मुद्रा टेबल

गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द से राहत हेतु 5 योग आसन
गर्भावस्था वह समय होता है जब आप अपने घर अपने खुशियों की पोटली के आने का खुशी से इंतजार कर रहे होते हैं। लेकिन इसकी के साथ, आपको कुछ थकान भरी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि कमर में दर्द। इस कमर दर्द से राहत के सबसे प्राकृतिक एवं लाभकारी उपायों में से एक है कि कमर दर्द से छूटकारा हेतु गर्भावस्था योग आसन का अभ्यास किया जाए।
योग से आपके शरीर में लोच बढ़ती है, मांसपेशियां मजबूत होती है और शरीर में बेहतर रहता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर दर्द पर योग अद्भूत तरीके से काम करता है। चलिए गर्भावस्था के समय होने वाले कमर दर्द हेतु पांच सबसे लाभकारी योग आसनों की बात करते हैं।
देवी मुद्रा (उत्कट कोणासन)
अगर आप काफी समय तक एक टेबल पर बैठती हैं तो देवी मुद्रा से आपको बहुत फायदा होता है। अपने पैरों को तीन फीट की दूरी पर रखें। अपने पैरों की उंगलियों को सामने की तरफ रखें। अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और इस तरह से खड़े रहें जैसे आप कुर्सी में बैठे हों। अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं। हथेलियां अंदर की तरफ रखें। गहरी सांस लें और इस स्थिति में बने रहें।
सूमो स्क्वेट मुद्रा
जब आपकी देवी मुद्रा पूरी हो जाए तो आप उसके बाद सुमो स्क्वेट मुद्रा में आ सकती हैं। देवी मुद्रा लें। उसके बाद दाहिनी ओर झुकें। अपनी दाहिनी कोहनी को अपने घुटने से कुछ इंच ऊपर रखें। अपने बाएं हाथ को अपने सिर के ऊपर फैलाएं। कुछ देर के लिए इसी तरह रहें। इसी मुद्रा को दूसरी तरफ से भी करें।
टेबल टॉप (अर्ध पूर्वोत्तनासन)
कमर के निचले हिस्से के दर्द के लिए गर्भावस्था योग में टेबल टॉप एक बेहतरीन संतुलन मुद्रा है। इससे पीठ को बेहतर फैलाव मिलता है, कुल्हों की मजबूती बेहतर होती है और आपके कंधे खुलते हैं। मुड़े हुए घुटनों के साथ फर्श पर बैठ जाएं और पैरों और नितंबों को चौड़ाई में फैलाएं। अपने हाथों को फर्श पर तरह से रखें कि वे आपके शरीर से पीछे रहें। गहरी सांस लें और कुल्हों को ऊपर की ओर उठाएं। आपका शरीर जमीन के समानांतर होना चाहिए। गर्दन रीढ़ के सीध में होनी चाहिए। सांसों को पांच मिनट के लिए रोकें और कमर को नीचे की तरफ करें।
तितली आसन
तीसरी तिमाही के योग में कमर दर्द के लिए तितली आसन प्रसिद्ध है। जमीन पर बैठ जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें। उसके बाद, अपने पैरों के तलवों को आपस में दबाएं। अपनी एड़ियों को अंदर खींचें और अपने घुटनों को फर्श के करीब रखें। इस मुद्रा से कूल्हे फैलते हैं।
पार्श्व सुखासन
तितली आसन से अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर लाएं। बाएं पैर को अंदर लेकर आएं। फिर, अपने दाहिने हाथ से पैर की ओर पहुंचें। अपने बाएं हाथ को अपने सिर के ऊपर बढ़ाएं। गहरी सांस लेते हुए मुद्रा को पकड़ें। दूसरी तरफ भी इस खिंचाव को दोहराएं।
गर्भावस्था में कमर दर्द के लिए ये योगासन आपके बहुत काम आएंगे। हालांकि, आप तुरंत राहत के लिए Moov पेन रिलीफ क्रीम आजमा सकती हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी फायदा हुआ है। Moov भारत का नंबर एक दर्द निवारक क्रीम है जिसमें प्रभावी प्राकृतिक तत्व है जो आसानी से भीतर चली जाती है, चोट लगे मांसपेशी को आराम देने के लिए गर्माहट पैदा करती है और आपको तुंरत दर्द से राहत पाने में मदद करती है। यह 100% सुरक्षित क्रीम गर्भवती मां की नाजुक त्वचा को आराम देती है।
Money Market New Timings: RBI ने बदला ट्रेडिंग का समय, सोमवार से सुबह 9 बजे से मुद्रा टेबल होगा कामकाज
Market Market Timings Update। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ट्रेडिंग के समय में बदलाव कर दिया है।आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्तीय बाजार के कारोबार का नया टाइम टेबल 18 अप्रैल, सोमवार से लागू होगा। अभी तक कारोबार का समय सुबह 10 बजे से था, लेकिन अब इसे 18 अप्रैल से 9 बजे से ही कर दिया गया है और 3.30 बजे तक जारी रहेगा। RBI ने बाजार के कारोबारी समय में 30 मिनट बढ़ा दिया है। RBI मुद्रा टेबल ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि कोविड प्रतिबंधों के खत्म होने और लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों मुद्रा टेबल को हटाने और कार्यालयों में कामकाज सामान्य होने के चलते सुबह 9 बजे से वित्तीय बाजारों में कारोबार शुरू करने का फैसला लिया गया है।
RBI के मुताबिक अब बदले हुए समय के साथ विदेशी मुद्रा बाजार और सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन संभव होगा। 18 अप्रैल 2022 से विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव, रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव, कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो आदि सहित विदेशी मुद्रा (FCY)/ मुद्रा टेबल भारतीय रुपया (INR) ट्रेडों जैसे RBI विनियमित बाजारों में ट्रेडिंग अपने पूर्व-कोविड समय यानी सुबह 10 बजे के बजाय 9:00 बजे सुबह से शुरू होगी
आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अप्रैल को बाजार के कारोबार के घंटे में बदलाव किया था। बाजार का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक बदल दिया गया, जिससे कारोबार के घंटे आधे घंटे कम हो गए, लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद RBI पुराने टाइम टेबल को फिर से लागू कर रहा है।
गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द से राहत हेतु 5 योग आसन
गर्भावस्था वह समय होता है जब आप अपने घर अपने खुशियों की पोटली के आने का खुशी से इंतजार कर मुद्रा टेबल रहे होते हैं। लेकिन इसकी के साथ, आपको कुछ थकान भरी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि कमर में दर्द। इस कमर दर्द से राहत के सबसे प्राकृतिक एवं लाभकारी उपायों में से एक है कि कमर दर्द से छूटकारा हेतु गर्भावस्था योग आसन का अभ्यास किया जाए।
योग से आपके शरीर में लोच बढ़ती है, मांसपेशियां मजबूत होती है और शरीर में बेहतर रहता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर दर्द पर योग अद्भूत तरीके से काम करता है। चलिए गर्भावस्था के समय होने वाले कमर दर्द हेतु पांच सबसे लाभकारी योग आसनों की बात करते हैं।
देवी मुद्रा (उत्कट कोणासन)
अगर आप काफी समय तक एक टेबल पर बैठती हैं तो देवी मुद्रा से आपको बहुत फायदा होता है। अपने पैरों को तीन फीट की दूरी पर रखें। अपने पैरों की उंगलियों को सामने की तरफ रखें। अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और इस तरह से खड़े रहें जैसे आप कुर्सी में बैठे हों। अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं। हथेलियां अंदर की तरफ रखें। गहरी सांस लें और इस स्थिति में बने रहें।
सूमो स्क्वेट मुद्रा
जब आपकी देवी मुद्रा पूरी हो जाए तो आप उसके बाद सुमो स्क्वेट मुद्रा में आ सकती हैं। देवी मुद्रा लें। उसके बाद दाहिनी ओर झुकें। अपनी दाहिनी कोहनी को अपने घुटने से कुछ इंच ऊपर रखें। अपने बाएं हाथ को अपने सिर के ऊपर फैलाएं। कुछ देर के लिए इसी तरह रहें। इसी मुद्रा को दूसरी तरफ से भी करें।
टेबल टॉप (अर्ध पूर्वोत्तनासन)
कमर के निचले हिस्से के दर्द के मुद्रा टेबल लिए गर्भावस्था योग में टेबल टॉप एक बेहतरीन संतुलन मुद्रा है। इससे पीठ को बेहतर फैलाव मिलता है, कुल्हों की मजबूती बेहतर होती है और आपके कंधे खुलते हैं। मुड़े हुए घुटनों के साथ फर्श पर बैठ जाएं और पैरों और नितंबों मुद्रा टेबल को चौड़ाई में फैलाएं। अपने हाथों को फर्श पर तरह से रखें कि वे आपके शरीर से पीछे रहें। गहरी सांस लें और कुल्हों को ऊपर की ओर उठाएं। आपका शरीर जमीन के समानांतर होना चाहिए। गर्दन रीढ़ के सीध में होनी चाहिए। सांसों को पांच मिनट के लिए रोकें और कमर को नीचे की तरफ करें।
तितली आसन
तीसरी तिमाही के योग में कमर दर्द के लिए तितली आसन प्रसिद्ध है। जमीन पर बैठ जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें। उसके बाद, अपने पैरों के तलवों को आपस में दबाएं। अपनी एड़ियों को अंदर खींचें और अपने घुटनों को फर्श के करीब रखें। इस मुद्रा से कूल्हे फैलते हैं।
पार्श्व सुखासन
तितली आसन से अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर लाएं। बाएं पैर को अंदर लेकर आएं। फिर, अपने दाहिने हाथ से पैर की ओर पहुंचें। अपने बाएं हाथ को अपने सिर के ऊपर बढ़ाएं। गहरी सांस लेते हुए मुद्रा को पकड़ें। दूसरी तरफ भी इस खिंचाव को दोहराएं।
गर्भावस्था में कमर दर्द के लिए ये योगासन आपके मुद्रा टेबल बहुत काम आएंगे। हालांकि, आप तुरंत राहत के लिए Moov पेन रिलीफ क्रीम आजमा सकती हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी फायदा हुआ है। Moov भारत का नंबर एक दर्द निवारक क्रीम है जिसमें प्रभावी प्राकृतिक तत्व है जो आसानी से भीतर चली जाती है, चोट लगे मांसपेशी को आराम देने के लिए गर्माहट पैदा करती है और आपको तुंरत दर्द से राहत पाने में मदद करती है। यह 100% सुरक्षित क्रीम गर्भवती मां की नाजुक त्वचा को आराम देती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 6 वर्ष
प्रश्न-8 अप्रैल, 2021 को प्रधामनंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने अपने 6 वर्ष पूर्व किए। 19 मार्च, 2021 तक की स्थिति के अनुसार, इस योजना की उपलब्धियों के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इस योजना के शुभारंभ के बाद से 19 मार्च, 2021 तक 14.96 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के 28.68 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
(b) लगभग 35 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिए गए हैं।
(c) लगभग 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को प्रदान किया गया है।
(d) लगभग 51 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्गों को प्रदान किए गए हैं।
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 8 अप्रैल, 2021 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के 6 वर्ष पूरे हुए।
- 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने हेतु इस योजना का शुभारंभ किया था।
- इस योजना के तहत 10 लाख रुपये की धनराशि के ऋण को मेंबर लैंडिंग इंस्टीट्यूशन (एमएलआई) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों, गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) आदि द्वारा प्रदान किया जाता है।
- इन ऋणों को विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय सृजन करने वाली गतिविधियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए प्रदान किया जाता है।
- मुद्रा ऋण तीन श्रेणियों-शिशु लोन (50,000रुपये तक के ऋण शामिल), किशोर लोन (50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक के ऋण शामिल), तरुण लोन (5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के ऋण शामिल) में ऋण प्रदान किया जाता है।
- 19 मार्च, 2021 तक की स्थिति के अनुसार इस योजना की उपलब्धियां-
1.इस योजना के शुभारंभ के बाद से इस अवधि तक (19 मार्च, 2021 तक) 14.96 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के 28.68 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
फर्श पर बैठकर खाना खाने के 7 फायदे
आज के समय में भले ही लोग कुर्सी-टेबल पर बैठकर खाना खाते हों लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से ये खतरनाक हो सकता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि खाना कहां बैठकर खाना चाहिए?
भूमिका राय
- 07 अप्रैल 2016,
- (अपडेटेड 07 अप्रैल 2016, 2:50 PM IST)
आज के समय में भले ही लोग कुर्सी-टेबल पर बैठकर खाना खाते हों लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से ये खतरनाक हो सकता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि खाना कहां बैठकर खाना चाहिए? फर्श पर बैठकर खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
फर्श पर हम जिस तरह एक पैर को दूसरे पर रखकर बैठते हैं, वो एक आसन की मुद्रा है. इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से भोजन का पूरा फायदा मिलता है और पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है.
फर्श पर बैठकर खाना खाने के ये हैं 7 फायदे:
1. फर्श पर बैठकर खाना खाते समय आप सिर्फ खाना ही नहीं खाते हैं बल्कि ये एक आसन की मुद्रा भी है. ये मुद्रा आपको शांत रहने में मदद करती है. इससे रीढ़ की हड्डी को आराम भी मिलता है.
2. फर्श पर बैठकर खाने के दौरान आप पाचन की नेचुरल अवस्था में होते हैं. इससे पाचक रस बेहतर तरीके से अपना काम कर पाते हैं. साथ ही उनके स्त्रावण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.
3. फर्श पर बैठकर खाना खाने से शरीर मजबूत होता है. इस मुद्रा में बैठने से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, पेल्विस और पेट के आस-पास की मांसपेशियों में खिंचाव होता है. जिससे असहजता और दर्द की शिकायत में आराम मिलता है.
4. फर्श पर बैठकर खाना खाने से वजन संतुलित रखने में भी मदद मिलती है.
5. परिवार के सभी सदस्य जब एकसाथ फर्श पर बैठकर खाते हैं तो उनके बीच का संबंध भी मजबूत बनता है. इस मुद्रा में बैठने से शरीर की कई तकलीफें दूर हो जाती हैं. आराम मिलने से खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है.
6. फर्श पर बैठकर खाने से हमारा बॉडी-पोश्चर भी बेहतर होता है. इससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है.
7. फर्श पर बैठकर खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जो दिल की सेहत के लिए जरूरी है.