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Forex Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटा, जानिए कितना हुआ फॉरेक्‍स रिजर्व

Forex Reserves देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घट गया है। 17 जून को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर हो गया। RBI द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से पता चलता है कि 17 जून को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर हो गया। 10 जून को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में भंडार 4.599 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 596.458 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।

आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह (week under review) में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई, क्योंकि फॉरेन करेंट एसेट्स (foreign current assets) भंडार के एक प्रमुख घटक और सोने के भंडार में भी गिरावट आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय अनुपूरक (Weekly Statistical Supplement) के अनुसार FCA 5.362 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 526.882 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

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डॉलर के संदर्भ में व्यक्त फॉरेक्स असेट में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी यूनिट्स की सराहना या डेप्रिसिएशन (depreciation) का प्रभाव शामिल है। सोने का भंडार 258 मिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 40.584 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार (special drawing rights) 17 जून को समाप्त सप्ताह में 233 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 18.155 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति भी समीक्षाधीन सप्ताह में 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 4.968 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।

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बता दें कि 13 मई को समाप्‍त हुए सप्‍ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.676 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं, 3 सितंबर 2021 को भारत का Forex Reserve सर्वकालिक उच्‍च स्‍तर 642.453 बिलियन डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें काफी तेजी से गिरावट दर्ज की गई।

Lot Size क्या है?

शेयर बाजार में, लॉट साइज एक लेनदेन में आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या को दर्शाता है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में, लॉट साइज एक डेरिवेटिव सिक्योरिटी में निहित अनुबंधों की कुल संख्या का प्रतिनिधित्व करता है। लॉट साइज का सिद्धांत वित्तीय बाजारों को मूल्य उद्धरणों को विनियमित करने की अनुमति देता है। यह मूल रूप से उस व्यापार के आकार को संदर्भित करता है जो आप वित्तीय बाजार में करते हैं। कीमतों के नियमन के साथ, निवेशक हमेशा इस बात से अवगत होते हैं कि वे एक व्यक्तिगत अनुबंध (Individual Contract) की कितनी इकाइयाँ खरीद रहे फ़ॉरेक्स क्या है हैं और आसानी से यह आकलन कर सकते हैं कि वे प्रत्येक इकाई के लिए कितनी कीमत चुका रहे हैं।

यदि कोई Lot Size परिभाषित नहीं किया फ़ॉरेक्स क्या है गया है, तो कीमत का कोई मानकीकरण नहीं होगा और Option Contract का मूल्यांकन और व्यापार भारी और खपत वाला होगा। उत्पादन का एक छोटा सा हिस्सा कई दुबला विनिर्माण रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सूची (List) और विकास (Development) सीधे लॉट आकार को प्रभावित करते हैं। अन्य कारक भी हैं, जो कम स्पष्ट हैं लेकिन समान रूप से आवश्यक हैं।

Lot Size क्या है?

एक छोटा लॉट आकार प्रणाली में परिवर्तनशीलता में कमी का कारण बनता है और सुचारू उत्पादन सुनिश्चित करता है। यह गुणवत्ता को बढ़ाता है, शेड्यूलिंग को सरल करता है, इन्वेंट्री को कम करता है और निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करता है। डेरिवेटिव बाजार में, वायदा और विकल्प अनुबंधों का लॉट आकार समय-समय पर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किया जाता है। किसी दिए गए Underlying के लिए विभिन्न F&O Contract का लॉट साइज हमेशा समान होता है।

फॉरेक्स लॉट साइज क्या है? [What is Forex Lot size? In Hindi]

एक विदेशी मुद्रा व्यापारी आमतौर पर एक विशिष्ट इकाई के रूप में मुद्रा खरीदता या बेचता है जिसे लॉट कहा जाता है। तो हम कह सकते हैं कि 'लॉट' विदेशी मुद्रा में व्यापार की इकाई है।

एक विदेशी मुद्रा व्यापारी के रूप में, जब आप एक विदेशी मुद्रा मंच पर एक आदेश देते हैं, तो उस आदेश को लॉट में उद्धृत आकार में रखा जाता है।

फॉरेक्स में चार तरह के लॉट होते हैं। मानक लॉट में मुद्रा की 100,000 इकाइयाँ होती हैं। Iron Condor क्या है?

एक मिनी लॉट मुद्रा जोड़ी में आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयों के बराबर होता है और मानक लॉट आकार की तुलना में मात्रा में दसवां हिस्सा होता है।

जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट का व्यापार करता है, तो वह currency pair की संबंधित आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयां खरीद या बेचेगा। उदाहरण के लिए, GBP/USD currency pair में, जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट में ट्रेड करता है, तो वह 10,000 GBP खरीदता या बेचता है।

एक विदेशी मुद्रा व्यापार में, आधार मुद्रा की 1,000 इकाइयाँ एक माइक्रो लॉट के बराबर होती हैं। आधार मुद्रा एक currency pair में पहली मुद्रा को इंगित करती है, और यह वह मुद्रा है जिसे एक व्यापारी विदेशी मुद्रा बाजार में खरीदता या बेचता है। माइक्रो-लॉट बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि वे व्यापारियों को जोखिम को कम करने के लिए छोटे वेतन वृद्धि में व्यापार करने की अनुमति देते हैं।

जब कोई व्यापारी माइक्रो लॉट के लिए ऑर्डर निष्पादित (Order Execute) करता है, तो इसका मतलब है कि वह currency pair की आधार मुद्रा की 1,000 इकाइयां खरीदेगा या बेचेगा। उदाहरण के लिए, USD/GBP Pair में, एक माइक्रो लॉट ऑर्डर 1,000 USD खरीदेगा या बेचेगा।

नैनो लॉट माइक्रो लॉट का दसवां हिस्सा होता है और इसमें मुद्रा जोड़ी की आधार मुद्रा की 100 इकाइयां शामिल होती हैं।

उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी माइक्रो लॉट के लिए ऑर्डर निष्पादित करता है, तो वह उस मुद्रा जोड़ी की आधार मुद्रा की 100 इकाइयां खरीद या बेचेगा।

यह शुरुआती लोगों के लिए आसान है। क्योंकि यह पूंजी के जोखिम को कम करता है और शुरुआती लोग माइक्रो-लॉट में व्यापार कर सकते हैं और समय के साथ अपनी रणनीतियों और पोर्टफोलियो में सुधार कर सकते हैं।

अब जब आप लॉट साइज और उनके अंतर के बारे में समझ गए हैं। फ़ॉरेक्स क्या है आइए कुछ ऐसे सवालों के जवाब दें जो हमसे सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं।

भारत 2013 के 'टेपर टेन्ट्रम' दौर से भी तेजी से खर्च कर रहा है फॉरेक्स रिजर्व, क्या है इसकी वजह?

फॉरेक्स रिजर्व से जुलाई में आरबीआई ने 19 अरब डॉलर बेचे.

फॉरेक्स रिजर्व से जुलाई में आरबीआई ने 19 अरब डॉलर बेचे.

पिछले शुक्रवार को जारी किए डेटा में बताया गया कि आरबीआई ने इस साल जनवरी से जुलाई के बीच फॉरेक्स रिजर्स से नेट 38.8 अरब . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 19, 2022, 19:13 IST

हाइलाइट्स

भारत का फॉरेक्स रिजर्व 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
देश के पास 9 महीने के आयात के लिए पर्याप्त फॉरेक्स रिजर्व है.
2013 में केवल 7 महीने के आयात के लिए रिजर्व बच गया था.

नई दिल्ली. भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) को बहुत तेजी से खर्च कर रहा है. खर्च की स्पीड 2013 के ‘टेपर टेन्ट्रम’ दौर से भी अधिक है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई ऐसा भारतीय रुपये को बहुत ज्यादा गिरने से बचाने के लिए कर रहा है और चूंकि देश के पास अच्छी मात्रा में फॉरेक्स रिजर्व है तो आरबीआई आगे कुछ और समय तक ऐसा कर सकता है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले शुक्रवार को जारी किए डेटा में बताया गया है कि आरबीआई ने इस साल जनवरी से जुलाई के बीच फॉरेक्स रिजर्स से नेट 38.8 अरब डॉलर बेचे हैं. इसमें से 19 अरब डॉलर अकेले जुलाई में बेचा गया है. साथ ही अगस्त में आरबीआई द्वारा भारी मात्रा में डॉलर बेचे जाने का अनुमान है. गौरतलब है कि अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपया फ़ॉरेक्स क्या है 80 के स्तर से भी नीचे चला गया था.

2013 में क्या थी स्थिति?

आरबीआई ने 2013 में जून से सितंबर के बीच 14 अरब डॉलर की शुद्ध बिक्री की थी. उस समय भारत में कथित तौर पर टेपर-टेन्ट्रम का दौर चल रहा था. तब फेडरल रिजर्व ने कहा था कि वह बॉन्ड बायबैक की रफ्तार धीमी करेगा जिसके बाद यूएस ट्रेजरी यील्ड्स में तेजी आई थी और भारत समते अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को झटका लगा था.

कितना है भारत के पास फॉरेक्स रिजर्व?

भारत का फॉरेक्स रिजर्व 2 साल के न्यूनतम स्तर 550 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. जबकि साल 2021 के अक्टूबर में इसने अपना अब तक सर्वाधिक स्तर 642 अरब डॉलर देखा था. डॉलर की वास्तविक बिक्री के अलावा फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट का एक अन्य कारण यह भी डॉलर के मुकाबले यूरो और येन जैसी मुख्य करेंसीज में भी गिरावट देखी गई. भारत के पास अभी जितना फॉरेक्स रिजर्व है वह 9 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है. टेपर-टेन्ट्रम के समय यह क्षमता गिरकर 7 महीने पर आ गई थी.

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जानिए फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में-

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Forex trading के बारे में आपको भली-भांति जानकारी हो या क हो फिर भी आप यहां पर बहुत ही अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं यदि आप थोड़ा बहुत भी जानते हैं तो बहुत अच्छी बात है यदि नहीं तो आज हम इसके बारे में आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं आपको मैं यह बता दूं कि इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको इसकी थोड़ी बहुत जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है.
फॉरेक्स ट्रेडिंग को समझने से पहले आपको यह समझना जरूरी है की सभी देशों की अपनी एक मुद्रा होती है प्रत्येक राष्ट्र की मुद्रा एक दूसरी राष्ट्र की मुद्रा से या तो वह मजबूत होती है या फिर कमजोर होती है कहने का मतलब यह है कि इस वैश्वीकरण के युग में आप दुनिया के किसी भी देश में अपना व्यापार कर सकते हैं और Internet ने इसे बहुत ही आसान बना दिया है आज के समय में व्यक्ति चाहे तो वह घर बैठकर इंटरनेट के माध्यम से वाह अनेक राष्ट्र की मुद्रा जैसे - फ़ॉरेक्स क्या है Dollars, Pound ,Yuro कमा सकता है लेकिन हम आज इस लेख के माध्यम फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में अपना ध्यान आकर्षित करेंगे क्योंकि फॉरेक्स ट्रेडिंग पैसा फ़ॉरेक्स क्या है कमाने का एक बहुत ही बढ़िया आसान तरीका है इन्वेस्टमेंट करने का
लेकिन यह तभी संभव है जब आपके पास कोई Forex Broker के पास रजिस्टर्ड अकाउंट होगा जैसे कि भारत में बहुत सी ब्रोकिंग कंपनियां है जहां आप बहुत ही आसान आसानी तरीके से अपना डीमेट ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करा कर आप इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं

What is Forex Trading -

फॉरेक्स ट्रेडिंग में forex का मतलब फॉरेन और ट्रेडिंग का मतलब व्यापार होता है.
यदि हम सरल भाषा में बात करें तो फॉरेक्स ट्रेडिंग का मतलब है एक दूसरी देश की मुद्राओं में व्यापार करना होता है
अर्थात एक दूसरे या विभिन्न देश की मुद्राओं पर बढ़ने या घटने पर व्यापार होता है यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश की मुद्राओं में व्यापार करना चाहता है तो उसे सबसे पहले वहां की मुद्रा का Knowledge होना जरूरी है जैसे कि यदि हम घूमने या व्यापार करने के लिए अमेरिका जाते हैं तो वहां का डॉलर हमारे पास होना बहुत ही जरूरी होता है वैसे ही फॉरेक्स मार्केट में होता है
Example
यदि हम यूएसए अमेरिका में पढ़ना चाहते हैं तो यदि वहां हम जाते हैं सबसे पहले मुझे यह पता होना चाहिए कि वहां कौन सी करेंसी चलती है जैसे कि आपको पता होना चाहिए अमेरिका में डॉलर चलता है तो इंडिया से हम अमेरिका जाते हैं तो हमारे पास रुपया होता है न कि डॉलर तो उसे सबसे पहले एक्सचेंज कराना जरूरी होता है क्योंकि इंडियन करेंसी वहां किसी जगह Accept नहीं जाति तो जैसे यदि हम बात करें इंडिया की तो इंडिया का ₹75 के बराबर अमेरिका का $1 होता है जो किया अगस्त 2020 का है

जैसा ऊपर बताया गया ठीक बिल्कुल इसी प्रकार फॉरेक्स ट्रेडिंग भी की जाती है जहां पर भी दो देश की ग्रंथियों का करें दिन में होता है वहां पर ट्रेडिंग स्टार्ट हो जाता है

फॉरेक्स ट्रेडिंग में कैसे काम होता है?( How works forex trading )


फॉरेक्स ट्रेडिंग इंडियन इक्विटी मार्केट की तरह काम करता है फर्क बस इतना है कि यदि हम शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो वहां स्टॉक के शेयर प्राइस पर निर्भर करता है लेकिन यदि हम फॉरेक्स ट्रेड करते हैं तो यहां पर उस देश की करेंसी पर निर्भर करता है
उदाहरण
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि अभिषेक फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है और उसके जानकारी के मुताबिक उसे पता चलता है कि आज डॉलर की compare में ₹75 चल रहा है और यह 4 महीने बाद ₹80 तक जा सकता है तो अभिषेक ने तुरंत $1000 से Trade लगा लेता है और जैसे ही ट्रेड 80 आ जाता है तो वह अपनी पोजीशन मार्केट से निकाल लेता है यहां पर उसे ₹5000 का प्रॉफिट मिलता है


फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?( how फ़ॉरेक्स क्या है to start forex trading)

यदि हम बात करें भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में तो यहां के लोग बहुत ही कम इन्वेस्टमेंट करते हैं क्योंकि उनको इस विषय में पूरी तरह जानकारी नहीं होती है कुछ लोगों को यह भी लगता है कि यहां इंडिया में फॉरेक्स ट्रेडिंग करना अवैध गैर-कानूनी है लेकिन जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यदि आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको SEBI REGISTER BROKING कंपनी से अपना खाता खुलवाना होगा तो उसके बाद आप आसानी से ट्रेड कर सकते हैं भारत में बहुत सी सेबी रजिस्टर्ड बुकिंग कंपनियां है जहां आप अपना खाता ओपन करवाकर ट्रेडिंग फ़ॉरेक्स क्या है कर सकते हैं


फॉरेक्स ट्रेडिंग के कुछ टिप्स -


जैसे कि हमने ऊपर पढ़ा है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग बिल्कुल स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही होती है फर्क बस इतना होता है कि शेयर बाजार में प्रॉफिट या लॉस shares के प्राइस पर निर्भर करता है वहीं पर फॉरेक्स ट्रेडिंग में उस करंसी के एक्सचेंज पर निर्भर करता है जैसे कि आपको पता होगा कि शेयर बाजार में कभी आपको प्रॉफिट होता है तो कभी नुकसान भी होता है ठीक उसी प्रकार यहां भी होता है कभी आपको प्रॉफिट तो कभी लोग भी हो सकता है। यहां हम आपको कुछ सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप फॉलो करके कुछ अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं

  • Forex trading करने से पहले आपको इसके विषय में जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है
  • फॉरेक्स मार्केट सप्ताह में 5 दिन 24 घंटे तक खुला रहता है भारत में यहां 5:00 बजे तक बंद हो जाता है इसलिए यहां आपको इंटरडे ग्रेड से थोड़ा बचना चाहिए
  • किसी भी प्रकार की स्कीम से बचना चाहिए और अपना अकाउंट सेबी रजिस्टर्ड बुकिंग कंपनी से ही ओपन कर आना चाहिए
  • प्रतीक ट्रेडिंग में आपको स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यहां आपको बड़े लॉस से बचाता है
  • और जिस दिन फ़ॉरेक्स क्या है आप ट्रेड लगाते हैं उस समय से उस मार्केट का फॉलो करना चाहिए
  • अपनी आवश्यकता अनुसार ट्रेडिंग कभी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसमें लॉस होने फ़ॉरेक्स क्या है का chance भी अधिक होता है जब भी मार्केट अच्छा movementom होता है उस समय आपको ट्रेड करना चाहिए

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Forex trading क्या है (Forex trading in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers Hintme तरफ से stock market फ़ॉरेक्स क्या है in Hindi के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत फ़ॉरेक्स क्या है ही नहीं है.
इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. अगर आपको stock market in Hindi से जुड़े कोई भी सवाल है तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और हमें बताएं.

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