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बोलिंगर बैंड्

बोलिंगर बैंड्
इस कंपनी के शेयर ने सिर्फ एक हफ्ते में दिया 24 प्रतिशत का रिटर्न (फाइल फोटो)

आरओसी और बोलिंगर बैंड्स संग मोमेंटम बर्स्ट ट्रेडिंग

पहले के एक आर्टिकल में बोलिंगर बैंड् हमने पढ़ा कि पुलबैक्स को ट्रेड करने के लिए कैसे आरएसआई को बॉलिंगर बैंड्स के साथ कम्बाइन किया जाता है। इस हफ्ते देखते हैं कैसे बॉलिंगर बैंड्स को दूसरे लोकप्रीय मोमेंटम ऑसिलेटर- आरओसी(रेट ऑफ चेंज) के साथ कम्बाइन किया जा सकता है।

रेट ऑफ चेंज (आरओसी) इंडिकेटर

टेक्निकल एनालिसिस में सबसे प्रसिद्ध ऑसिलेटर है रेट ऑफ चेंज (आरओसी) इंडिकेटर। यह मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण मेजर है।यह उस रेट का वर्णन करता है जिस पर प्राइज़ में परिवर्तन होते हैं। आरओसी को रिलेटिव चेंज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसमें बहुत ज़्यादा भविष्यसूचक शक्ति है और यह आश्चर्यजनक नहीं है कि यह एक बहुत लोकप्रिय इंडिकेटर बन गया है।

यह अब की प्राइज़ और टी पीरियड पहले की प्राइज़ के बीच का पर्सेंटेज अंतर है।

फॉर्मूला:
आरओसी (टी पीरियड) = (लास्ट प्राइज़ – प्राइज़ टी पीरियड पहले) / प्राइज़ टी पीरियड पहले) * 100 जहां टी वह पीरियड है जो आप चुन सकते हैं। डिफफॉल्ट 14 पीरियड होता है।

आरओसी के साथ ट्रेडिंग

ट्रेडर्स बुलिश और बियरिश सिगनल्स के लिए आरओसी का ज़ीरो से ऊपर और नीचे क्रॉस करने का उपयोग करते हैं। इसे नीचे दिए गए फोटो से बेहतर समझा जा सकता है।

जैसा कि आप देख सकते हैं कि आरओसी अपने आप ही बेहतरीन सिगनल्स का निर्माण करने में सक्षम है, लेकिन आपको इसका उपयोग करने से पहले डाउनसाइड को समझना चाहिए।

  • इसमे कोई नैचुरल स्मूदिंग नहीं है। अचानक आनेवाली बड़ी मूव्ज़ से इंडिकेटर में झटकेदार मूव्स आ सकती हैं।
  • यह उपयोग किए गए टाइम पॉइंट्स के बीच के समय की कोई इन्फार्मेशन नहीं देता है- मतलब अभी और टी समय पहले- भले ही परिभाषित किए गए दो पॉइंट्स के बीच का कोई पॉइंट महत्वपूर्ण जानकारी देता हो।

हालांकि, इसे एक प्राइज़ या वोलैटिलिटी इंडिकेटर के साथ कम्बाइन करने पर यह बहुत बेहतर परिणाम दे सकता है।

बॉलिंगर बैंड्स और रेट ऑफ चेंज (आरओसी) के साथ ट्रेडिंग सिस्टम

इस मेथड का सिद्धान्त एक लॉन्ग या शॉर्ट पोज़िशन में तब जाना है जब उस दिशा में मोमेंटम बन जाए।

लॉन्ग पोज़िशन के लिए हम 20 पीरियड ईएमए के ब्रेकआउट के 1 स्टैण्डर्ड डीविएशन ऊपर वाले बॉलिंगर बैंड जो (20,1) की सेटिंग के साथ वाले बॉलिंगर बैंड का ऊपरी बैंड है, का उपयोग करेंगे। इसके साथ ही यदि आरओसी ज़ीरो से ऊपर है तो यह कंडीशंस निर्णायक रूप से ऊपर की ओर एक मजबूत मोमेंटम दिखाती बोलिंगर बैंड् हैं।

दोनों कंडीशंस पूरी होनी चाहिए इसीलिए हम पुष्टि करने के लिए अलर्ट पर एक क्रॉसओवर और एक हायर दैन कंडीशन का उपयोग करते हैं।

ऊपर बताई गई कंडीशंस की विपरीत कंडीशंस का उपयोग करके आप साथ ही शॉर्ट पोज़िशन में भी ट्रेड कर सकते हैं। मैंने दोनों ट्रेड्स की कंडीशंस का विवरण नीचे दिया हैं।

यदि आप फोटो में HDFC बैंक के डेली चार्ट को देखें, ट्रेडिंग सिस्टम ने 8 ट्रेड्स उत्पन्न किए है।

लॉन्ग साइड पर 4: 3 विनर्स और 1 लूजर
शॉर्ट साइड पर 4: 2 विनर्स और 2 लूजर्स

इसके साथ ही विनिंग ट्रेड्स में पाया गया प्रॉफ़िट स्टॉप लॉस पर पहुंचनेवाले लॉस से कहीं ज़्यादा है।

व्यक्तिगत रूप से इस ट्रेडिंग सिस्टम में मैं लॉन्ग साइड पर ट्रेड करना पसंद करूंगा क्योंकि जैसा की यह चार्ट भी दिखाता है, यह मुझे मूलत मजबूत स्टॉक्स में अच्छे एंट्री पॉइंट्स देता है।

डेली चार्ट
1- बीबी(20,1) का अपर प्राइज़ को नीचे से क्रॉस करता हो और
2- आरओसी (9) ज़ीरो से ज़्यादा है। या

1- अपर बीबी 20,1) प्राइज़ से कम है और
2- आरओसी (9) ज़ीरो से ज़्यादा है।

स्टॉप लॉस:
आरओसी ज़ीरो से नीचे क्रॉस करता है।

2- शॉर्ट एंट्री
जब ये कंडीशंस पूरी हों तब शॉर्ट एंट्री लेनी चाहिए

डेली चार्ट
1- बीबी (20,1) का लोअर प्राइज़ के ऊपर क्रॉस करता है और
2-आरओसी (9) ज़ीरो से कम है। या

  1. बीबी (20,1) का लोअर प्राइज़ से ज़्यादा है और
  2. आरओसी (9) ज़ीरो से नीचे से क्रॉस करता है।

स्टॉप लॉस:
आरओसी ज़ीरो के ऊपर से क्रॉस करता है।

टार्गेट
स्टॉप लॉस से पीछे हटना और ट्रेंड की सवारी करना यहाँ एक बढ़िया स्ट्रैटेजी होगी। यदि किसी को एक तुरंत मोमेंटम वाला ट्रेड चाहिए हो तो यदि प्राइज़ लोअर बीबी से ऊपर जाए तो आप एक्ज़िट कर सकते हैं। यदि आप एक पोज़िशन होल्ड करना चाहते हैं तो आप तब तक होल्ड कर सकते हैं जब तक आरओसी ज़ीरो के नीचे रहे।

कंक़्लूजन
अतीत में ट्रेड करते हुए मैंने देखा है कि ऊंचे मोमेंटम वाले स्टॉक्स और कमोडिटीज़ लंबे समय में कम मोमेंटम वालों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यह ट्रेडिंग सिस्टम आपको ऐसे ट्रेंड्स को पहचानने और इन ट्रेड्स को राइड करने में मदद करने के लिए बहुत उपयुक्त है।

मिलते हैं अगले हफ्ते।

Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.

Arshad Fahoum

Arshad Fahoum

Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.

Forex Trading में महारथ हासिल करना चाहते है तो इन 10 टेक्निकल इंडिकेटर को अच्छे से समझ लें

Technical Indicator for Forex Trading: बोलिंगर बैंड् अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको कुछ फॉरेक्स इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators बताए गए हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

Forex Indicators: फॉरेक्स मार्केट में ट्रेड करते समय इंडीकेटर्स को आवश्यक माना जाता है। कई फॉरेक्स ट्रेडर्स प्रतिदिन इन इंडिकेटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे Forex Market में कब खरीद या बेच सकते हैं। इन इंडिकेटर को टेक्निकल एनालिसिस के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक ट्रेडर्स को इन टेक्निक या फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

1) मूविंग एवरेज (Moving Average - MA)

मूविंग एवरेज (MA) एक महत्वपूर्ण फॉरेक्स इंडिकेटर है जो किसी विशेष अवधि में एवरेज प्राइस को इंडीकेट करता है जिसे चुना गया है।

अगर प्राइस ट्रेड Moving Average से ऊपर हैं, तो इसका मतलब है कि खरीदार कीमत को कंट्रोल कर रहे हैं, और अगर प्राइस ट्रेड मूविंग एवरेज से नीचे हैं, तो इसका मतलब है कि सेलर प्राइस को कंट्रोल कर रहे हैं।

इसलिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में अगर प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर है, तो ट्रेडर को Buy पर ध्यान देना चाहिए। मूविंग एवरेज सबसे अच्छे फॉरेक्स इंडिकेटर्स में से एक है जिसे हर ट्रेडर को पता होना चाहिए।

2) बोलिंगर बैंड (Bollinger Bands)

जब किसी विशेष सुरक्षा की कीमत की अस्थिरता को मापने की बात आती है, तो बोलिंगर बैंड इंडिकेटर का उपयोग किसी ट्रेड के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को निर्धारित करने के बोलिंगर बैंड् लिए किया जाता है।

बोलिंगर बैंड तीन भागों में आते हैं, अपर, मिडिल और लोवर ब्रांड। इन बैंडों का उपयोग अक्सर ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों को निर्धारित करने के लिए बोलिंगर बैंड् किया जाता है।

इस इंडिकेटर के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट के समय के साथ कीमत और अस्थिरता को चिह्नित करने में मदद करता है।

3) एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range - ATR)

एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर का उपयोग बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। इस इंडिकेटर में प्रमुख एलिमेंट रेंज है, और Periodic Low और हाई के बीच के अंतर को रेंज कहा जाता है।

रेंज को किसी भी ट्रेडिंग पीरियड पर लागू किया जा सकता है, जैसे इंट्राडे या मल्टी-डे। एवरेज ट्रू रेंज में ट्रू रेंज का इस्तेमाल होता है।

4) मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स/डाइवर्जेंस या एमएसीडी (Moving average convergence/divergence or MACD)

यह उन इंडीकेटर्स में से एक है जो फॉरेक्स मार्केट में चल रहे फोर्स को बताते हैं। इसके अलावा यह इंडिकेटर यह पहचानने में मदद करता है कि बाजार किसी विशेष दिशा में कब रुकेगा और सुधार के लिए जाएगा।

MACD को शॉर्ट-टर्म EMA से लॉन्ग टर्म के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को घटाकर निकाला जाता है।

EMA एक प्रकार का मूविंग एवरेज है जहां वर्तमान डेटा को अधिक महत्व मिलता है। हालांकि, MACD का फार्मूला

MACD = 12 पीरियड EMA - 26 पीरियड EMA है।

● इस स्कीम का लाभ केवल बालिकाएं ही उठा सकती हैं।

● बालिका दस वर्ष की आयु को पार नहीं कर सकती है। एक वर्ष की छूट अवधि प्रदान की जाती है, जो माता-पिता को दस वर्ष की आयु बोलिंगर बैंड् की बालिकाओं के एक वर्ष के साथ निवेश करने की अनुमति देती है।

● निवेशक को बेटी की उम्र का प्रमाण देना होगा।

5) फिबोनैकी (Fibonacci)

फिबोनैकी एक और बोलिंगर बैंड् बढ़िया फॉरेक्स इंडिकेटर है जो बाजार की सटीक डायरेक्शन को इंडीकेट करता है, और यह गोल्डन रेश्यो है जिसे 1.618 कहा जाता है।

कई Forex Trader इस टूल का उपयोग उन सेक्टर और उलटफेरों की पहचान करने के लिए करते हैं जहां लाभ आसानी से लिया जा सकता है। फिबोनैकी लेवल की गणना तब की जाती है जब बाजार ने एक बड़ा कदम ऊपर या नीचे किया है और ऐसा लगता है कि यह कुछ विशिष्ट मूल्य स्तर पर चपटा हो गया है।

फिबोनैकी के रिट्रेसमेंट लेवल को उन सेक्टर को खोजने के लिए प्लॉट किया जाता है जहां बाजार उस फ्रीक्वेंसी पर वापस जाने से पहले वापस आ सकता है जो पहली कीमत में मूवमेंट ने बनाया है।

6) रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (Relative Strength Index - RSI)

RSI एक अन्य फॉरेक्स इंडिकेटर है जो Oscillator कैटेगरी से संबंधित है। यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला फॉरेक्स इंडिकेटर के रूप में जाना जाता है और बाजार में एक ओवरसोल्ड या ओवरबॉट स्थिति को प्रदर्शित करता है जो अस्थायी है।

70 से अधिक का RSI वैल्यू एक अधिक खरीदे गए बाजार को दर्शाता है, जबकि 30 से कम का वैल्यू एक ओवरसोल्ड बाजार को दर्शाता है। इस प्रकार, कई व्यापारी 80 RSI वैल्यू का उपयोग अधिक खरीद की स्थिति के लिए रीडिंग के रूप में करते हैं और 20 RSI वैल्यू ओवरसोल्ड बाजार के लिए।

7) पाइवोट पॉइंट (Pivot Point)

यह फॉरेक्स इंडिकेटर करेंसी की एक जोड़ी के डिमांड सप्लाई बैलेंस लेवल को इंडीकेट करता है। अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल तक पहुंच जाती है, तो उस विशेष भुगतान की डिमांड और सप्लाई समान स्तर पर होती है।

अगर कीमत पाइवोट पॉइंट लेवल को पार करती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई डिमांड को दर्शाता है, और अगर कीमत पाइवोट पॉइंट बोलिंगर बैंड् लेवल से नीचे आती है, तो यह करेंसी जोड़ी के लिए हाई सप्लाई को दर्शाती है।

8) स्टोकेस्टिक (Stochastic)

स्टोचस्टिक को टॉप फॉरेक्स इंडिकेटर में से एक माना जाता है जो व्यापारियों को मूवमेंट और ओवरबॉट/ओवरसोल्ड सेक्टर की पहचान करने में मदद करता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में Stochastic Oscillator किसी भी ट्रेंड को पहचानने में मदद करता है जो उलट होने की संभावना है। एक स्टोकेस्टिक इंडिकेटर एक निश्चित अवधि में क्लोजिंग प्राइस और ट्रेडिंग रेंज की तुलना करके मूवमेंट को माप सकता है।

9) डोनचियन चैनल (Donchian Channels)

यह इंडिकेटर कई फॉरेक्स ट्रेडर्स को हाई और लो प्राइस एक्शन वैल्यू का निर्धारण करके बाजार की अस्थिरता को समझने में मदद करता है।

डोनचियन चैनल आमतौर पर तीन अलग-अलग लाइनों से बने होते हैं जो मूविंग एवरेज से संबंधित गणनाओं द्वारा बनाई गई हैं।

Median के चारों ओर अपर-लोवर बैंड होते हैं। अपर और लोवर बैंड के बीच का एरिया डोनचियन चैनल है।

10) Parabolic SAR

Parabolic stop and reverse (PSAR) एक फॉरेक्स इंडिकेटर है जिसका उपयोग फॉरेक्स ट्रेडर्स द्वारा एक ट्रेंड को डायरेक्शन में आने के लिए किया जाता है, यह एक प्राइस के शॉर्ट टर्म रिवर्स पॉइंट का आकलन करता है।

यह इंडिकेटर मुख्य रूप से स्पॉट एंट्री और एक्जिट पोजीशन को खोजने के लिए उपयोग किया जाता है। PSAR किसी एसेट की कीमत के नीचे या ऊपर चार्ट पर डॉट्स के सेट के रूप में दिखाई देता है।

अगर डॉट कीमत से नीचे है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत बढ़ रही है। इसके विपरीत अगर डॉट कीमत से अधिक है, तो यह इंडीकेट करता है कि कीमत नीचे जा रही है।

Multibagger Penny Stock: क्‍या आपने भी लगाया है इस मल्‍टीबैगर स्‍टॉक में पैसा? सिर्फ एक हफ्ते में 24 प्रतिशत बढ़े शेयर

एक बार ब्रेकआउट हो जाने के बाद, सुजलॉन एनर्जी के शेयर की कीमत 15 रुपये प्रति शेयर तक भी जा सकती है। अगर 15 रुपये का स्तर बना रहता है, तो यह 20 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तक भी जा सकता है।

Multibagger Penny Stock: क्‍या आपने भी लगाया है इस मल्‍टीबैगर स्‍टॉक में पैसा? सिर्फ एक हफ्ते में 24 प्रतिशत बढ़े शेयर

इस कंपनी के शेयर ने सिर्फ एक हफ्ते में दिया 24 प्रतिशत का रिटर्न (फाइल फोटो)

शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन कई मल्‍टीबैगर स्‍टॉक ऐसे भी हैं, जो निवेशकों को कुछ ही समय में अधिक रिटर्न देते हैं। यहां आज एक ऐसे ही शेयर के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसने सिर्फ एक हफ्ते में 24 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, शेयर 9.7 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था, लेकिन अब यह 12.5 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर कारोबार कर रहा है।

इस मल्टीबैगर पेनी शेयर सुजलॉन एनर्जी का है, जो वित्त वर्ष 2013 की शुरुआत बढ़ोतरी दर्ज कर रहा है। इस शेयर ने पिछले हफ्ते में ही शेयर में 24 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है। वहीं इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों के अनुसार, इस शेयर में अभी और तेजी देखी जा सकती है, क्‍योंकि यह जल्द ही 13.10 रुपये के शेयर की कीमत तक पहुंचने वाला है। एक बार ब्रेकआउट हो जाने के बाद, सुजलॉन एनर्जी के शेयर की कीमत 15 रुपये प्रति शेयर तक भी जा सकती है। अगर 15 रुपये का स्तर बना रहता है, तो यह 20 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तक भी जा सकता है।

इस स्‍टॉक के बारे में और चर्चा पर विशेषज्ञों ने आगे कहा कि चूंकि स्टॉक 9.45 रुपये के स्तर पर पहुंच गया, इसलिए इसने ‘अपर बोलिंगर बैंड’ का गठन किया। इसका मतलब है कि यह अब इसके नीचे का स्‍तर को वापस नहीं पा सकता है। ऐसे में निवेशकों को राहत मिल सकती है।

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निवेशकों को करना चाहिए इंतजार
वहीं अगर सुजलॉन एनर्जी के शेयर की कीमत में कोई गिरावट देखी जाती है, तो निवेशकों को इसे खरीदने का अच्छा मौका मिल सकता है। इसके बाद इसके बढ़ोतरी पर इसे आसानी से बेचा भी जा सकता है। लेकिन अगर आपने इसमें पहले से पैसा लगाया है तो विशेषज्ञों के अनुसार अभी आपको थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। जिससे कि आप अधिक रिटर्न पा सकें।

एक वर्ष में 145 प्रतिशत वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 52 हफ्तों में स्टॉक 5 रुपये प्रति से बढ़कर 12.15 रुपये हो गया। पिछले एक महीने में ही इस शेयर में करीब 25 फीसदी की तेजी आई है। साथ ही, पिछले छह महीनों बोलिंगर बैंड् में सुजलॉन एनर्जी के शेयर की कीमत 65 फीसदी बढ़ी है। वही एक साल में इस शेयर ने 145 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की है।

277 रुपये के इस शेयर ने दिया शानदार रिटर्न, 12 महीने में ही ₹5 लाख हो गए ₹14.58 लाख, अब भी है तेजी

Multibagger Stock-महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (MLL) के शेयर ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 192 फीसदी का रिटर्न दिया है.

Multibagger Stock-महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (MLL) के शेयर ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 192 फीसदी का रिटर्न दिया है.

Multibagger Stock- MLL के शेयर ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 192 फीसदी का रिटर्न दिया है. 27 जुलाई, 2020 को . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 31, 2021, 07:27 IST

नई दिल्ली. Mahindra Logistics Stock- महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (MLL) के शेयर ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 192 फीसदी का रिटर्न दिया है. 27 जुलाई, 2020 को शेयर 276.7 रुपये पर था. शुक्रवार, 30 जुलाई 2021 में यह बढ़कर 807.30 रुपये हो गया है. इस अवधि के दौरान इस शेयर ने निवेशकों को 192 प्रतिशत का जोरदार रिटर्न दिया है. यानी कि एक साल पहले इस मल्टीबैगर स्टॉक में निवेश की गई 5 लाख रुपये की रकम आज 14.58 लाख रुपये हो जाती.

BSE पर शुक्रवार को यह स्टॉक 20 फीसदी बढ़कर 807.3 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. यह पिछले बंद के मुकाबले 673.15 रुपये से 748.20 रुपये पर पहुंच गया, यानी 11.15 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुई. पिछले 7 दिनों से इसमें तेजी आ रही है और इसी अवधि में इसमें 31.9 फीसदी की तेजी आई है.

मार्केट कैप 5,370 करोड़ रुपये का है
महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड का मार्केट कैप 5,370 करोड़ रुपये का हो गया है. महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड शेयर 5 डे, 20 डे, 50 डे, 100 डे और 200 डे मूविंग एवरेज पर है. मार्केट्समोजो के अनुसार, 13 जुलाई, 2021 को माइल्डली बुलिश से तकनीकी प्रवृत्ति में सुधार हुआ है और स्टॉक तकनीकी रूप से अभी बुलिश रेंज में है और तब से 26 प्रतिशत रिटर्न दे चुका है. स्टॉक के लिए कई कारक MACD, बोलिंगर बैंड (Bollinger Band), केएसटी (KST), डॉव (DOW)और ओबीवी (OBV), जैसे बुलिश हैं. साथ ही, कंपनी की उच्च संस्थागत हिस्सेदारी 32.29% है.

मजबूत स्थिति में है कंपनी
कंपनी के पास ऋण चुकाने की एक मजबूत क्षमता है क्योंकि कंपनी का ऋण से EBITDA अनुपात 0.02 गुना कम है. महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का राजस्व वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में 113 प्रतिशत बढ़कर 873 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 410 करोड़ रुपये था. कंपनी ने एक साल पहले की समान अवधि में 15.81 करोड़ रुपये के नुकसान की तुलना में 9.35 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया.

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