एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

क्रिप्टो बाजार में भूचाल

क्रिप्टो बाजार में भूचाल
भारतीय बाजार से उठता एफआईआई का भरोसा

क्रिप्टो मार्केट में भारी भूचाल, ज्यादातर करेंसियों के दाम में बड़ी गिरावट

गुरुवार को क्रिप्टो मार्केट में एक बार फिर बड़ा भूचाल आ गया। बीते दिनों से गिरावट का दौर झेल रहे क्रिप्टो बाजार में ज्यादातर करेंसियों के दाम में भारी गिरावट आई। दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का हाल सबसे ज्यादा बेहाल दिखाई दे रहा है और यह 16 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा टॉप-10 में शामिल सभी डिजिटल मुद्राएं लाल निशान पर कारोबार कर रही हैं।
बिटक्वाइन का दाम रह गया इतना
दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को आई जोरदार गिरावट ने निवेशकों को ऐसा झटका दिया कि उससे उबरना हाल-फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है। बता दें कि खबर लिखे जाने तक बीते 24 घंटों में बिटक्वाइन का दाम 10 फीसदी या 2 लाख 35 हजार रुपये से ज्यादा गिरकर सिर्फ 22,97,441 रुपये रह गया है।
इथेरियम 19 फीसदी तक टूटा
बिटक्वाइन के साथ ही टॉप-10 क्रिप्टोकरेंसी में दूसरी सबसे लोकप्रिय इथेरियम ने भी अपने निवेशकों को जोरदार झटका दिया है। इथेरियम का दाम 19 फीसदी या 35,356 रुपये टूट गया और यह क्रिप्टोकरेंसी गिरावट के साथ 1,56,476 रुपये की रह गई। बता दें कि बीते साल नवंबर में बिटक्वाइन और इथेरियम ने अपने ऑल टाइम हाई को छुआ था, और इसके बाद से ही इनमें इक्का-दुक्का दिनों को छोड़कर गिरावट जारी है। बिटक्वाइन की बात करें तो ये क्रिप्टो बाजार में भूचाल फिलहाल, अपने ऑल टाइम हाई से 55 फीसदी तक टूट चुका है।
बिनांस-रिपल-कार्डानो का हाल
गुरुवार क्रिप्टो बाजार के लिए काला दिन बनकर सामने आया है। बिटक्वाइन और इथेरियम के अलावा बिनांस क्वाइन 17.35 फीसदी टूटकर 20,707 रुपये का रह गया है। वहीं रिपल की बात करें तो इसमें 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस भारी कमी के बाद रिपल का भाव 30.69 रुपये रह गया है। यहां कार्डानो का जिक्र भी जरूरी है। कार्डानो में बीते 24 घंटे में 27 फीसदी की कमी आई और यह 36.72 रुपये का रह गया, जबकि सोलाना का दाम 29 फीसदी से ज्यादा टूटकर 3,624 रुपये रह गया है।
शीबाइनु में सबसे बड़ी गिरावट
गुरुवार को जिन क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट आई, उनमें सिर्फ टॉप-10 ही नहीं बल्कि मार्केट में मौजूद ज्यादातर डिजिटल मुद्राओं का बुरा हाल है। टॉप-10 में क्रिप्टो बाजार में भूचाल शामिल शीबा इनु क्वाइन में तो 31 फीसदी की गिरावट आई है और इसका दाम -0.000378 रुपये फिसलकर 0.000849 रुपये पर आ गया है। डॉजक्वाइन 25 फीसदी गिरकर 6.42 रुपये का हो गया है, वहीं पोल्काडॉट का भाव भी 25 फीसदी की कमी के साथ 659.31 रुपये का रह गया है। वहीं लाइटक्वाइन की कीमत 22.50 फीसदी गिरकर 4,978 रुपये पर पहुंच गई।
टेथर छोड़ सभी में आई गिरावट
टॉप-10 क्रिप्टोकरेंसी में शामिल टेथर क्वाइन ही एक मात्र ऐसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी रही जो गुरुवार को भी हरे निशान पर कारोबार करती हुई नजर आई। खबर लिखे जाने तक टेथर की कीमत 0.61 फीसदी या 0.50 रुपये की बढ़त के साथ 82.91 रुपये पर पहुंच गई थी। इसके अलावा क्रिप्टो बाजार में भूचाल क्रिप्टो बाजार में मौजूद अन्य क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो एवलॉन्च 25 फीसदी, पॉलीगोन 33 फीसदी, बिटक्वाइन कैश 28 फीसदी, यूनिस्वैप 23 फीसदी और बेबी डॉजक्वाइन 28 फीसदी तक टूट चुकी है।
-एजेंसियां

क्रिप्टो बाजार में एक बार फिर आया भूचाल, बिटक्वाइन समेत दुनिया की टॉप डिजिटल करेंसी धड़ाम

क्रिप्टोकरेंसी में बीते साल 2021 में जबरदस्त निवेश देखने को मिला, वहीं विशेषज्ञों ने इस साल भी क्रिप्टो बाजार में बहार देखने की उम्मीद जताई है। हालांकि, साल 2022 की शुरुआत की बात करें तो साल शुरू होने के साथ ही ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरवाट का दौर चालू हुआ, जो अभी तक जारी है। शुक्रवार को ये अनियमित बाजार फिर से क्रैश हो गया और बिटक्वाइन की कीमत 6 फीसदी तक घट गई।

2 लाख रुपये तक गिरा बिटक्वाइन का दाम
दुनिया की सबसे पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली। इसकी कीमत में 5.89 फीसदी की भारी कमी आई। इस गिरावट के बाद इस डिजटल करेंसी की कीमत 1,98,773 रुपये तक घटकर 31,75,096 रुपये पर आ गई। इस कीमत पर बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण भी गिरकर 54.7 खरब रुपये के निचले स्तर तक आ गया। बिटक्वाइन के साथ ही दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी इथेरियम के दाम में भी भारी कमी आई है। इसकी कीमत 6.88 फीसदी या 17,331 रुपये टूटकर 2,34,512 रुपये रह गई। इसका मार्केट कैप 25.3 खरब रुपये रह गया।

भारतीय बाजार से उठता एफआईआई का भरोसा

शेयर बाजार 18 जून 2022 ,15:45

भारतीय बाजार से उठता एफआईआई का भरोसा

भारतीय बाजार से उठता एफआईआई का भरोसा

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

नयी दिल्ली , 18 जून (आईएएनएस)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण पहले से निवेश धारणा प्रतिकूल बनी थी। ऐसे में बढ़ती मुद्रस्फीति पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर में की गई बढ़ोतरी ने रही सही कसर भी पूरी कर दी और विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूरी तरह बिकवाली में जुट गए।अमेरिकी फेड रिजर्व ने कुछ दिनों पहले ही ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। साल 1994 के बाद पहली बार फेड रिजर्व ने ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है। फेड रिजर्व की इस घोषणा क्रिप्टो बाजार में भूचाल के बाद प्रमुख वैश्विक बाजारों में खलबली मच गई और सब एक-एक करके धराशाई होने लगे।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि इतना ही नहीं फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने यह संकेत दिये कि अगले माह की बैठक में भी ब्याज दर में इतनी बढ़ोतरी की जा सकती है। इससे साल 2022 के ब्याज दर का लक्ष्य अब बढ़कर 3.4 प्रतिशत और अगले साल के लिए 3.8 प्रतिशत हो गया है।

क्वोंटम एएमसी के इक्वि टी फंड मैनेजर सौरभ गुप्ता ने कहा कि मई में विदेशी पोर्टफोलियो ने भारतीय क्रिप्टो बाजार में भूचाल बाजार से 5.17 अरब डॉलर निकाले। साल 1991 में एफपीआई के निवेश के हरी झंडी दिये जाने के बाद से यह एफपीआई की बिकवाली का तीसरा सबसे बुरा महीना रहा।

उन्होंने कहा कि रोचक बात सह है कि एफपीआई निवेश के लिहाज से अब तक सबसे खराब पांच महीनों में से चार महीने इसी साल के हैं। म्युचुअल फंड और बीमा सहित घरेलू संथागत निवेशकों ने मई में 6.57 अरब डॉलर क्रिप्टो बाजार में भूचाल की लिवाली की।

बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते माह 2.16 प्रतिशत लुढ़का है। दिग्गज कंपनियों की तर्ज पर मंझोली कंपनियों और छोटी कंपनियों को भी बिकवाली का भारी दबाव झेलना पड़ा।

बीएसई का मिडकैप मई में 5.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप 7.8 प्रतिशत लुढ़क गया। पिछले कुछ माह से अच्छा रिटर्न देने वाले क्रिप्टो बाजार में भूचाल बिजली और धातु समूह ने निवेशकों को अधिक घाटा दिया। बिजली समूह के सूचकांक में 11.3 प्रतिशत और धातु समूह के सूचकांक में 15.5 प्रतिशत की गिरावट रही।

बीएसई में मात्र वाहन क्षेत्र के सूचकांक में तेजी दर्ज की गई। गत माह निवेशकों की लिवाली के दम पर वाहन क्षेत्र के सूचकांक में 4.9 प्रतिशत का उछाल देखा गया।

यस बैंक (NS: YESB ) का कहना है कि बढ़ते चालू खाता घाटा को चालू वित्त वर्ष में देश में आने वाले पूंजी प्रवाह से पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। गत साल अक्टबूर से अब तक एफआईआई ने 30.5 अरब डॉलर की निकासी की है और इस साल अप्रैल से डेट और इक्वि टी बाजार से अब तक 9.4 अरब डॉलर निकाले हैं।

आईआईएफ के अनुसार, गत साल इक्वि टी बाजार में 1.68 ट्रिलियन डॉलर का पूंजी प्रवाह हुआ था लेकिन साल दर साल आधार पर इस साल इसमें 42 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

एंजल वन के अनुसार, गत वित्त वर्ष एफआईआई ने 1.22 लाख करोड़ रुपये की निकासी की जबकि वित्त वर्ष 21 क्रिप्टो बाजार में भूचाल में 2.67 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।

एंजल वन का कहना है कि कई कारणों से एफआईअई भारत बजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह से बाजार पर रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव हावी हो गया।

युद्ध की वजह से बढ़ी अनिश्चितता और भू राजनीतिक अस्थिरता से विदेशी निवेशकों का क्रिप्टो बाजार में भूचाल भरोसा जोखिम भरे निवेश से उठने लगा।

एंजल वन का कहना है कि भारत कच्चे तेल का बहुत बड़ा उपभोक्ता और आयातक है। युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें उछल गईं। इससे भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया। कच्चे तेल की कीमतों की तेजी से परिवहन मंहगा हो गया, जिससे वस्तुओं के दाम बढ़ गये और साथ ही मुद्रास्फीति भी बढ़ गई।

मुद्रास्फीति का सीधा असर अर्थव्यवस्थर पर होता है और मौजूदा हालात निवेशकों को अनुकूल नहंी लगे, जिससे एफआईआई की बिकवाली का दौर शुरू हो गया।

भारतीय बाजार पर अमेरिकी बाजार और अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों का अच्छा खासा प्रभाव रहता है। इसकी वजह से विदेशी बाजारों के कमजोर संकेत भारतीय बाजार को भी ले डूबते हैं। अमेरिकी बजार पर इन दिनों बढ़ती महंगाई और ब्याज दर में बढो़तरी का दबाव है।

क्रिप्टोकरेंसी पर बड़े ऐलान के बाद शेयर बाजार में आया बड़ा भूचाल, 900 अंक से ज्‍यादा उछला सेंसेक्‍स

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संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया। बजट में इस बार सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अब से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऐलान के दौरान शेयर बाजार में जबरदस्त भूचाल आया। बजट भाषण के दौरान सेंसेक्‍स 900 अंक से ज्‍यादा उछला और निफ्टी 17,600 के पार रही। वहीं बजट भाषण समाप्‍त होने के बाद सेंसेक्‍स 954 अंक ऊपर क्रिप्टो बाजार में भूचाल देखा गया और निफ्टी में 1.3% तेजी आई।

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) क्रिप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर कई बार आगाह कर चुका है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इसे एक बबल क्रिप्टो बाजार में भूचाल करार दे चुके हैं। लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साधी हुई थी। बजट के दौरान सरकार ने पहली बार बोला। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि किसी भी तरह की वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा। ऐसी किसी भी कमाई पर इस टैक्स को देना होगा। वहीं गिफ्ट पाने वाले को भी टैक्स देना होगा।

भारत में क्रिप्टो इंडस्ट्री ने बेमिसाल तरक्की की है। ऐसे में सरकार इसे भुनाने में लगी हुई है, अगर सरकार कामयाब हो गई तो क्रिप्टो इंडस्ट्री के मामले में भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे होगा। देश में स्टार्टअप प्रोजेक्ट लगातार तरक्की कर रहे हैं, जिनकी मदद से भारत क्रिप्टो मार्केट का बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। चलिए आपको बताते है कि क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसकी लोकप्रियता में इस कदर इजाफा हो रहा है कि कई देश इसे लीगल कर चुके हैं।

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