्शी संयुक्त नीति द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देना है तथा प्रावधानों व औपचारिकताओं को कम करना है। वर्तमान नीति विदेशी निवेशकों के लिए हितकारी है, क्योंकि अब निवेशकों को केवल एक ही नीति को समझना होगा। इस नीति के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित है:

(क) भारत में निवेश का मूल

(i) पाकिस्तान के नागरिकों को छोड़कर व पाकिस्तान में समामेलित इकाइयों को छोड़कर अन्य किसी भी देश के नागरिक / समामेलित इकाइया भारत की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के प्रावधानों के अनुसार निवेश कर सकती विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति है।

(ii) प्रवासी निगमित इकाइया यदि भारत में सरकारी रूट से निवेश करती है, तब इन्हें अपने निवेश से पहले भारतीय सरकार से पूर्वानुमति लेनी होगी। यदि ये इकाइयां स्वचालित रूट से निवेश करती है तो इन्हें रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

(iii) विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय कंपनियों की पूजी में निवेश कर सकते हैं। लेकिन एक

व्यक्तिगत विदेशी संस्थागत निवेशक की अधिकतम सीमा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति 10 प्रतिशत तथा सभी विदेशी निवेशकों की संयुक्त अधिकतम सीमा 24 प्रतिशत होगी।

(iv) एक योग्य विदेशी निवेशक को छोड़कर किसी भारतीय कंपनी के समता अंशों में अधिकतम 5 प्रतिशत निवेश कर सकता है।

(v) विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक के प्रावधानों के अनुसार भारतीय जोखिम पूंजी इकाइयों में निवेश कर सकते हैं।

(ख) निवेश संयंत्रों के प्रकार

(i) भारतीय कंपनिया विदेशी निवेशकों को समता अंश पूर्ण परिवर्तनशील ऋणपत्र,

पूर्ण परिवर्तनशील अधिमान अश जारी कर सकती है। विदेशी निवेशकों से निवेश राशि प्राप्त करने के 180 दिनों के अंतर्गत पूंजी संयत्र जारी करने होंगे।

(ii) भारतीय कंपनियां विदेशी पूंजी बाजारों में विदेशी मुद्रा परिवर्तनशील बॉण्ड, अमेरिकन जमा प्राप्तियां, विश्व जमा प्राप्तियां जारी कर सकती है।

(ग) निवासी इकाइयों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की पात्रता

(i) भारतीय कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

(ii) साझेदार फर्मों की पूजी में व एकल स्वामित्व इकाइयों की पूजी में निवेश। लेकिन यह निवेश

कृषि बागानों, भूमि सम्पदा या प्रिंट मीडिया में नहीं होना चाहिए।

(iii) जोखिम पूजी कोष में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

(iv) ट्रस्टों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

(घ) भारतीय कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की गणना

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का तात्पर्य अप्रवासी व्यक्तियों द्वारा भारतीय कंपनियों में निवेश से है। दूसरी तरफ यदि एक ऐसी भारतीय कंपनी जिसकी पूजी में विदेशी निवेश है,

किसी अन्य भरतीय कंपनी में निवेश करती है तो इसे अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहते हैं।

12 फरवरी, 2009 को सरकार ने भारतीय कंपनियों में विदेशी पूंजी समता निवेश की गणना से संबंधित दिशा निर्देश जारी किए है। इन नए दिशा-निर्देशों से भारतीय कंपनियों में विदेशी पूंजी के अंतरप्रवाह का क्षेत्र बढ़ा है। इससे उन सभी कंपनियों को लाभ होगा, जिनमें विदेशी निवेश निर्धारित सीमा तक पहुंच चुके हैं। नए नियमों के आधार पर, यदि निवेश करने वाली कंपनी में अधिकतर अंश भारतीयों के पास हो या कंपनी का नियंत्रण भारतीयों के पास हो व यदि यह कंपनी किसी अन्य कंपनी में निवेश करती है तो इस नए निवेश को पूर्णतया भारतीय माना जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि कंपनी के जिसमें विदेशी निवेश 50 प्रतिशत से कम है वह कंपनी ख कंपनी में मान लो 26 प्रतिशत निवेश करती है तो यह सारा 26 प्रतिशत अप्रत्यक्ष विदेशी प्रत्यक्ष निवेश माना जाएगा। इन नए नियमों से पहले आनुपातिक निवेश को अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश माना जाता था।

यदि ऐसा निवेश उन क्षेत्रों में किया जा रहा हो, जिनमें विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई हो, तब इस विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति निवेश की स्वीकृति सरकार तथा विदेशी संवर्धन बोर्ड से भी लेनी होगी विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा किए गए निवेश तथा विदेशी मुद्रा परिवर्तनशील बॉण्डों में किए गए निवेश को विदेशी निवेश की गणना में शामिल किया जाएगा।

(ङ) विदेशी निवेश का प्रवेश स्त्रोत - विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति भारत में विदेशी निवेश के दो रास्ते हैं (i) प्रत्यक्ष रूट (ii) सरकारी रूट प्रत्यक्ष रूट में विदेशी निवेशकों को निवेश के लिए सरकार या रिजर्व बैंक से किसी प्रकार की कोई अनुमति लेनी पड़ती।

सरकारी रूट में विदेशी निवेशको को सरकार के विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। सरकार से अनुमति लेने के लिए, अब विदेशी निवेशक आनलाइन भी आवेदन दे सकते विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति हैं।

(च) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवेश पर शर्तों व अधिकतम सीमा संबंधी नीति भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पर प्रतिबंध

निम्न क्षेत्रों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रतिबंधित है-

(iv) जुआ, शर्तें कसीनों

(v) चिट फंड व निधि कंपनिया ।

(vi) भूमि संपदा व्यवसाय

(vii) ऐसी क्रियाएं / क्षेत्र जो निजी क्षेत्र द्वारा निवेश के लिए वर्जित है, अर्थात अणु ऊर्जा तथा रेलवे।

FDI: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड, विनिर्माण के क्षेत्र में भारत बन रहा पसंदीदा देश

मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है।

FDI

वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की है।

भारत बन रहा निवेश के लिए पसंदीदा देश
मंत्रालय ने कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है। एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।

प्रमुख निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 फीसदी के साथ शीर्ष पर मौजूद है। इसके बाद अमेरिका और मॉरीशस का नंबर है। अमेरिका 18 फीसदी के साथ दूसरे जबकि मारीशस 16 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है। मंत्रालय ने बताया कि कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में सबसे अधिक एफडीआई दर्ज हुई है। इसके बाद सेवा क्षेत्र और ऑटोमोबाइल उद्योग में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है।

विस्तार

वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की है।

भारत बन रहा निवेश के लिए पसंदीदा देश
मंत्रालय ने कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है। एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।

प्रमुख निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 फीसदी के साथ शीर्ष पर मौजूद है। इसके बाद अमेरिका और मॉरीशस का नंबर है। अमेरिका 18 फीसदी के साथ दूसरे जबकि मारीशस 16 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है। मंत्रालय ने बताया कि कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में सबसे अधिक एफडीआई दर्ज हुई है। इसके बाद सेवा क्षेत्र और ऑटोमोबाइल उद्योग में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है।

रेटिंग: 4.36
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 876
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *