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संयुक्त विकल्प व्यापार

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सांकेतिक फोटो।

Class 11th accountancy half yearly real paper solution 2022-23 || कक्षा 11वीं लेखाशास्त्र अर्धवार्षिक पेपर संपूर्ण हल 2022

1. स्वामी के द्वारा व्यापार में विनियोजित राशि कहलाती है?

2. किस सिद्धांत के अनुसार एक समान लेखा विधि अपनाना चाहिए?

3. मशीन के क्रय को मशीन खाते के किस पक्ष में लिखा जाएगा?

4. वह कौन सी बही है, जो सहायक बही तथा प्रधान बही दोनों होती है?

5. तलपट में अंतिम स्कंध कब लिखा जाता है?

6. संपत्ति के अनुपयोगी होने के पश्चात उसके विक्रय मूल्य को क्या कहते हैं?

7. बैंक द्वारा ग्राहक के खाते की नकल के रूप में ग्राहक को कौन सी पुस्तक दी जाती है?

एयर फ्रायर घोटाले!

यह सोचना भयावह नहीं है कि ऐसे स्कैमर्स हैं जो संघर्षरत परिवारों की जेबों से पैसे चुराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, अब भी, ऐसे कठिन समय में?

द्वारा Douglas Hughes, in Portugal, कला और जीवन शैली · 03 Month12 2022, 12:01 · 0 टिप्पणियाँ संयुक्त विकल्प व्यापार

अफसोस की बात है कि यह इस तरह की चीज मानव स्वभाव पर बहुत अच्छी तरह से प्रतिबिंबित नहीं होती है, इसलिए कृपया सावधान रहें जालसाजों।

इनमें से एक मौजूदा घोटाले घरेलू ऊर्जा बिलों पर नकदी बचाने की लोगों की इच्छा से उपजे हैं। जहां भी व्यावहारिक है, कई लोग इसके बदले आधुनिक एयर फ्रायर की अदला-बदली कर रहे हैं पारंपरिक ओवन। हालांकि एयर फ्रायर सभी कुकरी अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, वे कई उदाहरणों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हैं और, जब सही तरीके से उपयोग किया जाता है, तो कर सकते हैं उत्कृष्ट परिणाम दें।

एक फायदा एयर फ्रायर में पारंपरिक ओवन होते हैं, यह है कि वे खाना पकाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं जिस पल वे चालू हो जाते हैं, बजाय इसके कि वे बहुत अधिक ऊर्जा लाने में खर्च करें खुद को पहले से निर्धारित खाना पकाने के तापमान तक। दूसरा फायदा कम है एयर फ्रायर का उपयोग करते समय खाना पकाने के तेल और वसा की आवश्यकता होती है। इससे बहुत कुछ बनता है स्वास्थ्यवर्धक भोजन।

तो, यह थोड़ा सा है जीत-जीत की स्थिति का? खैर, आपको ऐसा सोचने के लिए माफ़ कर दिया जाएगा। प्रॉब्लम संयुक्त विकल्प व्यापार है, हाल ही में लाखों लोग एयर फ्रायर बैंडवागन पर कूद रहे हैं। सभी बातों पर विचार किया गया, उन्हें कौन दोषी ठहरा सकता है? आखिरकार, यह उनके लिए बेहतर है पर्यावरण, हमारी जेबों के लिए और इन सबसे ऊपर के लिए बेहतर; एयर फ्रायर कुकरी है हमारे स्वास्थ्य के लिए और भी बेहतर। क्या पसंद नहीं है? इस तरह के समग्र परिणाम इन असाधारण समयों में सकारात्मकता यह है कि अच्छी खबर चारों ओर आ गई है, इस प्रकार इन नए-नए किचन गिज़्मो की बहुत अधिक मांग पैदा हो रही है, जिसमें उन्हें कुछ हद तक दुर्लभ बना दिया।

यह सब कुछ है ऐसा लगता है कि यह बहुत परिचित कहानी है। लेकिन उपलब्धता का अभाव इसका केवल एक पक्ष है। सॉरी टेल क्योंकि स्कैमर्स ने हत्या करने के अवसर को सूँघ लिया है। द इसका सबसे बुरा हिस्सा यह है कि ये लोग सिर्फ आपका कैश नहीं लेंगे और आपको उपलब्ध नहीं कराएंगे घटिया या नकली सामान के साथ (जो काफी खराब है) लेकिन वे आपको महसूस कराएंगे अपने पैसे लेकर दोगुना भोला और लगभग सचमुच में कुछ भी नहीं प्रदान करता है वापसी। यह चोरी के बराबर है।

सबसे पहला जो चीज वे पेश करते हैं, वह है उपलब्धता। जब सभी सामान्य ने भरोसा किया आउटलेट 'वर्तमान में स्टॉक से बाहर' हैं स्कैमर साइटें संयुक्त विकल्प व्यापार आइटम पेश करना जारी रखती हैं आप चाहते हैं और, अभी भी बेहतर, काफी रियायती कीमतों पर। वेबसाइटों को बूट करने के लिए जैसे कि मान्यता प्राप्त ब्रांड लोगो का उपयोग करके अत्यधिक पेशेवर और आश्वस्त दिखें `NINJA` के साथ-साथ आपके लिए ध्यान देने योग्य दिखने वाली छवियों का एक सेट अधिक जानकारी और संयुक्त विकल्प व्यापार विनिर्देश। उनकी वेबसाइटों में पैडलॉक की सुविधा भी है साइबर सुरक्षा लोगो, इसलिए कई खरीदारों के लिए, ऐसा न करने का कोई कारण नहीं है आगे बढ़ो और उस सौदेबाजी को पकड़ो!

अब, यहां है अजीब हिस्सा। एक बार खरीदार एक विकल्प चुन लेते हैं, तो अपने सभी सामान्य सामान भर देते हैं विवरण और भुगतान सबमिट किया गया, स्कैमर वेबसाइटें कुछ पर फ़्लिक करेंगी विश्वसनीय दिखने वाले इलेक्ट्रॉनिक रूप से जेनरेट किए गए ईमेल आपके कस्टम के लिए धन्यवाद देते हैं। वे एक चालान, एक ऑर्डर नंबर, ग्राहक सेवा संपर्क विवरण भी ईमेल करेंगे और विक्रेता के सर्वोत्तम ध्यान के आश्वासन के साथ कोई समस्या होनी चाहिए आपका ऑर्डर। और यहां एक और विसंगति है, आइटम को 'पैकेज' के रूप में वर्णित किया जाएगा आपने वास्तव में क्या ऑर्डर किया है, इसके बारे में कोई विशेष विवरण रखने के बजाय, जैसे कि व्यक्तिगत मॉडल नंबर और आगे। आप यह भी देखेंगे कि प्रत्येक संचार के लिए ईमेल पते अलग-अलग होंगे। निश्चित रूप से, a 'पैकेज' भेजा जाएगा, लेकिन यह वैसा नहीं होगा जैसा आप रहे हैं अपेक्षा करना।

अब के लिए 'वन्स अपॉन अ टाइम' पल। एक समय जब एक मिस्ट्री पैकेज विधिवत रूप से आता है आपका लेटरबॉक्स और सब कुछ दुनिया के साथ अच्छा लगता है। ज़रूर, पैकेज होगा आपको संबोधित किया गया है, इसके विवरण के साथ इसे पेशेवर रूप से पूर्ण लेबल किया जाएगा स्रोत। जब तक आप खुद से नहीं पूछेंगे, तब तक सभी टिकट-बू होंगे, यह क्या है? आप सोच रहे होंगे कि आपने इतने छोटे पैकेज का ऑर्डर कब दिया था। जिज्ञासु और जिज्ञासु?

मैंने सुना है विषमताओं की एक पूरी श्रृंखला के बारे में कई अजीब किस्से आ रहे हैं लोगों के लेटरबॉक्स। बेशक, आइटम कुछ भी नहीं हैं जैसा कि था मूल रूप से आदेशित। एक परिवार को इसके बजाय एक खूबसूरती से लपेटा हुआ चम्मच मिला एक ताररहित वैक्यूम क्लीनर। इसके बजाय एक अन्य व्यक्ति को नकली GUCCI पर्स मिला धीमी कुकर की। नकली कार्टियर डायमंड रिंग के बारे में क्या ख्याल है (जिसकी कीमत लगभग 50p है) एक एयर फ्रायर के बजाय?

जब एक आदेश नंबर का मिलान उस नंबर से किया जाता है जो एयर फ्रायर (या ए) के समय प्रदान किया गया था समान) उत्पाद का ऑर्डर दिया गया था, हजारों लोगों को एहसास हुआ कि वे गिर गए हैं स्कैमर्स का शिकार। सवाल यह है कि इसके बारे में क्या करना है?

खैर, सबसे पहले सभी, लोगों को अपने बैंक (या कार्ड जारीकर्ता) को जल्द से जल्द बताना चाहिए संदेह पैदा होते हैं। जितनी जल्दी यह किया जाए, उतना अच्छा है। बैंक रेफर करेंगे उनकी धोखाधड़ी टीमों के लिए अलग-अलग मामले।

अगली बात यह है स्कैमर को सीधे ईमेल करने के लिए (दिए गए किसी भी ईमेल पते का उपयोग करके)। में ईमेल, एक 'रिटर्न' लेबल का अनुरोध किया जाना चाहिए ताकि अवांछित आइटम हो सके विक्रेता के खर्च पर विधिवत वापस किया गया। रिकॉर्ड किए गए डिलीवरी पैकेज को यहां भेजना चीन महंगा साबित हो सकता है। ईमेल में, पूर्ण धनवापसी का अनुरोध किया जाना चाहिए। अनचाहे आइटम को रखने के लिए आपके लिए किए गए किसी भी ऑफ़र को अस्वीकार करें, यहां तक कि छूट पर भी। याद रखें, स्कैमर्स द्वारा भेजे जाने वाले आइटम वस्तुतः बेकार हैं।

बेशक, द सबसे अच्छी बात यह है कि सावधानी से चलें और सुनिश्चित करें कि आप केवल वैध वेबसाइटों पर जाएं।

याद रखें पुरानी कहावत, अगर यह सच होने के लिए बहुत अच्छी लगती है, तो शायद यह है! परेशानी है, घोटाला वेबसाइटों की साइटें इन दिनों तेजी से प्रशंसनीय दिख रही हैं।

जी20 में भारत की अध्यक्षता : सुरक्षा के मुद्दे से निकलेगी राह

भारत ने अपनी अध्यक्षता में जी20 देशों के एक साल के एजंडे पर काम करना शुरू कर दिया है।

जी20 में भारत की अध्यक्षता : सुरक्षा के मुद्दे से निकलेगी राह

सांकेतिक फोटो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई दफा यह बात बोल चुके हैं। इंडोनेशिया में बाली शिखर सम्मेलन के मंच से जो एजंडा तय किया गया, भारत उसे आगे बढ़ाएगा। भारत का मानना है कि विकास के रास्ते पर लौटने के लिए विश्व को सुरक्षित बनाना होगा। इसके लिए जी20 के अंदर और बाहर अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाने की कवायद तेज करने के संकेत प्रधानमंत्री ने दिए हैं।

बाली सम्मेलन से हासिल

इससे पहले बाली शिखर सम्मेलन में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पश्चिमी देशों के दबाव में आकर रूस को जी20 से बाहर निकालने से इनकार कर दिया। साथ ही, इंडोनेशिया ने अपने नेतृत्व में जी20 का ध्यान दोबारा उसके मुख्य मकसद, यानी विश्व की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की ओर मोड़ा।

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साथ ही विडोडो की अगुवाई में स्वीकृत घोषणापत्र में ईमानदारी से कहा गया, ‘जी20 सुरक्षा के मसले हल करने का मंच नहीं है।’ इस घोषणा में ‘रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने की कड़े शब्दों में निंदा’ वाली बात सामान्य तौर पर शामिल थी और इस तरह से दो मार्च 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव को ही दोहराया गया।

सुरक्षा का सवाल कैसे उठा

जी20 के इंडोनेशिया घोषणापत्र में भले ही अर्थव्यवस्था का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि दुनिया की सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चर्चा के मंच संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बंधकर रह गए हैं। पांच स्थायी सदस्यों (पी5) के दबदबे के कारण वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर परिषद बार-बार नाकाम साबित हुई है। इराक से लेकर लीबिया, सीरिया और अब यूक्रेन तक के उदाहरण सामने हैं।

ऐसे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्य देशों की हैसियत महज एक तमाशबीन की रह गई है। ऐसे में भारत ने जी20 को अधिक समावेशी और समानता वाली विश्व व्यवस्था का झंडाबरदार बनाने का संकल्प व्यक्त किया है। इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। जी20 को दुनिया को एक बहुपक्षीय विकल्प देने का मंच बनाने की तैयारी है, जहां पर अधिक उपयोगी वार्ताएं हो पाती हैं, और दुनिया को लगने वाले बड़े झटकों से बचने की राह निकलती है। इस लिहाज से सुरक्षा का अहम मुद्दा इस मंच से उठाना जरूरी समझा जा रहा है।

भारत का रुख

भारत के अध्यक्ष बनने के बाद जी20 के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा का ठिकाना भारत हो गया है। भारत को चाहिए कि वह जोको विडोडो के आर्थिक मुद्दे पर जोर देने का फायदा उठाए और जी20 के भीतर ध्यान भटकाने से बचे। घरेलू स्तर पर भारत ने दुनिया से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद, विश्व अर्थव्यवस्था के सामने खड़े खतरे दूर नहीं हुए हैं। र्इंधन और खाने पीने के सामान में बढ़ोत्तरी, बढ़ती ब्याज दरें और दुनिया की धीमी होती विकास दर की ये मुश्किलें अगले 12 महीने तक जारी रहेंगी।

अर्थव्यवस्था में भू-राजनीतिक मुद्दों की घुसपैठ और इसके चलते दुनिया के समीकरणों में बदलाव की स्थिति सामने है। ऐसे में भारत के नेतृत्व में जी20 को इन दोनों मुद्दों को अलग करने संयुक्त विकल्प व्यापार के रास्ते तलाशने होंगे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति की दरकार होगी। जी20 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘हमारा एजंडा समावेशी, महत्त्वाकांक्षी, निर्णायक और काम पर केंद्रित होगा।’

जी20 की स्थिति

जी20 वैश्विक मुद्दे उठाने में कितना भी कुशल क्यों न हो, जिस तरह इसके मंच पर द्विपक्षीय वार्ताएं होती हैं और दुनिया के 19 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश और यूरोपीय संघ को मंच मिलता है, वह बातचीत के लिए बस जरूरी माहौल बनाने वाला भर है। बाकी दुनिया के द्वारा इसके नतीजों पर मुहर न लगाने और इसके फैसलों को लागू कराने की कोई रूप-रेखा न होने के चलते, जी20 के पास सुरक्षा उपलब्ध कराने के संस्थागत ढांचे का अभाव है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जी20 की ताकत का विस्तार करके इसे संयुक्त राष्ट्र के मुकाबले में खड़ा किया जा सकता है? निकट भविष्य में तो ऐसा होता नहीं दिखता। अन्य एक सवाल यह है कि क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों का अहंकार अनंतकाल तक जारी रह सकता है? कतई नहीं।

एक संस्था के तौर पर जी20 पुल का काम कर रहा है। यह एक ऐसा संयुक्त विकल्प व्यापार मंच है, जो सरकारों के बीच संवाद की राह निकाल सकता है। यहीं सुरक्षा की बात आती है। आज अमेरिका और यूरोप अनुभव कर रहे हैं कि आर्थिक संवाद के लिए सुरक्षा बेहद अहम है। आज पश्चिमी देश, रूस को ‘आतंकवादी देश’ घोषित कर रहे हैं।

लेकिन, वो आतंकवाद के असली गढ़ पाकिस्तान की करतूतों की हमेशा से अनदेखी करते आए हैं, जिसे चीन से भी लगातार समर्थन मिलता रहा है। भारत का एजंडा यही है कि जी20 को केवल कोरी बयानबाजी से आगे बढ़कर ‘आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर असली दंड लगाने’ के लिए राजी किया जाए।

भटकाव के बिंदु

आज जी20 भटकाव की भुलभुलैया में फंस गया है। अप्रैल 2009 में लंदन में हुए शिखर सम्मेलन में जी20 ने दुनिया में हरित परिवर्तन लाने का बीड़ा उठा लिया। सितंबर 2010 में हुए पिट्सबर्ग सम्मेलन में जी20 ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की जिम्मेदारी भी अपने सिर ले ली और नवंबर 2015 में हुए अनातालिया सम्मेलन में इसने आतंकवाद को हराने की बात कही। यह मानना गलत होगा कि ध्यान भटकाने वाले मुद्दे अब नहीं रहे।

ऐसे मुद्दों की तो भरमार है। जलवायु परिवर्तन के संकट को बाली घोषणा के पांच पैराग्राफ में जगह मिली है। ये मुद्दा एक विडंबना के साथ जोड़ा गया है: ‘हम दुनिया की ऊर्जा संबंधी जÞरूरतों को सस्ती ऊर्जा आपूर्ति से पूरी करने की अहमियत को दोहराते हैं।’पश्चिमी देशों द्वारा, रूस पर लगाए गए ऊर्जा संबंधी प्रतिबंधों को देखते हुए सस्ते दाम पर ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति पर सवाल बना हुआ है।

क्या कहते हैं जानकार

बाली शिखर सम्मेलन में आतंक के वित्त पोषण पर अंकुश का मुद्दा उठा। विडंबना यह है कि यह बात तब हो रही है, जब पाकिस्तान को एफएटीएफ की संदिग्ध सूची से बाहर करने लायक समझा गया। जबकि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत के लिए चुनौतियां खड़ी करना आम है।

संयुक्त राष्ट्र अपनी जिम्मेदारी निभा पाने और शांति स्थापित करने में नाकाम रहा है। इसीलिए सुरक्षा का एक मुद्दा, आर्थिक चुनौती बन गया है। सभी देशों में महंगाई अभूतपूर्व रफ्तार से बढ़ रही है। नतीजा यह कि पूरी दुनिया में ब्याज दरों में उछाल आया है।

एग्रो उर्वरक कम्पनियों को व्यापक स्तर पर नैनो यूरिया को प्रोत्साहित करने का आदेश, टैगिंग की छूट

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर। भारत सरकार ने नैनो यूरिया के उपयोग को बढावा देने के लिए सकारात्मक संयुक्त विकल्प व्यापार कदम उठाया है। सरकार द्वारा कृषि उर्वरकों का उत्पादन एवं बिक्री करने वाली सभी कम्पनियों से नैनो यूरिया तरल को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। देश की सबसे बड़ी उर्वरक उत्पादक सहकारी संस्था – इफको द्वारा नैनो यूरिया तरल का उत्पादन किया जा रहा है और उसे नैनो यूरिया तरल के उत्पादन का पेटेंट प्राप्त है।

भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से कम्पनियों के एमडी और सीएमडी से कहा गया है कि किसानों को पारंपरिक यूरिया के साथ-साथ नैनो यूरिया खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। सरकार ने नैनो यूरिया के प्रमोशन के लिए, अपने उस आदेश में आंशिक छूट प्रदान की है, जिसमें यूरिया, डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करके बेचने वालों दुकानदारों एवं कम्पनियों पर कार्यवाही के लिए राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया था। यह आदेश (डी.ओ. 24-01/2020-एफएम) 17 नवम्बर 2022 को जारी किया गया था। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 17 नवम्बर का आदेश उत्पादों की टैगिंग से संबंधित है और यह नैनो यूरिया के प्रोत्साहन पर लागू नहीं होगा।

क्यों महत्वपूर्ण है नैनो यूरिया

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की सचिव निर्मला देवी गोयल की ओर से आज गुरुवार को प्रेषित पत्र में कहा गया कि नैनो यूरिया पारम्परिक यूरिया के शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरा है। नैनो यूरिया के बढ़ते उपयोग से किसानों को आर्थिक बचत हो सकती है, फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है और यूरिया के आयात पर भारत की निर्भरता कम हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप उर्वरकों के क्षेत्र में भारत को “आत्मनिर्भर” बनाया जा सकता है। इससे भारत सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम हो सकता है।

नैनो यूरिया तरल की 500 एमएल की एक बोतल 45 किलो वजनी बैग वाले पारम्परिक यूरिया के समान है। नैनो यूरिया तरल की एक बोतल की कीमत 225 रुपये निर्धारित है, जबकि 45 किलो पारम्परिक यूरिया का एक बैग किसानों को 266 रुपये की अनुदानित कीमत पर उपलब्ध कराया जाता है। यही कारण है कि नैनो यूरिया संयुक्त विकल्प व्यापार के उपयोग को विभिन्न गतिविधियों, जैसे- जागरूकता शिविरों, वेबिनार, नुक्कड़ नाटकों, क्षेत्र प्रदर्शनों, किसान सम्मेलनों और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।

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