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डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

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HDFC Demat Account: क्या आप HDFC में खोलना चाहते हैं डीमैट अकाउंट, डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? फॉलो करें ये आसान स्टेप्स

 HDFC में डीमैट अकाउंट

 HDFC में डीमैट अकाउंट

  • ऑनलाइन आप आसानी से एचडीएफसी बैंक में अकाउंट खोल सकते हैं।
  • एचडीएफसी में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं।
  • डीमैट अकाउंट में म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर आदि निवेश हो सकते हैं।

एचडीएफसी बैंक ग्राहकों को डीमैट अकाउंट सेवाएं प्रदान करता है। बता दें कि डीमैट अकाउंट एक सुरक्षित, ऑनलाइन और निर्बाध मोड है जो आपके निवेशों को स्टोर और सुरक्षित रखता है। आपके डीमैट अकाउंट में जीरो शेयर भी हो सकते हैं क्योंकि इसमें कई शेयरों पर इसकी कोई न्यूनतम आवश्यकता नहीं है। यह आपके निवेश को इलेक्ट्रॉनिक डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? फॉर्मेट में स्टोर करता है। डीमैट अकाउंट में म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर आदि निवेश हो सकते हैं।

अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें

जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.

हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.

ब्रोकरेज स्क्रूटनी

लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? राशि नहीं कटेगी.

पॉवर ऑफ अटार्नी

ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.

डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.

एमसएमएस सुविधा

अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.

आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)

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शेयर बाजार में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए

if you are planning to invest in the stock market then you must know this

शेयर बाजार में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए

डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल जाते हैं। मतलब, डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहीत करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।

डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं ?

सबसे पहले अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (Broker) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।

खुल गया आपका ​डीमैट अकाउंट

यह सब प्रक्रिया पूरी करते ही आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। इसके बाद आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर और इसके अन्य डिटेल्स प्राप्त हो जाएंगे। इसके बाद आप चाहे तो डीमैट अकाउंट खोलने वाली कंपनी के नंबर पर फोन करके शेयर मार्केट में ट्रेड कर सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि खुद ही ट्रेड करें तो आपके पास ट्रेडिंग के लिए लॉग इन और पासवर्ड आ जाएगा। इसका उपयोग कर आप खुद ही खरीद या बिक्री का आर्डर प्लेस कर पाएंगे।

कितने हो सकते हैं डीमैट अकाउंट?

एक निवेशक (Investor) के कई डीमैट अकाउंट (Dmat Account) हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (Depository participants), या अलग-अलग डीपी के साथ भी हो सकते हैं। जब तक, निवेशक सभी अप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स (KYC Deatils) प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित (Operate) कर सकता है।

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Demat Account Meaning In Hindi

अगर आप अमीर और अपने पैसों को स्मार्टली इन्वेस्ट करना चाहते हो इन्वेस्टमेंट करना बहुत जरुरी हैं.

इन्वेस्टमेंट क्यों जरुरी है जानें – Click Hare

डीमेट अकाउंट किस काम आता हैं ?

डीमेट अकाउंट में हम शेयर्स की लेनदेन कर सकते हैं। डीमेट अकाउंट बैंक की तरह एक अकाउंट होता हैं जैसे बैंक में हम अपने पैसे रखते हैं बैसे ही डीमेट अकाउंट में हम शेयर्स को रखते हैं।

डीमेट अकाउंट की देख रेख गवर्नमेंट की दो संस्था करती है।
1 – NSDL ( National Securities Depository Limited )
2 – CDSL ( Central Depository Service Limited )

डीमेट अकाउंट में क्या रखते हैं ?

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Demat Account क्यों जरुरी होता हैं ?

अगर आपको किसी कम्पनी के शेयर्स खरीदना है तो आपको डीमेट अकाउंट खोलना ही पड़ेगा, क्युकि बिना डीमेट अकाउंट के हम कंपनी के शेयर्स नहीं खरीद सकते।

डीमेट अकाउंट कहा ओपन होता हैं ?

डीमेट अकाउंट डिपॉसिटोरी ( Depository Company ) में ओपन होता हैं। इंडिया में सिर्फ दो ही Depository Company हैं।
१ – CDSL – Central Depository Service Limited
2 – NSDL – National Securities Depository Limited

Demat Account क्या होता है? | Demat account के फायदे क्या हैं?

आज के समय में मोबाइल internet लगभग हर सभी के पास है जिससे वे जब चाहे जहां चाहें किसी भी प्रकार की जानकारी ले सकते हैं लेकिन सभी जानकारी का हमारी आपकी बोलचाल की भाषा में मिलना लगभग नामुमकिन है। जिस प्रकार मैं अपने पिछले ब्लॉग Stock Market क्या है ? से जुड़ी जानकारी एक सरल भाषा में आप सभी तक पहुँचाने में सफल रहा हूँ, आज का मेरा आर्टिकल स्टॉक मार्केट से ही जुड़े एक पेहलु Demat Account क्या होता है? Demat Account in Hindi से आपको एक सरल भाषा में रूबरू कराना है।

Demat-Account-kya-hota-hai || डीमैट-अकाउंट-कहाँ-और-कैसे-खोलें

आज हम जानेगें कि Demat Account Kya Hai? , Demat Account की जरुरत क्यों पड़ी, इसका स्टॉक मार्केट से क्या सम्बन्ध है?,डीमैट अकॉउंट कैसे काम करता है? और सबसे जरूरी उनके लिए जो स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं।

Demat का क्या मतलब है? What is DEMAT meaning in Hindi

Demat account के बारे में जानने से पहले Demat क्या है? ये जानना जरूरी है जिससे आगे की जानकारी को समझना आपके लिए आसान हो जाएगा।
DEMAT को पूर्तयः DEMATERIALISATION कहते हैं जिसका अर्थ है “कागज रहित करना ”, यानि की शेयर के कागजी रूप को बदल कर Digitalised करना या उन्हें Dematerlize करना , इस सम्पूर्ण प्रोसेस को DEMATERIALISATION इन शार्ट DEMAT केहते हैं।

जिस प्रकार से हम डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? अपने पास रखे हार्ड कॅश को dematerialize करने के लिए , जिससे उसकी सुरक्षा बढ़ सके साथ ही लेन-देन करने में सहूलियत हो सके हम बैंक में अकाउंट खुलवाते हैं उसी प्रकार से शेयर / Equities की स्टॉक मार्केट में खरीद-फरोख के दौरान उन्हें एक जगह रखने की सुविधा के लिए जिस अकॉउंट को उपयोग में लाते हैं उसे डीमैट अकॉउंट कहते हैं। Demat Account में आपके शेयर को Dematerialize करके डिजिटल रूप में सेव कर दिया जाता डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट जरूरी होता है क्योंकि शेयर खरीदने और बेचने पर शेयर डीमैट अकाउंट से ही संचालित होते हैं। ट्रांजैक्शन के 2 दिन बाद ही शेयर डीमैट अकाउंट में आ जाते हैं। डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?
ऊपर लिखित जानकारी से हमें Demat अकाउंट का Stock मार्केट से सीधे सम्बन्ध होने का भी ज्ञात होता है क्युकी स्टॉक मार्केट में यदि आपको निवेश करना है तो खरीदे शेयर को रखने के लिए Demat Account का डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? होना अनिवार्य है।

Demat Account की क्यों जरुरत पड़ी?

स्टॉक मार्केट जब वजूद में आया उस समय टेक्नोलॉजी का इतना विस्तार नहीं हुआ था नाही Digitalised करने का कोई माध्यम था। उस समय शरहोल्डर्स को कम्पनीज एक प्रकार का कागजी सर्टिफिकेट सबूत के तौर पर देती थीं जिसे शरहोल्डर्स Future में दिखा के अपने शेयर बेच सकते थे।

इस पूरी प्रक्रिया में कुछ प्रमुख ख़ामियाँ थीं , जैसे –

पहली खामी यह थी कि Certificate कागज़ रूप में होते थे जिससे certificate के ख़राब होने , खो जाने , चोरी होने का खतरा रहता था। शेयर होल्डर पर एक अतिरिक्त ज़िम्मेदारी उन्हें संभाल कर रखने की बढ़ जाती थी। Demat अकाउंट होने से शेयर को आसानी से सेव करना आसान हो गया और उनकी सुरक्षा भी बढ़ गई।

दूसरी खामी शेयर के खरीदने और बेचने की थी क्युकी शेयर physical रूप में होते थे ,यदि किसी को शेयर बेचना या खरीदना हो तो उन्हें पहले जांच के एक official और लम्बे प्रोसेस से गुजरना होता था ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके की शेयर्स सही निवेशक के पास ही जा रहे। Demat Account के माध्यम से शेयर्स को आसानी से और कम समय में खरीदना और बेचना आसान हो गया।

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