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ETF क्या है?

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अप्रैल 2023 - YTM (7.23%)

क्या है भारत बॉन्ड ETF? क्या इस ETF में करना चाहिए निवेश? हां, तो कैसे, जानिए सबकुछ

Bharat Bond ETF: बिना जोखिम बेहतर रिटर्न

फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स (fixed income instruments) में निवेश को तरजीह देने वाले निवेशकों को फिर से भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) में निवेश का मौका मिल सकता है क्योंकि सरकार दिसंबर में देश के इस पहले कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की चौथी सीरीज/चरण लॉन्च करने की योजना ETF क्या है? बना रही है। वर्ष 2019 में भारत बॉन्ड ईटीएफ लॉन्च की गई थी। फिलहाल इस स्कीम के पांच इश्यू उपलब्ध हैं जो कमश: 2023, 2025, 2030, 2031, और 2032 में मैच्योर होंगे। ये सारे इश्यू सरकार के द्वारा 3 चरणों में लॉन्च किए गए हैं। 5 और 10 साल की अवधि के इश्यू जो क्रमश: 2023 और 2030 में मैच्योर होंगे पहले चरण के अंतर्गत दिसंबर 2019 में लॉन्च किए गए थे। जबकि 5 और 11 साल की अवधि के इश्यू जो क्रमश: 2025 और 2031 में मैच्योर होंगे दूसरे चरण में जुलाई 2020 में लॉन्च किए गए थे। 2032 में मैच्योर होने वाले 11 वर्षीय ETF क्या है? इश्यू तीसरे चरण के अंतर्गत दिसंबर 2021 में लॉन्च किए गए। एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट (Edelweiss Asset Management) इस ETF को मैनेज करता है।

भारत बॉन्ड ETF 2032 क्या है?

भारत सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के लोन की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2019 में सबसे पहले भारत बॉन्ड ETF को पेश किया था. इसमें निवेशकों को अप्रैल 2032 में 6.87 फीसदी ब्याज सहित पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. बता दें, भारत बॉन्ड ETF के जरिए सरकार का लक्ष्य खुदरा और संस्थागत निवेशकों से पैसा हासिल करना है. भारत बॉन्ड ETF स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला फंड है, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट है, यानी इसे कंपनियों के शेयर्स की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है.

बता दें, यह सरकारी ऋण पत्रों में निवेश करता है और फंड की एक तय परिपक्वता भी होती है, जब निवेशक को रिटर्न के साथ अपना निवेश वापस मिलेगा. फंड अवधि के दौरान, इसकी यूनिट को किसी भी समय एनएसई पर खरीद या बेच सकते हैं.

क्या आपको खरीदना चाहिए भारत बॉन्ड ETF?

भारत बॉन्ड ETF म्यूचुअल फंड, ETF और बॉन्ड का बेहतर मिश्रण है, यह देश का सबसे सस्ता म्यूचुअल फंड उत्पाद है, इसकी लागत बहुत कम है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि, 2 लाख रुपये के निवेश पर इसकी लागत केवल एक रुपये है. दरअसल ETF बहुत लचीला है, इसे आप एक्सचेंज पर कारोबार अवधि के दौरान इसे आसानी से खरीद या बेच सकते हैं. इसके अलावा इसमें जोखिम भी बहुत कम है क्योंकि इसमें केवल AAA रेटिड बॉन्ड में ही निवेश किया जाता है. साथ ही टैक्स लाभ और रीइनवेस्टमेंट का ध्यान भी फंड हाउस की तरफ से रखा ETF क्या है? जाता है.

वहीं, भारत बॉन्ड ETF 1 लाख रुपये के निवेश पर 6.73 प्रतिशत तक का रिटर्न देता है. इसके अतंर्गत न्यूनतम 1000 रुपये से निवेश किया जा सकता है. बता दे, निवेशक नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. साथ ही फंड में कोई लडक-इन पीरियड नहीं है. हालांकि फंड ऑफ फंड में अगर आप 30 दिन के अंदर अपने यूनिट का बेचते हैं, तो आपको 0.110 प्रतिशत शुल्क देना होगा जबकि 30 दिन बाद बाहर निकलने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.

इनवेस्ट करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

रेटिंग एजेंसियों के डाउनग्रेड या डिफॉल्ट करने पर ETF की वैल्यू पर असर पड़ेगा. गौरतलब है कि, इसमें निवेश की अवधि 10 साल की है, ऐसे में इतने लॉन्ग टर्म के लिए क्या आप इनवेस्टमेंट के लिए तैयार हैं? वहीं भारत बॉन्ड ETF का नेट एसेट वैल्यू ब्याज दरों में होने वाले उतार चढ़ाव से प्रभावित भी होता है. यानी की जब ब्याज दरें बढ़ती है तब लंबी अवधि वाले फंड के एनएवी घटती है. इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि, मेच्यूरिटी से पहले बाहर निकलने वाले लोगों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा.

उधर इनवेस्टोग्राफी की संस्थापक श्वेता जैन के मुताबिक, शॉर्ट पीरियड में जिन्हें पैसा चाहिए या जो हाई रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, उन्हें इस फंड से दूर रहना चाहिए.

सिल्वर ईटीएफ में बढ़ी म्युचुअल फंड कंपनियों की दिलचस्‍पी; क्‍या है इस रूझान की वजह, जानें Experts की जुबानी

आंकड़े बताते हैं कि इस साल म्युचुअल फंड कंपनियों और निवेशकों दोनों का रुझान सिल्वर ईटीएफ (silver ETF Exchange Traded Fund) श्रेणी में निवेश पर रहा है। म्युचुअल फंड कंपनियों ने इसके जरिये 1400 करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटाई हैं।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। इस साल म्युचुअल फंड कंपनियों की ओर से सिल्वर ईटीएफ (silver ETF, Exchange Traded Fund) श्रेणी में निवेश के लिए कई नए फंड की पेशकश की गई है। सेबी ने इन फंड में निवेशकों के रुझान को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि 2021 में पेश किए गए इस इनवेस्‍टमेंट एसेट क्‍लास की शुरुआत के बाद से म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसमें दिलचस्‍पी दिखाई और इसके जरिये 1,400 करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटाई हैं। जानें इन फंड में निवेशकों के आकर्षण की क्‍या रही हैं वजहें.

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, ETF क्या है? वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के ETF क्या है? 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड ETF क्या है? को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF क्या है? ETF क्या है? ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

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