एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

Cryptocurrency: प्रमुख क्रिप्टो कॉइन्स में आई तेजी, जानिए किसमें कितनी हुई वृद्धि

Cryptocurrency बाजार में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बहुत ही कम समय में निवेशकों का चहेता बन गया है. आज ज्यादातर लोग जल्दी अमीर बनने के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं. हालांकि क्रिप्टो में जितना जोखिम है उतना ही इसमें फायदा भी है. बहुत ही कम समय में इसने अपने निवेशकों को करोड़पति बनाया है. इस दौरान कई ऐसे करेंसी भी हैं जिनके रेट अभी भी ऊपर हैं. वहीं कुछ क्रिप्टो ने अपने निवेशकों को 1000 फीसदी का मुनाफा भी दिया है. ऐसे में आइये जानते हैं कि इस वक्त बिटक्वाइन (Bitcoin), डॉगकॉइन (Dogecoin), एक्सआरपी (XRP) और एथेरियम (Ethereum) के अलावा कार्डानो (Cardano) का लेटेस्ट रेट क्या है.

1. बिटक्वाइन (Bitcoin)

बिटक्वाइन (Bitcoin)

बिटक्वाइन (Bitcoin) क्रिप्टोकरेंसी इस वक्त 29,956.14 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है. इसमें इस वक्त 2.61 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है. इस रेट पर बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 571.28 बिलियन डॉलर है. बीते चौबीस घंटे के दौरान बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की हाईएस्ट कीमत 30,054.90 डॉलर और न्यूनतम कीमत 28,641 डॉलर रही है. अगर 1 जनवरी से लेकर अब तक के इसके रिटर्न की बात करें तो इसने अपने निवेशकों को एक साल में 35.90 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न दिया है. बिटक्वाइन क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 68,990.90 डॉलर रही है.

2. एथेरियम (Ethereum)

एथेरियम (Ethereum)

एथेरियम (Ethereum) बिटकॉइन के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. इस वक्त यह 2,003.34 डॉलर पर चल रहा है. इसमें इस वक्त 1.11 प्रतिशत की तेजी दर्ज की जा रही है. इस रेट पर एथेरियम की मार्केट कैप 237.41 बिलियन डॉलर है. बीते चौबीस घंटे के दौरान एथेरियम की अधिकतम कीमत 2,007.06 डॉलर और न्यूनतम कीमत 1,911.78 डॉलर रही है. अगर 1 जनवरी से लेकर अब तक के इसके रिटर्न की बात करें तो इसने अपने निवेशकों को एक साल में 46.32 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न दिया है. एथेरियम (Ethereum) की ऑलटाइम हाई कीमत 4,865.57 डॉलर रही है.

एक्सआरपी (XRP)

एक्सआरपी (XRP) इस वक्त 0.411678 डॉलर पर ट्रेंड कर रहा है. इसमें इस वक्त 0.66 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है. इस रेट पर एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 41.16 बिलियन डॉलर हो गई है. बीते चौबीस घंटे के दौरान एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 0.41 डॉलर और न्यूनतम कीमत 0.39 डॉलर दर्ज की गई है. अगर 1 जनवरी से लेकर अब तक के इसके रिटर्न की बात करें तो इसने अपने निवेशकों को एक साल में 50.69 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न दिया है.एक्सआरपी (XRP) क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 3.40 डॉलर रही है.

4. कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano)

कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano)

कार्डानो (Cardano) इस वक्त 0.526925 डॉलर पर ट्रेंड कर रहा है. इसमें इस वक्त 2.11 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है. इस रेट पर कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 17.59 बिलियन डॉलर हो गई है. बीते चौबीस घंटे के दौरान कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 0.53 डॉलर और न्यूनतम कीमत 0.49 डॉलर दर्ज की गई है. अगर 1 जनवरी से लेकर अब तक के इसके रिटर्न की बात करें तो इसने अपने निवेशकों को एक साल में 60.48 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न दिया है. कार्डानो (Cardano) क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 3.10 डॉलर रही है.

5. डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी (Dogecoin)

डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी (Dogecoin)

डॉगकॉइन (Dogecoin) इस वक्त 0.084035 डॉलर पर ट्रेंड कर रहा है. इसमें इस वक्त 0.31 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है. इस रेट पर डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 11.31 बिलियन डॉलर हो गई है. बीते चौबीस घंटे के दौरान डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 0.08 डॉलर और न्यूनतम कीमत 0.08 डॉलर दर्ज की गई है. अगर 1 जनवरी से लेकर अब तक के इसके रिटर्न की बात करें तो इसने अपने निवेशकों को एक साल में 51.32 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न दिया है. डॉगकॉइन (Dogecoin) क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 0.740796 डॉलर रही है.

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं

केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा. The post क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं appeared first on The Wire - Hindi.

केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.

(प्रतीकात्मक इलस्ट्रेशन: रॉयटर्स)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की.

क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है. यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है.

दूसरी ओर, भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर) की वसूली की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन, कॉइन स्विच कुबेर, अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था. हालांकि, ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था, जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था.

जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है.

30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हुआ है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा. इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है.

वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस, कोई बुनियादी छूट नहीं, किसी नुकसान पर कोई सेट-ऑफ नहीं, होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं.

भारत में स्टॉक और इक्विटी कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर-इक्विटी विकल्प, संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है. वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है.

वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन, डॉगकोइन आदि, नॉन-फंजीबाल टोकन (एनएफटी) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है, शामिल हैं. गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं. यहां परिभाषा, कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है.

यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी. सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है, लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है.

क्रेबैको के अनुसार, 105 मिलियन से अधिक लोग, जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी, जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र, जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे, अब प्रभावित होंगे.

देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना ​​है कि ‘अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट-ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है.’

1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती (टीडीएस) लागू होगा. हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है. लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी, जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद-बिक्री में शामिल होते हैं, बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है, तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है.

इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है. पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ट्रांसफर’ के दायरे में क्या-क्या आता है.

उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है, बल्कि एयरड्रॉप, फोर्किंग, स्टेकिंग, पी2पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन-देन होता है. इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी, के दायरे में आएंगे.

2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी. हालांकि, खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है.

भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी. इसी तरह, ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति पर कर लगाते समय किसी भी छूट पर विचार नहीं किया जाएगा, चाहे उनकी आय या उम्र कुछ भी हो.

हितधारकों ने इन टैक्स प्रावधानों को निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इंडेक्सेशन जैसे उपायों के माध्यम से निवेशकों को इस तरह के निवेश को लंबी अवधि के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय सरकार एक प्रतिशत टीडीएस के नियम के जरिये बार-बार व्यापारियों को सजा-सी दे रही है.

ओकेएक्स डॉट कॉम (OKX.com) के सीईओ जय हाओ के अनुसार, ‘क्रिप्टोकरंसी एसेट्स से 30% पर लाभ का कर सभी हितधारकों को समान रूप से खुश नहीं कर सकता है. उच्च कर निवेशकों को क्रिप्टो को निवेश के तरीके के रूप में चुनने के लिए हतोत्साहित कर सकते हैं और इससे भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर जनता द्वारा अपनाए जाने में भी देरी हो सकती है.’

उद्योग से जुड़े पर्यवेक्षकों को डर है कि इस तरह के कदम से उद्योग या तो अंडरग्राउंड हो जाएगा, या भारत से बाहर थाईलैंड, यूएई और जापान जैसे देशों, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी हब बनने के लिए अपनी कर दरों को कम कर दिया है, में स्थानांतरित हो जाएगा. डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी आगे चलकर अर्थव्यवस्था के हर पहलू को परिभाषित करेगी, और यदि भारत सुगम शासन के कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम माध्यम से इस तरह के नवाचारों को अपनाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान नहीं करता है, तो यह प्रमुख व्यवसायों और निवेशों को खो सकता है.

(वैशाली बसु शर्मा रणनीतिक और आर्थिक मसलों की विश्लेषक हैं. उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट के साथ लगभग एक दशक तक काम किया है.)

भारत में बिटकॉइन, इथेरियम, पोल्का डॉट, सोलाना समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी की लेटेस्ट कीमत

भारत में बिटकॉइन, इथेरियम, पोल्का डॉट, सोलाना समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी की लेटेस्ट कीमत

पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन की वैल्यू 0.37 फीसदी बढ़ी है, जिसके बाद यह 15,95,516 रुपये पर कारोबार कर रहा है। बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 30.6 लाख करोड़ रुपये का है। पिछले 24 घंटे में इथेरियम में 0.84 फीसदी की बढ़त देखी गई है। वर्तमान में इथेरियम 1,15,874 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 14.2 लाख करोड़ रुपये का है। इनके अलावा ऐसे और कई लोकप्रिय टोकन्स है, जिनकी वैल्यू में काफी बदलाव हुआ है। आइए जानें।

BNB कॉइन 22,167 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कल की तुलना में BNB की वैल्यू में 0.29 फीसदी लगभग 65 रुपये की बढ़त देखी गई है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.57 लाख करोड़ रुपये का है। आज रिपल XRP की कीमत 29.37 रुपये (5.04 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहा है। कार्डानो और डॉजकॉइन की कीमत क्रमशः 38.56 रुपये (0.86 फीसदी ऊपर) और 4.90 रुपये (1.50 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

सोलाना 2,679.56 रुपये (2.77 फीसदी ऊपर), शीबा इनु कॉइन 0.0009471 रुपये (1.73 फीसदी ऊपर), पोल्का डॉट 556.08 रुपये (0.28 फीसदी नीचे) और पॉलीगॉन वर्तमान में 65.51 रुपये (0.97 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहा हैं। साप्ताहिक चार्ट के आधार पर सोलाना 4.67 फीसदी गिरा है, जबकि पोल्का डॉट 10.80 फीसदी गिरा है। शीबा इनु ने पिछले सात दिनों में अपने मूल्य से 10.33 फीसदी घटा है, जबकि पॉलीगॉन 9.62 फीसदी गिरा है।

टॉप-5 गेनर में ऐपकॉइन, सेल्सियस, चिलीज, लिडो डाओ और XRP है। ये क्रमशः 444.03 रुपये (15.54 फीसदी ऊपर), 134.11 रुपये (9.43 फीसदी ऊपर), 18.31 रुपये (6.78 फीसदी ऊपर), 151.55 रुपये (5.46 फीसदी ऊपर) और 29.35 रुपये (5.26 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

एक स्थिर क्रिप्टोकरेंसी वह होती है, जिसमें बेहद कम उथल-पुथल होती है। इसका मूल्य एक भौतिक संपत्ति जैसे फिएट मुद्रा या फिर सोना (गोल्ड) से जुड़ा हुआ होता है। लोकप्रिय टोकन में टेथर USD, USD कॉइन और बिनेंस USD क्रमशः 79.69 रुपये (0.05 फीसदी ऊपर), 79.70 रुपये (0.05 फीसदी ऊपर) और 79.67 रुपये (0.09 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं। टेरा क्लासिक 0.02485 रुपये (0.07 फीसदी नीचे) पर लिस्ट है।

टॉप-5 लूजर टोकन में रावेनकॉइन, मोनेरो, इंटरनेट कंम्प्यूटर, इथेरियम क्लासिक और गेटटोकना शामिल हैं। इनकी कीमत क्रमशः 3.88 रुपये (5.82 फीसदी नीचे), 11,816.77 रुपये (1.67 फीसदी नीचे), 495.04 रुपये (1.53 फीसदी नीचे), 2,718.95 रुपये (1.11 फीसदी नीचे) और 340.68 रुपये (0.85 फीसदी नीचे) हैं।

ट्रैफिक, लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और ट्रेडिंग वॉल्यूम की वैधता में विश्वास के हिसाब से टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी स्पॉट एक्सचेंज में बायनेन्स, FTX और कॉइनबेस एक्सचेंज शामिल हैं। बायनेन्स और FTX में 24 घंटे के अंदर क्रमशः 88,4555 करोड़ रुपये (लगभग 39.18 फीसदी कम) और लगभग 6,019 करोड़ रुपये (लगभग 38.49 फीसदी कम) वॉल्यूम पर देखा गया है। कॉइनबेस एक्सचेंज में लगभग 6,184 करोड़ रुपये (49.04 फीसदी कम) वॉल्यूम पर देखा गया है।

DeFi एक ऐसी वित्तिय प्रणाली है जिसमें किसी मिडलमैन का कोई काम नही रहता। DeFi की सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन के ऊपर मौजूद रहता है, जिसे कोई भी देख सकता है। Dai, एवंलॉन्च, रैप्ड बिटकॉइन, यूनिस्वैप और चेनलिंक कुछ लोकप्रिय DeFi टोकन हैं। वे वर्तमान में क्रमशः 79.68 रुपये (0.06 फीसदी ऊपर), 1,467.20 (0.60 फीसदी ऊपर), 15,95,326.80 रुपये (0.65 फीसदी ऊपर), 477.15 रुपये (1.61 फीसदी ऊपर) और 635.74 रुपये (2.53 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

NFT (नॉन फंजिबल टोकन) एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या ऐसी चीजों के लिए किया जा सकता है जो एकदम अलग होते हैं। जैसे- आर्ट, म्यूजिक, फिल्म और गेम्स। फ्लो, ऐपकॉइन, तेजोस, डीसेंट्रालैंड और द सैंडबॉक्स कुछ प्रमुख NFT टोकन हैं। ये वर्तमान में क्रमशः 145.66 रुपये (1.3 फीसदी ऊपर), 445.64 रुपये (17.20 फीसदी ऊपर), 122.81 रुपये (0.32 फीसदी ऊपर), 59.63 रुपये (1.37 फीसदी ऊपर) और 72.20 रुपये (2.91 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो की मार्केट कैपिटलाइजेशन 77.5 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो वॉल्यूम 3.8 लाख करोड़ रुपये है।

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 520000 % तक चढ़ी कीमतें

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 06, 2022 17:25 IST

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप. - India TV Hindi News

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 5 लाख प्रतिशत तक चढ़ी कीमतें

Highlights

  • भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है।
  • बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं
  • बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य फिलहाल अधर में है। आरबीआई क्रिप्टो के खिलाफ है और सरकार इसे बैन करने की धमकी कई बार दे चुकी है। संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो पर कानून लाने की बात भी हुई, लेकिन यह फिलहाल टल गया। इस उहापोह की स्थिति के बाद भी देश में क्रिप्टो करेंसी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है। इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। क्रिप्टो निवेशकों की औसतन उम्र 24 साल है। यह देश की करीब 7 प्रतिशत जनसंख्या के बराबर है। इन 10 करोड़ निवेशकों ने 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है।

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं, तो इसका एक लाइन का सीधा जवाब है, क्रिप्टोकरेंसी पर मिलने वाला मुनाफा। जहां शेयर और म्युचुअल फंड जैसे जोखिम वाले निवेश निवेशकों को 20 से 30 प्रतिशत का रिटर्न देते हैं, वहीं बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि आप कैल्कुलेटर पर इसकी गणना भी नहीं कर सकते। दुनिया में बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन और टीथर तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं। आज हम इन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप के आधार पर टॉप 5 किप्टो करेंसी के बारे में बता रहे हैं:

बिटकॉइन (BTC)

मार्केट कैप: $882 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन क्रिप्टो की दुनिया की पहली डिजिटल करेंसी है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी। दरअसल बिटकॉइन (BTC) ही मूल क्रिप्टोकरेंसी है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही, बीटीसी एक ब्लॉकचेन पर चलता है, दूसरे शब्दों में कहें तो हजारों कंप्यूटरों के नेटवर्क में वितरित एक लेज़र लॉगिंग लेनदेन पर बिटकॉइन काम करता है। इसकी कीमतें बीते 5 साल में आसमान छू चुकी हैं। मई 2016 में, आप लगभग 500 डॉलर में एक बिटकॉइन खरीद सकते थे। 3 जनवरी, 2022 तक, एक बिटकॉइन की कीमत $46,000 से अधिक पहुंच गई थीं। ग्रोथ की बात करें तो बीते 6 साल में यह करीब 9,200% की ग्रोथ दे चुका है।

एथेरियम (ETH)

मार्केट कैप: $447 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन के बाद क्रिप्टो कारोबार में एथेरियम सबसे चर्चित नाम है। क्रिप्टोक्यूरेंसी और ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म दोनों पर एथेरियम प्रोग्राम डेवलपर्स का पसंदीदा बना हुआ है। इथेरियम ने भी जबरदस्त ग्रोथ देखी है। अप्रैल 2016 से जनवरी 2022 तक, इसकी कीमत लगभग 11 डॉलर से बढ़कर 3,700 डॉलर से अधिक हो गई। ग्रोथ के पैमाने पर देखें तो यह 33,500% चढ़ चुका है।

बिनेंस कॉइन(बीएनबी)

मार्केट कैप: $86 बिलियन से अधिक

बिनेंस कॉइन, क्रिप्टोकरेंसी का एक रूप है जिसका उपयोग आप Binance पर व्यापार करने और शुल्क का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक है। 2017 में इसे लॉन्च किया गया था। अब, इसका उपयोग व्यापार, पेमेंट प्रोसेसिंग या यहां तक ​​कि यात्रा बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है। 2017 में इसकी कीमत सिर्फ $0.10 थी; वहीं 3 जनवरी, 2022 तक, यह लगभग 520,000% की ग्रोथ के साथ 520 डॉलर का हो गया है।

कार्डानो (ADA)

मार्केट कैप: $44 बिलियन से अधिक

कार्डानो क्रिप्टो करेंसी ने भी बीते कुछ वर्षों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अन्य प्रमुख क्रिप्टो कॉइन की तुलना में कार्डानो के एडीए टोकन में अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि हुई है। 2017 में, ADA की कीमत $0.02 थी। वहीं 3 जनवरी 2022 तक इसकी कीमत $1.34 थी। इस तरह अपनी शुरुआत के बाद से यह 6,600% की ग्रोथ दे चुका है।

एक्सआरपी (XRP)

मार्केट कैप: $39 बिलियन से अधिक

इसे डिजिटल टेक्नोलॉजी और पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी, रिपल जैसे फाउंडर्स ने तैयार किया था। 2017 की शुरुआत में, XRP की कीमत $0.006 थी। 3 जनवरी, 2022 तक, इसकी कीमत $0.83 तक पहुंच गई। इस प्रकार यह क्रिप्टो 5 साल में 13,700% से अधिक की ग्रोथ दे चुका है।

जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन

What is bitcoin

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.

बिटकॉइन को विश्व की पहली और सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही इसका उपयोग कर कोई सामान खरीद सकता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

बिटकॉइन का इतिहास

बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.

बिटकॉइन की वैल्यू

बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.

बिटकॉइन वॉलेट

चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.

बिटकॉइन माइनिंग और माइनरस

चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.

बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण

  • इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
  • यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
  • क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
  • खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
  • बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
  • बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
  • वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.

बिटकॉइन कैसे खरीदे?

बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:

1. बिटकॉइन को आप अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन पेमेंट कर ख़रीदा जा सकता है.
2. किसी सेवा या किसी चीज के बदले बिटकॉइन लिया जा सकता है.
3. किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन माइनिंग कर कमाया जा सकता है.

बिटकॉइन के क्या नुकसान है?

बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.

आलोचना और चेतावनी

कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.

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