ब्रिकी का दबाव

2022-23 में उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र का राजस्व 15-18% बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये के पार होगा: रिपोर्ट
मुंबई, सात सितंबर (भाषा) मार्जिन का दबाव ब्रिकी का दबाव बढ़ने के बावजूद टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र चालू वित्त वर्ष में दहाई अंकों की वृद्धि हासिल कर सकता है जिससे उसका राजस्व 15-18 फीसदी बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली मांग में 10 से 13 फीसदी वृद्धि की वजह मुख्यत: एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर क्षेत्र की मांग होगी। इसमें कहा गया कि ग्रामीण मांग वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में मूल्य के लिहाज से उद्योग महामारी से पहले के स्तर को पार कर गया और चालू वित्त वर्ष में यह महामारी से पहले के मुकाबले तीन फीसदी अधिक हो जाएगा।
इसमें कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में ब्रिकी 10-13 फीसदी बढ़ने से क्षेत्र का करेाबार 15 से 18 फीसदी बढ़ेगा और टिकाऊ उत्पादों का उद्योग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। यह आंकड़ा महामारी से पहले के स्तर से तीन फीसदी अधिक है।
जिंसो में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे तांबा, एल्युमिनियम, इस्पात और पॉलीप्रॉपलीन के दाम बढ़ने से मार्जिन पर दबाव बढ़ा है हालांकि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह बेहतर है जब इनमें 18 से 20 फीसदी की गिरावट आई थी।
हालांकि रिपोर्ट में यह बताया कि मार्जिन कितना प्रभावित होगा। मार्जिन में दबाव की एक और वजह रूपये में गिरावट है।
यह रिपोर्ट क्षेत्र के राजस्व में 50 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली ब्रिकी का दबाव आठ कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है। इसमें कहा गया कि कच्चे माल के दाम में वृद्धि और विदेशी विनिमय नकारात्मक रहने से उद्योग के लाभ में कमी आएगी।
क्रिसिल में निदेशक पुषन शर्मा ने कहा कि बीते दो वित्त वर्ष में महामारी से उत्पन्न व्यवधानों से उपभोक्ता धारणा और मौसमी मांग प्रभावित हुई। चालू वित्त वर्ष में शहरी आय में अच्छी वृद्धि तथा फसल के अच्छे दाम मिलने से मांग बढ़ेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक एयर कंडीशनर क्षेत्र वृद्धि का कारक होगा। बदलते मौसम से इनकी मांग बढ़ेगी। इसमें कहा गया कि उपभोक्ता उच्च क्षमता वाले रेफ्रीजरेटर और पूरी तरह से स्वचालित वाशिंग मशीन अपना रहे हैं।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
हीरो मोटोकॉर्प ने नवंबर 2021 की बिक्री में 69 प्रतिशत की गिरावट देखी
हीरो मोटोकॉर्प ने इस साल नवंबर में कुल 3,28,862 बाइक्स और स्कूटर की बिक्री की जबकि पिछले साल इसी महीने में 5,75,957 बाइक्स और स्कूटर की बिक्री की गई थी.
हीरो मोटोकॉर्प ने नवंबर 2021 के महीने के बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं, इस दौरान कंपनी ने भारत में कुल 3,49,393 दोपहिया वहनों की बिक्री की है. नवंबर 2020 में बेचे गए 5,91,091 दोपहिया वाहनों की तुलना में, दुनिया के सबसे बड़े दोपहिया वाहन निर्माता ने इस साल लगभग 69 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की है. कंपनी के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में मानसून के देरी से आने के कारण कटाई में देरी से त्योहारी सीजन के बाद की मांग पर असर पड़ा है. घरेलू बाजार में बिक्री का दबाव देखा जा सकता है, लेकिन इसके विपरीत निर्यात में तेजी दर्ज की गई है.
हीरो मोटोकॉर्प ने इस साल स्कूटर की बिक्री में लगभग 145 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट देखी है.
हीरो मोटोकॉर्प ने नवंबर 2021 में 3,49,393 बाइक्स की बिक्री की है. नवंबर 2020 में बेची गई 5,41,437 बाइक्स की तुलना में, कंपनी ने इस साल लगभग 64 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की है. हीरो स्कूटर की बिक्री नवंबर 2021 में 20,208 यूनिट रही, जो पिछले वित्तीय वर्ष नवंबर में 49,654 दर्ज की गई थी. कंपनी ने इस साल स्कूटर की बिक्री में लगभग 145 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट देखी है. घरेलू बाजार में हीरो मोटोकॉर्प ने इस साल नवंबर में कुल 3,28,862 बाइक्स और स्कूटर की बिक्री के साथ 75 प्रतिशत की गिरावट देखी है, जबकि पिछले साल इसी महीने में 5,75,957 बाइक्स और स्कूटर की बिक्री हुई थी.
हीरो मोटोकॉर्प के अनुसार, अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कई अन्य सकारात्मक संकेतों के साथ खुल रही है, जैसे कि कृषि गतिविधि को प्रोत्साहित मिलना और शादी का मौसम, जिससे चौथी तिमाही में बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है. इसके अलावा, कमोडिटी की कीमतों में नरमी के कुछ संकेत दिख रहे हैं. कंपनी के मुताबिक ईंधन पर एक्साइज़ ड्यूटी में कमी और सरकार द्वारा कैपेक्स कार्यक्रमों पर खर्च में वृद्धि से दोपहिया उद्योग में गति वापस आने की संभावना है.
डॉ. पवन मुंजाल, हीरो मोटोकॉर्प के आने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर के प्रोटोटाइप के साथ.
कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनी परियोजना के अनुसार आगे बढ़ रहा है, और इसके लिए कंपनी ने आंध्र प्रदेश में प्लांट लगाया है. हीरो मोटोकॉर्प की टीमें पूरे ईवी ढांचा जैसे बैटरी तकनीक और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, पावरट्रेन, टेलीमैटिक्स, एनालिटिक्स और डायग्नोस्टिक्स और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रही हैं.
Agri Commodity News English-Hindi
चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। चीनी मिलों को राहत देने के लिए सरकार ने चीनी के बिक्री कोटे को फिर से तिमाही करने की योजना बनाई है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अप्रैल से मिलों को चीनी का बिक्री कोटा महीने के बजाय तिमाही आधार पर आवंटित किया जाएगा। इस तरह मिलों को हर महीने निर्धारित कोटे की चीनी बेचने की बाध्यता नहीं होगी बल्कि वे तीन माह में कभी भी तिमाही कोटे की चीनी बेचने की अनुमति होगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी का बिक्री कोटा महीने के बजाय तिमाही करने की योजना है। महीने के बजाय तीन महीने के आधार पर कोटा जारी किए जाने से मिलों पर चीनी की बिक्री का दबाव कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल ब्रिकी का दबाव में जारी होने वाला कोटा तीन महीने के आधार पर रिलीज किए जाने की योजना है।
इसके तहत अगले तीन महीने की खपत के आधार पर चीनी का कुल कोटा रिलीज कर दिया जाएगा। उत्पादन में बढ़ोतरी से खुदरा बाजार में चीनी के दाम नियंत्रण में हैं तथा अभी कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
वैसे को चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने का मसला प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने विचार करने के लिए रंगराजन की अगुवाई वाली कमेटी को सौंप दिया है। लेकिन खाद्य मंत्रालय ने अपने स्तर पर मिलों को राहत देने के लिए तिमाही कोटा जारी करने की योजना बनाई है। रंगराजन कमेटी इस मसले से जुड़े सभी पक्षों से बात करके प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के आधार पर सरकार चीनी उद्योग पर लगे नियंत्रणों में ब्रिकी का दबाव ढिलाई देने के बारे में कोई विचार कर सकती है।
पिछले तीन वर्षों से देश में चीनी का उत्पादन खपत से ज्यादा हो रहा है। ऐसे में चीनी मिलों के मुनाफे पर दबाव बन रहा है और वे नियंत्रण मुक्त करने की मांग कर रही हैं। पिछले अक्टूबर से शुरू मौजूदा सीजन में भी चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन (इस्मा के अनुसार) होने का अनुमान है। इस वजह से बाजार में चीनी के दाम स्थिर हैं।
अधिकारी ने बताया कि फुटकर बाजार में चीनी के दाम 32 से 35 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। हाल ही में प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के आयुक्तों की बैठक में चालू पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी का उत्पादन बढ़कर 251-252 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 220 से 225 लाख टन की होती है। (Business Bhaskar. R S Rana)
ब्रिकी का दबाव
नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। भारतीय शेयर बाजार ने आज एक बार फिर भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की है। शुरुआती आधे घंटे के कारोबार में ही बीएसई का सेंसेक्स 1,180 अंक से अधिक लुढ़क गया था। वहीं, एनएसई के निफ्टी में भी 350 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी थी। हालांकि इस गिरावट के बाद हुई खरीदारी के सपोर्ट से शेयर बाजार में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन बाजार लगातार लाल निशान में ही कारोबार कर रहा है।
यूएस फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाने के संकेत की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट का रुख बना हुआ है। कमजोर ग्लोबल संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार ने भी आज कमजोरी के साथ कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती आधे घंटे तक बाजार में लगातार गिरावट का रुख बना रहा, लेकिन इसके बाद खरीदारों के एक्टिव होने से बाजार में सुधार के लक्षण भी नजर आने लगे।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने आज 540.77 अंक की कमजोरी के साथ 57,317.38 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती 10 मिनट के कारोबार में शेयर बाजार में कभी खरीद, तो कभी बिक्री का दबाव बनता रहा। जिसके कारण सेंसेक्स भी लगातार ऊपर नीचे की गति दिखाता रहा। लेकिन 10 मिनट के कारोबार के बाद बाजार में तेज बिकवाली शुरू हो गई, जिसके कारण अगले 20 मिनट में ही सेंसेक्स 1,183.64 अंक का गोता लगाकर 56,674.51 अंक के स्तर तक पहुंच गया।
इस तेज गिरावट के बाद बाजार में खरीदार एक्टिव हो गए और चौतरफा खरीदारी शुरू कर दी। खरीदारी के इस सपोर्ट से सेंसेक्स की स्थिति में भी तेजी से सुधार होने लगा और ये सूचकांक रिकवरी की दिशा में बढ़ने लगा। हालांकि इस खरीदारी के बीच-बीच में बिकवाली का दबाव भी बनता रहा। खरीद बिक्री के बीच शुरुआती 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे सेंसेक्स 927.34 अंक की कमजोरी के साथ 56,930.81 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने भी 215.95 अंक की कमजोरी के साथ 17,062 अंत के स्तर से आज के कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में लगातार हो रही खरीद बिक्री के कारण निफ्टी भी पहले 10 मिनट तक कभी ऊपर तो कभी नीचे की गति में चलता रहा, लेकिन इसके बाद हुई तेज बिकवाली ने शुरुआती आधे घंटे के कारोबार में ही निफ्टी को 350.10 अंक की कमजोरी के साथ 16,927.85 अंक के स्तर तक पहुंचा दिया।
बाजार में हुई जोरदार गिरावट के बाद शुरू हुई खरीदारी ने निफ्टी को भी सपोर्ट किया, जिसके कारण ये सूचकांक तेजी से रिकवर करते हुए ऊपर की ओर बढ़ने लगा। खरीद बिक्री के इस दबाव के बीच शुरुआती 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे निफ्टी 275.70 अंक की कमजोरी के साथ 17,002.25 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
अभी तक के कारोबार में निफ्टी में शामिल 50 में से 48 शेयरों में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 29 शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। बाजार में आई इस जोरदार गिरावट के कारण शुरुआती 1 घंटे के कारोबार में ही निवेशकों को 4 लाख करोड़ रुपये का चूना लग चुका है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अगर दिन में होने वाले कारोबार के दौरान खरीदारी का जोर बना, तो निवेशकों के नुकसान की कुछ हद तक भरपाई भी हो सकती है।
आज प्री ओपनिंग सेशन में भी कमजोर ग्लोबल संकेत बने हुए थे। जिसके कारण भारतीय शेयर बाजार ने भी कमजोरी के साथ ही कारोबार की शुरुआत की। बीएसई का सेंसेक्स प्री ओपनिंग सेशन में 516.84 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,341.31 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 164.10 अंक की कमजोरी यानी 0.69 प्रतिशत लुढ़ककर 17,096 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
इसके पहले बुधवार को गणतंत्र दिवस होने की वजह से शेयर बाजार में कारोबार नहीं हुआ था, जबकि उसके पहले के कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 366.64 अंक की बढ़त के साथ 57,858.15 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी ने मंगलवार को 128.85 अंक की छलांग लगाकर 17,277.95 अंक के स्तर पर अपने कारोबार का अंत किया था।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 140 अंक से अधिक गिरा
मुंबई, चार फरवरी (भाषा) प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 140 अंक से अधिक की गिरावट आई और इस दौरान सूचकांक में भारी वजन रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और एचडीएफसी में बिक्री का दबाव देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 140.79 अंक या 0.28 फीसदी की गिरावट के साथ 50,114.96 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह व्यापक एनएसई निफ्टी 31.30 अंक या 0.21 प्रतिशत फिसलकर 14,758.65 पर था। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 2.5 प्रतिशत की गिरावट इंडसइंड बैंक में हुई, जबकि एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा,
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप