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बैंक पूंजी

बैंक पूंजी
RBI ने कैंसिल कर दिया इस बैंक का लाइसेंस (फाइल फोटो)

उच्च ब्याज दरों के बावजूद 2022-23 में मजबूत रहेगी बैंक ऋण वृद्धि: फिच

फिच ने एक बयान में कहा, ”हमें बैंक पूंजी उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 बैंक ऋण 13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जो 2021-22 के 11.5 प्रतिशत से अधिक है। कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के कारण यह वृद्धि होगी।”

फिच ने 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। बयान में कहा गया कि दरों में वृद्धि के बावजूद भारतीय बैंक आमतौर पर वृद्धि को वित्त पोषित करने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाने को तैयार रहते हैं।

फिच ने कहा कि पूंजी नियोजन में निजी बैंक आम तौर पर सरकारी बैंकों की तुलना में बेहतर हैं।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

पीएसयू बैंकों की सुधरेगी हालतः सरकार बैंक पूंजी देगी 88,000 करोड़ रुपये की पूंजी

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.1 लाख करोड़ रुपये की नई पूंजी डालने की योजना का पिछले साल अक्तूबर में एलान किया गया था. इस योजना का क्रियान्वयन दो वित्त वर्षों 2017-18 और 2018-19 में किया जायेगा.

By: एजेंसी | Updated at : 24 Jan 2018 09:35 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने आज पूंजी की कमी से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के 20 बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का एलान किया है. इसमें सबसे ज्यादा 10,610 करोड़ रुपये की पूंजी आईडीबीआई बैंक को दी जायेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय ने बैंक पूंजी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने को लेकर विस्तृत विचार विमर्श के बाद योजना तैयार की है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.1 लाख करोड़ रुपये की नई पूंजी डालने की योजना का पिछले साल अक्तूबर में एलान किया गया था. इस योजना का क्रियान्वयन दो वित्त वर्षों 2017-18 और 2018-19 में किया जायेगा.

जानें किस बैंक को कितनी मिलेगी पूंजी घोषणा के मुताबिक 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय स्टेट बैंक को 8,800 करोड़ रुपये और बैंक आफ इंडिया को 9,232 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. इसके अलावा यूको बैंक को 6,507 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. पंजाब नेशनल बैंक को 5,473 करोड़ रुपये, बैंक आफ बड़ौदा को 5,375 करोड़ रुपये, सैंट्रल बैंक आफ इंडिया को 5,158 करोड़ रुपये, केनारा बैंक को 4,865 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,694 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक आफ इंडिया को 4,524 करोड़ रुपये दिये जायेंगे.

इसी प्रकार आरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स को 3571 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, देना बैंक को 3045 करोड़ रुपये, बैंक आफ महाराष्ट्र को 3173 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया को 2634 करोड़ रुपये, कार्पोरेशन बैंक को 2187 करोड़ रुपये, सिंडीकेट बैंक को 2839 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक को 1890 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक को 1500 करोड़ रुपये और पंजाब एण्ड सिंध बैंक को 785 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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जेटली ने यह घोषणा करते हुये कहा कि बैंकों की उच्च मानकों वाली संचालन व्यवस्था बनाने के लिये कदम उठाने की जरूरत है. बैंकों की पिछली स्थिति नहीं दोहराई जाये यह सुनिश्चित करने के लिये संस्थागत प्रणाली की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक बड़ी समस्या विरासत में मिली और हम इस समस्या का हल ढूंढने में लगे रहे.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारी भूमिका सिर्फ निदान तलाशने तक नहीं रही बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिये की जो कुछ पहले घटित हुआ वह दुबारा नहीं हो इसके लिये एक संस्थागत प्रणाली तैयार की जाये.’’ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में बड़ी राशि फंसी हुई है. इसका उनके प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ा है. यही वजह है कि उन्हें नई पूंजी की जरूरत पड़ी है.

जेटली ने कहा, ‘‘इस समूची पहल के पीछे यही मकसद है कि सरकार की यह सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अच्छी स्थिति में रखा जाये.’’ वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा क्षेत्र के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकों के लिये पुनर्पूंजीकरण (रीका कार्य उनके प्रदर्शन और अपनाये गये सुधारों पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि बैंकों के 250 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की विशेष निगरानी होगी.

Published at : 24 Jan 2018 09:33 PM (IST) Tags: non performing assests NPA psu banks loan default bank loan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

RBI ने कैंसिल कर दिया इस बैंक का लाइसेंस, जानिए जमाकर्ता पर क्‍या होगा असर

आरबीआई ने ‘बैंकिंग’ के कारोबार का संचालन करने से प्रतिबंधित कर दिया गया। बैंक पूंजी आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।

RBI ने कैंसिल कर दिया इस बैंक का लाइसेंस, जानिए जमाकर्ता पर क्‍या होगा असर

RBI ने बैंक पूंजी कैंसिल कर दिया इस बैंक का लाइसेंस (फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के यवतमाल में बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस कर दिया है, क्योंकि इसमें कमाई की संभावनाएं नहीं थीं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस बैंक में कई तरह के कामों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इसके खाताधारक पैसे जमा नहीं कर सकते और न बैंक पूंजी बैंक पूंजी ही निकासी कर सकते हैं। वहीं बैंक अब बैंकिंग संबंधी कोई भी काम नहीं कर सकता है।

आरबीआई ने ‘बैंकिंग’ के कारोबार का संचालन करने से प्रतिबंधित कर दिया गया। आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। ऐसे में यह बैंक का संचालन करने के लिए सही नहीं है। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 की धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।

आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस क्यों किया कैंसिल

यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(D) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। ऐसे में यह पर्याप्‍त पूंजी की कमाई नहीं करता है। इसके अलावा, बैंक पूंजी बैंक पूंजी यह बैंक बैंक धारा 22(3) (A), 22 (3) (B), 22 (3) (C), 22 (3) (D) और 22 (3) (E) की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है।

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आरबीआई की ओर से जांच में पता चला है कि बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के अनुसार नहीं है। अगर बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे ले जाने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

क्या जमाकर्ताओं को वापस मिलेगा उनका पैसा

आरबीआई ने अपने आदेश में कहा था कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। हर जमाकर्ता DICGC अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अधीन जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। इस बैंक से लगभग 79% जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

SBI, BOI, UBI समेत अन्य बैंक ला रहे हैं Bond. FD के मुक़ाबले 14% तक मिल सकता हैं ब्याज.

SBI, BOI, UBI समेत अन्य बैंक ला रहे हैं Bond. FD के मुक़ाबले 14% तक मिल सकता हैं ब्याज.

Bank bonds in India. अगले कुछ बैंक पूंजी हफ्तों में बैंक बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की तैयारी में हैं ताकि यील्ड में गिरावट का फायदा उठाया जा सके और कर्ज मांग में तेजी के बीच पूंजी की जरूरतों को पूरा किया जा सके.

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  • बैंक ऑफ इंडिया टियर-1 बॉन्ड से इस माह के अंत तक 15 अरब रुपए जुटाना चाहती है जब कि
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की टियर- 2 बॉन्ड के माध्यम से 22 अरब रुपए तक जुटाने की योजना बनाई है.
  • जम्मू और कश्मीर बैंक भी टियर – 2 बॉन्ड से 15 अरब रुपए जुटाने की तैयारी में है.

बढ़ती क्रेडिट मांग को पूरा करने के लिए बैंक बॉन्ड के रुप में अतिरक्त पूंजी जुटा रहे हैं ताकि उनकी बैलेंस शीट का आकार बढ़ाया जा सके. मांग बैंक पबैंक पूंजी ूंजी में सुधार के बाद छोटी कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है.

  • कोटक महिंद्रा बैंक की 7 साल के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 15 अरब रुपए जुटाने की योजना है.
  • SBI इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से 100 अरब जुटाने पर भी विचार कर रहा है.

सुरक्षित निवेश होता हैं बॉण्ड

बॉण्ड निवेश हमेशा से FD के जैसा ही सुरक्षित माना जाता हैं. डूबने की स्थिति में कंपनी की सम्पति बेच कर सबसे पहले बॉण्ड धारक को पैसे दिये जाते हैं.

कैसे ख़रीद सकते हैं Bond.

इसको ख़रीदने के लिए बैंक के साथ साथ GoldePi जैसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. रही बात रिटर्न की तो बॉण्ड मार्केट में ब्याज डेयर औसतन 8% से 14% तक के बीच में रहती हैं. यह ब्याज दर कंपनी के क्रेडिट रेटिंग के आधार पर भी ऊपर नीचे ऑफर होता हैं.

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