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इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन
उद्योगों के लिए ई-कॉमर्स के अवसर और चुनौतियाँ | E-commerce Opportunities and Challenges for इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन Industries in Hindi

क्या है इ कॉमर्स: लाभ, सीमाएं तथा चुनौतियाँ

फ्लिपकार्ट ने बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमेरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ समझौता किया

फ्लिपकार्ट ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने हेतु अमेरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ 4 नवंबर 2014 को समझौता किया.

ऑनलाइन बहुब्रांड खुदरा कारोबार करने वाली प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ 4 नवंबर 2014 को समझौता किया. कंपनी ने बताया कि इसके तहत एक डिजिटल गिफ्ट कोड दिया जाएगा. यह आनलाइन खरीददारी के दौरान भुगतान के पुराने साधनों की जगह बेहतर विकल्प साबित होगा.

ग्राहक फ्लिकार्ट पर स्वयं की खरीददारी के लिए इस कोड का इस्तेमाल कर सकेंगे. फ्लिपकार्ट ने कहा कि देश के प्रमुख बैंकों के ग्राहक शीघ्र ही डिजिटल कोड खरीदने के लिए उनकी आनलाइन बैंकिंग पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने में सक्षम हो सकेंगे. यूरोनेट की इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन सेवा का प्रयोग करने के लिए ग्राहकों को ईमेल के जरिये यह कोड प्राप्त हो सकेगा. कंपनी ने कहा कि उसकी इस पहल से नए ग्राहकों के जुड़ने के साथ ही मौजूदा संचालन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है.

What is e commerce in hindi – e commerce kya hai

e commerce से तात्पर्य व्यापारिक गतिविधियों को इन्टरनेट के माध्यम से किया जाना है. इन व्यापारिक गतिविधियों में वस्तु एवं सेवा दोनों सम्मिलित है.

व्यापारिक गतिविधियों को ई-वाणिज्य के अंतर्गत सुचना प्रौद्योगिकी एवं उन्नत कंप्यूटर नेटवर्क के उपयोग से कार्यकुशल बनाया जा सकता है. यह न केवल कागजों को विस्थापित कर इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप देता है बल्कि बहुत सारी गतिविधियों को हटाकर व्यापार को इलेक्ट्रॉनिक वातावरण प्रदान करता है.

कंप्यूटर नेटवर्क, इंटरनेट वर्ल्ड वाइड वेब से लेकर इलेक्ट्रॉनिक डाटा एक्सचेंजर, ईमेल, इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर आदि उपयोगी तकनीकों को समाविष्ट कर व्यापारिक कार्यकलापों को सम्पादित करने में ई-कॉमर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

व्यापार को संचालित करने की नए साधनों और उपायों की तलाश किया जाना और इसे रूप प्रदान करना कोई नई घटना नहीं है. प्रारम्भ से ही इसके लिए प्रयास किया जाता रहा है. पारम्परिक व्यापार की गतिविधियों को संचालित करने के लिए विभिन्न पारम्परिक तरीके अपनाएं जाते रहे है. और इसी के कड़ी के रूप में ई-कॉमर्स को अपनाया गया और इससे बहुत हद तक व्यापार करने के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन आ गया.

ई कॉमर्स के लाभ

इसने व्यापारियों तथा कंपनियों के साथ ही उपभोक्ताओं के सामने इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन भी अनगिनत विकल्पों के द्वार खोल दिए है. इससे कंपनियों विक्रेताओं एवं ग्राहकों को निम्न मुख्य लाभ प्राप्त होते है:

  1. पसंद के वस्तुओं के चयन में सुविधा
  2. उत्पादों की विशेषताओं और मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन में सरलता होना
  3. वस्तुओं की खोजबीन हेतु बार-बार बाजार आने-जाने में लगने वाले समय की बचत
  4. बाजारों की समय सीमा और भौगोलिक सीमाओं का विस्तार
  5. किसी भी समय खरीदारी करने की सुविधा
  6. डिजिटल भुगतान की सुविधा
  7. उत्पादकों, वितरको एवं अन्य व्यापारिक सहयोगियों से व्यापारिक सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं व्यापारिक खर्चो में कमी
  8. व्यापार चक्र की गतिविधियों में तीव्रता
  9. नए बाजारों व ग्राहकों तक पहुँचने में आसानी
  10. वस्तुओं, उत्पादों व सेवाओं की अधिक जानकारी प्रदान करने की क्षमता का विकास
  11. ग्राहकों से बेहतर संबंध का विकास
  12. कागज की बचत
  13. नए व्यापार की सम्भावनाएं
  14. अभिलेखन का माध्यम इलेक्ट्रॉनिक होने से समग्र गुणवत्ता मे सुधार

ई वाणिज्य की सीमाएं तथा चुनौतियाँ

जागरूकता और डिजिटलीकरण का आभाव: एक बहुत बड़ी आबादी अभी भी इन्टरनेट और डिजिटलीकरण से दूर है. और यह ई-कॉमर्स के लाभ को उठाने के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है. हालाँकि डिजिटल भारत जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से सभी लोगो इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन को डिजिटली जोड़ने के दिशा में आशातीत बढ़त प्राप्त की जा सकी है. लेकिन जब तक पूर्ण डिजिटलीकरण न हो जाता तक तक ई-कॉमर्स क्षेत्र के सामने चुनौती डटी पड़ी है.

बहुत से लोगों के मन में यह शंका कुंडली मार कर बैठी है की इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन ई-कॉमर्स के माध्यम से किये गये लेन-देन में वे धोखाधड़ी के शिकार हो सकते है. आधी उम्र पार कर चुके ज्यादातर लोगों में यह समस्या काफी अधिक है. ऐसे में उन्हें इन सुविधा से जोड़ पाना काफी दुष्कर है.

पर्याप्त सुरक्षा कानून का न होना और इसके क्रियान्वयन में कमी होना: यह पॉइंट भी ई-वाणिज्य के विकास के मार्ग में बाधक है. इस दिशा में जल्द सुधार किया जाना अपेक्षित है.

बीएसबीडी खाते से डिजिटल भुगतान पर निकासी की सीमा हटाई जाए : रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को डिजिटल भुगतान को ‘जीरो-बैलेंस बेसिक बचत खाता जमा’ (बीएसबीडी) पर निकासी पाबंदी के दायरे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन से बाहर रखना चाहिए। भारती प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे की एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स लेनदेन पर ‘मर्चेंट डिकाउंट दर (एमडीआर)’ के बदले में एकसमान 0.3 फीसदी का शुल्क लगाने की इजाजत भी सरकार को दी जानी चाहिए।

रिपोर्ट कहती है कि ई-कॉमर्स मंचों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से होने वाले सभी भुगतान पर 0.3 फीसदी के एकसमान शुल्क के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकेंगे। इस राशि का उपयोग यूपीआई ढांचे को मजबूत करने और उसकी देखरेख के लिए किया जा सकेगा।

बीएसबीडी पर निकासी पाबंदी के बारे में रिपोर्ट कहती है कि डिजिटल भुगतान के मौजूदा चरण में आरबीआई को डिजिटल भुगतान को बचत जमा में निकासी प्रतिबंधों की पुरानी परिभाषा से बाहर रखने के तरीके और साधन तलाशने होंगे।

उद्योगों के लिए ई-कॉमर्स के अवसर और चुनौतियाँ | E-commerce Opportunities and Challenges for Industries in Hindi

उद्योगों के लिए ई-कॉमर्स के अवसर और चुनौतियाँ | E-commerce Opportunities and Challenges for Industries in Hindi

उद्योगों के लिए ई-कॉमर्स के अवसर और चुनौतियाँ | E-commerce Opportunities and Challenges for Industries in Hindi

ई-कॉमर्स वर्तमान में भारत की व्यापार सुविधा नीति का एक अनिवार्य घटक है। 1991 के बाद से, भारत में स्पष्ट रूप से आर्थिक सुधारों के बाद, नीति और प्रक्रिया सुधार दोनों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता भारत की व्यापार और राजकोषीय नीतियों की आधारशिला बन गई है। परिणामस्वरूप, इंटरनेट, वेब प्रौद्योगिकियों और उनके अनुप्रयोगों के व्यापक प्रसार के साथ एक तकनीकों क्रांति हुई ई-कॉमर्स बदल गया है और अभी दुनिया भर में व्यापार करने के तरीके को बदल रहा है।

अवसर (Opportunities) –

ई-कॉमर्स द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों के बारे में भारत में व्यवसायों के बीच जागरूकता बढ़ रही है। ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं से जुड़ने और लेनदेन करने के लिए एक नया स्थान प्रदान करता है। वर्चुअल स्टोर चौबीसों घंटे काम करते हैं।

(1) वैश्विक व्यापार (Global Trade) – ई-व्यवसाय व्यवसाय के वैश्वीकरण के प्रमुख कारकों में से एक है। अन्य कारकों में व्यापार बाधाओं में कमी, पूंजी बाजार का वैश्वीकरण शामिल हैं। भारतीय ई-व्यवसाय वित्त वर्ष 2019 से 30% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, और वित्त वर्ष 2022 तक $18 बिलियन (लगभग 1,116,00 करोड़ रुपये) का अवसर होने की उम्मीद हैं।

(2) चौबीसों घंटे (Round the Clock ) – ग्राहक उत्पाद के लिए लेनदेन कर सकते हैं या किसी कंपनी द्वारा प्रदान किए गए किसी भी उत्पाद/सेवाओं के बारे में पूछताछ कभी भी, कहीं से भी कर सकते हैं।

चुनौतियाँ (Challenges)

भारत में ई-कॉमर्स वॉल्यूम की वृद्धि दुनिया भर के कंपनियों का ध्यान आकर्षित कर रही है। प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति कम होने के बावजूद, जनसंख्या अभी भी भारत को ई-कॉमर्स के लिए सबसे आकर्षक उभरते बाजारों में से एक बनाती है। लेकिन भारत गुलाबों की सेज होने से इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन कोसों दूर है। यहाँ शीर्ष 8 चुनौतियाँ हैं जिनका भारत में ई-कॉमर्स व्यवसायों का सामना करना पड़ता है।

(1) भारतीय ग्राहक अपने द्वारा ऑनलाइन खरीदे गए अधिकांश माल को वापस कर देते हैं (Indian Customers Return much of the merchandise they purchase online) – भारतीय ग्राहक अपने द्वारा ऑनलाइन खरीदी गई अधिकांश वस्तुओं को वापस कर देते हैं। भारत में ई व्यवसाय के कई पहली बार खरीदार हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने अभी तक यह तय नहीं किया है। कि ई-बिजनेस वेबसाइटों से क्या उम्मीद की जाए। नतीजतन, खरीदार कभी-कभी कड़ी बिक्री का शिकार हो जाते हैं। लेकिन जब तक उत्पाद वास्तव में वितरित किया जाता है, तब तक वे पछताते हैं और सामान वापस कर देते हैं। ई-बिजनेस कंपनियों के लिए रिटर्न महंगा है, क्योंकि रिवर्स लॉजिस्टिक्स अनूठी चुनौतियाँ पेश करता है। यह सीमा पार ई-व्यवसाय में और अधिक जटिल हो जाता हैं।

फ्लिपकार्ट ने बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमेरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ समझौता किया

फ्लिपकार्ट ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने हेतु अमेरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ 4 नवंबर 2014 को समझौता किया.

ऑनलाइन बहुब्रांड खुदरा कारोबार करने वाली प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और बेहतर भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमरीकी कंपनी यूरोनेट के साथ 4 नवंबर इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के भुगतान के साधन 2014 को समझौता किया. कंपनी ने बताया कि इसके तहत एक डिजिटल गिफ्ट कोड दिया जाएगा. यह आनलाइन खरीददारी के दौरान भुगतान के पुराने साधनों की जगह बेहतर विकल्प साबित होगा.

ग्राहक फ्लिकार्ट पर स्वयं की खरीददारी के लिए इस कोड का इस्तेमाल कर सकेंगे. फ्लिपकार्ट ने कहा कि देश के प्रमुख बैंकों के ग्राहक शीघ्र ही डिजिटल कोड खरीदने के लिए उनकी आनलाइन बैंकिंग पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने में सक्षम हो सकेंगे. यूरोनेट की इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन सेवा का प्रयोग करने के लिए ग्राहकों को ईमेल के जरिये यह कोड प्राप्त हो सकेगा. कंपनी ने कहा कि उसकी इस पहल से नए ग्राहकों के जुड़ने के साथ ही मौजूदा संचालन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है.

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