एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें

एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें

तकनीक के सहारे ही मिल सकती है आज व्यापार में सफलता

एक बहुत मशहूर शायरी है कि “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है.” हमारे ही समाज में अनेक बार हमे ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं, जब संसाधनों के अभाव में भी कोई इंसान सफलता की ऊंचाई पर चले जाता है. सफलताओं की ऐसी ही एक कहानी राजकुमारी देवी से जुड़ी है, जिन्हें किसान चाची के नाम से भी जाना जाता है.

कोरोना काल में भी राजकुमारी देवी किस तरह अपने व्यापार को चलाकर अच्छा मुनाफा कमा रही है, ये जानने के लिए कृषि जागरण की टीम ने उनका साक्षत्कार किया. पेश है उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश-

सामान्य महिला से आज आप किसान चाची बन गई हैं, कैसा लगता है?

अपने आप में यह बात खास है कि लोग मेरे काम की इतनी इज्जत करते हैं. लेकिन किसी भी इज्जत को कमाने में उसके पीछे का संघर्ष होता है. मेरी कहानी भी कुछ वैसी ही है, आज जबकि मुझे किसान चाची एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें के रूप में देश की लाखों महिलाएं अपना आदर्श मानती है, ऐसे में मेरी जिम्मेदारी भी पहले से कुछ अधिक बढ़ गई है.

Patwari Recruitment Exam 2020:पटवारी के 4000 से अधिक पदों पर निकली भर्तियां, जल्द इस लिंक से करें आवेदन

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan KaramchariChayan Board) ने पटवारी (Patwari) पद के लिए बंपर भर्तियां निकाली हैं. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्डद्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा 2020 (Patwari Recruitment Exam 2020) के…

अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताएं, शुरूआत में किस तरह की परेशानियां आई?

मेरा जन्म एक शिक्षक के घर में हुआ था, परिवार की महिलाएं व्यापार नहीं करती थी. इस परंपरा को तोड़ते हुए मैंने घर के पीछे की जमीन में फल और सब्जियों की खेती की, जिसके लिए विरोध भी सहना पड़ा. उस खेती से प्राप्त फल-सब्जियों से मैंने मुरब्बा और अचार बनाकर घर-घर बेचना शुरू किया. शुरू में लोगों ने मजाक बनाया लेकिन फिर धीरे-धीरे अप्रत्याशित परिवर्तन दिखने को मिलने लगा.

कुछ समय बाद आसपास की महिलाएं भी मेरे काम से जुड़ने लगी. मैंने तब साईकिल से घूम-घूमकर महिलाओं को प्रोत्साहित करना शुरू किया और आस-पड़ोस की गांवों की महिलाओं को भी खेती के गुर सिखाए.देखते ही देखते हमारे अचार-मुरब्बे प्रसिद्ध होने लगे और मुझे कई तरह के सम्मान मिलने लगे. प्रसिद्धि का दौर जारी था और फिर एक दिन मालुम हुआ कि मुझे किसान श्री सम्मान के लिए चुना गया है.

देश में लघु उद्योग क्यों सफल नहीं होते, क्या इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार है?

निसंदेह आप सरकार की नीतियों पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि लघु उद्योगों की असफलता का एक मात्र कारण सरकार ही है. हमारा समाज आज भी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित है, उसे बाहर की देशों में बनने वाले उत्पाद पसंद आते हैं. विदेशी उत्पादों को खरीदना लोग अपनी शान समझते हैं. दूसरा बड़ा कारण है कि लोग व्यापार करने में डरते हैं, वो कम पैसों में नौकरी करने को तैयार हैं, लेकिन खुद एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें का कोई काम शुरू करने में दस बार सोचते हैं. पैसों की समस्या और संसाधनों का अभाव भी बड़ा कारण है. आज सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन जानकारियों के अभाव में लोग एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें उसका लाभ नहीं ले पा रहे.

लॉकडाउन ने आपके काम को किस तरह प्रभावित किया?

लॉकडाउन की मार से तो कोई नहीं बच पाया, मेरा काम भी उससे बहुत प्रभावित हुआ. लेकिन आज मैं भगवान की एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें शुक्रगुजार हूं कि हमारे पास तकनीक का इतना बड़ा वरदान है. मुझे तो तकनीक का इतना ज्ञान नहीं, लेकिन परिवार के बाकि लोग और विशेषकर बच्चों ने मेरी बहुत सहायता की. सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर, व्हाट्सएप के जरिए और इंटरनेट से मनी ट्रांसफर आदि के सहारे मेरा काम बिना रूकावट के चलता रहा.

महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?

महिलाओं से यही कहना चाहूंगी कि अगर एक आदमी के कमाने से परिवार का भरण-पोषण नहीं हो रहा, तो आपको भी कमाना चाहिए. ईमानदारी के साथ कोई भी काम करने में शर्म की बात नहीं है. आपके कमाने से परिवार को आर्थिक बल मिलेगा, घर में दो पैसे आएंगें तो कई रूके हुए काम पूरे होंगें. अगर बाहर जाकर काम नहीं कर सकती, तो घर बैठे ही कोई काम करें. सिलाई-बिनाई, कढ़ाई, टिफिन सर्विस आदि ऐसे कई काम हैं, जो आप आराम से कर सकती हैं.

English Summary: krishi jagran team meet kissan chachi and know how to boost the business in lockdown period

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संगठन में संचार संस्कृति

लोगों के बिना संगठन में काम नहीं नहीं चल सकता है और यह बात मानव तत्व की ओर जोर डालती है। जो आज के व्यापार की दुनिया एक बेहतरीन पहलू है। अब हम ऐसे समय में रुख कर चुके हैं जब कंपनियां संचार की एक सचेत और विचारशील संस्कृति बनाने का प्रयास कर रही एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें हैं। जो ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए कर्मचारी संचार को सशक्त बनाने की दिशा में काम करती है।

व्यवसाय में संचार पौधों में पानी की जरुरत कि तरह है। एक सफल कंपनी के विकास के वर्षों में एक चीज जो इसके विकास में सबसे मददगार साबित होती है वह वह है संचार। यह संचार ही है जिसके माध्यम से मुझे एहसास हुआ कि मेरे व्यवसाय और नेतृत्व में क्या गलत हो रहा था। आज के दौर में संगठनों को आगे बढ़ाने के लिए संचार कि संस्कृति विकसित करना एक आवश्यकता बन गई है।

एक नेता कर्मचारियों के साथ कितना अच्छा संबंध रखता है? कोई नेता संगठन के उद्देश्य को कर्मचारियों के साथ जोड़ने में कितना सक्षम है? ये वह दो सवाल हैं जो यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण कारक हैं कि एक नेता किसी चीज को कितने सही ढंग से कर रहा है।

मैं संचार की शक्ति में विश्वास करता हूं और इसलिए मेरे लिए बातचीत करने की प्रक्रिया सांस लेने जैसा है। मेरा सारा जीवन मैंने अपना समय लोगों के साथ बातचीत करने में लगाया है।

मानव संबंध के माध्यम से हम न केवल उनकी पसंद और नापसंद के बारे में सीख सकते हैं, बल्कि यह हमारे जुनून को खोजने और हमारी कमजोरियों का सामना करने के लिए एक रास्ता भी पा सकते हैं जो हमारी आवश्यकताओं को समझने में योगदान देगा।

मेरे लिए व्यवसाय प्रेम के बगल में है और इसका माध्यम संचार है। मैं समाज और जाति के पदानुक्रम के नाम पर पैदा होने वाले अंतराल को ख़त्म करना चाहता हूं।

संचार एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें की संस्कृति का पोषण एक जगह सहज और सक्षम बनाता है जहां हर कोई सवाल कर सकता है , सीख सकता है जो उनकी आवश्यकता के अनुसार। संचार के माध्यम से लोगों में पारदर्शिता का दर्पण बनता है।

एक व्यक्ति को हम एक स्थान देकर उनकी सच्ची और कच्ची भावनाओं को रचनात्मकता और तकनीकी जानकारी के माध्यम से बता रहे हैं कि कैसे वह कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान किसी सूत्र द्वारा प्राप्त होगा। वह मिश्रण हैं क्या और क्या नहीं का।

कुछ साल पहले, जब हमने अपने कारीगरों से जुड़ने के लिए अपने कर्मचारियों और ग्राहकों को ग्रामीण गांवों में ले जाने का फैसला किया था, बहुत से लोगो ने ने इस बात से मन कर दिया क्योंकि गाँव का जीवन अलग था जिससे उन्हें परेशानी होगी और साथ ही यह भी कहा कि यह विचार हमारे सद्भावना और ब्रांड नाम को बर्बाद कर देगा। लेकिन आज सेंसिंग जर्नी ’हमारी सबसे सफल परियोजनाओं में से एक है जहां हमारे ग्राहक और कर्मचारी हमारे कारीगरों के साथ समय बिताने के लिए तत्पर हैं।

इस तरह हम कर्मचारियों, ग्राहकों और कारीगरों के बीच संचार की संस्कृति विकसित करने के लिए एक रह सुनिश्चित करते हैं।

मैं अपने कर्मचारियों के साथ एक ऐसे प्रावधान से जुड़ता हूं जिसमे हमारी नीति खुले हुए दरवाजे जैसी है। जहां कोई भी आ सकता है, मुझसे मिल सकता है और बिना किसी पूर्व नियुक्ति के मुझसे बात कर सकता है। मुझे नहीं लगता कि बंद कमरे में बैठने से मेरी छवि या शक्ति बढ़ जाएगी। संचार यह समझने की कुंजी है कि क्या काम करता है और क्या नहीं।

संचार की संस्कृति को नजरअंदाज करना कठिन है, लेकिन इस संस्कृति की शक्ति को बढ़ाने में अक्सर अनदेखा किया जाता है क्योंकि यह कोई तकनीकी माध्यम नहीं है। हर नेता को ऐसे लोगों से जुड़ने का अपना तरीका खोजना चाहिए जो अर्थपूर्ण हों और जो व्यवसाय में अधिक लोगों को उन्मुख बनाते हों।

एक नेता की स्थिति बड़े पैमाने पर तब बढ़ेगी जब वे उच्च गुणवत्ता वाले संचार तकनीकों के साथ-साथ संबंध बना कर रखने वाले दोनों ही पहलुओं में शामिल होंगे।

विदेशियों की राय, स्वच्छ भारत के लिए मानसिकता बदलें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत मिशन' पर कूटनीतिज्ञों और विदेशी पर्यटकों का कहना है कि यदि इस अभियान को अगले पांच वर्षो में सफल बनाना है और वास्तव में भारत को गंदगी मुक्त.

विदेशियों की राय, स्वच्छ भारत के लिए मानसिकता बदलें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत मिशन' पर कूटनीतिज्ञों एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें और विदेशी पर्यटकों का कहना है कि यदि इस अभियान को अगले पांच वर्षो में सफल बनाना है और वास्तव में भारत को गंदगी मुक्त करना है, तो लोगों की मानसिकता बदलनी होगी।

स्वीडन के राजदूत हराल्ड सैंडबर्ग ने कहा, ''मेरा मानना है कि सभी विकसित या विकासशील देशों में स्वच्छ पर्यावरण को लेकर बहुत देर में चेतना आई।'' उन्होंने कहा, ''भारत में इसके महत्व को अब समझा जा रहा है, यह अच्छी बात है। मेरा मानना है कि पर्यावरण की रक्षा की शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए। इसके बाद हमें बड़े स्तर पर राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर काम करना चाहिए।''

नामीबिया के राजदूत पायस डुनाइस्की ने कहा, ''इतनी बड़ी आबादी वाले देश में सरकार का लोगों को इस तरह अभियान से जोड़ना प्रभावित करने वाला है।'' उन्होंने आगे कहा, ''अगर मोदी सरकार देश के हर कोने में खासकर बड़े शहरों के एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें लोगों को स्वच्छता के प्रति सजग करने और लोगों की मानसिकता बदलने में सफल होती है तो भारत साफ-सफाई में किसी यूरोपीय देश जैसा हो सकता है।''

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को अभियान की शुरुआत करते हुए दिन में दो-दो बार झाड़ाू पकड़ी। मोदी ने मंदिर मार्ग पुलिस थाने और वाल्मीकि कॉलोनी में सफाई कर अभियान की शुरुआत की। गौरतलब है कि महात्मा गांधी एक बार सफाईकर्मियों की इसी बस्ती में ठहरे थे।

इंग्लैंड से भारत घूमने आए क्रिस्टाइन बार्लो ने कहा, ''भारत में इस अनिवार्य सफाई अभियान को देखना कमाल का अनुभव है। यह एक अच्छी पहल है, लेकिन सफाई बहुत ही मूलभूत शिष्टाचार है जिसे लोगों को जबरन नहीं सिखाया जा सकता। मानसिकता में बदलाव जरूरी है। भारतीय अभी भी सड़कों पर मूत्र त्याग करते हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।''

ब्रिस्टल से भारत घूमने आईं डिजाइनर कार्लिसा शेरवेल ने कहा, ''सफाई रखना एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। अगर लोग अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ नहीं रखना चाहते तो सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान से उनकी मानसिकता को कैसे बदला जा सकता है?''

उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय देशों ने प्लास्टिक की थैलियों और पर्यावरण के लिए हानिकारक अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जब उन्हें बताया गया कि भारत में भी इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है तो उनका कहना था कि इसे लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा, ''भारत में घूमते हुए मैंने देखा है कि लोग खुद प्लास्टिक की थैलियां मांगते हैं।''

स्टोरी नेटवर्क ने भारत में शीर्ष 10 व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सूची की घोषणा की

नई दिल्ली : हर सफल अरबपति/करोड़पति के पास एक बिजनेस कोच होता है क्योंकि वे सही मानसिकता के मूल्य को समझते हैं। एक व्यवसायिक कोच प्राप्त करना सबसे अच्छी बात है जो एक उद्यमी कर सकता है। आपका कोच आपका सफल साथी है जो आपको ट्रैक पर रहने, अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने आप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद कर सकता है। स्टोरी नेटवर्क ने भारत में शीर्ष 10 व्यावसायिक प्रशिक्षकों के नामों की घोषणा की।

यहां हम आपके लिए लाए हैं, भारत में भारत के शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक कोच, जो आपके व्यवसाय को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए सही दृष्टि और दिशा दे सकते हैं:

सौरभ भारत के प्रीमियर बिजनेस कोच हैं, जो उद्योग जगत के नेताओं, सेलिब्रिटी उद्यमियों और विरासत के व्यापार मालिकों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं, अपने निजी एक से एक व्यावसायिक कोचिंग के माध्यम से अपने व्यवसायों को कई गुना बढ़ाते हैं। पिछले 16 वर्षों में उनके काम को शीर्ष फॉर्च्यून 500 नेताओं, प्रमुख व्यापारिक संस्थानों, संघों, व्यापार मालिकों और देश भर के हजारों उद्यमियों एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें ने अपनाया है। उन्हें व्यापक रूप से टर्न-अराउंड व्यवसायों में मदद करने और अपने सम्मानित कोचिंग क्लाइंट्स के लिए बड़े पैमाने पर व्यावसायिक विकास (वर्ष-दर-वर्ष 1000% से अधिक) प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

बड़ा बिजनेस के संस्थापक, डॉ विवेक बिंद्रा एक विचारशील नेता, प्रेरक वक्ता, नेतृत्व सलाहकार, कॉर्पोरेट ट्रेनर और एक प्रेरक व्यवसायिक कोच हैं, जिन्होंने व्यापक विषयों पर सबसे व्यापक वेबिनार के लिए सात गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं। एक साधु-उद्यमी के रूप में उनकी उपलब्धियों के लिए, उन्हें मानद पीएचडी, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया। उन्हें नवोदित उद्यमियों को शिक्षित करने और रणनीति प्रदान करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल में नेतृत्व कार्यशालाओं, बिक्री फ़नल और प्रेरक केस स्टडी के लिए भी जाना जाता है।

डॉ उज्ज्वल पाटनी एक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक, प्रसिद्ध प्रेरक लेखक और शीर्ष व्यावसायिक कोच हैं। उन्होंने उज्जवल पाटनी शो में जीवन और व्यवसाय पर अपने एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें एक सफल व्यापारी की मानसिकता कैसे प्राप्त करें मुफ्त प्रेरक वीडियो से दुनिया भर में दस लाख से अधिक लोगों को प्रेरित और प्रेरित किया है। यह शो उनके यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और उज्जवल पाटनी मोबाइल एप पर रिलीज किया गया है। उनकी दृष्टि अरबों आम लोगों को उत्कृष्ट इंसानों में बदलकर दुनिया के नक्शे पर भारत के बेहतरीन विचारकों और सुधारकों के बीच जगह बनाना है। मेरा ज्ञान दुनिया को आने वाली सदियों तक प्रबुद्ध करेगा, चाहे मेरा अस्तित्व कुछ भी हो।

राहुल जैन एसएमई क्षेत्र में व्यवसाय के मालिकों को अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक बढ़ाने के लिए कोचिंग देने में माहिर हैं। कोचिंग की उनकी शैली समूह कोचिंग के लिए अत्यधिक प्रभावी है और राजस्व टर्नअराउंड, लाभ अधिकतमकरण, व्यवसायिकता आदि के संदर्भ में परिणाम हमेशा लुभावने होते हैं। पिछले 18 वर्षों में, उन्होंने 20,000 से अधिक व्यापार मालिकों को प्रशिक्षित किया है, उन्हें निम्नलिखित 2 परिणाम प्रदान किए हैं। : सप्ताह में एक दिन काम करते हुए अपने व्यवसाय का संचालन करें और हर साल अपने मुनाफे को दोगुना करें। एसएमई में उनकी विशेषज्ञता को उद्योग में कई लोगों द्वारा सराहा गया है, यहां तक ​​कि कई पुरस्कार व्यवसायों में उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ एसएमई कोच के रूप में पुरस्कृत किया गया है।

निशिता महिला सोलोप्रेन्योर के लिए एक बिजनेस कोच हैं। वह महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और अपने पहले ग्राहकों तक पहुंचने के लिए सलाह देती है। वह उनकी व्यवसाय योजना तैयार करने और उनके राजस्व मॉडल का मूल्यांकन करने में उनकी मदद करती हैं कि वे अपना व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं और इसे लाभदायक बना सकते हैं। उसने अपना व्यवसाय एक लैपटॉप और शून्य निवेश के साथ शुरू किया। वह समझती हैं कि महिलाओं के लिए बिजनेस शुरू करना सिर्फ पैसा कमाना नहीं है। यह आत्म-पहचान बनाने और आत्मविश्वास बनाने के बारे में है। उनका मानना ​​है कि महिलाओं को बिजनेस में हाथ बंटाने की जरूरत है क्योंकि उन्हें असफलता का डर होता है।

सुरेश मंशरमणि एक सीरियल एंटरप्रेन्योर हैं और कई भारतीय उद्यमियों के जाने-माने अनुभवी ग्लोबल ओकेआर (ऑब्जेक्टिव की रिजल्ट्स) के कोच और मेंटर हैं। उनके पास 42 से अधिक वर्षों का वास्तविक जीवन का व्यावसायिक अनुभव है। उनकी कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध थी और आईपीओ को 300 गुना ओवरसब्सक्राइब किया गया था। उन्होंने 50 से अधिक देशों की यात्रा की है और सैकड़ों संगठनों को बहुत कम समय में तेजी से बढ़ने में मदद की है।

राजीव तलरेजा भारत के अग्रणी बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन कोच और कॉरपोरेट ट्रेनिंग कंपनी क्वांटम लीप के संस्थापक हैं। 2006 से 2014 तक, उन्होंने 110 कॉर्पोरेट संगठनों के ग्राहकों का निर्माण किया है। और अपने कोचिंग कार्यक्रमों के माध्यम से 1000+ उद्यमियों के एक विशेष समुदाय के निर्माण के अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पिछले दशक में 500,000 से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया। वे कहते हैं, "मैं व्यापार मालिकों को एक व्यवसाय बनाने में मदद करने के मिशन पर हूं जो उनके बिना बढ़ सकता है।"

श्रीधर लक्ष्मण इंटरनेशनल कोच फेडरेशन के साथ प्रोफेशनल सर्टिफाइड कोच हैं, इंटरनेशनल कोच एकेडमी के ग्रेजुएट हैं, सेंटर फॉर ट्रांसफॉर्मेशनल कोचिंग से सर्टिफाइड डीप ट्रांसफॉर्मेशनल कोच हैं और होगन पर्सनैलिटी असेसमेंट में सर्टिफाइड हैं। वह कॉर्पोरेट नेताओं, व्यक्तियों और व्यापार मालिकों को उनकी अत्यधिक प्रभावी, उत्पादक और सफल होने की यात्रा में मदद करता है।

विक्रम इंटरनेशनल कोच फेडरेशन (आईसीएफ) के मेंटर कोच हैं और एशिया में पुरस्कार विजेता कोच हैं, जिनके भारत, दुबई, यूएसए, कनाडा, यूके, कुवैत, श्रीलंका, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, ग्वाटेमाला, थाईलैंड से प्रशिक्षित प्रतिभागी हैं। , स्वीडन, इटली, सऊदी अरब, लेबनान, मिस्र, जॉर्डन, मलेशिया, इज़राइल, स्लोवाकिया, आदि। उन्हें शीर्ष 100 वैश्विक कोचों में माना जाता है और 2017 में वर्ल्ड कोचिंग बॉडी द्वारा राइजिंग टैलेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

वंदना शाह इंटरनेशनल कोच फेडरेशन (ICF) के साथ प्रोफेशनल सर्टिफाइड कोच (PCC) हैं। वंदना कॉर्पोरेट जगत में एक बेहद अनुभवी और स्वीकृत कोच हैं। एक कार्यकारी कोच के रूप में, उन्हें 3000 घंटे से अधिक के गहन कोचिंग अनुभव का श्रेय प्राप्त है। वह कॉर्पोरेट जगत में एक बेहद अनुभवी और स्वीकृत कोच हैं। उसने यह सुनिश्चित करने के लिए आधी रात का तेल जलाया कि "क्रिसलिस" एक अद्वितीय चैनल के रूप में विकसित हो, जो आत्म-खोज की प्रक्रिया को सक्षम बनाता है और उद्यमियों, अधिकारियों और कॉरपोरेट्स के लिए विकास की यात्रा को तेज करता है।

यह कहानी क्यूआई मीडिया द्वारा प्रदान की गई है। एएनआई इस लेख की सामग्री के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा। (एएनआई/क्यूआईएमएन)

संगठन में संचार संस्कृति

लोगों के बिना संगठन में काम नहीं नहीं चल सकता है और यह बात मानव तत्व की ओर जोर डालती है। जो आज के व्यापार की दुनिया एक बेहतरीन पहलू है। अब हम ऐसे समय में रुख कर चुके हैं जब कंपनियां संचार की एक सचेत और विचारशील संस्कृति बनाने का प्रयास कर रही हैं। जो ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए कर्मचारी संचार को सशक्त बनाने की दिशा में काम करती है।

व्यवसाय में संचार पौधों में पानी की जरुरत कि तरह है। एक सफल कंपनी के विकास के वर्षों में एक चीज जो इसके विकास में सबसे मददगार साबित होती है वह वह है संचार। यह संचार ही है जिसके माध्यम से मुझे एहसास हुआ कि मेरे व्यवसाय और नेतृत्व में क्या गलत हो रहा था। आज के दौर में संगठनों को आगे बढ़ाने के लिए संचार कि संस्कृति विकसित करना एक आवश्यकता बन गई है।

एक नेता कर्मचारियों के साथ कितना अच्छा संबंध रखता है? कोई नेता संगठन के उद्देश्य को कर्मचारियों के साथ जोड़ने में कितना सक्षम है? ये वह दो सवाल हैं जो यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण कारक हैं कि एक नेता किसी चीज को कितने सही ढंग से कर रहा है।

मैं संचार की शक्ति में विश्वास करता हूं और इसलिए मेरे लिए बातचीत करने की प्रक्रिया सांस लेने जैसा है। मेरा सारा जीवन मैंने अपना समय लोगों के साथ बातचीत करने में लगाया है।

मानव संबंध के माध्यम से हम न केवल उनकी पसंद और नापसंद के बारे में सीख सकते हैं, बल्कि यह हमारे जुनून को खोजने और हमारी कमजोरियों का सामना करने के लिए एक रास्ता भी पा सकते हैं जो हमारी आवश्यकताओं को समझने में योगदान देगा।

मेरे लिए व्यवसाय प्रेम के बगल में है और इसका माध्यम संचार है। मैं समाज और जाति के पदानुक्रम के नाम पर पैदा होने वाले अंतराल को ख़त्म करना चाहता हूं।

संचार की संस्कृति का पोषण एक जगह सहज और सक्षम बनाता है जहां हर कोई सवाल कर सकता है , सीख सकता है जो उनकी आवश्यकता के अनुसार। संचार के माध्यम से लोगों में पारदर्शिता का दर्पण बनता है।

एक व्यक्ति को हम एक स्थान देकर उनकी सच्ची और कच्ची भावनाओं को रचनात्मकता और तकनीकी जानकारी के माध्यम से बता रहे हैं कि कैसे वह कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान किसी सूत्र द्वारा प्राप्त होगा। वह मिश्रण हैं क्या और क्या नहीं का।

कुछ साल पहले, जब हमने अपने कारीगरों से जुड़ने के लिए अपने कर्मचारियों और ग्राहकों को ग्रामीण गांवों में ले जाने का फैसला किया था, बहुत से लोगो ने ने इस बात से मन कर दिया क्योंकि गाँव का जीवन अलग था जिससे उन्हें परेशानी होगी और साथ ही यह भी कहा कि यह विचार हमारे सद्भावना और ब्रांड नाम को बर्बाद कर देगा। लेकिन आज सेंसिंग जर्नी ’हमारी सबसे सफल परियोजनाओं में से एक है जहां हमारे ग्राहक और कर्मचारी हमारे कारीगरों के साथ समय बिताने के लिए तत्पर हैं।

इस तरह हम कर्मचारियों, ग्राहकों और कारीगरों के बीच संचार की संस्कृति विकसित करने के लिए एक रह सुनिश्चित करते हैं।

मैं अपने कर्मचारियों के साथ एक ऐसे प्रावधान से जुड़ता हूं जिसमे हमारी नीति खुले हुए दरवाजे जैसी है। जहां कोई भी आ सकता है, मुझसे मिल सकता है और बिना किसी पूर्व नियुक्ति के मुझसे बात कर सकता है। मुझे नहीं लगता कि बंद कमरे में बैठने से मेरी छवि या शक्ति बढ़ जाएगी। संचार यह समझने की कुंजी है कि क्या काम करता है और क्या नहीं।

संचार की संस्कृति को नजरअंदाज करना कठिन है, लेकिन इस संस्कृति की शक्ति को बढ़ाने में अक्सर अनदेखा किया जाता है क्योंकि यह कोई तकनीकी माध्यम नहीं है। हर नेता को ऐसे लोगों से जुड़ने का अपना तरीका खोजना चाहिए जो अर्थपूर्ण हों और जो व्यवसाय में अधिक लोगों को उन्मुख बनाते हों।

एक नेता की स्थिति बड़े पैमाने पर तब बढ़ेगी जब वे उच्च गुणवत्ता वाले संचार तकनीकों के साथ-साथ संबंध बना कर रखने वाले दोनों ही पहलुओं में शामिल होंगे।

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