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लाइटक्वाइन

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Crypto Market Crash: बिटक्वाइन-इथेरियम समेत टॉप-10 करेंसी में आई भयंकर गिरावट, इतना घट गया मार्केट कैप

Crypto Market Crash: निवेशकों को बंपर मुनाफा दिलाने वाली क्रिप्टोकरंसी आजकल गिरावट का शिकार हो रही हैं. आलम ये है कि ये करेंसियां ऐसी धाराशाई हुई कि बड़े पैमाने पर इनका मार्केट कैप ध्वस्त हो गया.

By: ABP Live | Updated at : 08 May 2022 09:28 AM (IST)

Crypto Market Crash: शनिवार का दिन क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) में निवेश करने वालों के लिए भारी नुकसान भरा रहा. निवेशकों ने जहां भी पैसा डाला वहां से उन्हें घाटा ही उठाना पड़ा. टॉप-10 क्रिप्टो करंसी समेत ज्यादातर डिजिटल करेंसी के भाव में गिरावट दर्ज की गई है. यही नहीं अलावा क्रिप्टो मार्केट का वैश्विक पूंजीकरण कम होकर1.65 खरब डॉलर हो गया है.

आंकलन के मुताबिक इसमें बीते 24 घंटे के भीतर 0.92 फीसदी की गिरावट आई है. साथ ही इस अवधि में क्रिप्टो बाजार का वॉल्यूम 17.85 फीसदी घटकर 93.61 अरब डॉलर रह गया है.

इथेरियम में बड़ा घाटा

टॉप-10 लिस्ट में शामिल सभी क्रिप्टोकरेंसी सात मई को लाल निशान पर कारोबार करती देखी गईं. एक ओर जहां दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का दाम बीते 24 घंटे में खबर लिखे जाने तक 1.99 फीसदी टूटकर 29,04,386 रुपये पर आ गया था. वहीं बिटक्वाइन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम में भी सबसे ज्यादा गिरावट आई. इसका भाव इस अवधि में 3.51 फीसदी कम होकर 2,16,000 रुपये रह गया.

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टॉप क्रिप्टोकरेंसी का हाल-बेहाल

बिटक्वाइन और इथेरियम के बाद टॉप-10 में शामिल टेथर क्रिप्टोकरेंसी का दाम मामूली 0.12 फीसदी टूटकर 80.73 रुपये पर कारोबार कर रहा है. वहीं डॉजक्वाइन में 0.21 फीसदी की गिरावट आई और यह फिसलकर 10.लाइटक्वाइन 3412 रुपये पर आ गया. साथ ही पोल्काडॉट का दाम 2.47 फीसदी की गिरावट के साथ 1,145.80 रुपये पर, एक्सआरपी 2.44 फीसदी की गिरावट के साथ 48.29 रुपये, जबकि कार्डानो का भाव 1.87 फीसदी कम होकर 63.0999 रुपये रह गया.

शीबा इनु से लाइटक्वाइन भी नहीं बच सके

बाकी तमाम क्रिप्टोकरंसी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. शनिवार को आई गिरावट के बीच शीबा इनु क्वाइन का भाव 1.35 फीसदी की गिरावट के साथ 0.001610 रुपये पर आ गया था. वहीं लाइटक्वाइन की बात करें तो इसके दाम में 0.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह फिसलकर 7,831.69 रुपये पर पहुंच गया.

विशेषज्ञों की सलाह

क्रिप्टो मार्केट की समझ रखने वालों का कहना है कि लोगों के देखा-देखी निवेश करने के बजाय जहां पैसा लगा रहे हैं वहां रिस्क-रिवार्ड रेशियो पहले देखना चाहिए. क्रिप्टो करेंसी जैसे रिस्की निवेश में काफी सोच-समझ कर ही पैसा लगाना चाहिए. अगर आप पैसा लगा ही रहे हैं तो इसमें अपनी पूंजी का छोटा सा हिस्सा ही निवेश करें. सिर्फ उतना ही पैसा लगाए कि अगर वो खो भी जाए तो आपको ज्यादा परेशानी न हो. साथ ही पूरे पोर्टफोलियों लाइटक्वाइन में विविधता रखें. क्रिप्टो जैसे एसेट में अपनी पूंजी की 10 परसेंट से कम हिस्सा ही निवेश करना सही रणनीति रहेगी.

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Published at : 08 May 2022 09:50 AM (IST) Tags: Money Investment market profit loss crypto हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

रिटर्न की रेस में Bitcoin से आगे Litecoin, जानें क्या है फ़र्क

क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन की तूफानी तेजी भी लाइटक्वाइन के सामने फीकी पड़ी गई है. इस क्रिप्टोकरंसी ने बीते एक हफ्ते में 333 फीसदी की जोरदार तेजी दर्ज की है. वहीं, पिछले 9 घंटे में इसके प्राइस 40 फीसदी चढ़ गए हैं. कॉइन मार्केट कैप के मुताबिक, गुरुवार के इसकी कीमत बढ़कर 321.20 डॉलर (करीब 20,878 रुपए) पर पहुंच गई है.

  • News18Hindi Last Updated : December 14, 2017, 15:05 IST

 क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन की तूफानी तेजी भी लाइटक्वाइन के सामने फीकी पड़ी गई है. इस क्रिप्टोकरंसी ने बीते एक हफ्ते में 333 फीसदी की जोरदार तेजी दर्ज की है. वहीं, पिछले 9 घंटे में इसके प्राइस 40 फीसदी चढ़ गए हैं. कॉइन मार्केट कैप के मुताबिक, गुरुवार के इसकी कीमत बढ़कर 321.20 डॉलर (करीब 20,878 रुपए) पर पहुंच गई है. आपको बता दें कि बिटक्वाइन , इथेरियम, रिपल के बाद लाइटक्वाइन चौथी बड़ी क्रिप्टोकरंसी है. दिसंबर 2017 में बिटकॉइन 68 फीसदी, इथेरियम 71 फीसदी और लाइटक्वाइन 205 प्रतिशत चढ़ चुकी है.

क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन की तूफानी तेजी भी लाइटक्वाइन के सामने फीकी पड़ी गई है. इस क्रिप्टोकरंसी ने बीते एक हफ्ते में 333 फीसदी की जोरदार तेजी दर्ज की है. वहीं, पिछले 9 घंटे में इसके प्राइस 40 फीसदी चढ़ गए हैं. कॉइन लाइटक्वाइन मार्केट कैप के मुताबिक, गुरुवार के इसकी कीमत बढ़कर 321.20 डॉलर (करीब 20,878 रुपए) पर पहुंच गई है. आपको बता दें कि बिटक्वाइन , इथेरियम, रिपल के बाद लाइटक्वाइन लाइटक्वाइन चौथी बड़ी क्रिप्टोकरंसी है. दिसंबर 2017 में बिटकॉइन 68 फीसदी, इथेरियम 71 फीसदी और लाइटक्वाइन 205 प्रतिशत चढ़ चुकी है.

 लाइटक्वाइन एक पियर-टु-पियर क्रिप्टोकरंसी है, जिसे चार्ली ली ने तैयार किया है. ली इससे पहले गूगल के एंप्लॉयी और कॉइनबेस में इंजिनियरिंग डायरेक्टर रह चुके हैं. कॉइनबेस बड़े एक्सचेंजों में एक है. इसने बिटकॉइन और इथेरियम को पहली बार लिस्ट किया था. लाइटक्वाइन नेटवर्क में 8 करोड़ 40 लाख करंसी यूनिट्स की सीमा निर्धारित है.

लाइटक्वाइन एक पियर-टु-पियर क्रिप्टोकरंसी है, जिसे चार्ली ली ने तैयार किया है. ली इससे पहले गूगल के एंप्लॉयी और कॉइनबेस में इंजिनियरिंग डायरेक्टर रह चुके हैं. कॉइनबेस बड़े एक्सचेंजों में एक है. इसने बिटकॉइन और इथेरियम को पहली बार लिस्ट किया था. लाइटक्वाइन नेटवर्क में 8 करोड़ 40 लाख करंसी यूनिट्स की सीमा निर्धारित है.

 टेक्निकल इंप्लेमेंटेश के लिहाज से लाइटक्वाइन बिटकॉइन से बहुत मिलता-जुलता है. माइनिंग के जरिए नई लाइटक्वाइन जेनरेट करना भी संभव है.डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, लाइटकॉइन को स्पीड प्रोसेसिंग में बढ़त हासिल है. यह बिटक्वाइन के मुकाबले चार गुना तेज है.

टेक्निकल इंप्लेमेंटेश के लिहाज से लाइटक्वाइन बिटकॉइन से बहुत मिलता-जुलता है. माइनिंग के जरिए नई लाइटक्वाइन जेनरेट करना भी संभव है.डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, लाइटकॉइन को स्पीड प्रोसेसिंग में बढ़त हासिल है. यह बिटक्वाइन के मुकाबले चार गुना तेज है.

 बिटक्वाइन का एक ब्लॉक 2.5 मिनट में तैयार होता है. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम पड़ती है, क्योंकि इसमें लेन-देन की पुष्टि जल्दी हो जाती है.डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट ने एक रिपोर्ट में कहा कि लाइटक्वाइन एक आसान ऐल्गोरिदम पर आधारित है जिससे नाबालिगों को कोई ब्लॉक कर्न्फर्म करने में कम कंप्यूटिंग कपैसिटी यूज करना पड़ता है.

बिटक्वाइन का एक ब्लॉक 2.5 मिनट में तैयार होता है. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम पड़ती है, क्योंकि इसमें लेन-देन की पुष्टि जल्दी हो जाती है.डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट ने एक रिपोर्ट में कहा कि लाइटक्वाइन एक आसान ऐल्गोरिदम पर आधारित है जिससे नाबालिगों को कोई ब्लॉक कर्न्फर्म करने में लाइटक्वाइन कम कंप्यूटिंग कपैसिटी यूज करना पड़ता है.

 क्या है रिपल: रिपल को 2012 में जेब मैकलेब ने बनाया था. डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, रिपल डिबेंचर्स का वेरिफिकेशन है. हर यूजर के लिए अकाउंट बैलेंस और क्रेडिटर-डिबेटर के बीच तालमेल रिपल नेटवर्क में ही बेस्ट है. लेकिन, बिटक्वाइन से अलग रिपल को माइनिंग के जरिए जेनरेट करना संभव नहीं है. यह करंसी सिर्फ रिपल लैब्स से ही जारी होती है. इन्फ्लेशन से बचने के लिए 100 अरब से ज्यादा रिपल जेनरेट नहीं किए जाने का प्लान है. इनमें 90 अरब रिपल जेनरेट हो चुकी है और 55 अरब तो यूजर्स के बीच बंट भी चुकी है.

क्या है रिपल: रिपल को 2012 में जेब मैकलेब लाइटक्वाइन ने बनाया था. डॉएचे बैंक वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, रिपल डिबेंचर्स का वेरिफिकेशन है. हर यूजर के लिए अकाउंट बैलेंस और क्रेडिटर-डिबेटर के बीच तालमेल रिपल नेटवर्क में ही बेस्ट है. लेकिन, बिटक्वाइन से अलग रिपल को माइनिंग के जरिए जेनरेट करना संभव नहीं है. यह करंसी सिर्फ रिपल लैब्स से ही जारी होती है. इन्फ्लेशन से बचने के लिए 100 अरब से ज्यादा रिपल जेनरेट नहीं किए जाने का प्लान है. इनमें 90 अरब रिपल लाइटक्वाइन जेनरेट हो चुकी है और 55 अरब तो यूजर्स के बीच बंट भी चुकी है.

क्रिप्टो बाजार में गिरावट… बिटक्वाइन-इथेरियम समेत टॉप-10 करेंसी धराशायी… इतना कम हुआ मार्केट कैप…

बिटक्वाइन और इथेरियम के बाद टॉप-10 में शामिल टेथर क्रिप्टोकरेंसी का दाम मामूली 0.12 फीसदी टूटकर 80.73 रुपये पर कारोबार कर रहा है, जबकि डॉजक्वाइन में 0.21 फीसदी की गिरावट आई और यह फिसलकर 10.3412 रुपये पर आ गया।

इसके अलावा, पोल्काडॉट का दाम 2.47 फीसदी की गिरावट के साथ 1,145.80 रुपये पर, एक्सआरपी 2.44 फीसदी की गिरावट के साथ 48.29 रुपये, जबकि कार्डानो का भाव 1.87 फीसदी कम होकर 63.0999 रुपये रह गया।

शीबा इनु से लाइटक्वाइन तक फिसले

शनिवार को आई गिरावट के बीच शीबा इनु क्वाइन का भाव 1.35 फीसदी की गिरावट के साथ 0.001610 रुपये पर आ गया था। वहीं लाइटक्वाइन की बात करें तो इसके दाम में 0.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह फिसलकर 7,831.69 रुपये पर पहुंच गया।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन: निवेशकों को मिलेगा कैश कराने का मौका, लेकिन चुकाना होगा भारी-भरकम जुर्माना

दुनियाभर में बिटक्वाइन, लाइटक्वाइन और इथीरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी का चलन हाल के वर्षों में बढ़ा है। दरअसल, डिजिटल करेंसी में इनवेस्टमेंट से लोगों को जबरदस्त मुनाफा हुआ है। वर्चुअल करेंसी के जोरदार रिटर्न को देखते हुए भारतीयों ने भी उनमें जमकर निवेश किया है। लेकिन अब सरकार क्रिप्टोकरेंसी लाइटक्वाइन को बैन करने के लिए कानून बनाने जा रही है।

बैन से पहले मिलेगा क्रिप्टोकरेंसी बेचने का मौका

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने से पहले निवेशकों को उनसे निवेश निकालने के लिए तीन से छह महीने तक का समय दिया जा सकता है। लेकिन इनवेस्टर्स को अपनी वर्चुअल करेंसी बेचकर पैसे निकालने के लिए भारी पेनाल्टी चुकानी होगी। डिजिटल करेंसी बिल, 2021 में इसकी व्यवस्था की गई है, जिसको संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

फाइनल नहीं हुआ है डिजिटल करेंसी बिल

डिजिटल करेंसी बिल 2021 फाइनल नहीं हुआ है। इस बिल का मकसद RBI के जरिए डिजिटल करेंसी लाने का कानूनी रास्ता तैयार करना है। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की कवायद चल रही है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, रिसर्च वगैरह के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की इजाजत होगी।

निजी क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी और ट्रेडिंग एक्सचेंज को बैन लाइटक्वाइन करने की फैसला किया है। डिजिटल करेंसी बिल 2021 में निजी क्रिप्टोकरेंसी रखने, बेचने, माइनिंग करने, ट्रांसफर करने और उसके लेनदेन को दंडनीय अपराध बनाने का प्रस्ताव है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर भारी जुर्माने या कैद या दोनों का प्रावधान होगा।

विधेयक पर कम्युनिटी से मांगा जाए सुझाव

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के फाउंडर सुमित गुप्ता का कहना है कि कानून पास कराने से पहले सरकार को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रस्तावित विधेयक का मसौदा जारी नहीं किया गया है। उनका कहना है कि विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी के सुझावों को भी शामिल करना चाहिए।

2020 में हुए 2.4 करोड़ डॉलर के निवेश

एनालिस्ट फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के मुताबिक, पिछले साल देश में 2.4 करोड़ डॉलर के क्रिप्टोकरेंसी खरीदे गए थे। 2019 में जब इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त थी तब यहां वर्चुअल करेंसी में सिर्फ 50 लाख डॉलर का निवेश हुआ था। पिछले कुछ वर्षों में कई क्रिप्टो एक्सचेंज खुलने से भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग ने फॉर्मल सेक्टर का रूप ले लिया है।

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