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यस सिक्योरिटीज ने राजस्थान में डीमैट खातों में दर्ज की पांच गुना वृद्धि

जयपुर, 15 नवंबर (भाषा) यस सिक्योरिटीज लिमिटेड ने पिछले वित्त वर्ष में राजस्थान में नए डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने के मामले में सालाना आधार पर लगभग पांच गुना की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह दावा किया।

यस सिक्योरिटीज के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंशुल अर्जारे ने बताया कि बढ़ती वित्तीय जागरूकता, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में इंटरनेट सेवाओं की तेजी से पैठ, वित्तीय जोखिम की बेहतर समझ, और डिजिटल तरीके से नए उपयोगकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने की सुविधा के कारण शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि यस सिक्योरिटीज का अगला लक्ष्य निकट भविष्य में राजस्थान के अंतिम छोर तक समस्त निवेशकों तक पहुंचने के लिए फिनटेक और डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठाना है।

उन्होंने बताया कि नवीनतम आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि राजस्थान में नवंबर, 2021 से अबतक 21 लाख से अधिक नए निवेशक जुड़े हैं, जो कि सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

हालांकि, राज्य में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है, फिर भी अभी इस खंड में राजस्थान की कुल 6.89 करोड़ की आबादी का मात्र 10 प्रतिशत हिस्सा (कुल 67.7 लाख डीमैट खाते) ही शामिल है।

येस सिक्योरिटीज ने राजस्थान में डीमैट खातों में दर्ज की लगभग 5 गुना वृद्धि

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जयपुर। देश की अग्रणी वेल्थ ब्रोकिंग और वित्तीय सलाहकार फर्मों में से एक येस सिक्योरिटीज लिमिटेड (वाईएसएल) ने पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्थान ट्रेडिंग खाते में नए डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने में सालाना आधार पर लगभग 5 गुना वृद्धि दर्ज की है। बढ़ती वित्तीय जागरूकता, टियर- टू और टियर- थ्री शहरों में इंटरनेट सेवाओं की तेजी से पैठ, वित्तीय जोखिम की बेहतर समझ, और डिजिटल तरीके से नए उपयोगकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने की सुविधा के कारण शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी में वृद्धि हुई है। येस सिक्योरिटीज लिमिटेड का अगला लक्ष्य निकट भविष्य में राजस्थान के अंतिम छोर तक समस्त निवेशकों तक पहुंचने के लिए फिनटेक और डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठाना है।

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सीडीएसएल और एनएसडीएल के अनुसार, राजस्थान की निवेशक आबादी पिछले दो वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है। नवीनतम आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि राजस्थान में नवंबर 2021 से अब तक 21 लाख से अधिक नए निवेशक जुड़े हैं, जो कि सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि राज्य में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है, फिर भी अभी इस सेगमेंट में राजस्थान की कुल 6.89 करोड़ की आबादी का मात्र 10 प्रतिशत हिस्सा (कुल 67.7 लाख डीमैट खाते) ही शामिल है, जो निवेश और धन सृजन की अपार संभावना को दर्शाता है।

येस सिक्योरिटीज के बिज़नेस में राजस्थान भारत के शीर्ष पांच बाजारों में से एक बना हुआ है। येस सिक्योरिटीज में राजस्थान में महिला निवेशकों की भागीदारी लगभग 25 प्रतिशत है। यह डेटा विशेष रूप से राजस्थान में शेयर बाजारों में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डालता है।

अभी तक, येस सिक्योरिटीज के लिए शीर्ष छह शहर जयपुर, जोधपुर, अलवर, उदयपुर, कोटा और दौसा हैं। वर्तमान में, येस सिक्योरिटीज ने राजस्थान में ग्राहक अधिग्रहण में 80 से अधिक शहरों को छुआ है। आगे बढ़ते हुए, येस सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 24 तक राजस्थान के सभी शहरों में अपनी पेशकशों और सेवाओं को और मजबूत करने की योजना बनाई है।

येस सिक्योरिटीज की इस विकास यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कंपनी के ज्वाइंट एमडी और सीईओ अंशुल अर्जारे ने कहा, ‘‘आर्थिक परिदृश्य में अपने खास स्थान और शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी के कारण राजस्थान हमेशा से हमारे लिए महत्वपूर्ण बाजारों में से एक रहा है। हमने इस समृद्धि को राजस्थान में अपने कारोबार में शानदार विकास में तब्दील होते देखा है, और हम मौजूदा और अन्य नए शहरों में अपने परिचालन का विस्तार करके इसे और अधिक तेजी से आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं। हमारे ग्राहकों के दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम की क्षमता के आधार पर, हम सभी वित्तीय साधनों में अनेक सॉल्यूशंस प्रदान करते हैं, जैसे इक्विटी, करेंसी, कमोडिटीज, एफ एंड ओ, निश्चित आय, ऑफशोर इनवेस्टमेंट्स आदि। प्रोडक्ट नहीं, बल्कि सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने के हमारे इस रणनीतिक विजन के कारण हमें राजस्थान और बाकी राज्यों में भी यह उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली है। हमारी रिसर्च - बैक्ड एडवाइजरी के कारण आज येस सिक्योरिटीज अन्य कंपनियों से अलग है। हमारी रिसर्च टीम इस उद्योग में सबसे बड़ी रिसर्च टीमों में से एक है जो हमें न केवल सलाहकार बनने में सक्षम बनाती है, बल्कि वेल्थ क्रिएशन की लोगों की यात्रा में हमें उनका भागीदार बनने में मदत करती है ।’’

ई-ट्रेडिंग योजना से होगा आढ़तियों व किसानों को फायदा

पानीपत: नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी कार्यालय में आज केंद्र सरकार की योजना ई नेम के तहत मंडी के आढ़तियों व किसानों को ई ट्रेडिंग द्वारा फसल को बेचने की टै्रनिंग दी गई। जिसमें अनाज मंडी के करीब 30 आढ़तियों व 40 किसानों ने भाग लिया। मार्किटिंग बोर्ड के पंचकूला मुख्यालय व नागार्जुन कंपनी […]

ई-ट्रेडिंग योजना से होगा आढ़तियों व किसानों को फायदा

पानीपत: नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी कार्यालय में आज केंद्र सरकार की योजना ई नेम के तहत मंडी के आढ़तियों व किसानों को ई ट्रेडिंग द्वारा फसल को बेचने की टै्रनिंग दी गई। जिसमें अनाज मंडी के करीब 30 आढ़तियों व 40 किसानों ने भाग लिया। मार्किटिंग बोर्ड के पंचकूला मुख्यालय व नागार्जुन कंपनी की और से आए टै्रनर अवनित चौहान टै्रनर ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा देश के किसानों के हित में ई नेम योजना शुरू की है। ताकि किसान कही पर भी अपनी फसल को बेच सके। उन्होंने आढ़तियों व किसानों को ई टे्रडिंग के फायदे बतलाए। इस मौके पर पानीपत मार्किट कमेटी के चेयरमैन अजमेर मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्रिय कृषि ट्रेडिंग खाते मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि बाजार यानि ई नेम योजना शुरू की है।

इससे किसान अपनी फसल को कही पर भी बेच सकता है। वहीं फसल बेचने पर उसके रूपये किसानों के खाते में आ जाएगे। वहीं आढ़तियों के खाते मे उनका कमीशन आ जाएगा। इस योजना से आढ़ती व किसान देानो को फायदा होगा। इससे किसान को उसकी फसल का भाव भी पूरा मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान हितैषी सरकार है और केंद्र सरकार ने किसानों के हित में ई नेम योजना शुरू की है। वहीं पानीपत मार्किट कमेटी की सचिव आशा रानी ने बताया कि पानीपत अनाज मंडी में अभी कुछ किसानों की फसल की ढेरी इस योजना के तहत खरीदी जाएगी और इस प्रयोग के सफल रहने पर भविष्य में इस स्कीम से ज्यादा किसानों की फसल खरीदी जाएगी।

उन्होंने आढतियों व किसानों से इस स्कीम का फायदा उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर मार्किट कमेटी के वाईस चेयरमैन रोशन छौक्कर, भाजपा के सिवाह मंडल प्रधान गोविंद पहलवान, महामंत्री अजय कादियान, किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र बिंझौल, सुरेंद्र कादियान, विक्की मलिक, जसबीर, राम सिंह सैनी, विरेंद्र कादियान, सत्यवान, कृष्ण आसन सहित मार्किट कमेटी कार्यालय का स्टाफ भी मौजूद रहा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में 4 बड़े अंतर

डीमैट और ट्रेडिंग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अन्तर ट्रेडिंग खाते होता है? इस को ठीक से समझने के लिए पहले दोनों को समझना होगा की आखिर ये दोनों अकाउंट क्या होते है. दोनों ही अकाउंट या खाते शेयर मार्केट में यूज़ किये जाते है.

अंतर समझने के लिए पहले समझते हैं, की शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बेचाली कैसे होती है?

आजकल के समय, जब भी कोई व्यक्ति शेयर को खरीदना चाहता है, तो पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है. कुछ समय पहले ये अलग अलग होते थे. लेकिन अब अधिकतर स्टॉक ब्रोकर इन्हे एक साथ लिंक करके देते हैं.

शेयर मार्केट में जब कोई ट्रांसेक्शन होता है, मतलब यदि आप ने शेयर को खरीदने के लिए आर्डर किया है, तो वह शेयर किसी दूसरे निवेशक के डीमैट खाते से निकाल कर आपके डीमैट खाते में डिपाजिट कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया में, स्टॉक आपके डीमैट खाते में आने में T+2 दिन का समय लगेगा। शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में तुरंत क्रेडिट हो जाता है. जबकि डीमैट अकाउंट में आने में दो दिन का समय लगता है।

1.शेयर क्रेडिट होने का समय

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों में शेयर के क्रेडिट होने का समय एक मुख्य अंतर होता है. ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर को आर्डर के तुरंत बाद क्रेडिट कर दिया जाता है, जबकि डीमैट अकाउंट में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। किसी विशेष स्थिति में, डीमैट अकॉउंट में शेयर क्रेडिट होने में अधिक समय भी लग सकता है.

2.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट मैनटैनिंग ऑथोरिटी

स्टॉक मार्केट में, ट्रेडिंग अकाउंट के सारे ट्रांसेक्शन ट्रेडिंग खाते स्टॉक ब्रोकर ( जैसे Zerodha या Upstox) के अधीन होते हैं, जबकि डीमैट अकाउंट के ट्रांसेक्शन डिपॉज़िटरी (NSDL या CDSL) के अधीन होते हैं.

3.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के काम

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों के काम अलग अलग होते है. टेक्नोलॉजी की वजह से आज यह संभव है. आपको शेयर खरीदने बेचने के लिए किसी खास जगह जैसे शेयर बाजार में जाने की जरुरत नहीं होती है. यह काम डिजिटल रूप में मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से कर सकते हैं.ट्रेडिंग खाते

जबकि शेयर को रखने के लिए लम्बे चौड़े कागजों की जरुरत नहीं होती है, बल्कि ये डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप में रख सकते है.

डीमैट अकाउंट शेयर को होल्ड करने का स्पेस होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने बेचने का माध्यम होता है.

4.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के चार्ज

डीमैट और रीमैट चार्ज

शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.

इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।

Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?

A. जी ट्रेडिंग खाते हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता ट्रेडिंग खाते है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.

Q.ट्रेडिंग खाते क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।

ई-ट्रेडिंग योजना से होगा आढ़तियों व किसानों को फायदा

पानीपत: नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी कार्यालय में आज केंद्र सरकार की योजना ई नेम के तहत मंडी के आढ़तियों व किसानों को ई ट्रेडिंग द्वारा फसल को बेचने की टै्रनिंग दी गई। जिसमें अनाज मंडी के करीब 30 आढ़तियों व 40 किसानों ने भाग लिया। मार्किटिंग बोर्ड के पंचकूला मुख्यालय व नागार्जुन कंपनी […]

ई-ट्रेडिंग योजना से होगा आढ़तियों व किसानों को फायदा

पानीपत: नई अनाज मंडी स्थित मार्किट कमेटी कार्यालय में आज केंद्र सरकार की योजना ई नेम के तहत मंडी के आढ़तियों व किसानों को ई ट्रेडिंग द्वारा फसल को बेचने की टै्रनिंग दी गई। जिसमें अनाज मंडी के करीब 30 आढ़तियों व 40 किसानों ने भाग लिया। मार्किटिंग बोर्ड के पंचकूला मुख्यालय व नागार्जुन कंपनी की और से आए टै्रनर अवनित चौहान टै्रनर ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा देश के किसानों के हित में ई नेम योजना शुरू की है। ताकि किसान कही पर भी अपनी फसल को बेच सके। उन्होंने आढ़तियों व किसानों को ई टे्रडिंग के फायदे बतलाए। इस मौके पर पानीपत मार्किट कमेटी के चेयरमैन अजमेर मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार केंद्रिय कृषि मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि बाजार यानि ई नेम योजना शुरू की है।

इससे किसान अपनी फसल को कही पर भी बेच सकता है। वहीं फसल बेचने पर उसके रूपये किसानों के खाते में आ जाएगे। वहीं आढ़तियों के खाते मे उनका कमीशन आ जाएगा। इस योजना से आढ़ती व किसान देानो को फायदा होगा। इससे किसान को उसकी फसल का भाव भी पूरा मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान हितैषी सरकार है और केंद्र सरकार ने किसानों के हित में ई नेम योजना शुरू की है। वहीं पानीपत मार्किट कमेटी की सचिव आशा रानी ने बताया कि पानीपत अनाज मंडी में अभी कुछ किसानों की फसल की ढेरी इस योजना के तहत खरीदी जाएगी और इस प्रयोग के सफल रहने पर भविष्य में इस स्कीम से ज्यादा किसानों की फसल खरीदी जाएगी।

उन्होंने आढतियों व किसानों से इस स्कीम का फायदा उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर मार्किट कमेटी के वाईस चेयरमैन रोशन छौक्कर, भाजपा के सिवाह मंडल प्रधान गोविंद पहलवान, महामंत्री अजय कादियान, किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र बिंझौल, सुरेंद्र कादियान, विक्की मलिक, जसबीर, राम सिंह सैनी, विरेंद्र कादियान, सत्यवान, कृष्ण आसन सहित मार्किट कमेटी कार्यालय का स्टाफ भी मौजूद रहा।

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