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दो चलती औसत पर रणनीति

दो चलती औसत पर रणनीति

5जी से 10 करोड़ घरों को जोड़ेगी जियो

लेकिन इससे परिवारों के लिए उसकी फाइबर-टु-द होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड पेशकश की पिछली रणनीति से काफी बदलाव भी आ रहा। इन प्रयासों के बावजूद, दो साल में, जियो एफटीटीएच के साथ सिर्फ 70 लाख परिवारों को जोड़ने में सक्षम रही है, क्योंकि इसके लिए अनुमति एक प्रमुख समस्या बन गई है और पेशकश के लिए पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया भी धीमी और जटिल रही है।

एफटीटीएच को अब 5जी वायरलेस एक्सेस से बदलाव जाएगा, जिससे इसकी पेशकश में तेजी आएगी। कंपनी इस पर भी ध्यान दे रही है कि ग्राहक वै​श्विक तौर पर 5जी से क्या चाहते हैं। जीएसएमए इंटेलीजेंस द्वारा पिछले साल भारत, चीन, अमेरिका और ब्रिटेन समेत 10 देशों में कराए गए स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के सर्वेक्षण में कहा गया कि 42 प्रतिशत लोगों ने एफडब्ल्यूए सेवा को बेहद उपयोगी माना है। रिलायंस जियो द्वारा निर्धारित 10 करोड़ परिवारों का लक्ष्य बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी टीवी (पेड एवं फ्री) के साथ देश में 30 करोड़ परिवारों के एक-तिहाई तक पहुंच है। ऐसे 10 करोड़ परिवार भी हैं, जिनके पास टेलीविजन भी नहीं हैं।

जीएसएमए इंटेलीजेंस की जून 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 52 देशों में 5जी एफडब्ल्यूए कनेक्शन वर्ष 2025 तक सिर्फ 4 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का अनुमान है। दरअसल, 2021 में कुल परिवारों के प्रतिशत के तौर पर एफडब्लयूए पहुंच अमेरिका में महज 1 प्रतिशत थी और पोलैंड16 प्रतिशत के साथ इस संदर्भ में शीर्ष पर था। स्पष्ट है कि मुकेश अंबानी भारत में 5जी एफब्ल्यूए के लिए बड़ी भागीदारी हासिल करने की संभावना तलाश रहे हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि यदि जियो अपने लक्ष्य को हासिल करती है तो वह मिश्रित (मोबाइल और ब्रॉडबैंड) औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) में शानदार वृद्धि दर्ज कर सकती है, जो मौजूदा 170 रुपये से बढ़कर 250-300 रुपये के बीच रह सकती है। इसकी वजह यह है कि डायरेक्ट-टु-होम ग्राहकों का एआरपीयू मोबाइल ग्राहकों के औसत एआरपीयू के मुकाबले तीन-चार गुना है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) द्वारा कराए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि 5जी पेश करने वाले 23 देशों ने पहली 6-10 तिमाहियों में अपने एआरपीयू में महज 1 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया। भारत में दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि वे 4जी से 5जी के लिए बहुत ज्यादा कीमत वृद्धि करने पर विचार नहीं कर रही हैं।

देश के10 बड़े राज्यों में खुदरा महंगाई राष्ट्रीय औसत से ज्यादा, पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, बिहार में कम

शीर्ष राज्यों में सबसे ज्यादा खुदरा महंगाई दर्ज की गई। इसमें बिहार में सबसे कम महंगाई दर्ज की गई और उत्तर प्रदेश में यह राष्ट्रीय औसत से अधिक रही। जबकि पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 8.94 फीसदी रही।

देश के10 बड़े राज्यों में खुदरा महंगाई राष्ट्रीय औसत से ज्यादा, पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, बिहार में कम

Inflation: इस साल की शुरुआत से ही देश ऊंची खुदरा मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 10 में से छह भारतीय उन राज्यों में रहते हैं जहां खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में राष्ट्रीय औसत सात फीसदी से अधिक थी। जिन 22 राज्यों के लिए आंकड़े उपलब्ध है, उनमें से केवल 10 में औसत से अधिक मुद्रास्फीति थी।

इसमें यह देखा गया कि सबसे अधिक आबादी वाले शीर्ष राज्यों में सबसे ज्यादा खुदरा महंगाई दर्ज की गई। इसमें बिहार में सबसे कम महंगाई दर्ज की गई और उत्तर प्रदेश में यह राष्ट्रीय औसत से अधिक रही। जबकि पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 8.94 फीसदी रही।

  • पश्चिम बंगाल 8.94
  • गुजरात 8.22
  • तेलंगाना 8.11
  • महाराष्ट्र 7.99
  • मध्य प्रदेश 7.83
  • उत्तर प्रदेश 7.62
  • बिहार 6.31

महंगाई घटी पर वस्तुओं के दाम बढ़े

आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में स्थिति और भी खराब थी। यहां तक कि जब मुद्रास्फीति पांच महीने के निचले स्तर 6.71 फीसदी पर पहुंच गई, तो रोजमर्रा की कीमतों में 64 फीसदी की वृद्धि देखी गई।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अप्रैल के बाद जैसे-जैसे कीमतों का दबाव कम होने लगा, राष्ट्रीय औसत से अधिक मुद्रास्फीति का सामना करने वाली आबादी का हिस्सा मई और जून में 63 फीसदी से घटकर लगभग 50 फीसदी हो गया, लेकिन जुलाई और अगस्त में इसमें फिर से उछाल आया। विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में भी इसमें उछाल आने की आशंका है। यह भारतीय रिजर्व बैंक की परेशानी बढ़ा सकती है।

महंगाई बढ़ाने के ये हैं कारक

विशेषज्ञों के मुताबिक हर राज्य में सूखा-बाढ़ की स्थिति, परिवहन लागत, ईंधन के दाम, मांग और आपूर्ति जैसे कारक महंगाई की दर तय करने में खास भूमिका निभाते हैं। उनका कहना है कि विभिन्न राज्यों में महंगाई दर के आंकड़ों में अंतर इसी वजह से आता है।

आरबीआई की कोशिशों का तुरंत असर नहीं

खुदरा महंगाई इस साल अप्रैल में बढ़कर 7.79 पर पहुंच गई। इसके बाद रिजर्व बैंक ने लगातार तीन बार में रेपो रेट में कुल 1.40 फीसदी की वृद्धि की। वहीं सरकार ने भी खाद्यान के आयात शुल्क दो चलती औसत पर रणनीति में कटौती के साथ जमाखोरों पर भी सख्त कार्रवाई की। इसके बावजूद खुदरा महंगाई अगस्त में बढ़कर सात फीसदी पहुंच गई। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर खाद्यान की बढ़ती कीमतें, घरेलू स्तर पर उत्पादन में कमी सहित आपूर्ति की बाधाओं से रिजर्व बैंक और सरकार के प्रयास का तुरंत असर नहीं दिखा है।

मुद्रास्फीति पिछले आठ महीनों में से चार में सात फीसदी से अधिक रही है। खाद्य, ब्याज और सेवाओं की कीमतों के दबाव को देखते हुए सितंबर में भी खुदरा महंगाई के ऊंचा रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों का कहना दो चलती औसत पर रणनीति है कि ऐसे में आरबीआई सितंबर में भी दरें बढ़ा सकता है।

Jammu Kashmir : बहुआयामी रणनीति से आतंकी हिंसा और घुसपैठ पर कसी जा रही लगाम

बहुआयामी रणनीति का ही असर है कि वर्ष 2017 में घुसपैठ की 419 कोशिशें हुईं जो वर्ष 2021 में घटकर 73 ही रह गईं। 2017 में घुसपैठ की कोशिशों के दौरान 136 आतंकी भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे दो चलती औसत पर रणनीति जबकि 2021 में 34 आतंकी ही नजर बचाकर घुस सके।

जम्मू, नवीन नवाज : जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा को समाप्त करने के लिए सरहद पार से आतंकियों की घुसपैठ को समाप्त करना जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक बहुआयामी रणनीति पर काम शुरू कर रखा है। इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में बहुचक्रीय सुरक्षा घेरा तैयार हुआ है।

इसके अलावा अग्रिम इलाकों में स्थित चौकियों तक सड़क बनाने, नालों पर पुल बनाने, सीमा पर फ्लड लाइट लगाने और सुरक्षाबलों को अत्याधुनिक हथियार व अन्य सामान प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपरेशनल साझेदारी को एकीकृत किया जा रहा है।

मंडी में स्थानीय मशरूम ने अपनी पकड़ बनाई है और किसानों को मालामाल करा रही है।

बड़ी बात यह है कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर सुरक्षा संबंधी खर्च के पुनर्भुगतान के मद में 31 दिसंबर 2022 तक के लिए प्रदेश सरकार 936.95 करोड़ रुपये जारी किए हैं। बहुआयामी रणनीति का ही असर है कि वर्ष 2017 में घुसपैठ की 419 कोशिशें हुईं जो वर्ष 2021 में घटकर 73 ही रह गईं। 2017 में घुसपैठ की कोशिशों के दौरान 136 आतंकी भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे, जबकि 2021 में 34 आतंकी ही नजर बचाकर घुस सके।

क हादसे में तेज रफ्तार ट्रक ने नाके पर तैनात एक एसपीओ रजत चौधरी को रौंद डाला।

पहली जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 तक जम्मू कश्मीर में विभिन्न मुठभेड़ों में 1028 आतंकी मारे गए हैं जबकि इसी दौरान पुलिस, सेना और केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के 355 अधिकारी व जवान बलिदान हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य का जिक्र करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर आतंकी और अलगाववादी हिंसा से पीड़ित है।

आतंकी हिंसा सीमा पार से समर्थित और प्रायोजित है : यहां मौजूदा आतंकी हिंसा एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से होने वाली घुसपैठ से सीधी जुड़ी है। आतंकी हिंसा सीमा पार से समर्थित और प्रायोजित है। इससे निपटने के लिए सेना, केंद्रीय अर्धसैनिकबल, प्रदेश पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां एक दूसरे के साथ दो चलती औसत पर रणनीति पूरे समन्वय के साथ काम कर रही हैं। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय प्रदेश प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है। आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाबलों के लिए ढांचागत सुविधाएं मजबूत की जा रही हैं।

इस घटना की जानकारी मिलते ही जांच का आदेश दिया है। जांच समिति गठित कर दी गई है।

घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों और घुसपैठ के रास्तों में सीमा पर तारबंदी को मजबूत कर विशेष चौकियां व नाके स्थापित किए जा रहे हैं। अग्रिम इलाकों में एंट्री ड्रोन प्रणाली, अत्याधुनिक सेंसर स्थापित करने के अलावा सुरक्षाबलों की आवाजाही को सुगम व त्वरित बनाने के लिए सड़कों का एक मजबूत नेटवर्क भी तैयार किया जा रहा है। खुफिया नेटवर्क को मजबूत बनाया गया है।

कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने से लेकर आतंकरोधी अभियानों तक जम्मू कश्मीर को केंद्रीय सुरक्षा बलों की उपलब्धता को हर समय सुनिश्चित किया गया है। सुरक्षा संबंधित खर्च भी जम्मू कश्मीर प्रशासन को नियमित पुनर्भुगतान किया जा रहा है। इसमें पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की आवाजाही, उनके साजो सामान की आपूर्ति, उनकी आवासीय सुविधा, एसपीओ का मानदेय, सिविक एक्शन कार्यक्रम, हवाई जहाज और हेली सुविधा का खर्च, आइआर वाहिनियों का गठन खर्च इत्यादि शामिल है।

ये रोजगार मेले जम्मू, सांबा, कठुआ, श्रीनगर, बड़गाम और गांदरबल में स्थापित नोडल इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में आयोजित किए गए।

शांति बहाली की प्रक्रिया में जनभागीदारी बढ़ाई जा रही, गांवों में पहुंच रहे केंद्रीय मंत्री

स्थानीय युवाओं को राष्ट्रविरोधी तत्वों से बचाने और उनकी ऊर्जा को मुख्यधारा में लगाने के लिए रोजगार जैसे विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने, शांति और सामान्य स्थिति बहाली की प्रक्रिया में गति लाने व इसमें जनभागीदारी बढ़ाई जा रही है। स्थानीय लोगों को अपना पक्ष रखने, रोजगार और विकास के सभी समुचित अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों का जनपहुंच अभियान और प्रदेश प्रशासन का गांव की ओर, मेरा कस्बा-मेरा गौरव जैसे कार्यक्रम इसी रणनीति का हिस्सा हैं।

एडीजी पीवी रामा शास्त्री ने मंगलवार को जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अग्रिम चौकियों पर पहुंचकर सुरक्षा स्थिति जांची।

पुलिस वाहिनियों के लिए भी हो रही भर्ती, एसपीओ का वेतन बढ़ाया गया

जम्मू कश्मीर पुलिस संगठन में पांच आइआर वाहिनियों और दो सीमांत वाहिनियों के अलावा दो महिला पुलिस वाहिनियों दो चलती औसत पर रणनीति का गठन किया जा रहा है। आइआर की पांच वाहिनियों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है जबकि सीमांत और महिला पुलिस वाहिनियों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जम्मू दो चलती औसत पर रणनीति कश्मीर पुलिस में एसपीओ का मासिक मानदेय 18 हजार रुपये तक बढ़ाया गया है जो उनके कार्यकाल और कार्य प्रदर्शन की अवधि के आधार पर तय होता है।

आईएमडी ने की भविष्यवाणी, सामान्य रहेगा मानसून

आईएमडी के डीजी डॉ. एम महापात्र ने गुरुवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देखा जा रहा शुष्क मानसून भारत में मानसून की दशकीय परिवर्तनशीलता का हिस्सा है. भारत दो चलती औसत पर रणनीति मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological Department (IMD)) ने गुरुवार को भविष्यवाणी की कि इस साल मानसून 'सामान्य' रहने की संभावना है. मौसम विभाग (Meteorological Department (IMD)) ने 1971-2021 के आंकड़ों के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए एक नया अखिल भारतीय सामान्य बारिश मानदंड ‘868.6 मिमी’ जारी किया है, जिसका उपयोग देश में वर्षा की माप के लिए किया जाएगा.

नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological Department (IMD)) ने गुरुवार को भविष्यवाणी की कि इस साल मानसून 'सामान्य' (normal monsoon) रहने की संभावना है. आईएमडी ने कहा है कि जून और सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून (south west monsoon) मौसमी वर्षा, 96% से 104% दीर्घकालिक अवधि औसत (Long Term Average) के बीच होगी. जो सामान्य मानसून के मौसम की ओर इशारा करती है, जबकि मात्रात्मक रूप से वर्षा दीर्घकालिक अवधि औसत (long term average) (LPA) का 99% होने की संभावना है. हालांकि, आईएमडी ने संकेत दिया है कि देश के कुछ क्षेत्रों में मानसून के दो चलती औसत पर रणनीति दौरान सामान्य से कम वर्षा होगी, विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में जो हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण सामान्य से कम वर्षा का अनुभव कर रहे हैं. दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा भारत की वार्षिक वर्षा (normal rainfall in India) में 74.9% का योगदान करती है.

आईएमडी डीजी डॉ एम महापात्र ने गुरुवार को कहा कि आईएमडी मई के मध्य में मानसून के लिए एक अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा. देश भर में वर्षा वितरण पैटर्न का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देखे जा रहे शुष्क मानसून के 'भारत में दशकीय परिवर्तनशीलता' का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि आईएमडी द्वारा गणना की गई नई अखिल भारतीय दीर्घकालिक अवधि औसत (LPA) वर्षा अब 1971-2020 के आंकड़ों पर आधारित है जो कि 87 सेमी है. मौसम विभाग (Meteorological Department (IMD)) ने 1971-2021 के आंकड़ों के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए एक नया अखिल भारतीय सामान्य बारिश मानदंड ‘868.6 मिमी’ जारी किया है, जिसका उपयोग देश में वर्षा की माप के लिए किया जाएगा.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने यहां कहा कि यह नया मानदंड दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के लिए 87 सेंटीमीटर के आसपास रखा गया है, जो 1961-2010 के बारिश के आंकड़ों के आधार पर गणना की गई पूर्ववर्ती 88 सेंमी की सामान्य बारिश से दो चलती औसत पर रणनीति आंशिक रूप से कम है. मौसम विभाग सामान्य बारिश से विचलन के संदर्भ में मौसम पूर्वानुमान जारी करता है जो कि 50 वर्ष की अवधि में हुई बारिश का दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) है.

‘सामान्य’ बारिश या एलपीए को प्रत्येक 10 साल बाद अद्यतन किया जाता है. एलपीए को पिछली बार अद्यतन करने में देर हुई थी और इसे 2018 में किया जा सका था. तब तक मौसम कार्यालय ने 1951-2001 के एलपीए का, वर्षा को मापने के मानदंड के रूप में उपयोग किया था. महापात्रा ने औसत बारिश में क्रमिक कमी के लिए शुष्क मौसम की प्राकृतिक बहु-दशकीय अवधि परिवर्तनशीलता और अखिल भारतीय स्तर पर बारिश की आर्द्र अवधि को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मानसून शुष्क काल-खंड से गुजर रहा है जो 1971-80 के दशक में शुरू हुआ था.

महापात्रा के मुताबिक, 2011-20 के दशक के लिए अखिल भारतीय स्तर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश का दशकीय औसत दीर्घकालिक औसत से 3.8 प्रतिशत कम है. उन्होंने कहा कि अगला दशक, 2021-30 सामान्य के करीब रहेगा और दक्षिण-पश्चिम मानसून के 2031-40 के दशक से आर्द्र अवधि में प्रवेश करने की संभावना है. नई सामान्य बारिश की गणना देश के 703 जिलों में स्थित 4,132 वर्षामापी केंद्रों के आंकड़ों का उपयोग कर की गई है. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान, भारी वर्षा वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है, जबकि मध्यम और कम वर्षा वाले दिनों की संख्या घट रही है.

आईएमडी ने यह भी कहा कि वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बनी हुई है. जलवायु मॉडल के पूर्वानुमानों ने संकेत दिया है कि मानसून के मौसम के दौरान ला नीना की स्थिति जारी रहने की संभावना है. वर्तमान में, हिंद महासागर के ऊपर तटस्थ IOD स्थितियां मौजूद हैं और नवीनतम पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि तटस्थ IOD स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की शुरुआत तक जारी रहने की संभावना है. इसके बाद, नकारात्मक आईओडी स्थितियों के लिए बढ़ी हुई संभावना की भविष्यवाणी की जाती है.

जैसा कि प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति को भारतीय मानसून पर मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है, आईएमडी इन महासागरीय घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है. महापात्र ने बताया कि पिछले साल, आईएमडी ने मौजूदा दो चरणों की पूर्वानुमान रणनीति को संशोधित करके देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा के लिए मासिक और मौसमी परिचालन पूर्वानुमान जारी करने के लिए एक नई रणनीति लागू की थी. नई रणनीति विभिन्न वैश्विक जलवायु पूर्वानुमान और अनुसंधान केंद्रों से युग्मित वैश्विक जलवायु मॉडल (सीजीसीएम) पर आधारित एक नव-विकसित मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल (एमएमई) पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग करती है, जिसमें आईएमडी के मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) शामिल हैं.

महापात्र ने कहा कि स्थानिक वितरण से पता चलता है कि प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भागों और इससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों, हिमालय की तलहटी और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों, उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों और दक्षिण प्रायद्वीप के दक्षिणी भागों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है. उत्तर पूर्व भारत में औसत से कम मानसून और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और चरम दक्षिणी प्रायद्वीप को जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. लेकिन बारिश के पैटर्न पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रीय प्रभाव की और जांच करने की जरूरत है.

Multibagger Stock Tips: इस मल्टीबैगर स्टॉक में एक साल पहले लगाए होते 5 लाख रुपये तो आज मिलते 18.94 लाख रुपये

Share Market News: इस स्टॉक ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 250% से अधिक रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में, माइंडट्री लिमिटेड के शेयर की कीमत 1,248.6 रुपये से बढ़कर 4,732.40 रुपये हो गई है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 24 Sep 2021 04:28 PM (IST)

Multibagger Stock Tips: सेंसेक्स ने आज 60,000 अंक के ऐतिहासिक स्तर को पार किया, और व्यापक एनएसई निफ्टी 50 सूचकांक 17,947.65 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. निवेशकों की संपत्ति 261.74 लाख करोड़ रुपये के पिछले बंद के मुकाबले बढ़कर 263.13 लाख करोड़ रुपये हो गई.

इस बीच, माइंडट्री लिमिटेड इंडिया (Mindtree Limited India) के शेयर BSE पर 4 प्रतिशत बढ़कर 4,732.4 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए. पिछले चार कारोबारी सत्रों से स्टॉक बढ़ रहा है और इसी अवधि के दौरान 12 फीसदी चढ़ा है.

एक साल पहले इस मल्टीबैगर स्टॉक में निवेश की गई 5 लाख रुपये की रकम आज 18.94 लाख रुपये हो जाती. 76,000 करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ, शेयर 5 दिन, 10 दिन, 20 दिन, 50 दिन, 100 दिन और 200-दिवसीय चलती औसत से अधिक हैं.

लार्ज-कैप स्टॉक ने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 250 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में, माइंडट्री लिमिटेड के शेयर की कीमत 1,248.6 रुपये से बढ़कर 4,732.40 रुपये हो गई. इस अवधि में लगभग 279 रिटर्न दिया है.

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कारोबार का विस्तार कर रही है कंपनी
आईटी सर्विस फर्म ने एक बयान में कहा कि वह यूरोप और एशिया-प्रशांत में विस्तार कर रही है और उसने दो बाजारों में विकास को और तेज करने के लिए कई प्रमुख एग्जीक्यूटिव नियुक्तियां की हैं. कंपनी ने क्लॉस सीफर्ट को यूरोप के लिए रणनीति के प्रमुख और जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड (डीएसीएच) के लिए मुख्य व्यवसाय अधिकारी (सीबीओ), एरिक जूलियस लार्सन को नॉर्डिक्स और बेनेलक्स के लिए सीबीओ और डोमिनिक डेल गिउडिस को एशिया-प्रशांत के लिए सीबीओ के रूप में नियुक्त किया है.

मार्केट्समोजो के मुताबिक, कंपनी ने लगातार पांच तिमाहियों से सकारात्मक नतीजे घोषित किए हैं. इसमें 21.दो चलती औसत पर रणनीति 06% की औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) के साथ मजबूत दीर्घकालिक मौलिक ताकत है और -0.36 गुना पर कम ऋण से इक्विटी अनुपात (औसत) है.

माइंडट्री ने जून 2021 को समाप्त दो चलती औसत पर रणनीति तिमाही में 343.40 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले की अवधि में 213 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. जून-समाप्त तिमाही में परिचालन से राजस्व 20 प्रतिशत बढ़कर 2,291.70 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 1,908.80 करोड़ रुपये था. जून 2021 में ईपीएस बढ़कर 20.85 रुपये हो गया, जो जून 2020 में 12.94 रुपये था.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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